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Sunday, 31 December 2023

टीचर के साथ सेक्स की क्लास

 

मेरी मैथ्स टीचर का भरा गोरा बदन, बड़े बड़े चूचे और जबरदस्त कूल्हे! बहुत सेक्सी थी वो! मुझे बहुत अच्छी लगती थी वो! मैडम के साथ मेरी सेक्स की क्लास कैसे लगी?

दोस्तो, मेरा नाम शिवम् है, उत्तर प्रदेश रहने वाला हूं, दिखने में औसत से ऊपर, कद 5’8″ और सांवला रंग। मैं कुछ समय से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं और यहां लिखी कहानियों का लुत्फ लेता रहता हूं।

कुछ दिनों से अपने साथ हुए एक मीठे अहसास को आप सभी के साथ बांटना चाहता था। यह घटना कुछ साल पहले की है जब मैं 19 साल का था. फिलहाल मैं 26 साल का एक आकर्षक युवक हो चुका हूं।
चलिए अब अपने अनुभव की ओर ले चलता हूं आपको।

बात उस समय की है जब मैं स्कूल में कक्षा बारहवीं का छात्र था।
मैं शुरू से ही पढ़ाई में काफी तेज़ था और हमेशा अपनी क्लास में फर्स्ट आता था जिसकी वजह स्कूल के सारे टीचर्स मुझे बहुत मानते थे। एक मैम हमको मैथ्स पढ़ाती थीं जिनका नाम प्रीति था। उम्र में लगभग 38 की शादीशुदा और एक 7 साल की बेटी की मां थी। भरा भरा गोरा बदन, बड़े बड़े चूचे और जबरदस्त कूल्हे की मालकिन थी वो!

पर चूंकि मुझे इस उम्र तक सेक्स का इतना ज्ञान तो था पर कभी प्रैक्टिकल नहीं किया था, मैंने हमेशा उनको इज्जत और एक स्टूडेंट की नजर से ही देखा था।

जब मैं कक्षा ग्यारहवीं में गया तो वो हमारी क्लास टीचर बना दी गईं। मैं बहुत खुश हुआ क्यूंकि वो मुझे बहुत अच्छे से जानती थीं और बहुत मानती थीं। मुझे बस इसी बात की खुशी थी कि अब मैथ्स में तो मैं ही टॉप करूंगा पर इसके साथ साथ और जो खुशी मिलने वाली थीं उसका मुझे अंदाज़ा ही नहीं था।

मैम के हसबैंड बिजनेसमैन थे जिसकी वजह से वो अक्सर शहर बाहर टूर पर जाया करते थे, बेटी भी बोर्डिंग स्कूल में थी। मैम का घर जिस एरिया में था वो थोड़ा सुनसान था तो जब भी उनके हसबैंड बाहर जाते थे तो वो हमारे स्कूल की ही एक 12वीं क्लास की स्टूडेंट, जिसका नाम निधि था, को अपने घर रात रुकने के लिए बुला लेती थी।
क्योंकि निधि मैम से ट्यूशन लेती थी इसलिए कभी कभी वहीं रुक जाती थी।

अगस्त का महीना था जब हमारे अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू होने वाली थी. तब मैम को काफी सारा सलेबस पूरा करवाना था और रिवीजन भी करवाना था। उसी टाइम पर उनकी तबीयत भी कुछ खराब रहने लगी जिसकी वजह से असाइनमेंट्स भी नहीं चेक कर पाईं।

एक दिन उन्होंने मुझे स्कूल की छुट्टी के बाद रोका और बोली- शिवम्, काफी सारा असाइनमेंट्स चेक करना है और मेरे हसबैंड भी बाहर गए हुए हैं. मेरी तबीयत भी ठीक नहीं लग रही तो क्या तुम शाम मेरे घर आकर कॉपीज चेक करने में मेरी हेल्प कर दोगे?
मैंने कहा – क्यों नहीं मैम, आप टाइम बता दो, मैं जाऊंगा।

शाम को करीब 5 बजे मैं मैम के घर पहुंचा, मैंने बेल बजाई, मैम ने दरवाजा खोला, उन्होंने काले रंग की मैक्सी पहन रखी थी।

यह पहली बार था जब मेरे मन में हवस की भावना जगी … वो भी अपनी टीचर के लिए। एक पल लिए मैं अकबका सा गया क्योंकि वो बला की खूबसरत लग रही थी.
मेरा तो मन हुआ कि मैं उनके होंठों को चूम लूं पर फिर किसी तरह मैंने अपने आप को सम्भाला और गुड इवनिंग बोलते हुए अन्दर आ गया.

चूंकि शाम का समय था मैम ने मुझे चाय के लिए पूछा और मैंने हां कर दी.
वो चाय बनाने रसोई में चली गई।

तब तक मैंने टी वी ऑन किया और मूवी देखने लगा।

जब वो चाय लेकर वापस आयी तब मूवी में एक गरमागरम सीन चल रहा था. जैसे ही मैंने उनको आते हुए देखा मैंने चैनल बदल दिया पर प्रीति मैम ये देख चुकी थीं।

चाय पीते हुए हम यूं ही इधर उधर की बातें करते रहे.
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि कॉपीज चेक करने में मैं उनकी हेल्प करूँ.
हम दोनों कॉपी चेक करने लगे और बातचीत भी चलती रही.

अचानक से वो मुझसे बोली- शिवम् तुम टीवी पर कौन सी मूवी देख रहे थे?
मैंने कहा- मुझे नाम नहीं पता!
तो वो बोली- उस मूवी का नाम मर्डर है. और तुमको अभी वो मूवी नहीं देखनी चाहिए.
इस पर मैंने उनसे पूछा- क्यों नहीं देखनी चाहिए?
तो उन्होंने कहा- वो बड़े लोगों के देखने वाली फिल्म है.

मासूमियत से अनजान बनते हुए मैंने कहा- मैं भी बड़ा हूं।
मेरी इस बात पर प्रीति मैम हंसने लगी और उन्होंने मेरा गाल खींच लिया।

ये पहली बार था जब अपने से उम्र में इतनी बड़ी किसी औरत से इस तरह बात रहा था. इससे पहले सिर्फ आंटी कह कर या रिस्पेक्ट से ही बात की थी। मैम तो मुझसे मेरे दोस्तों की तरह बातें कर रही थी।

यूं ही हम बातें करते करते कॉपीज चेक कर रहे थे।

मैंने बात को आगे बढ़ाने के लिए उनसे पूछा- आपको कैसे फिल्म का नाम मालूम है?
तो वो बोली- मैंने फिल्म देख रखी है।
मैंने आगे पूछा- क्या है फिल्म में?

वो जवाब देने ही वाली थी कि तभी बाहर हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई। मैम जल्दी बाहर लॉन में कपड़े लेने लिए भागी जो सुखाने को डाले थे। मैं भी बिना कुछ सोचे समझे उनके पीछे गया. पर जब तक सारे कपड़े उतार पाते, हम दोनों ही काफी भीग चुके थे।

कमरे में वापस आकर मैम ने मुझसे कपड़े बदलने को कहा. पर मेरे साइज़ के कपड़े उनके पास नहीं थे तो मैं उनके हसबैंड की लुंगी पहन कर बैठ गया।
मैम अन्दर जाकर एक ढीला सा गुलाबी रंग का गाऊन पहन के बाहर आयी।

मैं बस उनको देखता ही रह गया। शर्तिया उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी क्योंकि उनके चूचे रोज की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही बड़े दिख रहे थे और हिल भी रहे थे।
मेरा ध्यान अब दोबारा कॉपी चेक करने में नहीं लग रहा था।

बारिश में भीगने की वजह से मैम बाल भी खोल कर आई जो कि और भी आग में घी का काम कर रहे थे।
मैं उनकी नजर बचा के उनके कभी उनके होंठ देखता तो कभी उनके चूचे।

मैम ने शायद मुझे ये सब करते देख लिया था पर वो कुछ बोली नहीं।
कुछ देर बाद वो खुद ही बोली- आज के लिए बस करते हैं, चलो टीवी पर कुछ देखते हैं।
हम टीवी देखने लगे और वो इधर उधर की बातें मुझसे करने लगी।

देखते ही देखते 9 बज गए तो मैंने घर वापस जाने की बात की तो प्रीति मैम ने मुझसे कहा- शिवम्, तुम रात को मेरे घर ही रुक जाओ। मेरे हसबैंड बाहर गए हैं और अकेले मुझे डर लगता है।
इस पर मैंने उनसे कहा- मैंने घर पर बताया नहीं है।
वो बोली कि वो मेरी मम्मी से बात कर लेंगी.
और वो मेरी मम्मी को फोन करने अन्दर चली गई.

वापस आकर बोली- मैंने तुम्हारे घर पर बात कर ली है, तुम यहां रुक जाओ।
मैंने कहा- ठीक है पर मेरे कपड़े?
उन्होंने मुझे अपने हसबैंड की शोर्ट्स और टीशर्ट दे दी।

इसके बाद हम लोग डिनर करने लगे और उसके बाद मैंने मैम से पूछा- मैं कहा सोऊंगा?
तो उन्होंने मुझे गेस्ट रूम दिखा दिया.

मैं गुडनाईट बोल कर सोने के लिए जाने लगा तो वो बोली- इतनी जल्दी सो जाओगे क्या?
मैंने कहा- घर पर तो इसी टाइम पर सोता हूं।
इस पर वो बोली- कुछ देर टीवी देखते हैं, फिर सो जाना।
मैंने कहा- अच्छा आइडिया है।

फिर हम दोनों मैम के बेडरूम में जाकर बेड पे बैठ कर एक मूवी देखने लगे.
तभी प्रीति मैम ने मुझसे पूछा- तुमने क्या सच में वो मूवी नहीं देखी है?
मैंने अनजान बनते हुए कहा- कौन सी मूवी मैम?
वो बोली- वही जो दिन में देख रहे थे … मर्डर!
मैंने कहा- हां वो तो नहीं देखी है।

मैम ने कहा- देखनी है क्या?
मैंने एक्साइटेड होते हुए कहा- हां।
इस पर वो बोली- इसके बारे में किसी को बताना मत. ओके?
मैंने कहा- प्रॉमिस।

फिर वो मर्डर मूवी की डीवीडी लेकर आई और प्ले किया। कुछ देर तक तो नॉर्मल सब चलता रहा फिर अचानक किसिंग सीन्स शुरू हुए, मेरा लन्ड धीरे धीरे सख्त होने लगा।
मैम ने पूछा- कैसी लग रही है मूवी?
मैंने कहा- अच्छी है, बहुत अच्छी!
वो बोली- मम्मी से शिकायत कर दूंगी कि ये फिल्में देखते हो.

मैं थोड़ा डर गया. फिर हिम्मत करके बोला- आप भी तो देखती हो?
तो वो हंसने लगी और बोली- मैं देख सकती हूं।

हम मूवी देखते रहे और मेरी नज़रे अब मैम की चुचियों पर फिर से जाने लगी अब धीरे धीरे फिर से मेरा लन्ड खड़ा होने लगा मैम भी थोड़ा थोड़ा मूवी के खुमार में आ चुकी थीं।
मैंने मौका देखते ही मैम के हाथ पर अपना हाथ हल्के से रख दिया.
मैम ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- प्रीति मैम, आय लव यू।
इस पर वो बोली- व्हाट?
मैंने कहा- मैं आपसे प्यार करता हूं।

वो हंसने लगी और बोली- पता भी है क्या होता है प्यार?
मैंने कहा- हां पता है।
उन्होंने पूछा- क्या होता है बताओ?

मैंने उनके होंठ चूम लिए और बोला- ये होता है।
इस पर मैम कुछ देर चुप रहीं.
मेरी हालत खराब होने लगी कि कहीं बात उल्टी ना पड़ जाए.

कुछ देर बाद वो बोली- शिवम् तुम मेरे फेवरेट स्टूडेंट हो क्योंकि तुम पढ़ाई में सबसे अच्छे हो! पर इस फील्ड में भी तुमको इतनी जानकारी है, यह नहीं पता था।
ये बोल कर उन्होंने मुझे अपनी ओर खींच लिया और कहा- आय अल्सो वांट टू ट्राय समथिंग विथ माय फेवरेट स्टूडेंट! (मैं भी अपने पसंदीदा छात्र के साथ कुछ करना चाहती हूँ.)

यह बोलते ही उन्होंने अपने रसीले होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगी, मैं भी पूरे जोश से उनके रसीले होंठ चूसने लगा।
मेरे हाथ उनके चूचों पर जा पहुंचे और हल्के हल्के हाथों से मैंने उनके दोनों कबूतरों को मसाज देना शुरू कर दिया। जल्दी ही दोनों कबूतर सख्त होने लगे और निप्पल सख्त होने लगे.

अब मेरा एक हाथ उनके चूचे पर और दूसरा उनके बालों में था।
मैंने उनके गले को चूमना शुरू तो वो मानो पागल सी हो गई।
उनकी गर्दन उनका उत्तेजना का केंद्र था।

वो उम्मह … उउम्मह… करने लगी, गले को चाटने के बाद मैं कानों को जीभ से सहलाने लगा और वो और भी एक्साइटेड होने लगी- ओह शिवम् … लव मी बेबी … लव मी … करने लगी।

मैंने अपने हाथ उनके गाऊन मे डाल दिए, मेरा शाम का शक सही था उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी, सीधे मेरे हाथों में उसके बड़े बड़े दूध आ गए। मैंने उसके दूध से खेलना शुरू किया, पहले हल्के हल्के हाथों से और फिर जोर जोर से मसलना शुरू किया।

वो पूरी तरह अब काम वासना में जलने लगी थी और मादक आवाजें निकालने लगी।

मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लन्ड पर रख दिया और वो शॉर्ट्स के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी. मेरा लन्ड पूरी तरह सख्त हो गया।

अब मैंने मैम के गाऊन की डोरी खोल दी और मेरी आंखों के सामने उनके दोनों बड़े बड़े बूब्स आ गए. मैंने झट से अपना मुंह कान से हटाया और जीभ से बूब्स चाटने लगा।

मैं जीभ को निप्पल के आस पास गोल गोल घुमाने लगा जिससे उसके निप्पल बहुत कड़क हो गए साथ ही साथ मैं उसके बूब्स को जोर जोर से दबा भी रहा था।

इधर मैम ने भी मेरे शॉर्ट्स के अंदर हाथ डाल दिया और मेरे बाल्स और हल्की हल्की उगी हुई झांटों से खेलने लगी। साथ ही साथ मेरे लन्ड को स्ट्रोक भी कर रही थी। मैंने उसका गाऊन पूरा उतार के उसको नंगी कर दिया।

अब उसके बदन पर सिर्फ़ एक काली रंग की पैंटी बची थी, मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर पैंटी के ऊपर से ही फिराना शुरू किया।
उसकी चूत पर हल्के हल्के घुंघराले बाल मैं पैंटी के ऊपर से ही महसूस कर पा रहा था।

मैम सिसकारियां लेते हुए बोलीं- स्सस … उम्मह … शिवम् लव मी बेबी … लव मी.
मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और चूत को सहलाने लगा। उनकी चूत अब तक काफी गीली हो चुकी थी और मैं उसका गीलापन अपनी उंगलियों पर महसूस कर रहा था।
इधर मैम ने मेरा शॉर्ट्स उतार दिया था और मेरे लन्ड को जोर जोर से झटके दे रही थी।

मेरा लन्ड पूरी तरह तैयार हो चुका था.
तभी वो बोली- पहले हाथ से मुझे ओर्गैस्म करवाओ.

मैंने उसकी चूत में एक उंगली डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा. उनकी चूत के पानी से काफी आसानी से मेरी उंगली अंदर बाहर चल रही थी। फिर मैंने दूसरी उंगली भी अंदर डाल दी और तेज़ी से अंदर बाहर चलाने लगा।
वो पूरी तरह पागल होने लगी और मादक आवाजें निकालने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…

कुछ देर उसकी चूत रगड़ने से वो अपना माल छोड़ने ही वाली थी कि मैंने अपनी उंगलियां उसकी चूत से बाहर निकाल ली और हल्के हल्के हाथ से उसकी चूत पर थपकी देने लगा जिससे वो पूरी लाल हो गई।

फिर मैंने थोड़ा और ज़ोर से चांटा मारना शुरू किया उनकी चूत पर जिससे वो और भी एक्साइटेड हो गई और बोलने लगी- प्लीज़ बेबी… मेक मी कम शिवम् … प्लीज़ … मेक मी कम.
मैंने झट से उंगलियां चूत में डाल दी और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा और जल्दी ही उसने अपना पूरा माल मेरे हाथ पर छोड़ दिया। मैंने टिश्यू पेपर से मैम की चूत साफ की.
अब उसकी बारी थी मुझे मजे देने की।

और फिर वो मेरे लन्ड को हाथ में लेकर खेलने लगी।
खेलते खेलते उसने मेरे लन्ड पर किस करना शुरू किया और फिर लंड के टोपे को जीभ से चाटने लगी, कुछ देर तक चाटने से मेरा लन्ड पूरा टाइट हो चुका था उसकी कोमल जीभ मुझे बहुत आनन्द दे रही थी।

फिर उसने पूरा लन्ड चाटना शुरू किया और अपने थूक से पूरा लन्ड गीला कर दिया।

मैम बड़ी ही अभ्यस्त तरीके से मेरा लंड चूसने लगी और साथ ही साथ हाथ से लंड को रगड़ भी रही थी।
मैं भी उसकी चूचियां दबाने में लगा हुआ था.

