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Tuesday, 3 December 2024

चालू मौसी की मस्त चुदाई

 मैं एक चोदू लड़का हूं, मुझे तो बस चूत चाहिए चाहे वह किसी की भी हो.

मेरी मौसी का नाम वंदना है.
उनकी उम्र 24 साल है लेकिन अभी तक उनकी शादी नहीं हुई है. उनका साइज 34-28-36 का है.
मैंने मौसी को याद करके बहुत बार मुठ मारी थी.

शायद उस दिनों मेरी किस्मत काफी मेहरबान थी.
वे अकेली ही लखनऊ घूमने आई थीं और मैं भी अकेला था.

हमारे बड़े मामा लखनऊ में एक बड़ा सा प्लाट लिए हुए हैं, उसके चारों तरफ बाउंड्री बना कर बीच में दो कमरे का घर बनाया हुआ है. बाकी की खाली जगह में हम लोग सब्जी लगा कर छोड़ देते हैं.

मैं अकेले ही उसी घर में रह कर अपनी पढ़ाई कर रहा था.
जब मौसी आईं तो मैं उन्हें देख कर बहुत खुश हुआ.

मौसी एक हफ्ते तक रुकने वाली थीं.
मैंने तो मन बना लिया था कि यहां से उन्हें चोदे बिना जाने नहीं दूंगा.

रात को खाना खाने के बाद हम लोग बाहर बैठ कर बातें करने लगे.

बात करने के बीच में, मैं बार बार उनकी चूचियों को निहारे जा रहा था.
उस वक्त मौसी सफेद कुर्ती और लाल कलर की लैगी पहनी हुई थीं.
शायद वे मेरे अन्दर चल रही भावनाओं को समझ गई थीं.

मौसी मुस्कुराती हुई बोलीं- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैं कामुकता में खो गया था, उनकी चूचियों को देखते हुए बोला- आप बहुत खूबसूरत हो.
मेरी बात सुन कर वे एक बार फिर से मुस्कुराती हुई बोलीं- आखिर इरादा क्या है?

इतना बोल कर अब वे भी मुझे कामुक नजरों से देखती हुई कमरे के अन्दर जाने लगीं.
मैं समझ गया कि मौसी भी मुझसे चुदवाना चाहती हैं.
मैं भी उनके पीछे पीछे जाने लगा.

जैसे ही वे कमरे के अन्दर घुसीं, मैं उनकी कमर को पकड़ कर उन्हें दीवार से चिपकाते हुए बोला- इरादा तो आप से बहुत प्यार करने का है!
वे एक लंबी सास लेती हुई मुस्करा कर बोलीं- सिर्फ प्यार करने का या और कुछ?

मुझे अपने कान पर यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी मौसी इतनी बड़ी छिनाल हैं कि इतनी जल्दी लंड लेने के लिए राजी हो जाएंगी.
मैंने बोला- आपकी इजाज़त हो और भी कुछ कर सकता हूं.

उफ्फ … उनके बदन की गर्मी से ही मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मेरे कड़क होते लौड़े का अहसास पाते ही मौसी हंसती हुई बोलीं- साले, तू इतना बड़ा हो गया है कि अपनी मौसी की ही लेना चाहता है!

अब बात साफ हो गई थी.
तो मैं बोला- प्लीज मौसी, एक बार देकर तो देखो, आपको जन्नत की सैर न करा दूं तो कहना!

उन्हें भी चुदवाने का मन था इसलिए वे भी कुछ नहीं बोल रही थीं.

मेरी बात के उत्तर में उन्होंने अपनी नजरों को नीचे झुका लिया.

मैंने समझ लिया कि झंडी हरी हो गई है.
तो ज्यादा देर न करते हुए मैंने अपने होंठ उनके लाल गुलाबी होंठों पर रख दिए और बेताबी से चूसने चूमने लगा.

वे दीवार में अपनी गांड चिपकाई हुई थीं और मेरे दोनों हाथ उनकी कमर पर थे.
जबकि उन्होंने अपने हाथ नीचे किए हुए थे और वे बिल्कुल सावधान की मुद्रा में खड़ी थीं.

पहले तो उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, फिर वे धीरे धीरे अपने होंठ चलाने लगीं.
हम दोनों की गर्म सांसें एक दूसरे को धीरे धीरे बेकाबू किए जा रही थीं.

दो मिनट तक होंठ चूसने के मौसी अपना मुँह थोड़ी दूर करती हुई बोलीं- किसी को पता तो नहीं चलेगा न!
मैंने न में अपना सर हिला दिया.

उन्होंने झट से अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ते हुए जोर जोर से किस करना चालू कर दिया.
वे बड़ी प्यासी लग रही थीं.

मैं भी अपने दोनों हाथों को उनके चूतड़ों पर रख कर दबाते हुए किस करने लगा.
हम दोनों बिल्कुल एक कपल की तरह एक दूसरे को चूसे जा रहे थे.

मैं उन्हें किस करते हुए उनकी लैगी के अन्दर हाथ डाल कर उनकी गांड को सहलाने लगा.
उनके मुँह से गर्म सिसकारियां निकलने लगीं- आह आह … आईई आईईईई सईई सीईई!

अब मेरा लंड उफान मारने लगा था और मैं उन्हें जल्दी से जल्दी चोद देना चाहता था.
मैं किस करते हुए उनकी लैगी को नीचे सरकाने लगा.
मौसी ने मेरा हाथ पकड़ लिया.

मैंने कहा- क्या हुआ मौसी?
मौसी ने कहा- इसे निकालने से पहले आह … एक शर्त है मेरी!

मैं- उम्म … आपकी की सारी शर्त मंजूर है.

वे क्यूट सा फेस बनाती हुई बोलीं- तुझे मेरी चूत चाटनी पड़ेगी.
उनके चूचियों को मसलते हुए मैंने कहा- ना भी बोलतीं, तब भी मैं चाटता.

अपनी चूचियों से मेरा हाथ हटाती हुई अपनी गांड पर रखवा कर मौसी बोलीं- तब देर किस बात की है … मेरे राजा … खोल दे … मैं तो कब से उतावली होती जा रही हूँ अपनी चूत चटवाने के लिए!

मैं घुटनों के बल बैठ कर धीरे धीरे लैगी सरकाने लगा.
लैगी के अन्दर मौसी की पिंक कलर की डिज़ाइनर पैंटी और पैंटी से आती उनकी चूत की खुशबू … आह … मन पागल हो रहा था.