जैसे ही उसने जोर जोर से अपनी जीभ का जादू मेरे लन्ड पर चलाया, मैं चरम आनंद के करीब आता जा रहा था। कुछ ही देर मेरे लन्ड का लावा बाहर आ गया। मैं मैम के मुंह में ही छोड़ना चाहता था पर वो अनुभवी थी इसलिए जल्दी से मेरा लंड मुंह से बाहर निकाल लिया और अपने बड़ी बड़ी चूचियों पर सारा माल गिरा लिया।

फिर उसने टिश्यू पेपर से अपने चूचे साफ किए और हम दोनों थोड़ी देर के लिए वैसे ही नंगे बाते करने लगे।
मैम ने मुझसे पूछा- शिवम्, क्या ये तुम्हारा पहली बार था?
मैंने कहा- हां मैम।

इस पर वो बोली- मैम स्कूल में, यहां मैं तुम्हारे लिए प्रीति हूं.
फिर वो बोली- आज पहली बार के लिए इतना काफी है. बाकी चीज़े धीरे धीरे ट्राय करेंगे.
और मुझसे कॉफी के लिए पूछा।
मैंने हां में जवाब दिया.
और वो बिना पैंटी के सिर्फ़ गाऊन डालकर कॉफी बनाने चली गईं।

मेरा मन तो हुआ कि अभी ही इसको चोद लूं पर जल्दबाजी करना ठीक नहीं लगा. वैसे भी सब मज़े एक साथ खत्म हो जाते, मैं तो आराम सब ट्राय करना चाहता था।

कुछ देर में वो कॉफी लेकर आई और हमने काफी एन्जॉय की.

इसके बाद हम दोनों ने एक लंबा लिप लॉक किया और दूसरे को प्यार से गुडनाईट बोल कर अपने अपने कमरे में सोने चले गए।

आपको मेरा टीचर के साथ सेक्स का पहला अनुभव कैसा लगा जरूर बताएं।

Friday, 29 December 2023

क्रॉस ड्रेसर बन कर गांड मरवायी

 

मैं एक क्रॉस ड्रेसर लड़का हूँ, मुझे लड़कियों की तरह रहना पसन्द है. मैं अपनी मम्मी की ब्रा और पैंटी पहन लेती थी. मैंने पहली बार गांड कैसे मरवायी?

दोस्तो, मेरा नाम स्मृति है, मैं 21 साल में भी बिल्कुल ज़ीरो फिगर वाली लड़कियों की तरह हूँ. वैसे तो मैं एक लड़का हूँ, पर मुझे लड़कियों की तरह रहना पसन्द है. मैं अपनी मम्मी की ब्रा और पैंटी पहन लेती थी. अपनी मम्मी की ब्रा पेंटी पहन कर मुझे बहुत ही अच्छा लगता था. मतलब मैं क्रॉस ड्रेसर हूँ.

ये कहानी अब से 3 साल पहले शुरू हुई थी. मेरी और मेरे दोस्त या यूं कहूँ कि मेरे एक्स ब्वॉयफ्रेंड अर्णव की कहानी है.

उस समय मेरे बोर्ड के पेपर चार महीने बाद शुरू होने वाले थे. इसलिए हम दोनों काफी समय तक साथ रहते हुए पढ़ते और बातें करते रहते थे.

उन्हीं दिनों एक बार मैं और अर्णव किसी की शादी से रात के टाइम बस से आ रहे थे. रात गहरा गई थी, जिससे मुझे नींद सी आने लगी थी. मैं बस में सो रहा था. तभी अचानक से मुझे मेरे लंड पर किसी का हाथ फेरना महसूस हुआ. इस स्पर्श से मेरी नींद खुल गई.

मैंने देखा कि अर्णव मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़े हुए था. मैंने उससे बोला- अबे ये तुम क्या कर रहे हो?
उसने झट से अपना हाथ बाहर निकाल लिया और ऐसे हो गया, जैसे वो भी नींद में हो.

मैं फिर से सो गया. उसके थोड़ी देर बाद मेरे हाथ में कुछ लंबा सा महसूस हुआ. मैंने आंखें खोलीं, तो हैरान हो गया.

अर्णव का 7 इंच लंबा लंड मेरे हाथ में था. मैं उसका लम्बा लंड देख कर चौंक गया.
उसने मुझसे बोला- मैं जानता हूँ कि तुझे लड़कियों की तरह रहना पसन्द है.
मैं उसकी बात सुनकर चुप रहा और उसकी तरफ देखने लगा. मेरी नजरों में उसके लिए ये सवाल था कि उसने मुझे ऐसा कब देखा था.

वो मेरी निगाहों से समझ गया और उसने कहा- मैंने एक बार तुझे ब्रा और पैंटी उतारते हुए देखा था.
मैंने शर्म के मारे अपना सर झुका लिया.

उसने बोला- मुझे तुम बहुत पसन्द हो.
यह सुन कर मेरे अन्दर की लड़की जाग गई. फिर उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर मुझे चूम लिया. मैंने पहले तो झिझक दिखाई, लेकिन मुझे न जाने कब से इसी पल का इन्तजार था. बस एक झिझक थी, जो आज उसने दूर करते हुए मुझे चूमा और मैं भी उसके साथ किस में लग गया.

इसके बाद अर्णव ने मुझे अपना लंड मुँह में लेने को कहा. मैंने सर झुका लिया. उसने मेरे सर को अपनी गोद में दबा दिया और मैं धीरे धीरे उसका लंड अपने मुँह में लेने लगा. पहले मुझे डर लग रहा था कि कोई देख न ले क्योंकि इस समय हम दोनों बस में थे.

मैं उसका लंड अपने मुँह में लेकर चूस रहा था और बहुत ज्यादा उत्तेजित भी था.

कोई 15 मिनट तक उसका लंड चूसने के बाद उसने एकदम से अकड़ना शुरू कर दिया. मैं अभी उसके लंड को बाहर निकाल पाता कि उसने मेरा सर अपने लंड पर दबा दिया और मैं अपना मुँह हटा ही न सका. अगले ही पल उसके लंड का पानी मेरे मुँह में ही निकल गया.

मुझे भी उसके लंड की मलाई खाना अच्छा लग रहा था. मैंने भी वो पूरा पानी पी लिया था. लंड का पूरा पानी पीने के बाद मैंने अर्णव के लंड को अपने मुँह से बाहर नहीं निकाला और उसे चाटता ही रहा. मैंने उसके लंड से निकली आखिरी बूंद तक को नहीं छोड़ा था. बाद में मैं लंड बाहर निकाल कर लड़कियों की तरह शर्माने लगा.

उस टाइम अर्णव ने मुझे स्मृति नाम दिया. उसके दिए हुए इस नाम से मैं बहुत खुश हो गया था.

जब हम घर पहुँचे, तो अर्णव ने मुझे छोड़ने जाने का बोला. मेरे घर के रास्ते में अंधेरा था. इस घुप्प अँधेरे में उसने मुझे हग किया और किस करने लगा. मेरे दिल को बहुत खुशी हो रही थी.

फिर उसने मुझे घर छोड़ा और मैं अन्दर आ गया.

घर के अन्दर आकर मैं इतना गर्म था कि अपने कमरे में आकर मैंने मम्मी की ब्रा और पैंटी पहनी और अर्णव के लंड को याद करता हुआ सो गया. सपने में भी मुझे अर्णव का 7 इंच लंबा लंड ही दिख रहा था.

मैं अगले दिन अर्णव से मिला, तो उसने मुझसे बोला कि वो मुझे चोदना चाहता है. मैं उससे गांड मराने की बात सुनकर बहुत डर गया था. मैंने आज तक अपनी गांड में अपनी उंगली के सिवाए कुछ भी नहीं डाला था.

मुझे ये सोच कर बड़ा डर लग रहा था कि अर्णव का सात इंच लम्बा लंड जब मेरी कुंवारी गांड में घुसेगा, तो मुझे बहुत दर्द होगा, हो सकता है कि खून भी निकल आए. यदि ये सब किसी को पता चला, तो क्या होगा.

उससे मैंने अपना डर बताया, तो उसने मुझे बहुत प्यार से समझाया और बोला- आज से हम दोनों गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड हैं. मैं तुमको बहुत प्यार से चोदूंगा. तुमको दर्द नहीं होने दूंगा.

मैंने भी सोच लिया था कि अपने ब्वॉयफ्रेंड की खातिर मैं भी थोड़ा बहुत दर्द सहन कर लूंगा. हम दोनों बहुत खुश हो गए थे. मेरा दिल बल्लियों उछल रहा था कि मैं अब पूरी तरह से लड़की बन जाऊंगी.

हम दोनों अगले ही दिन का प्रोग्राम सैट कर लिया. अर्णव के घर वालों को तीन दिन के लिए अपने गांव जाना था.

हम दोनों स्कूल बंक करके उसके घर चले गए. उसने मुझे लड़की जैसे तैयार होने को बोला.

मैंने उसके घर में उसकी मम्मी के कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया. फिर मैंने अपने पूरे शरीर की वैक्सिंग करके अपने बाल उतार लिए. उसकी मम्मी के कमरे के बाथरूम में नहाने के बाद मैंने पूरी बॉडी में बॉडीलोशन लगाया. उसके बाद मैंने उसकी मम्मी की ड्रॉवर से ब्रा पैंटी और लाल रंग का सूट निकाल कर पहन लिया. कपड़े पहनने के बाद मैंने लड़कियों जैसा मेकअप किया. लाल लिपस्टिक लगाई और उसकी मम्मी की ज्वेलरी पहन ली. तैयार होने के बाद मैंने खुद को आईने में देखा, तो मैं खुद को ही नहीं पहचान पा रही थी.

मैं बिल्कुल एक कमसिन लड़की की तरह लग रही थी. उसके बाद मैं अर्णव के रूम में गई, तो मुझे देख कर अर्णव बहुत खुश हुआ. उसने मुझे अपनी बांहों में लेकर खूब प्यार किया और अपने बेड पर मुझे लेटा कर मुझे किस करने लगा.

मैं भी अर्णव को अपने महबूब सा महसूस कर रही थी. मुझे इस समय अर्णव अपने पति जैसा लग रहा था.

मैं भी उसकी बांहों को अपनी बांहों में भर कर एक सम्पूर्ण सुकून सा महसूस कर रही थी.

पलंग पर धीरे धीरे अर्णव ने मेरा सूट उतार दिया. अब मैं सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में उसके साथ लिपटी थी. अर्णव ने मुझे चूमते हुए मेरी ब्रा उतारी और मेरी चुचियों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
कोई 10 मिनट तक मेरी चूचियां चूसने के बाद उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया. मैं भी न जाने कब से उसके लंड को चूसने की सोच रही थी.

फिर 15 मिनट तक लंड चूसने के बाद उसने मुझे उल्टा लेटा दिया और मेरी गांड में जैली लगा कर उंगली डालने लगा. मुझे बहुत दर्द हो रहा था, पर मज़ा भी आ रहा था. कोई पांच मिनट तक मेरी गांड में उंगली करने के बाद उसने अपने लंड और मेरी गांड में जैली को मल लिया.

फिर अपना लंड मेरी गांड में सैट करके मुझे इशारा किया. मैं बहुत खुश हो रही थी. तभी उसने एक जोर का झटका लगा दिया और उसके लंड का टोपा मेरे अन्दर घुसता चला गया.

मुझे बहुत दर्द हो रहा था. लेकिन मैं दांत भींचे अपने पति का लंड ले रही थी. तभी अर्णव ने एक और जोर का झटका दे दिया और उसके लंड का टोपा मेरे अन्दर घुस गया था. मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था. मैं दर्द से चिल्ला पड़ी.

थोड़ी देर रुकने के बाद उसने अपना लंड मेरे अन्दर डाला. मैं जोर से कराहने लगी. मेरी आंखों से पानी आने लगा था.

थोड़ी देर तक वो ऐसे ही मेरे ऊपर चढ़ा रहा. फिर धीरे धीरे वो झटके देने लगा. मुझे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन थोड़ी देर बाद दर्द कम हो गया. मुझे मजा आने लगा था और मैं भी उसका साथ दे रही थी.

मैं ‘आआहा उम्म्ह … अहह … हय … ओह … फक मी.. फक मी..’ करने लगी थी.

कोई 20 मिनट तक चोदने के बाद उसने अपना पानी मेरी गांड में ही डाल दिया था. उसके लंड के गर्म पानी धार ने मेरी गांड को बड़ी राहत दे दी थी. मैं बहुत खुश था कि मैं पूरी तरह लड़की बन गई हूँ.

हम दोनों ऐसे ही नंगे लेट गए. उस दिन उसने मुझे 3 बार चोदा.

इसके बाद जब भी हम दोनों को मौका मिलता, वो मुझे चोदता था. उसके दो महीने बाद उसके पापा का तबादला हो गया. उसके जाने के बाद से मैं उंगली और बाकी चीजें डाल कर ही काम चला लेती हूँ. जब वो मेरे घर आता था, तो मुझे बहुत चोदता और मुझे भी बहुत अच्छा लगता था.

पर अब वो कनाडा चला गया है, इसलिए मुझे अब कोई नया लंड चाहिए, जो मुझे लड़की की तरह रखे और मुझे बहुत चोदे.

Thursday, 28 December 2023

बाप बेटी की चुदाई करवा दी

 

मेरा एक बॉयफ्रेंड है थोड़ी बड़ी उम्र का … एक बार उसे किसी नयी बुर की तलब लगी. उसकी बेटी जवान थी तो मैंने जुगाड़ करके बाप बेटी की चुदाई करवा दी.

दोस्तो, मेरा नाम सोनिया है. मैं राजस्थान की रहने वाली हूँ. मेरी उम्र 28 है. मैं शादी-शुदा हूँ पर मेरा एक बॉयफ्रेंड भी है थोड़ी बड़ी उम्र का … करीब 45 साल का! और मेरे बॉयफ्रेंड की एक 19 साल की बेटी है जिसका नाम आशिमा है पर प्यार से उसे सब आशी कहते हैं.

असल में आशी उसकी बड़ी साली की बेटी है जिसे उसने ही पाला पोसा था क्योंकि आशी के माँ बाप एक दुर्घटना में पूरे हो गए थे.

अन्तर्वासना पर मेरी यह पहली कहानी बाप बेटी की चुदाई की है. मैं तीन साल से रोजाना इस साइड पर कहानी पढ़कर आनंद लेती हूँ. जो आनन्द यहाँ सेक्स कहानी पढ़ने में है, वो कहीं नहीं है.

अब कहानी पर आती हूँ.

एक दिन मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे चोदते चोदते कहा- बहुत दिन हो गये यार तेरी चूत के अलावा कोई दूसरी चूत के मजे नहीं लिए.
मैंने कहा- यार अभी एक महीना पहले ही तो तुमने मेरी मम्मी को चोदा था.
तो उन्होंने कहा- इस बात को एक महीना हो गया यार.

बातों बातों में उन्होंने कहा- यार, अपनी सास की चूत ही दिला दे.
तो मैंने कहा- उनके साथ तुम्हें मजा नहीं आएगा. वो 55 साल बुड्ढी हो गयी हैं.
उन्होंने कहा- तो क्या … बस चूत नयी चाहिए.

तो मैंने भी फटाक से कह दिया- तुम्हारी बेटी भी चुदने लायक हो गयी है और सील पैक चूत है, उसे चोदो … मजा आएगा.
उन्होंने कहा- पागल हो गयी क्या तू? वो बेटी है.
मैंने कहा- बस चूत से मतलब रखो. और घर की बात घर में रह जाएगी.

फिर वो कहने लगे- तू ठीक ही कह रही है … मैं नहीं चोदुंगा उसे तो अपने यार बना कर उससे चुदवायेगी. लेकिन शुरू कैसे करूँ? वो मानेगी नहीं.
मैंने कहा- मुझ पर छोड़ दो, मैं उसे मना लूंगी.

फिर वो दिन आ गया … मैंने उस दिन आशी को अपने घर पर बुलाया.
शाम को 7 बजे के करीब वो आ गयी.

थोड़ी देर बात करने के बाद उसने कहा- आंटी, मुझे आपका लेपटोप यूज़ करना है.
मैंने कहा- जाओ, मेरे कमरे में है.

मैंने पहले से ही लेपटोप पर ब्लू फिल्म चला रखी थी. वो देखते ही चौंक गयी. उस समय फिल्म में वो आदमी चूत चाट रहा था.

आशी थोड़ी देर तक देखने के बाद बोली- आंटी के साथ ये सर क्या कर रहे हैं?
मैंने कहा- ये जीवन का सबसे बड़ा आनन्द ले रहे हैं … जो सभी लेते हैं.
आशी ने कहा- मैंने तो नहीं लिया ऐसा आनंद?

फिर मैंने उससे कहा- मैं तुझे ऐसा आनंद दे सकती हूँ और जीवन भर याद रखेगी.

मैं भी लड़की और वो भी लड़की … इसी वजह से उसे शर्म कम लगी. मगर फिर भी कुछ नहीं बोल पा रही थी.

तो फिर मैं उसके करीब गयी और एक हाथ से उसकी एक चूची और दूसरे साथ से उसकी कमर सहलाने लगी. और उसके बाद उसके ओंठों से अपने ओंठ मिलाकर रस पान करने लगी.
आशी कुछ नहीं बोली और मेरा साथ देने लगी.

मैं कुछ देर तक ऐसा ही करती रही. उस दिन उसने गुलाबी स्कर्ट और सफ़ेद टॉप पहन रखी थी और मैंने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी.

मैंने धीरे धीरे आशी की टॉप ऊपर सरका दी. अब उसका पेट नंगा हो गया था.
वाह … क्या गजब की नाभि थी उसकी!

मैंने उसकी नाभि पर चुम्बन किया और साथ ही साथ उसका टॉप पूरा उतार दिया. उसने अंदर से कुछ नहीं पहना था, उसकी छोटी छोटी और गोल गोल चूची बहुत आकर्षक और सेक्सी थी.