मैं अपने हाथों से धीरे धीरे चूत को सहलाते हुए पैंटी के ऊपर से ही किस करने लगा.
मौसी भी अपने होंठों को दांतों से चबाती हुई अपनी उत्तेजना जाहिर कर रही थीं और उनकी मादक सी आवाज मुझे मदहोश कर रही थी.

उसके बाद मैंने उनकी लैगी और पैंटी को घुटनों तक सरका दिया.

आअह … क्या चूत थी मौसी की!
हल्के भूरे रंग की चूत पर एक भी बाल नहीं था … बिल्कुल सफाचट पकौड़ी सी फूली हुई मुनिया थी.

मैंने झट से अपने मुँह को उनकी चूत पर रखा तो उनके मुँह से ‘आह …’ की आवाज निकल गयी.
मौसी ने जोर से मेरे बालों को पकड़ लिया.
वे पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं और मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी थीं.

मैंने अपनी जीभ को मौसी की चूत पर रगड़ा तो मौसी ने सिसकारी भरी- आई ईईई … सीईईई.
पहले मैंने जीभ को चूत के चारों ओर घुमाया, फिर चूत को चाटने लगा.

मौसी उत्तेजना में कांपने लगीं और तड़पने लगीं- आह … अक्की आह … आई … सीईई …
उनकी कामुक आवाजें निकलने लगीं.

मैं मौसी की चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा और सारे कमरे में सुड़प सुड़प की आवाज गूँजने लगी.

मौसी लगातार सिसकारियां भरे जा रही थीं.
फिर मैंने मौसी की चूत के दाने को अपने दांतों से पकड़ लिया और उसे अपनी जीभ से रगड़ने लगा.

मौसी चिल्लाईं और मुझे गाली देने लगीं- ओह रंडी के चोदे … साले भोसड़ी के आईईई मार डालेगा क्या … अहह …!

मैं मौसी के दाने को बेरहमी से चाटने लगा, मौसी मछली की तरह तड़पने लगीं और अपने मुँह को इधर उधर घुमाने लगीं.

करीब 5 मिनट बाद मौसी मुझसे बोलीं- अब तो छोड़ दे साले, मैं झड़ने वाली हूँ!
मैं उनकी बात को अनसुना करते हुए, उनके चूत के दाने को होंठों से चबाते हुए खींचने लगा.

थोड़ी ही देर में मौसी ने अपनी गांड उठाई और मेरे मुँह को कस कर चूत पर दबाने लगीं- आह … आह … आईईईई … सीईई … सीईई!
और वे झड़ने लगीं.

मैं मौसी की चूत का सारा पानी गट गट करके पी गया और पूछा- मजा आया मौसी, चूत चटाई में?
मौसी ने आह भरते हुए कहा- हां इसमें मुझे बहुत मजा आया … आज पहली बार किसी ने मेरी ऐसी चूत चाटी है. सच में जन्नत का मजा आ गया.

फिर उन्होंने मुझे खड़ा करने की कोशिश की, तो मैं उठ गया.
उधर मौसी अपनी लैगी और पैंटी पहनती हुई बोलीं- अब मेरी बारी, चल मैं तुझे अपनी जन्नत की सैर करवाती हूं.

उन्होंने किस करते हुए वहीं मुझे बगल के सोफे पर पटक दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर रंडी की तरह मेरे होंठों को चूमने लगीं.

मेरा लंड बिल्कुल उनकी लैगी के नीचे था.
मैं दोनों हाथों से उनकी गांड पकड़ कर उनको अपने लंड से रगड़ने लगा.
वे खुद भी अपनी चूत मेरे लौड़े पर घिसने लगीं.

धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के सारे कपड़े को उतार कर फेंक दिए.
अब मौसी सिर्फ पैंटी और ब्रा में थी और मैं नेकर में.

मुझे होंठों से मेरे सीने तक किस करती हुए मौसी नीचे सरकती गईं और मेरे नेकर तक आ गईं.
मौसी ने धीरे से अपने दांतों से दबा कर मेरी नेकर को निकाल दिया.

नेकर से बाहर निकलते ही मेरा लंड सांप की तरह फनफनाता हुआ खड़ा हो गया.
मौसी लंड देख कर बोलीं- हाय दैया इतना लंबा और इतना मोटा लंड … आज तो मजा आ जाएगा, अगर ये मेरी चूत में घुस गया तो मेरी चूत के दो टुकड़े कर देगा!
यह बोलते हुए उन्होंने सीधा मेरा लौड़ा अपने मुँह में भर लिया और आईसक्रीम की तरह सुड़प सुड़प करके चूसने लगीं.

मुझे बहुत मजा आ रहा था.
‘अहह उफ्फ!’

मैं बोलने लगा- उफ्फ मौसी … और जोर से चूसो … उफ्फ … यार बहुत मस्त चूसती हो तुम!

वे भी गप्प गप्प करके लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगीं.
उनके थूक से मेरा लौड़ा गीला होकर और भी टाइट हो गया.

जोश में मैंने 2-3 झटके मार कर पूरा लौड़ा उनके मुँह में घुसेड़ा, तो वे खाँसने लगीं.

मेरा लंड मुँह से बाहर निकालती हुई बोलीं- मन तो पूरा खा जाने का है लेकिन अभी चूत में आग लग गई है … पहले जल्दी से मुझे एक बाद चोद दो.

मैं भी उनकी चूत में अपना लंड डालने के लिए पागल हुआ जा था.
मैंने तुरंत मौसी को लिटाया और उनकी टांगों के बीच बैठ कर दोनों टांगों को खोल दिया.

उनकी चुत लपलप कर रही थी, तो मैंने एक ही झटके में उनकी पैंटी को निकाल कर फेंक दिया.
मौसी की चूत गीली हो चुकी थी.

मैंने अपना लंड मौसी की चूत पर रखा और रगड़ने लगा.
मौसी बेचैन होने लगीं और बोलीं- अक्की डाल दे जल्दी से!

मैं लंड चूत के छेद के पास ले गया और अपने टोपे को चूत पर जमा कर एक तेज धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड मौसी की चूत में घुसता चला गया.

मौसी बहुत तेज चिल्लाईं- आईईईई … मर गई भोसड़ी के … रंडी के जने कुत्ते … निकाल इस लंड को बाहर!

मैं रूका और मौसी के होंठों को चूमने लगा.
थोड़ी देर बाद मौसी शांत हो गईं.

मैं अपना लंड आगे पीछे करने लगा.
जैसे ही वे थोड़ी संयत हुईं, मैंने एक और जोर से धक्का मारा. इस बार मेरा पूरा लंड मौसी की चूत में समा गया.

मौसी ने अपनी सांसें रोक लीं और दांत भींच कर तड़पने लगीं.
वे मुझे धक्का देने लगीं, लेकिन मैंने मौसी को कसके पकड़ रखा था.

थोड़ी देर बाद मौसी जोर जोर से रोने लगीं और कहने लगीं- निकाल ले रंडी के चोदे अपना लंड … फाड़ दी इसने मेरी चूत … आई ईईई…!

मैं मौसी के ऊपर लेटा रहा और मौसी की चुच्ची को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा, उनकी गर्दन को चूमने लगा.

करीब एक मिनट बाद मौसी शांत होने लगीं और मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
मेरा लंड चूत में बिल्कुल कसा हुआ अन्दर जा रहा था.

थोड़ी देर बाद मेरे लंड ने चूत में जगह बना ली और लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा.

अब मौसी को भी चुदने में मजा आने लगा और वे अपनी गांड उठाती हुई कहने लगीं- अक्की, जोर जोर से चोद मुझे … फाड़ दे मेरी चूत को … आह!
मैं मौसी की चूत में तेज तेज धक्के मारने लगा.
मौसी भी नीचे से अपनी गांड को उठा उठा कर मेरे धक्कों का साथ देने लगीं.

पांच मिनट बाद ही मौसी ने मुझे जकड़ लिया और कहने लगीं- अक्की जल्दी जल्दी धक्के दे … मेरी चूत फाड़ दे. मेरी चूत झड़ने वाली है!

मैंने अपने धक्कों की गति और तेज कर दी.

तभी मौसी नीचे से धक्के मारती हुई एकदम चिल्लाईं- आईई … ईई मर गई.

करीब 10 मिनट बाद मौसी बोलीं- अक्की, अब दूसरी पोजीशन में चोदो.

मैंने तुरंत चूत से लंड निकाला और मौसी को उलटा लेटा दिया.
उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिससे उनकी गांड ऊपर की तरफ़ उठ गई.

फिर उनकी चूत के छेद पर अपना लंड रख कर मैंने एक ही धक्के में अपना पूरा लंड चूत में उतार दिया और धक्के मारने लगा.

मैंने मौसी के बाल पकड़े और घोड़े की तरह धक्के लगाने लगा.

मौसी ‘आह … आह …’ करती रहीं और कहने लगीं- अक्की तू तो खिलाड़ी निकला … और तेज तेज चोद मेरी चूत को … आज इसका भोसड़ा बना दे.

मैं मौसी को लगातार चोदता रहा.

थोड़ी ही देर में मौसी कांपने लगीं और ‘आह … आह … करके झड़ने लगीं. मौसी का पानी हॉट पुसी से बाहर टपकने लगा.

करीब 5 मिनट बाद मैं बोला- मौसी, मैं झड़ने वाला हूँ, रस कहां निकालूँ?
मौसी बोलीं- अपने लंड की धार मेरी चूत में ही छोड़ दे, कई दिनों से मेरी चूत प्यासी है … आज अपने वीर्य से इसकी प्यास बुझा दे.

मेरा वीर्य आने लगा, मैं मौसी की चूत में तेज तेज धक्के बजाने लगा.
मेरे धक्कों से मौसी पूरी मचल रही थीं.

मैं झटके मार कर चूत में झड़ने लगा.
मेरे वीर्य से मौसी की चूत की गुल्लक भर गई.
मैं निढाल होकर लेट गया.

मौसी मेरे बगल में अपना एक पैर मेरे ऊपर रख कर लेट गईं.

हम दोनों काफी थक गए थे और पसीने से भीगे हुए तेज तेज हांफ रहे थे.

मैंने पूछा- कैसा लगा?
मौसी- बहुत मजा आया. भाभी ने सच ही कहा था कि तू मस्त चोदता है.
मैं चौंकते हुए- मतलब!

मौसी मुस्कुराती हुई बोलीं- साले, तुझे क्या लगता है, तू मुझे पटा कर चोद रहा था. अरे राजा … मैं खुद तुमसे चुदने आई थी.
फिर मेरे बालों को सहलाते हुए बोलीं- यार … जब से भाभी ने मुझे बताया ना कि उस रात वह तुमसे कैसे चुदी थी. तब से मैं तुम से चुदने के लिए बेताब थी. इसलिए छुट्टियों का बहाना बना कर एक हफ्ते के लिए तेरे पास आ गई, बिल्कुल अच्छे से चुदने के लिए. बस मुझे यह नहीं पता था कि तुम भी मुझे चोदने के लिए बेताब हो.

(आपको बता दूँ कि मैंने अपनी मामी को चोद कर पहले सेक्स का मजा लिया था.)

उनकी बातों को सुन कर मैं उनकी गांड को सहलाते हुए बोला- पता नहीं था कि तुम इतनी बड़ी रंडी हो. नहीं तो कब का चोद दिया होता!
मौसी- बेटा, तुमने अभी मेरा रंडीपना देखा कहां है!

मैं- तो दिखा ही दो कि तुम कितनी बड़ी रंडी हो?
मेरी इतनी बात सुनते ही मौसी उठीं और मेरे मुँह पर बैठ गईं.

उनकी चूत मेरे मुँह पर आ गई और मैं मौसी की चूत को चाटने लगा.

मौसी सिसकारी भरने लगीं- आह … आह …
अपने बालों में हाथों को फंसाती हुई मौसी उत्तेजित होने लगीं और अपनी हॉट पुसी को मेरे पूरे मुँह पर रगड़ने लगीं.

वे तेज तेज आगे पीछे करती हुई चूत घिसने लगीं.
मैंने अपनी जीभ मौसी की चूत में उतार दी और मौसी मेरी जीभ को लंड समझ कर उस पर कूदती हुई कहने लगीं- चाट साले … इस रंडी चूत को!

मैं अपनी जीभ चूत में अन्दर बाहर करने लगा. साथ ही अपने एक हाथ से मौसी भी अपनी चूत के दाने को रगड़ने लगीं.
वे चिल्लाने लगीं- आईईई … आ हहहह … सीईईईई!
अब तक मेरा लंड एक बार पुनः खड़ा हो गया.

मैंने मौसी से कहा- मौसी, अब तू मेरे लंड पर बैठ जा और इसे अपनी चूत के अन्दर खपा ले.

मौसी ने मेरे लंड पर अपनी चूत रख दी और बैठने लगीं.
हल्का सा दबाव पड़ते ही मेरा लंड पूरा का पूरा चूत में घुस गया.