अब मैं आशी की कसी हुई चूची चूस रही थी जिसकी वजह से आशी कामुकता से भरी आहें भरने लग गयी थी.

आशी ऊपर से नंगी थी. फिर मैं आशी की स्कर्ट ऐसे ही ऊपर उठा कर उसकी पेंटी साइड में सरका कर उसकी अनछुई बुर सहलाने लग गयी. अब मैंने आशी को बिस्तर पर लिटा कर उसकी स्कर्ट का हुक खोल कर उसे पूरा उतार दिया.

फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी. अब आशी बिल्कुल नंगी थी.
क्या गजब का जिस्म था उसका … हुस्न की रानी … कसा हुआ जिस्म और टाइट कुंवारी बुर!

अब मैं थोड़ा बॉडी लोशन लगा कर आशी की अनचुदी बुर में उंगली अंदर बाहर कर रही थी. अब आशी भी बहुत मजे ले रही थी. उसकी वासना उफान लेने लगी थी.

मैं उसकी कुंवारी बुर में उंगली किये जा रही थी और उसके मक्खन जैसे रसीले ओंठ चूस रही थी.

अब वो पूरी तरह से गर्म हो गयी और कहने लगी- आंटी मेरी बुर में जैसे आग लगी हुई है. इसको कुछ चाहिए.
मैंने उससे कहा- गर्म बुर की आग तो लंड इसमें घुस कर बुझती है.
“तो आंटी … इसमें लंड घुसो ना!”

मैं बोली- अभी लंड कहाँ से लाऊं मैं?
तो आशी कहने लगी- आंटी, जो मर्जी करो पर लंड डलवाओ मेरी बुर में … आपने ही इसमें आग लगायी है, आप ही इसे शांत करोगी.

मैंने पहले से ही अपने बॉयफ्रेंड यानि आशी के पापा को अपने कमरे में बाप बेटी की चुदाई करवाने के लिए छिपा रखा था. मैंने उन्हें आवाज लगाई. वो आ गये.

आशी अपने पापा को देख कर चौंक गयी- पापा आप!
तो आशी के पापा ने कहा- बेटी घबरा मत … और शर्मा भी मत मुझसे … मैंने सब देख लिया है. हम दोनों का तुझे चोदने का प्लान पहले से ही था.

इतने में मैंने आशी के पापा को नंगा कर दिया और उनका लंड हाथ में लेकर सहलाने लगी. वो आशी की चूची दबा रहे रहे थे.

आशी को शर्म सी महसूस हो रही थी तो मैंने कहा- आशी, तू उधर सोफे पर बैठ कर हम दोनों की चुदाई देख.
वो मान गयी.

मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी साड़ी उतार कर मुझे नंगी कर दिया और मेरी बड़ी बड़ी सेक्सी चूची दबाने लगा. मैं तो पहले से ही गर्म थी. मैंने अपने बॉयफ्रेंड का लंड मुंह में लिया और चूसने लग गयी.
उधर आशी ये सब बड़े ध्यान से देख रही थी.

अब आशी के पापा ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और एक ही धक्के में अपना मोटा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया.
मैं चिल्ला उठी.

अब वो धीरे धीरे चूत में धक्का मारने लगे और मुझे मजा आने लगा. आशी के पापा अपनी माशूका यानि मुझको मजे ले ले कर चोदने लगे.
मेरी आवाजें निकलने लग गयी, मैं कहने लगी- आह्ह्ह मेरे राजा … चोदो ना अपनी सोनिया को … और जोर से चोदो.

मैंने उधर देखा तो आशी अपनी बुर में उंगली डाल रही थी. शायद अब उसकी शर्म खत्म हो रही थी.
और इधर मैं जम कर चुद रही थी … आशी के पापा मेरी चूत में धक्के पर धक्के मार रहे थे.

“आह्ह्ह … क्या दमदार चोद रहे हो आशी के पापा! मजा आ गया … और अंदर तक घुसाओ ना … जोर से … उम्म्ह… अहह… हय… याह…”

इतने में मैं झड़ गयी और आशी के पापा ने भी अपने लंड का माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया.

अब मैंने आशी से जाकर पूछा- हमारी चुदाई देखने में मजा आया?
तो उसने कहा- हाँ आंटी!

मैंने सीधे पूछा- तो अब तू चुदेगी अपने पापा के लंड से?
तो उसने हाँ सर हिला दिया.

वो पहले से ही नंगी थी तो मैंने उसे बिस्तर पर लाकर लिटा दिया.
मैंने उसके पापा से कहा- तुम अपनी बेटी की बुर चाटो और मैं उसकी चूची चूस कर इसे और गर्म करती हूँ.

Baap Beti Ki Chudai
Baap Beti Ki Chudai

फिर हम काफी देर तक ऐसा ही करते रहे. अब आशी बहुत गर्म हो चुकी थी और उसके पापा का लंड भी दुबारा चोदने के लिए खड़ा हो गया था.
मैंने आशी के पापा से कहा- अब देर मत करो, आपकी बेटी अब आपकी रांड बनने को तैयार हो चुकी है.

फिर मैं तेल की शीशी लायी और उनके लंड पर खूब सारा तेल लगा दिया और आशी की बुर पर भी तेल लगाया ताकि लंड आसानी से चला जाये.

मैंने आशी की कमर के नीचे एक तकिया लगा कर उसकी बुर को ऊपर की तरफ उठा लिया. अब आशी के पापा ने अपनी बेटी की वर्जिन बुर पर अपना लंड टिका कर आराम से अंदर पेलने लग गये.

थोड़ा सा लंड अंदर जाने के बाद आशी को दर्द होने लगा.
तो मैंने उसके पापा को कहा- रुक जाओ थोड़ा!
वो थोड़ा से रुके … फिर थोड़ा सा और पेला अंदर. अब थोड़ा और गया तो आशी को और ज्यादा दर्द होने लगा. वे फिर रुक गये.

अबकी बार मैंने कहा- मैं आशी के ओंठों पर अपने ओंठ रख रही हूँ, तुम एक ही बार में सारा अंदर घुसा देना.

मैंने आशी के ओंठों से अपने अपने ओंठ लगा दिए और उसके पापा ने एक ही झटके में पूरा लंड अपनी बेटी की नाजुक गर्म चूत में पेल दिया.

दर्द के मारे आशी की हालत ख़राब हो गयी. कुछ देर ऐसे ही रहने पर उसके पापा आराम आराम से धक्के मारने लगे.
अब आशी का दर्द थोड़ा कम होने लगा.

मैं आशी की चूची दबा रही थी और उसके ओंठ चूस रही थी.

अब आशी की बुर में उसके पापा के लंड के धक्के तेज होने लग गये और आशी की सिसकारियां भी.
आशी- आःह्ह्ह पापा और जोर से आह्ह्ह … मजा आ रहा है … आज चोद दो अपनी बिटिया को … आह्ह्ह म्म्मुह्हा आज से आशी आपकी रखैल बन कर रहेगी … चोदो पापा … आह्ह्ह … आज से आशी अपने पापा से रोज चुदेगी … आह्ह्ह … पापा मजा आ रहा है … चोदो ना और जोर जोर से चोदो अपनी बेटी को … आज मेरी चूत के चीथड़े उड़ा दो … चोद चोदकर आज मुझे रांड बना दो. आःह्ह पापा … आज से मैं आपकी बीवी और आप मेरे पति … आःह्ह्ह म्मुह्हा उई माँ … मार डाला इस जालिम बाप ने … क्या लंड है मेरे बाप का … आह्ह्ह पापा … आज से आपकी आशी सिर्फ आपकी … बना दो आज मुझे माँ … मैं तुम्हारे मोटे लंड से माँ बनना चाहती हूँ … आह्ह्ह्ह पापा … आह्ह्ह पापा … आह्ह्ह्ह … मैं झड़ने वाली हूँ … ओह्ह्ह पापा … अपने लंड का माल मेरी चूत में ही छोड़ना … आह्ह्ह!

उसके बाद दोनों बाप बेटी झड़ गये.
आशी ने खूब चूमा अपने बाप को और अपने बाप के मुरझाये लंड को भी खूब किस किये.

senior ladki ki kamvasna 1

 उस सेक्सी टीचर ने मेरी अन्तर्वासना, कामुकता जगायी, मुझे चुदाई, ज़िन्दगी जीना सिखाया. और उन दो बहनों ने मेरी कामवासना को जैसे पंख दे दिए.

खैर … मैं अब पुणे में 5 स्टार होटल में काम करता हूँ. मैं इधर रोज ही सेक्सी लड़कियां देखता हूं, जो स्कर्ट और शॉर्ट्स में होती हैं.

मैं अभी अकेला हूँ, मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे छोड़ दिया है. जब मैं उसके साथ था, उस वक्त मैं जब भी उससे उसे अकेले में मिलता, तो बस उसे तुरंत चोद देता था. कभी उसे होटल के वाशरूम में कुतिया बना कर चोद देता, कभी किसी कमरे में पकड़ कर उसकी चुदाई कर देता … या कभी पार्क में मज़ा कर लेता.

उसका नाम प्रीति था. उसे भी मेरे साथ सेक्स करने में मजा आता था, लेकिन मैं उससे बोर हो गया था. मैंने उसकी चूत को चोद चोद कर बहुत फैला दिया था … और अब उसे चोदने में पहले जैसा मजा नहीं आता था.

उसकी हिंदी सेक्स स्टोरी को ही मैं आज आपके साथ शेयर कर रहा हूँ. मैं जब उससे पहली बार मिला था, तो उसे देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया था. मुझे ऐसा लगता था कि उसके चूचे उसकी शर्ट फाड़ कर बाहर आ जाएंगे, बड़ी कदर माल लगती थी. उस समय उसकी उम्र 26 साल की थी. उसका कटाव वाला शरीर बड़ा ही मादक था. उसके बड़े बड़े तने हुए चुचे, तोप सी उठी हुई गांड एकदम बाहर को उभरी हुई थी.

उसका फिगर 36-28-38 का था. उसके होंठ रसभरे थे. उसका चेहरा हूबहू साउथ की एक्ट्रेस नयन तारा जैसा था, लेकिन वो मुझे नयन तारा से भी ज्यादा सेक्सी दिखती थी. मैं सच कहूं, तो मेरा मन उसको देखते ही उसे चोदने का करने लगता था. वो पंजाबन थी.

जॉब में मैं उसका जूनियर था. मेरी नई जॉइनिंग हाउस कीपिंग डिपार्टमेंट में हुई थी और वो मेरी सुपरवाईजर थी. मेरी 15 दिन की ट्रेनिंग उसके अंडर में ही होनी थी … वो भी रूम बनाने के लिए.

ये तो मैं पहले ही बता चुका हूं कि उसे देख कर मेरा दिल क्या करने को करता था. मेरी पिछली कहानी में पढ़कर आपको मेरे बारे में जानकारी है कि मैं भी दिखने में सेक्सी हूँ, अच्छी बॉडी और बड़ा स्मार्ट हूँ.

मैं पहले दिन उसके साथ होटल के 7 वीं मंज़िल पर रूम बनाने गया था. उस मंज़िल पर 35 रूम थे. उसने होटल की मास्टर चाभी से रूम को खोला. हम दोनों अन्दर गए. पूरा रूम गंदा पड़ा था, बेड भी बिगड़ा हुआ था. मैंने किताबों में पढ़ा था, लेकिन कभी रूम बनाया नहीं था.

उसने मुझसे कहा- ये तुम्हारा पहला दिन है … चलो मैं तुमको बताती हूँ कि रूम कैसे बनाते हैं.
मैंने ‘यस मेम..’ कहा और वो रूम साफ करने लगी.

उसने पहले बेड की चादर बदली. मैं सिर्फ उसे देख रहा था.

उस वक्त उसने शर्ट और पैंट पहना था. जब वो चादर बिछाने के लिए उसे फैला रही थी, तब उसके चूचे क्या मस्त हिल रहे थे. वो चादर को बिस्तर में एकसार करने के लिए जब इधर से उधर चल रही थी, तो उसकी गांड हिल रही थी. फिर वो चादर सही करने के लिए झुकी, तो मैं उसके सामने वाली तरफ खड़ा देख रहा था. उसने झुकते हुए चादर सही की, तो उसी समय मुझे उसके चुचों की नाली के दर्शन हो गए.
ये सब देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था.

वो काम भी करती जाती और मुझे मेरे बारे में पूछती भी जा रही थी.

जब वो बेड की दूसरी तरफ जाकर झुकी, तो उसकी टाइट पैंट से उसकी गांड साफ साफ दिखाई दी. मेरे मन ने अन्दर से हूक भरी ‘आह … उफ्फ क्या माल है.’

ये अभी मेरे मन में चल ही रहा था कि अचानक उसने मुझसे पूछा कि तुम कहां से हो?
मेरे मुँह से निकल गया- मस्त माल.
उसने कहा- क्या?
मैंने सकपकाते हुए कहा- व..वो मैं कह रहा था कि यहां मस्त मॉल होंगे.
वो हंस पड़ी.

मेरी सकपकाहट पर वो इतनी तेज हँसी थी कि उसका सीना और ज्यादा फूल कर उसकी मादकता में चार चांद लगाने लगा. उसकी तेज हंसी से उसकी शर्ट का एक बटन खुल गया. मम्मों का खुलासा कुछ ज्यादा ही हो गया. उसकी हँसी से उसके चुचे उछल रहे थे.

ये कामुक सीन देख कर मेरा लंड मेरी पैंट में पूरा टाइट खड़ा हो गया था. मैंने अपने हाथ से पेंट की पहाड़ी को ढकने का प्रयास किया … मगर लंड की लंबाई की वजह से पूरी तरह से उभार खत्म ही न हो सका, अब भी थोड़ा नीचे से उभार दिख रहा था.

मैंने घबराते हुए कहा- मेम, मुझे टॉयलेट जाना है.
उन्होंने कहा- इसी रूम का टॉयलेट इस्तेमाल कर लो न.

मैं जल्दी से टॉयलेट में घुस गया, लेकिन टॉयलेट में कांच का गेट था. अन्दर से कोई लॉक भी नहीं था. मैं अन्दर घुस गया. मैंने जैसे ही पैंट उतारी मेरा लंड हवा में उछल कर लहराने लगा था. ज्यादा लड़कियों को चोदने और मुठ मारने की वजह से मेरा लंड थोड़ा टेढ़ा था. मेरा लंड अभी 7 इंच का है. मैं टॉयलेट में मेम की चुदाई का सोच कर मुठ मारने लगा. मेरी आंखें बंद हो गई थीं और मैं ये सोचते हुए मुठ मार रहा था कि प्रीति उस बेड पर मेरे साथ सेक्स कर रही है.

मैं मुठ मारने में बिजी था, तभी अचानक मुझे लगा कि कोई टॉयलेट का गेट खोल रहा है. मैं झट से वेस्टर्न टॉयलेट पर बैठ गया और झड़ गया.

अचानक से प्रीति मेम टॉयलेट के अन्दर आ गईं. मैं नीचे से नंगा था और मेरा लंड उफान मार रहा था. एक बार मेरा दिल किया कि प्रीति को पकड़ कर चोद दूं, फिर सोचा नई नई जॉब है, जिंदगी का सवाल है. मैंने कुछ नहीं किया.

लेकिन प्रीति मुझे नंगा देख कर एकदम सदमे में टॉयलेट में खड़ी रह गई थी. शायद वो मेरे लंड को देख कर सदमे में थी.
मैंने उसे आवाज दी- मेम मेम …
मेरे 3-4 बार कहने पर वो होश में आई.

मैंने कहा- मेम आप बाहर जाइए, मैं अभी आता हूं.

वो चुपचाप बाहर चली गई. प्रीति में मेरा लंड देख लिया था, ये सोच कर मेरा दिल खुश हो गया था.

मैं जब बाहर आया, तो रूम बन चुका था. वो मुझसे नज़रें चुरा रही थी.
उसने मुझसे अपनी झेंप मिटाने के नजरिये से कहा- अरे मैं टॉयलेट साफ करने गई थी, लेकिन मैं भूल गई थी कि तुम अन्दर हो.
मैंने उसकी आंखों में देखा, वो काफी गर्म हो गई थी.

तभी प्रीति ने फिर से कहा- ये बात किसी को मत बताना.
मैंने कहा- ठीक है मेम.

वो टॉयलेट साफ करने चली गई. मुझे याद आया कि मैंने टॉयलेट में पानी फ्लश नहीं किया था और मेरा वीर्य पूरे कमोड पर और फर्श पर पड़ा होगा.

मैंने कुछ नहीं किया और वेट करने लगा. उसने टॉयलेट में कम से कम 35 मिनट लिए होंगे, जबकि एक टॉयलेट साफ करने में 5 से 6 मिनट लगता है. मैं समझ गया कि आधा काम हो गया … मतलब ये कि वो चूत में उंगली करके अपनी मुठ मार रही होगी. उसे मेरा लंड तड़पा रहा था और उसकी चूत मेरे लंड लेने को मचल उठी थी.

वो बाहर आई, तो पसीने पसीने थी. उसकी शर्ट के ऊपर के बटन खुले हुए थे उसकी नाली के साथ ब्रा की झलक भी दिख रही थी.

मैंने जानबूझ कर पूछा- क्या हुआ मेम?
उसने कहा- कुछ नहीं डियर.

उसने मेरे सामने ही अपनी शर्ट के बटन बन्द किए.

मैं कुछ नहीं बोला.