मौसी चिल्ला दीं- आह .. आह … आई.
कुछ ही समय में वे ऊपर नीचे कूदने लगीं और कहने लगीं- अक्की, तेरे लंड का जवाब नहीं!

मैं नीचे से धक्के मारता रहा, मौसी को अब मजा आने लगा था.

मौसी अपनी गांड को बेखौफ तेज तेज मेरी जांघों पर पटक रही थीं और पूरे कमरे में पट पट पट पट की आवाज आ रही थी.

मैंने मौसी को अपनी बांहों में भर लिया और नीचे से तेज तेज धक्के लगाने लगा.

मौसी ‘आह … आह …’ करने लगीं और मेरे होंठों को काटने लगीं.

करीब 10 मिनट बाद मौसी की रफ्तार धीमी होने लगी और वे कहने लगीं- अब मैं थक गई हूँ … तू ही ऊपर आ जा और चोद ले मुझे!
मैं- नहीं … आप कुतिया बन जाओ.
वे मान गईं.

मैंने मौसी को कुतिया बनाया और चूत में लंड डाल कर धक्के मारने लगा.
मौसी चुदती हुई कराह रही थीं- आह अक्की … अह्ह्ह्ह् … मेरी गांड पर थप्पड़ मार जोर जोर से उम्मम्म …!

मैंने मौसी की गांड पर थप्पड़ मारा, तो वे एकदम से उचकने लगीं और बोलीं- और जोर से मार कमीने!

अब मैं दोनों हाथों से मौसी की गांड पर थप्पड़ मारने लगा.
मौसी ‘आह … आह …’ करती रहीं और अपनी गांड को हिलाने लगीं.

मौसी भी अपनी गांड आगे पीछे करती हुई लंड को धक्के मारने लगीं.

थोड़ी ही देर में मौसी की चूत ने पानी छोड़ दिया.

वे बोलीं- मेरा हो गया, जल्दी से अपना भी गिरा ले.

उनकी बात सुन कर मैं मौसी की कमर पकड़ कर बहुत तेजी से पट पट पट पट धक्के मारने लगा.

मौसी का शरीर हिलने लगा और वे ‘आई … आई … उहह .. उम्म्म’ करने लगीं.

करीब 2 मिनट बाद मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ.
मैंने मौसी से कहा- मौसी मैं झड़ने वाला हूँ, फिर से अन्दर लेगी?

मौसी ने मुझे हटने को कहा, मैं सोफे से उतर कर खड़ा हो गया.
वे तुरंत घुटनों के बल बैठ कर मेरे लंड की मुट्ठी मारने लगीं.

कुछ ही समय में मेरे लंड ने एकदम से पिचकारी मारी.
मौसी ने पिचकारी अपने मुँह में ले ली और मेरे वीर्य से मौसी का मुँह भर गया.

मौसी में मेरे पूरे वीर्य को पी लिया और चाट कर मेरे लंड को साफ किया.

दोस्तो, मौसी को चोद कर मुझे बड़ा मजा आया था और मौसी को भी मेरे लौड़े की परफ़ोर्मेंस पसंद आ गई थी.

अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको मौसी के साथ चुदाई की कहानी को आगे बढ़ाऊंगा.
साथ ही इसमें एक ट्विस्ट भी आएगा … जो आपको फोरसम सेक्स का मजा भी देगा.

थोड़ी देर बाद वंदना मौसी अपनी चूत को साफ करके पैंटी पहनने लगीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ, अब नहीं चुदना है क्या?

वे मोबाइल में टाइम दिखाती हुई बोलीं- साले रात के दो बस रहे हैं, सोना नहीं है क्या?
मैं- मौसी लेकिन अभी तक मैंने आपकी गांड भी नहीं मारी?

मौसी- मुझे पता है बेटा, तुमने मेरी गांड भी नहीं मारी और मेरी चूचियों को भी अच्छे से नहीं पिया.

फिर मौसी मेरी गोद में बैठती हुई बोलीं- आज ही सब मजा ले लेगा क्या? अभी एक हफ्ता का समय है!

उसके बाद उठ कर वे बेड पर लेटती हुई बोलीं- वैसे भी तेरे लंड ने मेरी बुर को अच्छे से चोदा है, अभी तक जलन हो रही. अगर अभी मेरी गांड मार देगा, तो शायद कल मैं तुमसे सही से चुद भी न पाऊं … और मैं नहीं चाहती कि इस पूरे हफ्ते मैं बिना चुदे रहूं.

फिर मैं भी उनके बगल में लेट गया और हम दोनों चुदाई की बात करते करते सो गए.

अगली सुबह मैं सोकर उठा तो, मौसी अभी भी सो रही थीं.
सोती हुई वे बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं.

मैं उठा और उनके गाल पर एक किस किया. वे सोती रहीं.

फिर मैं जाकर रेडी हो गया और कोचिंग क्लास के लिए निकल गया.

उधर से आते वक्त 10 बज रहे थे और मौसम बारिश वाला हो रहा था.
मैं जल्दी से रूम पर आया.

रूम पर आते ही मैंने देखा कि मौसी मस्त पीले रंग की सिल्क की साड़ी और डिजाइनर ब्लाउज पहनी हुई हैं.

वे अपनी साड़ी को नाभि के नीचे बांधी हुई किसी हीरोइन से कम नहीं लग रही थीं.

सेक्सी मौसी को देखते ही मैंने उन्हें पकड़ा और उनके होंठों पर एक किस कर लिया.

वे मुस्कुराती हुई बोलीं- मेरे साजन … ज्यादा उतावलापन ठीक नहीं है. पहले खाना खाकर आराम कर लो, फिर साथ में मस्त मजा करेंगे.

मुझे भूख भी लगी थी, इसलिए मान गया नहीं तो पटक कर वहीं पेलना स्टार्ट कर देता.

हम दोनों ने साथ में खाना खाया.
उसके बाद दोनों साथ में ही बाहर टहलते हुए बातें करने लगे.

मैं- अच्छा मौसी सही सही बताना, अब तक कितने बायफ्रेंड रह चुके थे आपके … और किस किस के साथ आपने मजे लिए!
मौसी कुछ सोचती हुई बोलीं- जानने की इतनी जल्दी क्या है, समय आने दो सब बताऊंगी … तेरे बिना पूछे ही बताऊंगी.

फिर मैंने दुबारा नहीं पूछा, बस इधर उधर की बातें करने लगा.