अचानक प्रीति ने मुझे करीब बुलाया.
मैंने कहा- जी मेम.
उसने कहा- अब तुम मुझे मेम नहीं … मेरे नाम से बुलाओगे.
मैंने कहा- ठीक है प्रीति.
उसने हंस कर कहा- बड़ी जल्दी समझ गए.
मैंने भी हंस कर कहा- आप भी जल्दी समझ जाओगी.
उसने आँख नचाते हुए कहा- मतलब?
मैंने कहा- कुछ नहीं.

वो कुछ नहीं बोली … मगर हम दोनों ही एक दूसरे के दिल की बात को समझ गए थे.

ऐसे ही 4-5 दिन बीत गए.

एक दिन मैं उसके साथ रूम बना रहा था.
उसने मुझसे कहा कि आज तुम बेड बनाओगे.
मैं बनाने लगा.

उसने कहा- ऐसे नहीं.
मैंने पूछा- फिर कैसे?
वो मेरे करीब आयी.
आह … क्या महक थी उसके जिस्म की … लंबे बालों की …

उसने मेरे हाथ को पकड़ा और कहा- ऐसे घुमाओ.
मैं उसकी खुशबू में खो गया.

कुछ देर बाद उसने कहा- क्या हुआ?
मैंने कहा- प्रीति आप क्या लगाती हो … इतनी अच्छी महक आ रही है.
उसने कहा- तुम्हें अच्छी लगी?
मैंने कहा- हां सच कहूँ तो दिल कर रहा है कि आपको सूंघता ही रहूँ.
वो मेरी बात पर मुस्कुराते हुए बोली- अच्छा … चलो वो सब करते रहना. अभी ऐसे रूम बनाओ. मैं टॉयलेट बनाकर आती हूँ

उसने मुझे तरीका बताया और चली गई.

मैं रूम बनाकर टॉयलेट की तरफ गया और टॉयलेट का गेट खोला, तो मैंने देखा कि प्रीति कमोड पर बैठ कर आंखें बंद करके चूत की मुठ मार रही थी. वो जितनी ज्यादा बाहर से गोरी चिकनी थी, उतनी अन्दर से भी थी, उसकी चूत एकदम गुलाबी दिख रही थी.

इस समय उसकी निकलती कामुक सिस्कारियां बता रही थीं कि वो बस झड़ने वाली है.

मैं कुछ नहीं बोला … बस चुपचाप वापस रूम में आ गया. दो मिनट बाद वो बाहर आ गई. आज भी उसके ऊपर के 2 बटन खुले हुए थे. मैंने नीचे देखा, तो आज तो उसकी पैंट की चेन भी खुली थी.

उफ्फ्फ इतनी सेक्सी लग रही थी कि क्या बताऊं.

मैं उसे नशीली निगाहों से घूर रहा था और मेरा मोटा लंड खड़ा हो चुका था. आज उसके आधे चुचे दिख रहे थे. उसके इन मदमस्त चूचियों को देख कर मेरे लंड से सब्र ही नहीं हो रहा था.
उसने मुझे देखा और कहा- क्या हुआ?
मैंने तुरंत नज़र नीचे कर लीं. शायद उसने मेरे खड़े लंड के उभार को देख लिया था.

खैर उस दिन हम सारे रूम बना कर चले गए. फिर 8वें दिन हम 10वीं मंज़िल पर थे और वहां गेस्ट भी थे.

हम दोनों हर उस रूम में भी जा रहे थे, जहाँ गेस्ट थे. मैंने एक रूम की बेल बजाई, तो एक अंग्रेजी लड़की टॉवल में लिपटी हुई गेट खोलने आई. उसे देख कर मेरी तो आंखें खुली की खुली रह गईं.

प्रीति ने गेस्ट से अंग्रेजी में पूछा- मेम आपका रूम बनाना है?
उसने कहा- हां.
प्रीति ने मुझसे कहा- तुम बाहर रहो, मैं बनाकर आती हूँ.
लेकिन उस लड़की ने कहा- कोई नहीं … इसे भी अन्दर बुला लो.

मैं अन्दर गया, उस लड़की ने अपने मम्मों को से घुटने तक टॉवल बांधा हुआ था … बाल खुले हुए थे. मेरा ध्यान रूम में कम, उस लड़की में ज्यादा था. वो भी कभी कभी मुझे देखती, तो ऐसा लगता वो मुझे बुला रही है.

उसे देख कर मेरा लंड भी मेरी पैंट में पूरा खड़ा हो गया था. शायद वो लड़की मेरे फूलते हुए लंड को ही देख रही थी. तभी पता नहीं क्या हुआ कि उसका टॉवल अचानक से गिर गया या उसने जानबूझ कर गिरा दिया.

उफ़्फ़ … क्या मारू फिगर था … सही से नहीं कह सकता, लेकिन बड़ी चिकनी लौंडिया थी. उसके बड़े बड़े चूचे, लेकिन प्रीति से छोटे … और पिछवाड़ा तो क्या बताऊं … एकदम घायल कर गए.

वो मुड़ कर अभी टॉवल उठा ही रही थी कि मेरी नजरों में उसकी चूत और गांड के छेद का नजारा आ गया. उसके गुलाबी छेद देख कर मेरे लंड ने उसी वक्त रस छोड़ दिया.

उधर प्रीति मुझे देख रही थी, वो अंग्रेजन टॉवल बांध कर बाथरूम चली गई.

प्रीति ने मुझसे कुछ नहीं कहा, उसने पूरा रूम बनाया और उसने मुझे आवाज दी- चलो हो गया.
मैं प्रीति के साथ दूसरे रूम में आ गया. उस रूम में कोई नहीं था.

प्रीति ने मुझसे पूछ लिया- तुम क्या देख रहे थे?
मैंने कहा- आप मेरी सीनियर हैं, आप बुरा मान जाएंगी.
प्रीति ने कहा- मैंने तो कभी तुम्हें छोटा नहीं समझा … और ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है.
मैंने कहा- अंग्रेज कितने ओपन माइंड होते हैं.
उसने कहा- हां वो तो है.

इससे अधिक कोई बात नहीं हुई … क्योंकि ये रूम पहले से ही बना हुआ था. फिर हम दूसरे कमरे में आ गए.

वहां बेड पर खून लगा था. ये देख कर वो मुस्कुराई.
उसने मुझसे जानबूझ कर कहा- तुम बेड बनाओ … मैं अभी आई.

मैंने बेड पर खून देखा, तो मैंने कुछ नहीं किया.

वो आई, तो उसने कहा- क्या हुआ?
मैंने कहा- प्रीति ये क्या है?
हालांकि मैं जानता था कि कैसे और क्या है.

उसने कहा- तुम्हें नहीं पता?
मैंने कहा- पता है … ये खून है … लेकिन कैसे आया?
उसने पंजाबी में कुछ कहा, मैं समझ नहीं पाया.

वो हंसी और उसने मुझे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं.

हम दोनों मिलकर रूम बनाते हुए बात कर रहे थे. अब तो मुझे उसे काम करते हुए देखते और उसके सेक्सी जिस्म को देखने की आदत हो गई थी.

प्रीति ने कहा- तुम इतने अच्छे सेक्सी दिखते हो … और तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
मैंने कहा- सेक्सी तो आप भी हैं.
उसने कहा- क्या सच में?
मैंने कहा- हां … आपका तो बॉयफ्रेंड होगा.
उसने कहा- पहले था … अभी तो सिंगल हूँ.

वो ओपन माइंडेड हुई, तो मैंने जानबूझ कर उससे पूछा- ये सेक्सी का मतलब क्या होता है?
उसने कहा- तुम्हें सेक्सी का मतलब नहीं पता है?
मैंने कहा- नहीं.
उसने कहा- अभी तुम जैसे उस अंग्रेजन को देख रहे थे, तो तुम्हारा मन क्या कर रहा था?
मैंने कहा- कुछ नहीं … बस अन्दर थोड़ी गुदगुदी हुई.

मुझे समझ आ गया कि प्रीति पॉइंट पर आ रही है.

फिर मैंने पूछ लिया कि मेम अभी आपने भी तो मुझे सेक्सी कहा, तो इसका क्या मतलब है?

उसने कहा- तुमने भी तो मुझे सेक्सी कहा, तो इसका मतलब समझा.
मैंने बात घुमाई- मैंने तो ऐसे ही कह दिया था.

वो मुस्कुराई तो मैंने आगे कहा- मेम आप बहुत अच्छी हैं.
उसने कहा- तुम भी … लेकिन मुझे मेम मत बुलाया करो यार … मेरा नाम लिया करो.
मैंने कहा- प्रीति अगर मैं आपको अपनी गर्ल फ्रेंड बनाना चाहूँ तो?
प्रीति ने कहा- क्यों मुझमें ऐसा क्या है?

मैंने मन में सोचा कि इतना सब कुछ तो है.

मैंने कहा- आप बहुत दिल की अच्छी हैं, मैं आपके जैसी गर्ल फ्रेंड ही ढूंढ रहा था.
वो मुस्कुरा दी और उसने कहा- सोच कर बताती हूँ.

मेरी इस हिंदी सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आपको प्रीति के संग हुई अपनी मदमस्त हिंदी सेक्स स्टोरी को विस्तार से लिखूंगा.
मुझे आपके मेल की प्रतीक्षा भी रहेगी.

Wednesday, 27 December 2023

माँ बेटी की चूत चुदाई एक साथ

 

अब तक की इस सेक्स कहानी में आप सभी ने पढ़ा था कि मिष्टी नाम की कुंवारी लड़की को मैंने और मेरे दोस्त सुजन ने एक साथ चोदा था और उसने अपनी मम्मी को चोदने के लिए न केवल अपनी रजामंदी दे दी थी बल्कि खुद भी अपनी मम्मी को सैट करके चोदने के काम में मदद करने की भी कह दी थी.

अब आगे पढ़ें कि हम दोनों दोस्तों ने माँ बेटी की चूत चुदाई एक साथ कैसे की.

मिष्टी को चोदने के बाद हम तीनों ही मिष्टी की मम्मी की चुदाई करने की जुगत में लग गए थे. मिष्टी को पहले से ही अपनी मम्मी की चुदास की जानकारी थी. उसने कई बार अपने पापा और मम्मी की असफल चुदाई को देखा था. उसकी मम्मी एक मजबूत लंड से चुदने के लिए खुद से बेचैन थीं.

जब मिष्टी ने मुझे ये बात फोन करके बताई, तो मेरे दिमाग में एक आइडिया आ गया.
मैंने मिष्टी से कहा- मैं तुम्हारे पास एक दोस्त बन कर उस समय आना चाहता हूँ, जब तुम्हारी मम्मी घर पर हों.
उसने हामी भर दी.

मैं दूसरे दिन उसके घर गया और उसकी मम्मी के सामने उससे मिला. मिष्टी ने अपनी मम्मी से मेरा परिचय अपने साथ पढ़ने वाले लड़के के रूप में कराया.
उसकी मम्मी के हाव भाव से मैं समझ गया कि उसकी मम्मी को सैट करना बड़ा काम नहीं है.

कुछ ही देर में मैं मिष्टी की मम्मी से घुल मिल गया. मैंने मिष्टी को इशारा किया कि वो हम दोनों को अकेला छोड़ दे.

मिष्टी मुझसे कह कर चली गई कि मैं जरा मन्दिर तक जा रही हूँ. अभी आधा घंटे में आ जाऊंगी, तुम मेरे आने तक रुके रहना.
मैंने हां कह दी और उसकी मम्मी से बात करने लगा.

मिष्टी के जाते ही उसकी मम्मी ने मुझसे सीधे सीधे पूछ लिया- क्या तुम मिष्टी को पसंद करते हो?
मैंने अपना सर झुका लिया.
मिष्टी की मम्मी का नाम सुषमा था.

जब सुषमा आंटी ने मुझसे जोर दे कर पूछा, तो मैंने हां कहते हुए कहा कि यदि आपको उसके लिए मैं पसंद नहीं हूँ, तो मैं आगे नहीं बढूँगा, आप बेशक उसकी शादी किसी और जगह कर सकती हैं.

सुषमा आंटी ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- मुझे तुमसे कुछ ख़ास बात करनी है.
मैं उनके इस तरह से अपने कंधे पर हाथ देख कर कुछ चौंक गया, लेकिन मैंने उनसे कहा- हां आप कुछ भी पूछ सकती हैं.

उन्होंने एक लम्बी सांस लेते हुए कहा- मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे साफ़ साफ़ बताओ कि क्या तुम मेरी बेटी को खुश रख सकोगे?
मैंने कहा- हां मैं इस बात की गारंटी लेता हूँ कि मिष्टी मेरे साथ खुश रहेगी.
वो बोलीं- तुम किस किस तरह से खुश रखने की बात की गारंटी दे रहे हो?
मैंने कहा- मैं हर तरह से उसे खुश रखने की बात कह रहा हूँ.

आंटी ने मुझसे सटते हुए पूछा कि क्या तुम उसके साथ सेक्स कर चुके हो?
मैंने ना में सर हिला दिया.

उन्होंने कहा कि मैं अपनी शादी से सेक्स से खुश नहीं हूँ और मैं चाहती हूँ कि कहीं ऐसा न हो कि उसको भी मायूसी झेलना पड़े.
मैं समझ गया कि अब आंटी चुदाई की बात करना चाहती हैं.

मैंने उनसे पूछा- इसको साबित करने के लिए मुझे क्या करना होगा?
आंटी ने एकदम से मुझे अपनी छाती से लगा लिया और बोलीं कि पहले तुमको मुझे खुश करना पड़ेगा.

मैंने इसके आगे कोई बात नहीं की और उनकी चुचियों को मसलते हुए कहा- इसमें कौन सी बड़ी बात है.

वो मुझे खींचते हुए अपने कमरे में ले गईं और कमरे की कुण्डी लगा दी.

अगले कुछ ही पलों में हम दोनों नंगे थे. आंटी मेरा लम्बा लंड देख कर मस्त हो गईं और बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगीं. मैंने भी आंटी को खूब चूसा.

सुषमा आंटी बोलीं- अब जल्दी से मेरा काम उठा दो … नहीं तो मिष्टी आ जाएगी.
मैंने आंटी को बिस्तर पर चित लिटाया और उनकी चुत में लंड पेल दिया.

मेरा बड़ा लंड लेते ही आंटी की चीख निकल गई और अगले कुछ ही मिनटों में आंटी मेरे लंड से अपनी चुत की खाज मिटवाने लगीं.

मैंने बीस मिनट तक आंटी की चूत को ठोका और उनके पेट पर अपने लंड का माल निकाल दिया.

अभी हम दोनों सेक्स करके फ्री ही हुए थे कि मिष्टी की आवाज आ गई.

आंटी ने झट से अपने कपड़े उठाए और बाथरूम में घुसते मुझसे कपड़े पहन कर बाहर जाने का कह दिया.

मैंने अपने कपड़े उठाए और नंगा ही बाहर आ गया.

मिष्टी ने मुझे नंगा देखा, तो वो समझ गई कि मैंने उसकी मम्मी की चुदाई कर दी है.

वो मेरे लंड को चूसने लगी और बोली- अब आज ही तुम मुझे मेरी मम्मी के सामने चोद कर जाओगे.

मैंने उसे नंगी कर दिया और सोफे पर लिटा कर उसकी चुत चूसने लगा. दो मिनट बाद सुषमा आंटी कमरे से बाहर निकलीं, तब तक मैंने मिष्टी की चुत में लंड पेल दिया था.

मुझे सुषमा आंटी का कोई डर नहीं था. आंटी ने मुझे चुदाई करते देखा, तो वो वापस कमरे में जाने लगीं.

मैंने मिष्टी से कहा- अपनी मम्मी को भी बुला लो.
उसने मम्मी को आवाज दी. उसकी मम्मी बाहर आ गईं.
मैंने आंटी को अपने पास खींचा और उनको भी नंगी कर दिया.

आंटी कुछ नहीं बोलीं, शायद वो खुद भी अपनी बेटी के सामने मुझसे चुदवाना चाह रही थीं. उनकी यही मंशा थी कि घर में ही कोई चोदने वाला फिट हो जाए और उनकी बेटी को भी उससे कोई ऐतराज न हो.

इस तरह से उस दिन मैंने आंटी के सामने मिष्टी की चुदाई करके उन दोनों को एक साथ चोदने का प्रोग्राम सैट कर लिया था. अब सुजन की एंट्री करवाना बाकी थी.

इसके बाद से मैं आंटी के सामने बेखौफ चुदाई का खेल खेलने लगा.

मैंने मिष्टी से जब इस बात को कहा, तो वो बोली कि तुम किसी भी दिन घर में सुजन को ले आओ. मेरी मम्मी को उससे एक बार मिलवा दो.

मैं एक हफ्ते के बाद सुजन को आंटी से मिलवाने लाया.

आंटी ने सुजन को देखा तो मुझे अलग ले जाकर पूछा- ये कौन है?
मैंने बताया कि ये आपको चोदने के लिए कैसा रहेगा.
आंटी को तो लंड की भूख थी … उन्होंने मुझसे पूछा- बिस्तर में सही काम करेगा?
मैंने कहा एक बार इसका लंड लेकर देखो. मुझसे थोड़ा छोटा है … लेकिन मोटा ज्यादा है. देर तक चलता भी है.

वो हंस कर बोलीं- क्या तुम दोनों एक साथ चुदाई कर चुके हो?
मैंने सुषमा आंटी की चूचियां मसलते हुए कहा कि हां हम दोनों कई बार एक साथ चुदाई कर चुके हैं, यदि आप बोलो तो आपकी खिदमत में सुजन को पेश कर दूँ?
आंटी मन ही मन खुश हो रही थीं. वे बोलीं- तुम बस इतना देख लो कि किसी तरह की बदनामी न हो.

मैं समझ गया कि सुजन के लंड की सैटिंग हो गई है. मैंने कहा कि आज रात को ही उसको बुला लेता हूँ.
आंटी ने हंस कर मुझे चूम लिया और कहा कि आज रात हम मिष्टी को शामिल नहीं करेंगे.

मैंने हां कर दी, लेकिन मुझे मालूम था कि मिष्टी इस बात से मानेगी नहीं, वो पूरे समय पर इस ग्रुप सेक्स का हिस्सा बनेगी.

सुजन को अलग ले जाकर मैंने कह दिया- भाई तेरी चमन चुत चुदाई के लिए राजी हो गई है.
सुजन ने अपनी ख़ुशी जताते हुए पूछा- कब का प्रोग्राम बना है?
मैंने कहा- आज रात को ही उसकी चुत का भोसड़ा बना देते हैं.
उसने पूछा- अभी ही क्यों नहीं?
मैंने कहा- अभी मिष्टी के पापा को आना है.
सुजन ने हामी भर दी.

रात को तय समय के अनुसार हम दोनों मिष्टी के घर पहुंच गए.

उनके घर पर मिष्टी के पापा हमेशा की तरह अपने बिजनेस के सिलसिले में घर से बाहर निकल गए थे.

घर पहुंच कर मैंने सुजन को सुषमा आंटी को सौंपते हुए कहा- आप इसको चखो, जब तक मैं बाहर बैठा हूँ. मैं आपको बाद में ज्वाइन कर लूंगा.
आंटी ने मुझे हग किया और मेरा लंड दबाते हुए कहा कि तुम मिष्टी से उसके कमरे में जाकर मिलो, जब तक मैं सुजन के साथ बात करती हूँ.

सुजन सुषमा आंटी को उनके रूम में ले गया. आंटी ने कमरे में जाते ही कमरा बंद कर लिया … मगर मैंने सुजन को इशारा कर दिया था कि तुम दरवाजा खोल देना.

अन्दर जाकर सुजन ने आंटी को नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया. आंटी उसके मोटे लंड को चूसने लगीं.

Maa Beti Ki Chudai Ek Sath
Maa Beti Ki Chudai Ek Sath

कुछ ही देर में सुजन ने दरवाजा खोल दिया. आंटी मना करते रह गईं और सुजन ने दरवाजा खोलते हुए मुझे आवाज लगा दी.
आंटी कुछ न कह सकीं.

मैं और मिष्टी एकदम नंगे होकर सुषमा आंटी के कमरे में आ गए. आंटी ने जब हम दोनों को नंगा देखा, तो वो समझ गईं कि सुजन भी मिष्टी को चोद चुका है.

आंटी ने मुझे खींचते हुए कहा- मतलब तुम तीनों का पहले से ही ग्रुप सेक्स का प्रोग्राम था.
मैंने हंसते हुए आंटी की चूचियां मसल दीं.

बस फिर क्या था … हम चारों एक ही बिस्तर पर चुदाई के महा खेल में लग गए.

पहले मैंने मिष्टी की चोदा और सुजन ने सुषमा आंटी को चोदा. इसके बाद मैंने आंटी की गांड में तेल लगाया, तो आंटी कहने लगीं- मैं इस छेद में पहली बार लंड ले रही हूँ … जरा धीरे से करना.

मैंने आंटी की गांड में लंड लगाने से पहले सुजन से मिष्टी की गांड में लंड पेलने का इशारा कर दिया. सुजन ने मिष्टी को कुतिया बनाते हुए उसकी गांड में लौड़ा पेल दिया. मिष्टी एक मीठी सी सिसकारी लेते हुए गांड मराने लगी. उसे गांड मराते हुए देख कर आंटी की हिम्मत भी बढ़ गई और उन्होंने ख़ुद कुतिया बन कर मेरे लंड को अपनी गांड में फिट करवा लिया.

मैंने भी बिना देरी किए आंटी की गांड में लंड ठोक दिया. आंटी की तेज चीख निकल गई, लेकिन मुझे मालूम था कि ये दर्द कुछ ही देर का है.
मैंने लंड पेलता गया और दो मिनट से भी कम समय में आंटी गांड मराने का सुख लेने लगीं.

इसके बाद गांड चुदाई के बीच में ही हम दोनों ने छेद बदल लिए. अब मैं मिष्टी की गांड मारने लगा था और आंटी की गांड में सुजन का लंड फिट हो गया था.

एक घंटे बाद मैंने आंटी से कहा- अब आपके दोनों छेद चालू हो गए हैं और अब आप सैंडविच सेक्स का मजा भी ले लो.
आंटी की समझ में नहीं आया. मैंने कहा कि अभी सब समझ आ जाएगा.

मैंने मिष्टी को इशारा किया और उसने मेरे लंड को अपनी चुत में लेते हुए मेरी गोद में झूल गई, उसके बाद सुजन ने मिष्टी की गांड में लंड पेल दिया. मिष्टी सैंडविच सेक्स का खेल दिखाने लगी.

आंटी की आंखें फ़ैल गईं. पहले तो वो डरीं, लेकिन अपनी चुत से निकली चुत को दोनों तरफ से बजते देखा, तो वो भी सैंडविच सेक्स के लिए राजी हो गईं.

मैंने मिष्टी को अलग किया और आंटी को चोदना चालू कर दिया. आंटी मेरे ऊपर थीं. तभी पीछे से सुजन ने आंटी की गांड में लंड पेल दिया. आंटी को दर्द होने लगा, तो सुजन ने आंटी को किस करना शुरू कर दिया, मैंने बूब्स चूसना शुरू कर दिया.

फिर हम दोनों ने उन दोनों को एक साथ चोदा. मिष्टी हम दोनों के लंड के साथ अपनी मम्मी की चूत भी चूस रही थी. फिर जब हम दोनों के लंड झड़ गए तो उन दोनों माँ बेटी ने आपस में चुत चटाई की.

करीब तीन घंटे बाद हम दोनों दोस्त अपने घर चले गए.

फिर उसकी सगाई वाले दिन हम उसके घर गए और भाई और पापा से मिले.

मिष्टी की मम्मी ने कहा- ये हमारे दूर के रिश्तेदार हैं.

हम तीनों लोग उस रूम में गए, जिधर मिष्टी बैठी हुई थी. हम दोनों ने मिलकर उन दोनों को चोदा. आज की चुदाई बहुत जल्दी में चल रही थी. लेकिन मजा बहुत आया.

फिर शादी वाली रात को हम दोनों दोस्त ने मिलकर मां और बेटी को एक साथ चोदा.

उस दिन सुजन ने चुदाई करते समय अपना बीज मिष्टी की चुत में डाल दिया और कहा कि तुम्हारी चूत से हमारा बच्चा ही होना चाहिए.
उसने हंस कर हामी भर दी. उसने कहा कि मैं तुम दोनों को कैसे भूल सकती हूँ.

जब शादी के बाद घर आई, तो उसने हम दोनों को भी बुलाया और बताया कि सुहागरात वाले दिन ही मैं बिना कंडोम के चुदवाया था. मैंने उसका सारा पानी बाथरूम में जाकर निकाल दिया. जिससे बच्चा तुम्हारा ही होगा.

बाद में मिष्टी ने प्रेगनेंसी टेस्ट कराया था तो वह पोजीटिव निकला था.
हम चारों लोग बहुत खुश हुए.
मिष्टी ने अपने बेबी के जन्म के बाद उसका नाम भी सुजन ही रखा.

मिष्टी की मम्मी को अभी भी हम दोनों खूब चोदते हैं. हमें चुत की कभी कमी नहीं हुई.

Monday, 25 December 2023

मेरी मस्त सलहज की चुदाई-2

 मेरी सलहज मुझसे अपनी गर्म चूत की चुदाई करवा चुकी थी. मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया था. उससे वो गर्भवती हो गयी. इस परेशानी से हम कैसे निकले?

जैसा कि आपको विदित है कि यह मेरी पहली सेक्स कहानी है और मैं कोशिश कर रहा हूं कि मैं इसे आपके सामने अच्छे से प्रस्तुत करूं.

अपनी सलहज की अच्छी चुदाई के बाद मुझे नींद आ गई और सुबह काव्या ने मुझे चाय देने के बहाने उठाया.

जब मैं सुबह उठा, तो काव्या मुझे जोर जोर से हिलाते हुए उठा रही थी- जीजा जी, उठ जाओ.
मैं अचानक उठा और अपने साथ में काव्या को देख कर उसको बांहों में भरने की कोशिश करने लगा.

वो एकदम से दूर हो गई. वो मेरे हाथ में चाय का कप पकड़ा कर बोली- आपने अपने मन की कर ली. अब ज्यादा नहीं करो … वरना गड़बड़ हो जाएगी.

मैंने उसकी तरफ घूर कर देखा और मस्ती से बोला- रात में तुम ही आई थीं … तुमने मस्ती नहीं की थी क्या?
मेरी इस बात से काव्या शर्मा गई.

फिर धीरे से बोली- हां मुझे बहुत अच्छा लगा था. पर आपने मेरा बुरा हाल कर दिया था.
मैंने बोला- यार क्या बुरा कर दिया … तुम खेली खाई लड़की हो, तुम्हें इतना फर्क कैसे पड़ सकता है.
वो बोली- अभी इस तरह की बात करने का टाइम नहीं है … मैं बहुत टेंशन में हूं.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो मुँह बनाते हुए बोली- इतने सीधे मत बनो … आपने पूरा रस अन्दर ही डाल दिया था.

अचानक से मुझे याद आया, तो मैंने बोला- तो अब?
वह बोली- अब क्या … आपने मुझे चोद कर अपना बना लिया है … कुछ होगा तो वह हमारे प्यार की निशानी पैदा होगी.
मैं कुछ नहीं बोला.

वो फिर से मुझसे बोली- मेरी डेट अभी दो-तीन दिन में आने वाली है … अगर डेट नहीं आई, तो देख लेंगे कि क्या करना है.
मैंने कहा- फिर आज का क्या प्रोग्राम है?
वह बोली- नहीं बाबा … आज रात नहीं आ सकती.

मैंने कारण पूछा, तो वह बोली- एक तो दीदी की टेंशन होती है … दूसरा बहुत दर्द हो रहा है. आज रात मैं नहीं आ सकती हूँ. मुझे पेट से होने की भी बड़ी टेंशन है.
मैंने बोला- कल रात टेंशन नहीं थी.
वह बोली- कल बहुत मन कर रहा था इसलिए कुछ टेंशन याद नहीं की.
वो ये सब कह कर चली गई.

मैं आराम से उठा, फ्रेश होने के बाद नहा धोकर बैंक चला गया.

अगले दो-तीन दिन हमारे बीच कुछ नहीं हुआ और मैं और काव्या दोनों उसके मासिक होने का इंतजार करते रहे.

उसको पीरियड नहीं हुए … तो उसको वो टेंशन बढ़ गई … क्योंकि उसके लास्ट पीरियड के बाद से उसने अपने पति से नहीं चुदवाया था.

एक दिन उसने मुझे बैंक में फोन किया और फोन पर रोने लगी. मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
उसने वही पीरियड ना होने वाली बात बताई.
हम दोनों ने तय किया कि हम डॉक्टर के पास जाएंगे.

उसने किसी चीज का खरीदने जाने का बहाना बनाकर मुझसे बाहर मिलने का इंतजाम किया.

फिर मैं उसे एक लेडी डॉक्टर के पास लेकर गया. उस डॉक्टर से मेरी अच्छी दोस्ती थी. हम दोनों साथ में चुदाई भी कर चुके थे. उसकी स्टोरी में बाद में लिखूंगा.

डॉक्टर ने काव्या का टेस्ट किया और जो नहीं होना चाहिए था, वही हुआ. हम दोनों भावनाओं में बह गए थे और उसके नतीजे में अब मैं उसके बच्चे का बाप था.

अब मुझे भी टेंशन होने लगी थी. काव्या अन्दर से आई. डॉक्टर भी बाहर आई.

डॉक्टर मुझसे बोली- संजय पागल हो गए थे क्या तुम? ये मजा अब सजा में बदल गया … ये कौन है?
मुझे उसको सच सच बताना पड़ा कि काव्या मेरे साले की बीवी है.

दोस्तो, कहानी थोड़ी सी सीरियस हो गई, इसके लिए माफी चाहता हूं … पर यह सच है और मैं पहले ही बोल चुका हूं कि मेरी कहानी सच्ची घटना पर आधारित है.

खैर … मेरी डॉक्टर महिला मित्र ने कुछ दवाइयां लिख दीं और काव्या को बोला कि सोच समझ लो, अगर आपको यह बच्चा नहीं चाहिए … तो आप ये दवाई खा लेना.

हम दोनों घर वापस आने के लिए कार में बैठ गए. मैंने कार घर की तरफ मोड़ दी. हम दोनों इंसान थे, कहीं ना कहीं मन बहुत भारी था. मुझे उस प्यारी सी काव्या की चिंता होने लगी थी.

अचानक काव्या बोली- यह काम आसान हो सकता है. मैं अपने पति को बुला लेती हूं और उनसे एक रात करा लेती हूं क्योंकि मैं इस बच्चे को खोना नहीं चाहती हूँ. हम हमको यह प्यारा सा तोहफा भगवान ने दिया है.

उसकी बात से मैं भी खुश हो गया.

काव्या घर चली गई और मैं वापस बैंक चला गया.

शाम को जब मैं वापस घर आया, तो देखा कि काव्या मेरी पत्नी से बात कर रही थी. वो बोल रही थी कि उसका मन नहीं लग रहा है.
मैंने भी मौका देखा और अपनी पत्नी को बोल दिया- क्यों ना तुम कुछ दिन के लिए अपने भाई को यहीं बुला लो.
मेरी पत्नी बोली- उसकी छुट्टियां नहीं है.
मैंने बोला कि ठीक है … एक-दो दिन के लिए ही बुला लो.

फिर मैंने काव्या से पानी की कही, तो वो पानी लेने चली गई.

मैं अपनी बीवी से धीरे से बोला- अरे काव्या की नई नई शादी हुई है … उसका मन नहीं लग रहा होगा.
मेरी पत्नी बात को समझ गई और उसने अपने भाई को फोन कर दिया कि भाई एक दो दिन की छुट्टी ले कर आ जा.

मेरा साला थोड़ा मना करने लगा, तो मैंने फोन लेकर उसे बोल दिया कि आजा काव्या की तबीयत थोड़ी खराब है.

यह सुनते ही उसने अगले दिन शाम को आने का प्रॉमिस कर दिया.

अगले दिन मेरा साला आ गया और वह दोनों उसी कमरे में सोए, जिस बेड पर मैंने कुछ दिन पहले काव्या को चोद कर बच्चा दे दिया था.

आगे क्या हुआ … वो सब आप काव्या के शब्दों में सुनिए.

मेरे प्रिय मित्रो … मैं काव्या.

जीजा जी से चूत चुदाई करवा के मैंने गर्भ धारण कर लिया था. उस बच्चे को अपने पति का नाम देने के लिए मैंने अपने पति से चुदाई करवाने का निश्चय कर लिया था.

जीजा जी ने मेरे पति से मिल्न का जुगाड़ सेट कर दिया था.

मेरे पति आ गए थे और मुझे अपनी प्रेगनेंसी की टेंशन कम होती लग रही थी.

सारा काम खत्म करके मैं कमरे में घुसी तो मेरे पति लंड हाथ से सहलाते हए मेरा इंतजार कर रहे थे. मैंने कमरे का दरवाजा बंद किया और उनके गले से लग गई.
उन्होंने धीरे से मुझे बेड पर लिटाया और बोले- क्या हुआ … बड़ी उदास दिख रही हो.
मैंने कहा- आपके बिना मन नहीं लग रहा था.
वो बोले- इधर तुम्हारा मन नहीं लग रहा था … उधर मेरा भी मन नहीं लग रहा था.
मैंने उनसे बोला- झूठ मत बोलो … नहीं तो फोन करके नहीं बुलाना पड़ता, खुद ही चले आते.

ऐसे ही प्यार महब्बत की बातें करते करते मेरे पति धीरे धीरे मेरी गांड सहलाने लगे. मुझे बहुत मजा आ रहा था. अब उन्होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया था. मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी. मैंने बिजली बंद करके करने का कहा. पति ने बिजली बुझा दी.

फिर धीरे से पति ने मेरी नाइटी निकाल दी. मैं केवल अब ब्रा पैंटी में थी. मुझे अब थोड़ी मस्ती आने लगी थी, पर एक चिंता भी थी कि कुछ दिन पहले जीजा जी ने लंबे लंड से मेरी चुत को चौड़ा कर दिया था. मुझे डर था कि कहीं पति को पता ना लग जाए.

मेरे पति ने अपने कपड़े उतार दिए थे और अपना अंडरवियर निकाल कर मुझे लंड चूसने का बोला.

मैं उनका लंड देख कर सोच रही थी कि अब इससे तो मजा नहीं आएगा.

फिर मैं धीरे धीरे उनके लंड को चूसने लगी. कोई 5 मिनट में मेरे पति ने मेरे मुँह में माल गिरा दिया.

मैं थोड़े गुस्से से बोली- मेरी चुत बिना लंड के कैसे ठंडी होगी … अब इसको ठंडी करो.

मेरे पति ने मेरी अंडरवियर धीरे से निकाल दी. वो मेरी चुत चाटने लगे.

उन्होंने मुझसे पूछा- मजा आ रहा है?
मैंने कहा- हां.

करीब 10 मिनट की चुसाई के बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपनी गांड उठा उठा कर अपनी चूत चुसवाने लगी.