करीब 11: 30 हुए होंगे, तभी अचानक से बहुत तेज बारिश आना शुरू हो गई.

मैं बारिश से बचने के लिए कमरे के अन्दर भाग गया.
लेकिन मौसी वहीं खड़ी होकर बारिश में भीग रही थीं.

मैं बोला- बाहर क्या कर रही हो, अन्दर आ जाओ!
मौसी- नहीं, तुम बाहर आओ, साथ में भीगते है.

मैंने मना कर दिया और खड़ा होकर उन्हें देखने लगा.
वे पूरी तरीके से भीग गई थीं.

बारिश की बूंदें उनके सर से होंठों को छूते हुए दोनों चूचियों के बीच से होकर उनकी नाभि को चूमती हुई साड़ी के अन्दर जा रही थीं.
जिसे देख कर कोई भी मर्द बेकाबू हो जाए.

जब उनकी नजर मेरे लंड पर पड़ी, तब तक मेरा लंड खड़ा हो गया था.

वे मचलती हुई मेरे नजदीक दरवाजे के पास खड़ी हो गईं और बारिश की कुछ बूंदें मेरे लंड पर फेंक कर हंसती हुई बोलीं- आ जा, अगर मुझे पकड़ लिया तो तू मेरी गांड मार सकता है!
इतना बोल कर उन्होंने एक बार फिर से कुछ बूंदें मुझ पर फेंका और बाउंड्री के अन्दर ही मक्के की फसल में भाग गईं.

उनका मस्त ऑफर सुनते ही मैं उनके पीछे दौड़ा और मक्के के खेत के अन्दर पीछे से पकड़ लिया.
उनकी पूरी गांड मेरे लंड से टच हो गई.

मैं उनकी गर्दन को चूमते हुए एक हाथ से उनके चूचे और दूसरे हाथ से उनकी चूत को मसलने लगा.
अहह … क्या माहौल था, किसी फिल्म की तरह.

मैं- मौसी अहहह … उम्म्म … चल अब अन्दर और औंधी हो जा … आज तेरी गांड का बाजा बजाता हूँ!
मौसी- नहीं, अन्दर नहीं … जो करना है यहीं खुले में कर ले.

अब मेरी बर्दाश्त से बाहर हो गया था.
मैं उनके एक हाथ को पकड़ कर मोड़ते हुए दीवार के एक कोने पर ले गया.

मौसी- आहह … साले हाथ तोड़ेगा क्या?

मैं कुछ नहीं बोला और दीवार की तरफ धक्का दिया, वे एक हाथ के सहारे झुक गईं.
मैंने जल्दी से उनके साड़ी को ऊपर करते हुए उनकी पैंटी को नीचे सरका दिया.

उफ्फ … उनकी भीगी हुई गांड कश्मीरी सेब जैसी लग रही थी.

मैंने अपने लोअर को भी अपने घुटनों तक सरका दिया.
वे बोलीं- अब जल्दी से मेरी गांड में अपना लंड डालकर चोद दे.

मैंने तुरंत अपना लंड उनकी गांड के छेद पर रख कर एक जोरदार झटका मारा.

वे चिहुंकती हुई- अह्ह्ह् … साले थोड़ा आराम से.
मेरा लंड बाहर फिसल गया.

एक बार फिर मैंने उनकी गांड पर लंड लगाया और फिर से एक झटका दे दिया.
लेकिन इस बार भी मेरा लंड फिसल गया.

मौसी हांफती हुई बोलीं- साले पहले थूक तो लगा ले … क्या सूखी ही मारेगा!
उन्होंने अपना हाथ छुड़ाया और दोनों हाथों को दीवार पर टिका कर अपनी गांड थोड़ी ऊंची कर ली.

वे बोलीं– प्लीज … इस बार अन्दर डाल ही देना!

मैंने पहले तो उनकी गांड में ढेर सारा थूक लगाया और उंगली से छेद को अच्छे से गीला किया.
फिर देर न करते हुए मैंने अपने लंड को उनकी गांड पर रख दिया और उनकी कमर को पकड़ कर एक जोर का झटका दे मारा जिससे मेरा आधा लंड उनकी गांड में चला गया.

वे दर्द से चिल्लाने लगीं- आहह … साले कुत्ते बाहर निकाल अपने लंड को … आंह मादरचोद मेरी गांड फट गई … आंह दर्द हो रहा है … लंड बाहर निकाल बहनचोद … फट गई मेरी गांड!

उनकी बातों को अनसुना करते हुए मैंने एक झटका और मारा और उनकी गांड में अपना पूरा लंड उतार दिया.

वे चिल्लाई जा रही थीं- उह्ह्ह् साले निकाल इसको … आहह मर गई मैं … लंड निकाल भोसड़ी के बाहर आंह … निकाल आह कमीने.
मौसी रोने लगी थीं.
मैं उन पर रहम खाकर थोड़ी देर रुक गया.

कुछ देर बाद उनका दर्द कम हो गया तो वे खुद अपनी गांड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगीं.

अब मैं उनकी कमर को अच्छे से पकड़ कर उनको हचक कर चोदने लगा.
वे भी मजे में ‘आईई … ऊईई … उफ्फ … मर गई … मर गई …’ करके सिसकारियां लेने लगीं.

मुझे उनकी टाइट गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था.
हम दोनों बारिश में भीगते हुए सेक्स का मजा ले रहे थे.

मौसी कामुक आवाज में बोलने लगीं- आहह उन्ह चोद साले … चोद और जोर से चोद फाड़ दे मेरी गांड को … चोद भोसड़ी के बहुत मस्त लंड है तेरा … आज मेरी गांड को फाड़ दे.

मैंने अपने झटकों की स्पीड को बढ़ा दिया.
वे भी अपनी गांड को उसी स्पीड से हिलाने लगीं- अहह … उहह चोद आह्ह चोद फाड़ दे मेरी गांड और जोर से चोद आहह … उहह … उहह मर गई आहह ऊईईई मार जोर से झटके मार … आहह आआह फाड़ और फाड़!

मेरी जांघें उनके चूतड़ों से टकराने लगीं, जिससे वहां पर पट-पट की आवाज होने लगी.

उनकी गांड काफी टाइट थी, इसलिए करीब 20 मिनट की घमासान फक ऐस सेक्स के बाद मैं झड़ने की कगार पर आ गया.

एक लंबी आह के साथ मैंने अपना सारा माल उनकी गांड में डाल दिया.

थोड़ी देर बाद मैंने उनकी गांड से अपना लंड निकाल लिया.
तो वे हांफती हुई सीधी खड़ी हो गईं.
उनका चेहरा पूरा लाल हो गया था.
मौसी मुझसे चिपक गईं.