अचानक से मेरे पति ने चूसना बंद कर दिया और मेरी टांगों के बीच में आ गए. उन्होंने मेरे दोनों टांगें उठा लीं और अपने लंड को मेरी चुत पर रख कर धक्का दे मारा. कुछ तो जीजा जी द्वारा मेरी चुत चौड़ी कर दी गई थी और ऊपर से खुशी के कारण चुत गीली थी, तो पति का लंड बिना परेशानी की एकदम से अन्दर चला गया. पर मैंने जानबूझकर अपने मुँह से ‘आह आई ईईई…’ की आवाज निकाल दी, जिससे कि मेरे पति को शक ना हो.

मेरे पति मेरी बड़ी हो चुकी चुत में बड़ी जोर से धक्के मारने लगे. कोई 5 मिनट ही हुए थे कि वो चुत में ही झड़ गए और अपना माल मेरी चुत में भर दिया.

मुझको बहुत तेज गुस्सा आया था क्योंकि मैं झड़ी नहीं थी … बस एक शांति भी थी … क्योंकि मेरे पेट में जो बच्चा था वह मेरे पति का बोला जा सकता था.

इस तरह मैं बहुत देर तक ऐसे ही अपने पति से लगी रही. रात को मेरे पति ने एक बार मुझको फिर से चोदा और इस बार मैं भी झड़ गई.

सुबह नाश्ते के बाद मेरे पति ने अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए बोला, तो मैंने बोला- जान इस बार तो हमने बिना कंडोम के कर दिया है, अगर मैं प्रेगनेंट हो गई तो?

इस पर पति बोले- तो बच्चा हो जाएगा और क्या?
यह बात मैंने सुनी और खुश होकर बोली- हां … तब तो यह एक खुशखबरी होगी.

मैं मन में सोच रही थी कि इस तरह मैं जीजा जी के बच्चे की माँ बन जाऊंगी. मैं जीजा जी के बच्चे को अपने पेट में पालने के लिए अब तैयार थी. मेरे पति के जाने के बाद मैंने शांति की सांस ली.

मैं बहुत खुश थी क्योंकि मैं मां बनने वाली थी और वह भी ऐसे इंसान के बच्चे की, जो बहुत ही हैंडसम और समझदार था. उसने मुझे चुदाई का बहुत ज्यादा मजा दिया था. ऐसा मजा शायद ही मुझे मेरे पति से कभी मिल सकता था.

एक बात मैं आपको बता देती हूं कि मेरी सील सुहागरात वाले दिन मेरे पति ने ही तोड़ी थी, उसके पहले मैंने कभी नहीं चुदवाया था. लेकिन उस दिन से संजय जीजा जी से चुदाई करवाके मुझको लगा था कि जैसे उस दिन ही मेरी असली सील टूटी थी.

अब मुझे शाम का इंतजार होने लगा क्योंकि इसलिए रात को मेरे पति ने मुझको अच्छे से नहीं चोदा था और अब मुझे जीजा जी वाली धाकड़ चुदाई याद आने लगी थी.

दोस्तो, एक बात और मैं सभी को बताना चाहती हूं कि संजय जीजा जी की वजह से ही मैं आज आपके सामने अपनी सेक्स कहानी लिख पा रही हूं. जब मैं अपनी चुदाई की कहानी लिख रही थी, उन्हीं दिनों मुझे एक प्यारी सी बेटी भी हुई थी … जो कि अभी 10 महीने की हो गई है. आपको तो पता ही है कि इसकी मां तो मैं हूं, पर पापा संजय राठी हैं. मेरी बेटी की शक्ल भी अपने पापा संजय पर गई है.

दोस्तों कई बार हमारे जीवन में ऐसे क्षण आते हैं, जिनको हम चाह कर भी भुला नहीं सकते. संजय जीजा जी बहुत अच्छे इंसान हैं. उन्होंने मुझे मेरे जीवन में अब तक बहुत सपोर्ट किया. मुझे चुदाई का असली सुख जीजा जी से ही मिला और अब जब भी मिलना होता है हम दोनों में घमासान चुदाई होती है.

अभी के लिए बस इतना ही आपकी प्यारी काव्या.

दोस्तो, तो यह थी काव्या की चुदाई की कहानी का दूसरा भाग.

मेरी रियल सेक्स कहानी आपको कैसी लगी? आप मुझे मेल पर जरूर बताएं, जिससे कि हम अपनी आगे की कहानी लिखने की हिम्मत जुटा पाएं.

Sunday, 24 December 2023

गाँव में भाई से चुदाई

 

अपनी नई सेक्स कहानी लेकर मैं एक बार फिर से हाजिर हूं. मैं रात में अपनी चूत में उंगली भी करती हूं. मेरी कोशिश रहती है कि कोई लंड मेरी चूत को चोदने के लिए मुझे मिल जाये. मुझे चुदाई करवाने का बहुत शौक है. यह शौक मुझे काफी पहले से लग गया था. इसलिए मैंने छोटी उम्र में ही चूत को चुदवाना शुरू कर दिया था.

आज जो मैं कहानी आप लोगों को बताने जा रही हूं वह कहानी मेरे गांव की कहानी है. हम लोग वैसे तो गांव के रहने वाले हैं लेकिन पिछले कई सालों हम लोग शहर में रह रहे हैं. मेरे गांव वाले घर में हम कभी कभी जाते हैं. वहां पर जो हमारा पुराना मकान है उस मकान की देखभाल करने के लिए मेरे एक भैया गांव में ही रहते हैं.

कई बार जब उनको काम पड़ता है तो वो हमारे घर आते हैं. वैसे तो मेरे भैया उम्र में मुझसे बड़े हैं लेकिन हम दोनों के बीच में दोस्ती के जैसा रिश्ता रहता था. वो मेरे साथ हंसी मजाक करते थे. मैं भी उनके साथ मस्ती करने लगती थी.

मेरा एक बॉयफ्रेंड भी है लेकिन मुझे नए लंड लेना बहुत पसंद है. मैं ब्लू फिल्म भी देखती हूं. मुझे ब्लू फिल्म देखने की आदत अपनी सहेली से लगी थी. मैं उसके साथ ब्लू देखते हुए अपनी चूत में उंगली करती हूं. कई बार वो रात को मेरे घर पर आ जाती है. हम दोनों अक्सर रात में नंगी फिल्में देखते हुए मजे लेती हैं.

अपने बॉयफ्रेंड के साथ भी मैंने कई बार सेक्सी वीडियो देखते हुए मजा लिया है. वो अपने फोन में मुझे नंगी फिल्म दिखा कर मुझे गर्म कर देता है. मुझे भी उसके साथ मजा आता है. वो रात भर मेरी चूत को चोदता है. मुझे उसके लंड से चुदना बहुत पसंद है.

मगर पिछले कुछ दिनों से मेरे और मेरे बॉयफ्रेंड के बीच चुदाई नहीं हो पा रही थी. मैं लंड लेने के लिए तरस रही थी. मुझे रात में उंगली करते हुए ही काम चलाना पड़ रहा था. मैंने अपने बॉयफ्रेंड को सेक्स करने के लिए कहा लेकिन वो नाराज था. मेरी चूत प्यासी थी. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपनी चूत की प्यास को कहां पर जाकर शांत करूं.

कुछ दिन ऐेसे ही निकल गये थे. गर्मियों का मौसम था तो घर में सारे लोग दिन के समय में भी घर में ही रहते थे. मुझे अकेली को टाइम नहीं मिल पाता था. मैं किसी को चूत चुदवाने के लिए नहीं बुला सकती थी. मैं परेशान रहने लगी थी. बहुत दिनों से मेरा मन लंड लेने के लिए कर रहा था. मैं रात को ऐसे ही अपनी चूत में उंगली से सहला कर सो जाती थी. मगर लंड का मजा तो लंड से ही आ सकता था. उंगली से केवल मन बहला कर ज्यादा दिन तक काम नहीं चल सकता था.

फिर एक दिन हम लोग अपने गांव में जा रहे थे. उस समय गर्मियों के दिन थे. पूरा परिवार गांव में जाने की तैयारी कर रहा था. लेकिन मैं गांव नहीं जाना चाह रही थी. मेरी चूत तो पहले से ही प्यासी थी. मैं जानती थी कि अगर मैं गांव में गई तो मेरी चूत को बहुत दिनों तक लंड नहीं मिलेगा. इसलिए मैं यहीं पर शहर में रहना चाहती थी. मगर मेरे घर वाले नहीं माने. उनके डर से मुझे भी गांव जाना पड़ा.

हम गांव में पहुंचे तो पहले दिन हम लोग काफी थके हुए थे. जाने के बाद मेरे गांव वाले भैया से मैं मिली. हम दोनों में काफी सारी बातें हुईं. रात को हम लोग सो गये. गांव में रात में कई बार लाइट नहीं रहती थी. सब लोग रात में छत पर सोने के लिए जाते थे. मैं अपने भैया की बगल में ही सोती थी. उनकी शादी हो चुकी थी लेकिन भाभी अपने मायके में चली गई थी.
जब भी हम लोग गांव में जाते थे हम लोग साथ में ही सोते थे.

उस दिन रात को सोते हुए मेरा मन लंड लेने के लिए करने लगा था. मैंने देखा कि मेरे भैया मेरी बगल में सो रहे थे. मैंने चुपके से अपनी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया. फिर मेरा ध्यान भैया की धोती पर गया. उनकी धोती में उनका लंड देखने का मन करने लगा. मगर मैं डर रही थी. इससे पहले मैंने ऐसा कभी नहीं किया था.

फिर धीरे से मैंने अपने हाथ को भैया की धोती पर रख दिया. भैया गहरी नींद में थे. मैंने उनकी धोती पर हाथ रख दिया. उनका लंड भी सो रहा था. मैंने उनके लंड को छू कर देखा तो मेरी चूत में खुजली होने लगी. मैंने उनके लंड को दबा कर देखा. मगर वो कोई हरकत नहीं कर रहे थे. मैं ज्यादा आगे नहीं बढ़ना चाह रही थी इसलिए मैंने वापस से हाथ को हटा लिया.

मेरी चूत गीली होने लगी थी. मैंने फिर आंख बंद कर ली और अपने बॉयफ्रेंड के लंड के बारे में सोचते हुए अपनी चूत में उंगली करने लगी. उस दिन भी मैं चूत में उंगली करते हुए चूत को शांत करने की कोशिश कर रही थी. मगर मेरी चूत में बहुत पानी आ रहा था. मैं लेटी हुई कसमसा रही थी. कुछ देर तक चूत में उंगली करने के बाद मैंने चूत को शांत कर दिया और फिर सो गयी.

अगले दिन फिर मैं भैया के साथ खेत में चली गयी. गांव के घर में मेरा मन नहीं लगता था. वहां पर मेरा टाइम पास नहीं हो रहा था इसलिए मैं भैया के साथ ही खेत में चली गई थी. वहां पर जाकर दोपहर को मुझे काफी गर्मी लगने लगी. वहां पर पास में ही एक तालाब बना हुआ था. मुझे बहुत गर्मी लग रही थी. मैंने सोचा कि गर्मी से बचने के लिए तालाब में नहा लेती हूं.

मैंने सूट और सलवार पहनी हुई थी. मैं कपड़ों के समेत ही तालाब के किनारे पर पानी में जाकर नहाने लगी. उसके बाद मैं कुछ देर तक पानी में रही और गर्मी में मजे लेती रही. फिर जब मैं नहा कर बाहर आई तो मेरे सूट में मेरी चूची उभर कर अलग से दिखाई दे रही थी. मैं भैया के पास गई तो मैंने देखा कि वो मेरी चूची को ध्यान से देख रहे थे. मैं समझ गई कि भैया के मन में मेरे लिए हवस भर रही है.

मगर उस दिन मैंने कुछ नहीं कहा. फिर दो-चार दिन ऐसे ही निकल गये. कई बार मैंने इस बात पर ध्यान दिया था कि भैया अब मेरी चूचियों को घूरते रहते थे.

एक दिन मैं खेत में भैया के साथ काम में लगी हुई थी. झुकने के कारण मेरी चूची अंदर तक दिखाई दे रही थी. भैया भी मेरे सूट में लटक रही मेरी चूचियों को देख रहे थे.

Gaon Me Bhai Se Chudai
Gaon Me Bhai Se Chudai

वो नजर बचा कर मेरी चूचियों को घूर रहे थे. मैंने भी जान बूझ कर उनको अपनी चूची के दर्शन करवाये. मैंने देखा कि भैया की नजरों में हवस थी. ऐेसा लग रहा था कि वो मेरी चूत को चोदने के लिए तैयार हैं. उसके बाद हम दोनों घर आ गये.

उस दिन मैं काफी थक गई थी. रात को हम दोनों छत पर सो रहे थे. उस दिन लाइट तो लेकिन हम दोनों छत पर ही सोते थे. रात को छत पर मेरे और भैया के अलावा कोई नहीं था. घर वालों को हम दोनों के बारे में सब पता था कि हम दोनों भाई-बहन खूब मस्ती करते हैं इसलिए किसी हम दोनों के एक साथ सोने से कोई दिक्कत नहीं होती थी.

उस दिन मैंने भाभी की नाईटी पहनी हुई थी. मेरी नाईटी के अंदर से मैंने ब्रा और पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी. गर्मी के कारण अक्सर मैं ब्रा और पैंटी नहीं पहनती थी. मुझे ऐसे ही सोने में ज्यादा आराम मिलता था. मैं थकी हुई थी तो जल्दी ही मुझे नींद भी आ गई.

मुझे नींद में कुछ महसूस हुआ. मुझे ऐसा लगा कि जैसे कोई मेरे चूचों पर हाथ रख कर उनको छेड़ने की कोशिश कर रहा है. मेरी नींद खुल गई लेकिन मैंने आंख नहीं खोली. मैंने पाया कि भैया का हाथ मेरी चूची पर था. मैं भी ऐसे ही सोने का नाटक करती रही. जब भैया को यकीन हो गया कि मैं गहरी नींद में हूं तो उन्होंने मेरी चूची को जोर से दबाना शुरू कर दिया.

काफी देर तक वो मेरी चूची को दबाते रहे. फिर उनके हाथ मेरे निप्पल पर आकर उनको कचोटने लगे. वो अपनी उंगलियों के बीच में लेकर मेरे निप्पलों को मसलने लगे. मैं भी गर्म होने लगी. निप्पल दबाने के कारण मुझे मजा आने लगा था. मगर खुद को किसी तरह कंट्रोल किये हुए थी. मेरी चूत में भी गीलापन आना शुरू हो गया था.

कुछ देर तक भैया मेरी चूची के निप्पलों को मसलते रहे. मेरे निप्पल तन कर कड़क हो गये. फिर भैया ने मेरी नाइटी में ऊपर से हाथ डाल दिया. उनके हाथ मेरी चूचियों पर पहुंच गये. भैया के हाथ काफी सख्त थे. उनके हाथ मेरी नर्म चूचियों को दबा रहे थे. मैं भी मजा ले रही थी. अब मुझे पहले से ज्यादा आनंद आ रहा था.

भैया ने मेरी बिना ब्रा वाली चूचियों को हाथ में भर कर कई मिनट तक दबाया उसके बाद भैया ने मेरी चूची को छोड़ दिया. मगर मैंने आंखें बंद ही रखीं. फिर भैया ने नीचे से मेरी नाइटी को उठा दिया. मेरी जांघें नंगी हो गईं. मैंने नीचे से पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी. भैया के हाथ सीधा मेरी चूत पर जा लगे. मैं एकदम से सिहर गई और मैंने आंखें खोल दीं.

जब भैया ने देखा कि मैं जाग गई हूं तो उन्होंने अपना हाथ एकदम से हटाना चाहा लेकिन मैंने बीच में ही भैया का हाथ पकड़ लिया. उनके हाथ को पकड़ कर फिर से अपनी गीली चूत पर रखवा दिया और मुस्करा दी. भैया भी मेरा इशारा समझ गये. बस उसके बाद तो भैया जैसे मेरे ऊपर टूट ही पड़े.

वो जोर से मेरे होंठों को चूसने लगे. उनका पूरा शरीर मेरे शरीर के ऊपर था. मैं उनके भार से दबी जा रही थी. मगर मैं उनका पूरा साथ दे रही थी. उनके होंठों के रस को पी रही थी. भैया ने शायद रात में हुक्का पीया था जिसकी गंध उनके मुंह से आ रही थी.

काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे. उसके बाद उन्होंने मेरी चूत को अपनी हथेली से रगड़ना शुरू कर दिया. मैं कसमसाने लगी. उनकी हथेली मेरी चूत पर ऊपर नीचे हो रही थी. कुछ पलों तक मेरी गीली चूत को मसलने के बाद भैया ने मेरी चूत में मुंह दे दिया. मैं पागल सी होने लगी.

वो जोर से मेरी चूत को चाटने लगे. मेरी टांगें अपने आप ही फैलने लगीं. उनकी जीभ तेजी से मेरी चूत पर चल रही थी. मैं मदहोश हुई जा रही थी. फिर भैया ने मेरी चूत में पूरी जीभ घुसा दी. उनकी जीभ मेरी चूत में अंदर तक लगती हुई महसूस हो रही थी. जीभ काफी गर्म और गीली थी जो मुझे काफी मजा दे रही थी. मैंने भैया के मुंह को अपनी टांगों के बीच में भींच लिया था.

कुछ देर तक वो मेरी चूत में जीभ लगा कर तेजी के साथ चूसते रहे. मैं तड़पती रही और वो मेरी चूत को चूसते रहे. जब मुझसे रहा न गया तो मैं बोली- बस करो भैया, अब रहा नहीं जा रहा.
भैया ने मेरी चूत से जीभ को निकाल लिया और अपनी धोती खोलने लगे. जैसे ही उन्होंने धोती खोली तो उनका लम्बा और काला सा लंड मेरी आंखों के सामने था.