मैं उनकी गांड सहलाते हुए बोला- कैसा लगा?
मौसी- जान निकाल दी तूने!

अब बारिश भी रुक गई थी.
मेरे लंड को सहलाती हुई मौसी बोलीं- मेरी चूत और गांड तो मार चुका, अब इसका स्वाद मुँह में लूंगी.
मैं उनको गोदी में उठाते हुए बोला- जैसी आपकी मर्जी.

फिर हम दोनों किस करते हुए कमरे के अन्दर आ गए.
पहले तो दोनों ने एक दूसरे के सारे कपड़े निकाल कर फेंक दिए और पूरे नंगे होकर एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.

मैं अपने बाएं हाथ से उनके चूचे मसलने लगा और अपने दाएं हाथ से उनकी गांड के साथ खेल रहा था.

वे सिसकारियां लेने लगीं- आह आह … ओह और जोर … स… स.. से … अक्की … आह्ह… मजा आ रहा है अक्की.

फिर मैंने उन्हें बिस्तर पर गिरा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर उनके होंठों को चूमने चाटने लगा.

धीरे धीरे अपना एक हाथ उनकी चूत पर ले जाकर सहलाने लगा. उनकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया.
वे पूरी जोश में आ गई थीं और उन्होंने मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी.

मैंने भी बड़े ही बेरहमी से उनके मम्मों को निचोड़ना शुरू कर दिया
वे अन्दर ही अन्दर मेरी जीभ को चूसती हुई सिसकारियां लेने लगी- उम्म … हूं … हूंम्म … उम्म … मुच पूच … उम्म आह.

धीरे धीरे मैं उनकी टांगों के बीच गया गया और उनकी चूत को चूमने चाटने लगा.
वे बिस्तर पर फड़फड़ाने लगीं.

मैं उनकी चूत का कोना कोना चाट रहा था और वे अपने मम्मों को निचोड़ रही थीं.

थोड़ी देर तक चूत चाटने के बाद मैं अपने लंड का सुपारा उनकी चूत पर रगड़ने लगा.

मौसी सिसकारियां लेती हुई बोलीं- अक्की चूत में मत डालो, मेरे मुँह में डालो प्लीज!
मैंने उनकी गर्दन पकड़ी और उनके दोनों गालों पर चांटे मारते हुए कहने लगा– मादरचोद कुतिया, चल अब मेरे लंड को चूसने के लिए तैयार हो जा हरामजादी.

वे बेड से उतर कर नीचे बैठती हुई बोलीं- मैं तो कब से तुम्हारा कड़क लंड चूसने के लिए मरी जा रही थी.

मौसी ने कुतिया की तरह झुक कर मेरे अंडे जैसे बड़े गुलाबी सुपारे को मुँह में ले लिया.
जैसे जैसे उनकी जीभ मेरे लंड पर नाचती गयी, वैसे वैसे मेरा लंड और ज्यादा फूलने लगा.

जल्द ही मेरा लंड एक मोटे तंदुरूस्त साढ़े सात इंच लम्बे लौड़े में तबदील होता चला गया.

मैं ‘सी … सी …’ करते हुए बोला- वाह हरामजादी वाह … क्या बात है, साली तू तो काफी मजेदार तरीके से लंड चाटती है!
वे मुस्कुराती हुई मेरे लंड को मजे से चाटने लगी; फिर धीरे धीरे लंड को मुँह में लेने लगीं.

मेरा लंड काफी मोटा है, तो उन्होंने अपना पूरा मुँह खोला और लंड को मुँह में डालने लगीं.
मेरा सिर्फ एक तिहाई लौड़ा ही उनके मुँह में समा पा रहा था.

मैं उनके बालों को पकड़ कर लंड दबाते हुए बोलने लगा- … आह्ह … साली रंडी … कोशिश कर … हराम की जनी … साली!

शायद उनका मुँह फटा जा रहा था, फिर भी मौसी ने आधे से ज्यादा लंड को मुँह में डाल लिया था और अन्दर ही अन्दर धीरे धीरे करके लंड को चूसना शुरू कर दिया था.
उनकी जीभ मुझे अपने लौड़े के इर्द-गिर्द चलती हुई महसूस हो रही थी और गले के मुलायम मांस की गर्मी से बेहद सनसनी होने लगी थी.

मैं अपना लंड अन्दर ही ठांस कर रोकता और थोड़ी देर बाद बाहर निकालता.
ऐसा बार बार करने के बाद मैं उनके एक दूध को मसलते हुए बोलने लगा- आह मादरचोद कुतिया, पूरा लंड मुँह में डाल न बहन की लौड़ी छिनाल!

मौसी ने लंड मुँह से निकाला और बोलीं- साले भैन के लौड़े … तुम्हारा लंड काफी मोटा और लंबा है, मेरे मुँह में पूरा नहीं घुस पाएगा!

मैंने गुस्से से उनके दूध को मसलते हुए कहा- साली मादरचोद रांड, अभी देख मैं तेरे मुँह में पूरा लंड डालता हूँ … तू बस देखती जा कुतिया!
मैंने उन्हें बिस्तर पर पीठ के बल गिरा दिया और उनके सिर को बिस्तर से नीचे लटका दिया.
उन्होंने मेरी बात समझ ली कि मैं कैसे मुँह चोदना चाहता हूँ, तो उन्होंने अपना पूरा मुँह खोल दिया और मेरे लंड अपने मुँह में अन्दर तक लेने लगीं.

मैं भी धीरे धीरे करके अपने लंड को उनके मुँह में सरकाता जा रहा था. फिर मैंने उनके दोनों दूध पकड़े और उनके मुँह की मां चोदने लगा.

वे बिस्तर पर फड़फड़ाने लगीं, लेकिन मैंने उनके मम्मों को पकड़कर दबोचा हुआ था, इसलिए मौसी छूट नहीं पा रही थीं, वे बेबस हो गई थीं.
देखते ही देखते मेरा लंड उनके मुँह में गले तक पूरा घुसने लगा और मेरे अंडे उनके माथे से चिपक गए.

मौसी अपने हाथ पांव पटक रही थी, लेकिन मैंने उन्हें दबोच कर रखा था.

उनकी सांस रुकने लगी और आंखों में आंसू आ गए.
थोड़ी देर बाद मैंने उनके मुँह से लंड निकाला और पूछा- कैसा लगा मादरचोदी?
वे अपने आंसू पौंछ कर बोलीं- बाप रे … तूने तो मेरी जान निकाल दी.