मैंने नीचे झुक कर भैया के लंड को मुंह में ले लिया. उनके लंड को मैं मजा लेकर चूसने लगी. भैया के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं. आह्ह सुनीता… तुम तो बहुत अच्छे तरीके से लंड को चूस रही हो. आह्ह … उफ्फ्फ … और जोर से चूसो मेरी चुदक्कड़ बहन.

मुझे बहुत दिनों के बाद लंड नसीब हुआ था, इसलिए मैं भी पूरी तबियत के साथ उनके लंड पर मुंह चला रही थीं. मैंने पांच मिनट तक भैया के लंड को चूसा और उनका लंड मेरी लार में एकदम गीला और चिकना हो गया. चांदनी रात की रौशनी में भैया का लंड चमकने लगा.

उसके बाद उन्होंने मुझे नीचे गिरा लिया. मेरी मैक्सी को ऊपर उठा दिया और मेरी चूचियों को पीने लगे. उनका लंड अब मेरी चूत के आस-पास भटक रहा था. कभी मेरी जांघ पर लग रहा था तो कभी मेरे पेट पर. मैंने भी भैया को बांहों में भर लिया. वो मेरे निप्पलों को दांतों से काटने लगे तो मैं जैसे पागल ही हो उठी.

मैंने भैया की गर्दन पर काट लिया. उनकी नंगी गांड को अपने हाथ से दबाने लगी. भैया समझ गये कि मैं अब कुछ ज्यादा ही गर्म हो गई हूं. उन्होंने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी टांगों को फैला दिया. अपना लंड मेरी चूत पर लगा दिया और मेरे ऊपर लेटते हुए मेरी चूत में लंड घुसाने लगे. उनका लंड मेरी चूत में उतरने लगा.

धीरे धीरे करके भैया ने पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया. उनका मोटा लंड मेरी चूत में फंस गया. फिर उनसे भी रुका न गया और वो गचागच मेरी चूत को चोदने लगे. उन्होंने मेरी टांगों को उठा दिया और मेरी चूत में अपना लंड पेलने लगे.

मैं बोली- भैया, आप तो बहुत मस्त मजा देते हो. चूत चाट कर भी और अपने लंड से चुदाई का भी. आपने ये सब कहां से सीखा?
वो बोले- ये सब मैंने तेरी भाभी के कारण सीखा है. वो शहर की रहने वाली है. तेरी भाभी फोन में सेक्स वीडियो देखती है. मैं भी उसकी चुदाई सेक्स वीडियो देख कर ही करता हूं. मैंने ये सब वहीं से सीखा है.

फिर वो तेजी के साथ मेरी चूत में धक्के लगाने लगे. मैं दो मिनट के अंदर ही झड़ने लगी. मगर भैया अभी नहीं रुके. उन्होंने अगले पन्द्रह मिनट तक मेरी चूत को रगड़ा.

और फिर उनका वीर्य निकलने को हुआ तो उन्होंने पूछा कि कहां गिराना है.
मैंने कह दिया- आह्ह .. भैया, मेरी चूत में ही गिरा दो.

उसके बाद भैया ने तीन-चार जोर के धक्के मारे और मेरी चूत में झड़ने लगे. उन्होंने सारा वीर्य मेरी चूत में गिरा दिया. मुझे भैया का लंड लेकर बहुत मजा आया. उस रात भैया ने मेरी चूत दो बार चोदी. फिर अगली सुबह हम दोनों उठे तो मैं काफी फ्रेश फील कर रही थी.

अगले दिन हम दोनों खेत में चले गये. अब तो हमारे बीच में कुछ भी छिपा न रह गया था. भैया ने खेत की कोठरी में जाकर भी मेरी चूत चोदी. उन्होंने वहां पर मेर चूत को चोदा तो मैं जोर जोर से चिल्लाते हुए मजे लेने लगी. जितना मजा खेत में चुदाई करवाने में आया वो घर में नहीं आया.

खेत में चुदाई के दौरान कोई भी आसपास नहीं था. किसी को आवाज भी सुनाई नहीं दे रही थी. मैं जोर से चिल्लाते हुए चूत में लंड को लेती रही. वहां पर भैया ने मेरी गांड भी चोदी. इससे पहले मुझे गांड चुदाई में भी इतना मजा नहीं आया था. मेरा बॉयफ्रेंड भी मेरी गांड चुदाई करने की कोशिश करता है मगर उसके साथ मुझे कभी मजा नहीं आया. भैया ने मेरी भाभी की गांड चुदाई भी बहुत की हुई थी. उनको लड़की की गांड चुदाई का अच्छा अनुभव था. मुझे भैया ने पूरा मजा दिया.

उसके बाद तो जितने दिन तक मैं गांव में रही, भैया के साथ खेत में जाकर अपनी चूत चुदवाती रही. एक बार तो हमने भरी दोपहरी में खुले में चुदाई भी की. उस दिन तो मैं पसीना पसीना हो गई. मगर मजा भी बहुत आया. अब भैया का लंड लेने की आदत सी हो गई थी मुझे. मगर उसके बाद हम लोग अपने घर शहर में आ गये. उसके बाद मुझे भैया का लंड लेने का दोबारा मौका नहीं मिल पाया है.

अगर मुझे भैया के साथ चुदाई का दोबारा मौका मिला तो मैं आप लोगों को जरूर बताऊंगी. अगर आपको मेरी कहानी के बारे में कुछ पूछना है तो मैंने अपनी मेल आइडी नीचे दी हुई है. आप मुझे मैसेज करके पूछ सकते हैं. मुझे इससे अपनी कहानी बताने में भी आसानी होती है. इसलिए मैं आप सब पाठकों से निवेदन करती हूं कि अपना कीमती फीडबैक जरूर दें.

मुझे आप सब की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा. जल्दी ही मैं अपनी अगली कहानी लेकर लौटूंगी.

Saturday, 23 December 2023

गाँव की कुंवारी चुत की वासना

 

जब कुंवारी चुत में वासना की आग लगती है तो वो चुदाई के लिए कुछ भी कर लेती है. ऐसे ही गाँव की एक लड़की को मैंने खेत में सेक्स करते देखा तो …
मेरी ये सेक्स स्टोरी गाँव की एक लड़की की है. उस समय मैंने और मेरे दोस्त ने मिलकर उस लड़की को चोदा था. उसकी कुंवारी चूत में वासना का ज्वाला धधक रही थी.

मेरा नाम रवि है, मेरे दोस्त का नाम सुजन है. जिस लड़की के साथ हम लोगों ने सेक्स किया था, उसका नाम मिष्टी था.

यह बात तब की है, जब मैं अपने दोस्त को सारी बातें बताता था. सुजन भी मुझे सारी बातें बताता था. मैंने और सुजन ने मिलकर अनेकों बार मुठ मारी थी. हम लोगों ने मिलकर कई सेक्सी वीडियो भी देखे थे. जिस समय हम दोनों सेक्स वीडियो देखते थे. तब आपस में शर्त लगा कर मुठ मारते थे कि किसका माल पहले गिरता है.

एक बार जब मैं अपने दोस्त के साथ घूमने जा रहा था, मैं जरा किसी काम से रुक गया और सुजन आगे बढ़ गया. कुछ आगे निकल कर सुजन की नजर खेत पर पड़ी. उसने देखा एक लड़का लड़की खेत में सेक्स कर रहे थे. सुजन ने अपनी जेब से फोन निकालकर उन दोनों की चुदाई करते हुए की फोटो खींच ली. साथ ही उन दोनों की वीडियो भी बना ली.

जब तक मैं अपने दोस्त के पास आ गया. उसने मुझे ये बात बताई.

हम दोनों की आंखें चमक उठीं. हम दोनों वहां पर गए. उन दोनों को धमकाया, तो लड़की ने झट से अपने सारे कपड़े पहन लिए और लड़का कपड़े लेकर भाग गया.

हमने उस लड़की को बताया कि मैंने तुम्हारी फोटो और वीडियो निकाल लिए हैं.
ये सुनकर लड़की डर गई, वह पैर पकड़ने लगी- प्लीज फोटो और वीडियो डिलीट कर दीजिए.

सुजन मेरे कान में बोला- भाई चुत मिल गई.
मैंने मना किया, पर सुजन न माना. उसने मुझे भी राजी कर लिया.

पर मेरा एक उसूल है कि लड़की जब तक राजी न हो, तब तक चोदना नहीं और जब लड़की राजी हो, तो उसे छोड़ना नहीं है.
मैंने सुजन से कहा- इससे मुझे बात करने दो.
सुजन ने मायूस होते हुए सर हां में हिला दिया.

मैंने लड़की से कहा- वह लड़का कौन था?
वह बोली- वो मेरा बीएफ था.
मैंने उससे पूछा- तुम लोग कितनी बार सेक्स कर चुके हो?
उसने कहा- मैं पहली बार कर रही थी.

मैंने कहा- कर रही थी से क्या मतलब है? क्या अभी अन्दर नहीं लिया था?
वो शर्माते हुए बोली- नहीं.
मैंने फिर पूछा- क्या तुम्हारी चुत सीलबंद है?
वो लड़की हंसने लगी. उसने हां में सर हिला दिया.

मैंने लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- हम दोनों से चुदोगी?
वो कुछ नहीं बोली, बस मेरी पेंट में फूलते लंड की तरफ देखने लगी.

सुजन बोल पड़ा- तुम्हारी फोटो एक ही शर्त पर डिलीट करूंगा, तुमको मेरे साथ सेक्स करना पड़ेगा.
लड़की पहले तो मना करने लगी.
मैं बोला- ये फोटो मैं डिलीट करवा दूँगा. हम दोनों किसी की मजबूरी का फायदा नहीं उठाते हैं. हां लेकिन हम दोनों का तुमको चोदने का मन है.
लड़की कहने लगी- प्लीज ये फोटो किसी को मत दिखाना.
ये कह कर वो मुस्कराने लगी.

हम दोनों की खोपड़ी घूम गई कि अभी तो ये बंदी डर रही थी और अब मुस्कुरा रही है.

मैंने उससे मुस्कुराने का कारण पूछा, तो वो खुद से चुदने की बात कहने लगी. वो कहने लगी कि वो लड़का मैंने ही सेक्स के लिए सैट किया था. मुझे उससे कोई लव नहीं था.
मतलब वो हम दोनों से चुदने को मान गई थी.

हम दोनों उसे अपने रूम पर लाए. सुजन कुछ खाने पीने का सामान लेने की कह कर निकल गया.
मैं उस लड़की से बात करने लगा.

कोई दस मिनट बाद सुजन बाहर जाकर कुछ खाने पीने का सामान ले आया. तब तक मैं उस लड़की से काफी बातें कर चुका था.

सुजन कमरे में आते ही उस लड़की को किस करने लगा.
लड़की फिर से सुजन से ड्रामा करने लगी- प्लीज मान जाओ.

मैंने उससे कहा- अभी तो तू चुदने को राजी हो गई थी. अब नाटक कर रही है.
वो हंसने लगी और बोली- इसको छेड़ रही थी. ओके मैं रेडी हूँ, तुम दोनों एक एक करके कर लो.

पहले हम दोनों दोस्त उसके साथ एक साथ सेक्स करने वाले थे. फिर सुजन ने लड़की से कहा कि तुमको सैंडविच सेक्स का मजा भी दे देंगे.
वो समझ ही न सकी कि सैंडविच सेक्स क्या होता है. वो बोली- ठीक है, मैं सैंडविच सेक्स का मजा भी ले लूंगी.

उसने मुझे किस किया. मैंने उसके कपड़े उतार दिए. उसने ऊपर टी-शर्ट पहनी थी, नीचे जींस पैंट पहनी थी.

मैंने उसकी टी-शर्ट और पेंट उतार दी. देखा, वो बहुत सेक्सी माल लग रही थी. उसके बूब्स बहुत बड़े थे. उसका गोरा बदन देख कर हम दोनों के लंड खड़े हो गए.

सुजन ने उसके बूब्स चूसना शुरू कर दिए. उसकी ब्रा के ऊपर से दूसरी तरफ से मैं भी जाकर उसके बूब्स चूसने लगा.

फिर हम लोगों ने उसकी ब्रा पेंटी भी उतार दी और अपने भी सारे कपड़े उतार दिए.

जब मैंने उसकी पेंटी उतारी, तो उसकी चुत के बाल बने हुए थे. उसकी गुलाबी चुत देख कर हम दोनों के लंड एकदम से कड़क हो गए.

अब सुजन ने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया. वो मना करने लगी. पर सुजन न माना. उसने लड़की की एक चूची जोर से मसली, तो लड़की का मुँह खुल गया. उसी समय सुजन ने अपना लंड लड़की के मुँह में दे दिया.

वो लंड चूसने लगी. उसे भी मजा आने लगा. फिर मैंने भी उसे अपना लंड चूसने को कहा. वो मेरे लंड को भी चूसने लगी.

अब सुजन ने अपने लंड और उसकी चुत पर तेल लगाया. मुझे भी तेल दे दिया. मैंने भी अपने लंड पर तेल लगा लिया. फिर सुजन ने उसे चुदाई की पोजीशन में लिटा कर उसकी चुत में लंड डाला, तो वो चिल्ला उठी. उसे दर्द होने लगा. लेकिन सुजन न रुका.

उसके एक दो झटके में ही उस लड़की की चुत से खून आने लगा था. वो रोने लगी- निकाल लो … प्लीज निकाल लो … बहुत दर्द हो रहा है.

मैं जाकर उसे किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा. सुजन थोड़ा रुक गया. जब लड़की का दर्द कम हुआ तो सुजन ने फिर से धीरे धीरे चुदाई शुरू कर दी. अब लौंडिया को भी मजा आने लगा. धकापेल चुदाई होने लगी. कुछ देर बाद वो और सुजन एक साथ झड़ गए.

उसके बाद मैंने उसकी चुत मारी. मेरा लंड बड़ा था. मेरा लंड लेते ही लौंडिया चिल्ला उठी. उसकी आंखों की पुतलियां फ़ैल गई थीं. उसकी आवाज बड़ी मुश्किल से आ पा रही थी ‘अअ उम्म्ह … अहह … हय … ओह … अ ऊ ऊ ऊ.’

कुछ देर बाद से मजा आने लगा. मैंने भी से बीस मिनट तक चोदा और उसकी चुत में ही निकल गया.

इसके बाद हम तीनों ने कुछ देर रुक कर एक दूसरे से बातें की. मैं और सुजन उस लौंडिया की चुचियों से खेलते रहे.

फिर सैंडविच सेक्स की बात शुरू हो गई.

सुजन ने उसकी गांड में तेल लगा कर अपना लंड पेल दिया. वो फिर से चिल्ला उठी. उसकी आवाजें निकलने लगीं. ‘ऊ ऊ उम्म्ह … अहह … हय … ओह … अ..’

इसी बीच मैंने आगे से लंड पेल दिया उसकी सैंडविच चुदाई होने लगी. वो बहुत चिल्ला रही थी. लेकिन बाद में जब हम दोनों ने उसे गोद में उठा कर उसके दोनों छेद एक साथ चोदे, तो उसे लंड झूला मजा देने लगा. अब वो बड़ी मस्ती से चुदवा रही थी.

कुछ देर बाद खेल अपनी समाप्ति पर आ गया था. अब तक हम लोग दो-दो बार झड़ चुके थे. फिर मैंने उसके फोटो और वीडियो डिलीट कर दिए.

आज का खेल खत्म होने पर हम तीनों ने कपड़े पहन कर एक नया फोटो खींच लिया. हम लोगों ने एक दूसरे के साथ दुबारा मिलने की बात पक्की कर ली. लौंडिया हमारे व्यवहार से बड़ी खुश थी.

फिर सुजन ने नाश्ता खोला और हम तीनों ने नाश्ता किया. इसके बाद सुजन उसे छोड़ने चला गया.

उसने जाते समय मुझसे कहा- जब भी तुम लोगों का मन हो, तो मुझे बुला लेना, मैं तुम दोनों के साथ चुदने के लिए राजी हूँ.

वह हम दोनों से पट चुकी थी, उसे भी बहुत मजा आया था. जब सुजन उसे छोड़ने गया, तो उसकी नजर उसकी मां पर पड़ी. लौंडिया की मम्मी के मम्मे बहुत बड़े बड़े थे. उसकी मम्मी भी बहुत सेक्सी माल लग रही थी. सुजन का मन मचल गया.

जब वह मेरे पास वापस आया, तो चुपके से उसकी मम्मी की फोटो खींचकर लाया था. वो बोला- देख … कितनी कट्टो माल है.
मैंने पूछा- कौन है?
वो बोला- अभी जिस लड़की को चोदा है ना, ये उसकी मां है.
मैंने पूछा- तो इसकी फोटो क्यों खींच कर लाया?
वो बोला- इसको भी चोदेंगे.
मैं बोला- कैसे चोदेंगे?
उसने कहा- तू टेंशन मत ले … मैं तुझे इसे सैट करने के बाद में बताऊंगा.

अब हम दोनों लौंडिया की मम्मी पर नजर गड़ाए हुए थे. कुछ दिन तक उसकी मम्मी की जानकारी की, उसका कोई आशिक भी नहीं था. उसका पति भी खूब मालदार था … लेकिन शरीर से मरियल था.

एक दिन सुजन बोला कि आज उस लड़की को फिर से चोदा जाए.
मैंने कहा- हां वो तो खुद कह कर गई थी कि जब चाहो तब बुला लेना. लेकिन उसकी मम्मी का क्या हुआ?
सुजन बोला- अभी उसकी मम्मी सैट नहीं हुई है, आज उसकी मां नहीं, तो वही फिर से सही.

मैंने और सुजन ने उस लड़की से बात की. सुजन ने कहा कि आज रूम पर आ जाना.
वह मना करने लगी- अभी नहीं, बाद में आती हूं … आज दिन में मुझे बहुत काम है.