मैंने कहा- चल अब कुतिया बन कर चाट ले!
मौसी झट से कुतिया बन गईं और मेरे लंड को चूसने चाटने लगीं.
मैं उनके मुँह में लंड रगड़ने लगा.

मैंने उनके मुँह को चोदने की अपनी रफ्तार बढ़ा दी और तेज तेज उनके मुँह को चोदने लगा.
उनकी सांस फिर से रुकने लगी.
मेरा लौड़ा तेजी से उनके मुँह के अन्दर बाहर हो रहा था.

थोड़ी देर बाद मैं एकदम से थमता चला गया और उनका मुँह मेरे वीर्य से भर गया.

मैं कराहता हुआ कहने लगा- आह हरामजादी … रांड साली वाह क्या बात है … चल अब जल्दी से पूरा माल गटक जा मादरचोद!

मौसी पूरा वीर्य गटक गईं और मेरे लंड को प्यार से चाटने लगीं.
उनकी हालत बिल्कुल खराब हो गई थी.

वे थोड़ी राहत की सांस लेती हुई बोलीं- अब रहने देते हैं, बाकी के मजे रात में लेंगे.

मैंने सोचा सही है, थोड़ा आराम कर लेंगे तो पूरी रात मस्त चुदाई करेंगे.

उसके बाद हम लोगों ने साथ में नहाया और शाम तक इधर उधर की बातें करते हुए आराम किया.

शाम को हम दोनों ने दारू पीने के सोची और मैं एक हाफ ले आया. दारू पीने के बाद खाना हुआ और उसके बाद मौसी मस्त सेक्सी सी नाइटी पहन कर रेडी हो गईं.
वे एक बार फिर से चुदने के लिए रंडी लगने लगी थीं.

थोड़ी ही देर में हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर बेतहाशा चूमे जा रहे थे.
तभी बेल बजी.

मौसी दारू के नशे में बोलीं- इस वक्त कौन भैन का लौड़ा आ गया!

हम दोनों एक दूसरे से अलग होते हुए.
मैंने बाहर जाकर गेट खोला.

गेट पर बगल वाले एक बंटी भैया थे, जिनकी शादी अभी एक महीने पहले हुई थी.
उस जगह सिर्फ हम दोनों का ही घर था.

मैं- क्या हुआ भैया, आप इतनी रात को?

वे बिना कुछ बोले सीधा अपने मोबाइल में मुझे वीडियो दिखाने लगे, जिसमें मैं सुबह खुले में मौसी की गांड मार रहा था.
वीडियो देख कर मेरे तो होश उड़ गए कि यह मामा को सब बता देंगे.

बंटी- देख अक्की, मैं तेरे मामा को कुछ नहीं बताऊंगा, लेकिन मैं भी उस साली की एक बार गांड मारना चाहता हूँ.
तभी मौसी भी आ गईं.

उन्हें देख कर वे फिर बोले- मस्त माल है यार, कहां से पटाई ऐसी लड़की!
मैंने मौसी को इशारा किया कि वे इसे हम दोनों के रिश्ते के बारे में ना बताएं.

पहले तो हम दोनों ने उनसे सेक्स के लिए मना कर दिया, लेकिन वे जिद पर अड़े रहे.

फिर वे मुझे समझाते हुए बोले- अक्की, मेरी बीवी अभी सो रही है और मैं कल एक हफ्ते के लिए दुबई जा रहा हूँ, बस एक बार ही करूंगा, वह भी सिर्फ पीछे से … और यह वीडियो अभी के अभी डिलीट भी कर दूंगा.

मैं उन्हें मना करता, तभी मौसी बोलीं- ठीक है, लेकिन सिर्फ एक बार और वीडियो मैं अपने हाथों से डिलीट करूंगी.

बंटी भैया को इतनी जल्दी थी कि वे झट से मान गए.
अब मौसी रेडी थीं, तो मैं भी कुछ नहीं बोला.
हम तीनों लोग अन्दर आ गए.

मुझे बहुत बुरा लग रहा था लेकिन वीडियो की वजह से कुछ नहीं बोल पाया.

पहले तो मौसी ने वीडियो डिलीट कर दिया.

मौसी ने यह मास्टर शॉट मारा था, पर अभी भी यह जानना बाकी था कि बंटी भैया ने इस वीडियो की कॉपी तो नहीं बनाई है.
साथ ही मौसी जैसी छिनाल की सोच भी देखनी थी कि उनका क्या मूड है

विधवा मम्मी की कामवासना

 

अनिल की उम्र उस समय 19 साल थी और आंचल आंटी की उम्र लगभग 40 साल की थी.
पर आंचल आंटी की बॉडी को देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि उनकी उम्र 40 साल की होगी क्योंकि दिखने में वे सिर्फ 30 या 32 साल की ही लगती थीं.

आंटी ने खुद को इतना मेंटेन किया हुआ था जिस वजह से वे एकदम जवान माल जैसी लगती थीं.
आंचल आंटी का फिगर 34-30-36 का था और उनकी मदमस्त चाल से ही कोई भी अपना लंड हिला ले, वे इतनी सेक्सी दिखती थीं.

वे नियमित जिम जाती थीं और अपनी बॉडी का बहुत ध्यान रखती थीं.
इसके अलावा आंटी हमेशा बहुत ही सेक्सी ड्रेस पहनती थीं, जिससे यही लगता था मानो वे कोई कुंवारी लड़की हों.

दोस्तो, अब आगे की सेक्स कहानी आप अनिल की जुबानी सुनिए:

यह बात 2020 की है, तब मेरे पापा की अचानक मौत हो गई थी और हमारे पूरे परिवार के ऊपर दुख का पहाड़ टूट पड़ा था.
हमें ऐसा लगने लगा था कि अच्छी खासी जिंदगी मानो रुक गई हो.

पापा ने बहुत मेहनत करके अपना बिजनेस खड़ा किया था. उस वजह से हमारे पास पैसे की कोई कमी नहीं थी.
पापा का कारोबार भी बहुत अच्छे से चल रहा था तो पैसे की आमद बरकरार थी.

हमारे पास बहुत बड़ा बंगला भी है.
मैं और मेरी मां आंचल वहीं रहते हैं.

पापा के जाने के बाद मेरे मामा ने सारा काम संभाल लिया था.
कुछ दिन बाद सब सामान्य हो गया और हम दोनों मां बेटे वापस थोड़ा खुश होने लगे.