वो अपने हाथ में फोन लिए थी. उसे देख कर सुजन बोला- मिष्टी, यह फोन किसका है?
मिष्टी- यह फोन मेरा है?

फिर हमने उसका नंबर ले लिया.

उसने मिष्टी से कहा कि मैं तुम्हें मिस कॉल कर रहा हूं. मेरे नम्बर पर कॉल करके बता देना कि कब आ रही हो. लेकिन जल्दी आना.
वो हां कह कर चली गई.

शाम को जब मेरे पास फोन आया- तुम लोग मेरे घर आ जाओ.
मैंने उसके घर आने के कारण पूछा.

तो मिष्टी ने कहा- इसलिए क्योंकि आज मैं घर पर अकेली हूँ. मेरे मम्मी पापा शाम को मेरे लिए लड़का देखने जा रहे हैं. वो लोग दूसरे दिन वापस आएंगे. तुम लोग रात के 10:00 बजे के बाद आ जाना.
मैंने कहा- ठीक है.

मैंने सुजन को फोन लगाया और कहा कि मिष्टी का फोन आया था. वो आज रात को अपने घर बुला रही है.
सुजन ने भी ओके कह दिया. वो कुछ देर बाद मेरे घर आ गया. फिर हम लोग शाम का इंतजार करने लगे. रात को 9:30 बजे हम अपने घर से उसके घर के लिए जाने लगे.

मैंने एक बार फिर से मिष्टी को कॉल किया- हम लोग आ रहे हैं.
मिष्टी- हां आ जाओ.

हम दोनों मिष्टी के घर पहुंचे. मिष्टी ने दरवाजा खुला रखा था. हम दोनों इधर उधर नजर बचाते हुए अन्दर आए, तो देखा कि मिष्टी बहुत ही सुंदर कपड़ों में सामने खड़ी थी.

हम लोग अन्दर आ कर बैठ गए. उसने खाना लगाया और हम तीनों लोगों ने खाना खाया.

इसके बाद हम तीनों उसकी मम्मी के बेडरूम में आ गए. उस कमरे में उसकी मम्मी की कई सारी फोटो लगी थीं. फोटो देखकर सुजन का मन चंचल हो गया.

सुजन ने मिष्टी को किस किया. मैं पीछे से जाकर उसके कपड़े उतारने लगा. फिर हम लोगों ने उसे देखा, तो ऐसा लगा कि खुद हम लोगों से ज्यादा जल्दी से चुदने की पड़ी थी.

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मिष्टी खुद हम दोनों को दिखा दिखा कर अपनी चूत सहला रही थी, उँगलियों से खोल खोल कर अंदर का गुलाबी भाग दिखा रही थी, हमें ललचा रही थी.

हम दोनों ने उसके मुँह में अपने लंड दे दिए. उसका मुँह छोटा था, तो लंड एक साथ नहीं जा रहे थे. वो हम दोनों के लंड एक एक करके चूस रही थी.

हम लोगों ने उसे लिटा कर खूब चूमा. वो एकदम गर्म हो गई थी.
मैं बोला- एक एक करके लोगी या एक साथ?
वो बोली- एक साथ लूंगी.

हम दोनों ने एक साथ उसके दोनों छेदों में लंड पेले … और उसे गोद में उठा कर खूब चोदा. एक बार की चुदाई के बाद एक एक बार अलग अलग करके भी उसको चोदा. फिर हम तीनों नंगे ही लिपट कर सो गए.

सुबह 4:00 बजे उठकर सुजन उसकी चुत में फिर से लंड पेला, तो वो फिर से गांड उठा उठा कर मजा देने लगी.

उसके बाद मैंने भी मिष्टी को चोदा और उससे कहा- मिष्टी, मुझे तुमसे एक बात कहनी है.
मिष्टी बोली- क्या?
मैंने कहा- हम दोनों को तुम्हारी मम्मी बड़ी मस्त लग रही हैं. यदि हम दोनों उनकी चुदाई करें, तो तुमको कोई ऐतराज तो नहीं होगा?

पहले तो मिष्टी चुप रही, फिर बोली- मुझे कोई दिक्कत नहीं है बल्कि मैं खुद तुम दोनों की इस काम में मदद करूंगी.
उसके मुँह से ये बात सुनकर हम दोनों खुश हो गए.
फिर हम दोनों उसके घर से आ गए.

इसके बाद अगले भाग में मिष्टी ने हम दोनों की किस तरह मदद करके अपनी मम्मी के साथ एक ही बिस्तर पर फोरसम चुदाई का मजा दिया. मिष्टी की मम्मी लंड की बड़ी भूखी निकली. उन्होंने हम दोनों दोस्तों से खूब मजा लेकर चुदवाया. यह कहानी मैं आपको अगले भाग में लिखूंगा.

आप सभी को गाँव की कुंवारी चुत की वासना की कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल करें.

Friday, 22 December 2023

मेरी मस्त सलहज की चुदाई-1

 

रिश्तों में चुदाई की रियल सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरी बीवी की तबियत खराब होने पर मेरी सलहज हमारे घर रहने आई तो मैंने उसे पटा के कैसे चोदा.

सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! मैं राजस्थान के छोटे से शहर अलवर का रहने वाला हूं. मैं अपना परिचय दे देता हूँ. मेरा नाम संजय है और मैं एक बैंक में प्रबंधक हूँ. अभी मेरी पोस्टिंग हरियाणा के गुड़गांव में है.

मेरी लंबाई छह फुट एक इंच और मेरा वजन 80 किलो है. मेरा लंड छह इंच लम्बा है और ढाई इंच मोटा है. मेरी बहुत सारी महिला मित्र रही हैं पर मैं किसी के साथ संबंध बनाने में थोड़ा धैर्य रखता हूं. जब तक सामने से कोई लड़की या महिला मुझसे चुदने का इशारा नहीं कर देती है, तब तक मैं चुदाई की सोचता भी नहीं हूँ.

इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अपनी तरफ से कुछ भी शुरुआत नहीं करता हूँ. मैंने अब तक लड़कियों के साथ संबंध बनाए हैं. मगर अपने नियम के अनुसार ही लड़की की चुदाई की है.

ये सच्ची कहानी कुछ समय पहले की है, जब मेरी साले की शादी होने वाली थी. मेरा साला एक सरकारी नौकरी में है और उसके लिए एक अच्छी सी लड़की ढूंढी जा रही थी. यह जिम्मेदारी मुझे दी गई थी.

एक बार मैं और मेरा साला, एक लड़की देखने के लिए गए. ये लड़की मुझे देखते ही पसंद आ गई. उस समय मेरे मन में उसको लेकर ऐसा कोई विचार नहीं था कि कभी इसे चोद सकूंगा.

वो लड़की बहुत ही सुंदर थी. उसका नाम काव्या था. उसका फिगर भी बड़ा मस्त था. उस टाइम उसकी उम्र करीब 25 साल की रही होगी. मेरे साले को काव्या पसंद आ गई और कुछ ही समय बाद उन दोनों की शादी हो गई.

शादी में काव्या एक मस्त पटाखा माल लग रही थी. उस दिन शादी की मस्ती में मैंने ड्रिंक की हुई थी. हल्के शुरुर में मेरा मन कर रहा था कि काश किसी दिन इस लड़की को अपने नीचे लिटा कर चोद लूं.

यहां मैं आपको बता दूं कि काव्या एक खुले विचारों की पढ़ी-लिखी लड़की थी, जिसको लेकर मुझे ये समझ आ गया था कि यदि पट गई, तो इसको चोदने में ज्यादा देर नहीं लगेगी.

मेरे साले की शादी के कुछ दिन बाद एक बार मेरी पत्नी की तबीयत कुछ खराब हो गई. मेरी वाइफ को डॉक्टर ने पूर्ण विश्राम बताया था, इस वजह से वह कुछ काम नहीं कर पाती थी.
मेरी पत्नी ने अपनी मम्मी से बात की और मेरी साले की पत्नी को मेरे यहां बुलवा लिया.

काव्या बहुत ही खुश मिजाज प्यारी सी लड़की थी. सारा काम मेरे साले की पत्नी करती थी. ऐसे ही रसोई में काम करते करते कभी कभी मैं उससे मजाक कर लिया करता था और उसकी तारीफ कर दिया करता था.

एक बार मैंने उसकी तारीफ की और बोला- तुम बहुत खूबसूरत हो और मुझे लंबी लड़कियां पसंद हैं.
वह थोड़ी शर्मा गई और मुझे देख कर मुस्कुरा दी.

मैं ऊपर अपने बारे में बताते समय एक बात बताना भूल गया था कि मैं करीबन 6 फीट लंबा हूं, पर मेरी वाइफ की हाइट करीब 5 फुट 1 इंच है.

इसी बात को लेकर मेरे साले की वाइफ ने मुझसे पूछा- जीजाजी, अगर आपको लंबी लड़कियां पसंद हैं, तो आपने दीदी से शादी क्यों की?
उसकी बात का मैंने कोई जवाब नहीं दिया. बस यूं ही हंस कर रह गया.

फिर एक दिन अचानक वह रसोई में कुछ काम कर रही थी और मैं रसोई में पानी लेने के लिए गया.

वह अचानक से डर गई और मुझसे बोली- जीजा जी, आपने तो मुझे डरा ही दिया.
मैंने भी मजाक में बोल दिया- मुझसे डरने की क्या जरूरत है.
उसने मुझे बोला- क्यों … आप इतने लंबे तगड़े आदमी हो … आपसे तो डर लगेगा ही.
मैंने फिर से छेड़ते हुए बोला- तगड़ा मतलब?
इस बात पर वो चुप हो गई.

मैंने उससे फिर से पूछा- बोलो ना तगड़ा मतलब क्या?
उसने बताया- दीदी बता रही थी कि आप बहुत रोमांटिक हो और जब दीदी ठीक थीं, तो आप उनको बहुत परेशान करते थे.
मैंने मुस्कुरा कर पूछा- क्यों तुमको मेरे साले साहब परेशान नहीं करते हैं क्या?

वो शर्म से लाल हो गई और उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया.

मैंने भी उससे अब इस तरह की चुहलबाजी शुरू कर दी थी. वो भी मुझसे खुलने लगी थी.

इस तरह बातें करते हुए मेरी और मेरे साले की वाइफ की अच्छी दोस्ती हो गई.

एक दिन मेरी पत्नी डॉक्टर के यहां गई थी. मैं हाफ-डे में ही ऑफिस से घर आ गया. काव्या ने दरवाजा खोला और मुझे देख कर वो मेरे लिए पानी का गिलास ले आई.
मैंने उसको बोला- वाह मैडम, आज तो तुम कुछ ज्यादा ही ब्यूटीफुल लग रही हो.
उसने भी मुझे रिप्लाई किया- अच्छा … घर पर दीदी नहीं है … तो जनाब का इरादा कुछ अलग दिख रहा है.
मैंने उसको बोला- इरादा का तो बहुत कुछ है … जिस दिन से तुमको देखा था … इरादे तो मेरे उसी दिन बन गए थे, पर मैं कभी किसी लड़की के साथ जबरदस्ती नहीं करता हूँ. इसलिए इंतजार कर रहा था कि अगर तुम मेरी किस्मत में हुई, तो इरादा भी बता दूंगा.

इससे वह थोड़ी शरमा गई. उसने मेरी बात का कोई उत्तर नहीं दिया. मगर हम दोनों में अब और भी खुल कर मजाक होने लगा था. वो मेरे सामने ही अपनी साड़ी के आंचल को ढलका देती थी, जिससे मुझे उसके नुकीली उभार दिखने लगते थे.

मैं भी उस मौके पर उसे टोक देता था कि आज तो छटा बिखर रही है.

वो तब भी अपने पल्लू को ठीक नहीं करती थी, बल्कि मुझे और भी झुक कर अपने मम्मों के दीदार करवाने लगती थी.

उसकी लालसा अब जोर पकड़ने लगी थी, ऐसा मुझे लगने लगा था. मैं भी लंड सहला कर से अपनी चुदास से रूबरू करवाने लगा था. इस तरह एक-दो हफ्ते बीत गए और हम दोनों की छेड़खानी चलती रही.

एक दिन उसने मुझसे बातों ही बातों में पूछा- आपको मुझमें क्या अच्छा लगता है?
मेरे मुँह से निकल गया- तुम्हारी चूचियां.
इससे वो एकदम जोर से हंसते हुए बोली- बड़े गंदे हो आप!
मैंने उसको बोला- तुमने अभी गंदापन देखा ही कहां है.
उसने तुरंत उत्तर दिया- मैं तो कब से वेट कर रही हूं.

बस फिर क्या था … मैंने उसे बांहों में भर लिया और उसके गालों पर किस कर दी. उसने भी मेरा साथ दिया और मेरे गले लग गई.

फिर अचानक से काव्या बोली- अभी नहीं जीजाजी … आज रात को मैं आपके कमरे में आऊंगी.
मैंने उसके दूध दबाते हुए कहा- ठीक है मेरी जान … मुझे इन्तजार रहेगा.

मैं उससे अलग होकर अपने कमरे में जाकर लेट गया.

यहां पर मैं उसका फिगर आपको बता देता हूं. उसकी लंबाई 5 फुट 5 इंच उसकी चूचियां ज्यादा बड़ी नहीं हैं, पर एकदम ठोस और नुकीली हैं. उसकी गांड एकदम उठी हुई है.

उसकी चुदाई के बारे में सोच सोच कर मैंने एक बार मुट्ठ मारी और उसका इंतजार करते करते ही सो गया.

अचानक रात को 3:00 बजे के आसपास मुझे मेरे बेड पर कोई साया नजर आया मैं समझ गया कि वही आई है. वो जैसे ही करीब आई, तो मैं देख कर दंग रह गया. उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था. वो आते ही मुझसे लिपट गई और मुझे बेतहाशा चूमने लगी.

मैंने भी उसका साथ दिया और कुछ देर चुम्मा चाटी के बाद मैंने उसको अलग करके पूछा- इतनी देर से क्यों?
उसने बोला- दीदी, अभी सोई नहीं थी. उनको रात में नींद नहीं आ रही थी.
मैंने कहा- कोई बात नहीं.

मैंने उसके लबों को चूस लिया. उसने जोरदार सिसकारियां लीं.

बस अब क्या था … मैं धीरे से उसके ऊपर आ गया और उसकी चूचियां दबाने लगा. मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा था कि जिस लड़की को पहली बार देखते हुए मेरे मन में उसकी चुदाई का ख्याल आया था, वह आज मेरे लंड के नीचे थी.

मैंने उससे पूछा- तुम मेरे बारे में क्या सोचती हो.
उसने कहा- दीदी ने बहुत बार बताया था कि जब आप दीदी की चुदाई करते हो … तो बहुत दबाकर करते हो. इसलिए जब जब दीदी बताती थीं कि आप उनको मसल कर रख देते हो, तो मेरे मन में भी आता था कि काश मेरी भी चुदाई ऐसी ही हो. इसीलिए मैं आपके साथ चुदाई के सपने देखती थी.

उसकी चुदास समझ कर मैंने उसकी चुचियों को पीना शुरू कर दिया. हम दोनों एक दूसरे में खो गए और मैंने उसके टांगें चौड़ी करके लंड उसकी योनि पर रख दिया.

मेरा लंड सही जगह नहीं लगा था और उसको बहुत जल्दी थी. उसने फटाफट अपने हाथ से लंड को चुत पर लगाया और बोली- हां अब डाल दो.

Salhaj ki Chudai
Salhaj ki Chudai

मैंने भी एक ही धक्के में पूरा लंड अन्दर पेल दिया. उसकी शादी को छह-सात महीने हो गए थे, तो मेरा लंड एक ही बार में घुसता चला गया.

लेकिन लंड घुसते ही वो जोर से चिल्ला पड़ी. उसकी आंखों से पानी आ गया.
मैंने उससे पूछा- तुमने तो पहले भी किया होगा … इतना दर्द कैसे हुआ?
वह बोली- आपके साले का लंड छोटा सा है और पतला भी है. आपने जान निकाल दी.

मेरे लंड की लम्बाई छह इंच लंबी और ढाई इंच मोटी है … जिससे उसको लंड लेने में दर्द हुआ.

मैंने लंड आगे पीछे करना शुरू किया, तो वो दर्द से करहाने लगी. मैंने उसकी चिल्लपौं पर कोई ध्यान नहीं दिया और उसे रगड़ रगड़ कर चोदने लगा.

करीबन 15 मिनट की चुदाई में काव्य दो बार झड़ गई थी. उसने मुझसे बोला कि प्लीज अब छोड़ दो … दीदी उठ जाएगी.
मैंने भी उसकी बात मान ली और अपना पानी उसकी चुत में छोड़ दिया.

वो जल्दी से उठकर बाहर बने वॉशरूम में चली गई. उसके जाते ही मैं सो गया.

दोस्तो, यह थी मेरी सलहज काव्या के साथ पहली मस्त चुदाई की सत्य कहानी!

आशा करता हूं आपको मेरी रिश्तों में चुदाई की ट्रू सेक्स स्टोरी पसंद आई होगी. चूंकि यह मेरी पहली कहानी है और मैं बहुत दिन से सोच रहा था कि आपके सामने अपनी कहानी प्रस्तुत करूं. मैं आशा करता हूं कि मेरी सलहज की चुदाई की पहली सच्ची सेक्स स्टोरी में आपको मजा आया होगा.

इधर एक बात और बता दूं कि मेरी सलहज काव्या करीबन 6 महीने हमारे यहां रही और इन 6 महीनों में मैंने कैसे कैसे उसको मन भर चोदा … यह मैं अपनी अगली कहानियों में लिखूंगा.

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