मम्मी भी बहुत बड़े सदमे से बाहर निकल ही आई थीं.
हमारी जिंदगी पुनः अच्छी हो गई थी.
सारा कारोबार मामा देख लेते थे तो हम दोनों को कोई टेंशन नहीं थी.

दूसरी अच्छी बात यह हुई थी कि मम्मी की हंसी वापस लौट आई थी.
पापा के समय से ही वे हमेशा खुले स्वभाव वाली रही थीं, जब से मैं समझदार हुआ था … मैंने यही देखा था.

पापा के समय से ही हम दोनों अक्सर अपनी सारी बातें साझा करते थे … और सबसे खास बात यह कि मम्मी बहुत ही सेक्सी कपड़े पहनती थीं, जिसको लेकर मैं बिंदास उनकी तारीफ करता था.
मेरा तारीफ करना मेरी मम्मी को भी बड़ा पसंद आता था.

पापा के जाने के कुछ टाइम बाद देखा कि मम्मी सामान्य होने के बाद अब कुछ और ज्यादा सेक्सी कपड़े पहनने लगी थीं.

वे अब हमेशा मेरे सामने ही चेंज कर लेती थीं मतलब जैसे ब्रा पैंटी में तो मैंने बहुत बार देखा है उनको!

तभी से मेरा भी उनके प्रति नजरिया बदल सा गया था.
अब मुझे वे एक कामुक औरत लगने लगी थीं.

मैं बहुत बार उनकी ब्रा पैंटी, जो बाथरूम में टंगी रहती थी, उसको अपने लंड पर लपेट कर उनमें मुठ मार दिया करता था.
मैंने यह भी देखा था कि इस बात को लेकर मम्मी ने भी आज तक कुछ नहीं बोला था.

आखिर वे भी अपनी ब्रा पैंटी पर वीर्य के दाग देखती ही होंगी और इस बात को भली भांति समझ भी जाती होंगी कि यह सब मैंने किया है, क्योंकि घर में थे ही हम दो बंदे!

मेरी मम्मी बहुत ही सेक्सी सी ड्रेस पहन कर पार्टी में जाया करती थीं.
लोग उन्हें देखकर उन पर बहुत कमेंट भी करते थे.
पर वे सबको इन्जॉय करती हुई इग्नोर कर दिया करती थीं.

मैं हमेशा से उनके साथ ब्रा पैंटी भी खरीदने जाता था और वे मुझसे पूछती भी थी कि कौन सी लूँ!
तब मैं भी बिंदास बता देता था- आपने ऐसी कभी नहीं पहनी है, आप ये वाली ले लो.

पापा के जाने के बाद आजकल मम्मी घर में सिर्फ छोटे कपड़ों में ही रहती थीं और उन कपड़ों में उनके बूब्स और गांड पूरी साफ नजर आती थी.
इससे मैं उनकी ओर और ज्यादा आकर्षित होने लगा था और उनके नाम की मुठ भी मारने लगा था.

यह सब हमारे बीच बिंदास चलता था पर इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ था.

बहुत बार वह मेरे सामने ब्रा पैंटी में रहती थीं.
तब यार क्या बताऊं कि वे मुझे एक चोदने लायक माल लगती थीं और मेरा जी करता था कि मम्मी को लेटा कर अभी उन्हें चोद दूँ!

कई बार वे इतनी छोटी ब्रा पैंटी पहनी होती थीं कि समझो उसे पहनने से ना पहनना ज्यादा ठीक लगता था.
उनकी लेदर जैसे कपड़े की जिस्म से चिपक जाने पैंटी या ब्रा से उनके जिस्म के हर कटाव साफ साफ दिखते थे.

चूत के आजू बाजू का हिस्सा तो पैंटी से छुपता ही नहीं था और चूत की फूली हुई फाँकें भी पैंटी के ऊपर से ही साफ दिख जाती थीं.
पीछे से चूतड़ तो लगभग पूरे नंगे ही दिखते थे और ब्रा की स्तन के ऊपर वाली पट्टी भी सिर्फ निप्पल को ढकती थी, बाकी पूरे दूध खुली हवा में अपनी छटा बिखेरते थे.

मम्मी के कड़क निप्पल के कठोर दाने भी ब्रा के कपड़े के ऊपर से मुझे मुँह चिढ़ाते थे.
पर पता नहीं मेरी मम्मी ऐसा क्यों करती थीं.

मेरी जीएफ के बारे में भी मम्मी को पता था.
एक बार मम्मी कहीं बाहर गई थीं तो मैंने अपनी जीएफ को घर बुला लिया था.

वैसे मेरी जीएफ भी चुदने में कम नहीं थी, साली रंडी की तरह लंड पर उछल उछल कर पूरा अन्दर तक लेती थी.

जिस दिन वह आई, मैं कमरे का दरवाजा बंद करना भूल गया था.
क्योंकि बड़ा घर था तो अक्सर ऐसा हो जाता था.

मैं अपनी जीएफ की चुदाई में इतना लीन हो गया था कि मैंने अपने कमरे का दरवाजा भी बंद नहीं किया था.

मुझे लगा था कि मेरी मम्मी शाम तक वापस आएंगी.

लेकिन तभी अचानक से मम्मी कमरे के अन्दर आ गईं और हम दोनों की चुदाई देखने लगीं.
हम दोनों दरवाजे के विपरीत दिशा में मुँह किए हुए अपनी चुदाई की मस्ती में डूबे हुए थे.

वे सब देख रही थीं कि मैं अपनी जीएफ की चुदाई किस तरह से उसे घोड़ी बनाकर पेल रहा था.
जीएफ भी पूरे जोश में बोल रही थी- आह फक मी हार्ड आह क्या लंड है तेरा अनिल … आआह उफ्फ़ मजा आ गया!

इतने में मेरी नजर दरवाजे पर पड़ी तो मैंने देखा कि मम्मी हम दोनों को देख रही थीं.

पर उनकी नजर में भी अब मुझे हवस नजर आ रही थी.
वे अपने हाथ से अपने दूध मसल रही थीं.

हम दोनों उन्हें देख कर अचानक से हड़बड़ा उठे और हमने सीधे होकर चादर को ओढ़ लिया.
यह देख कर मम्मी ने कुछ नहीं कहा, वे बाहर चली गईं.

हम दोनों ने कपड़े पहने और जीएफ ने मुझसे नाराज होते हुए कहा- क्या यार … तुमने दरवाजा बन्द क्यों नहीं किया था?
मैंने कहा- हाँ यार, जल्दी जल्दी में मैं दरवाजा बंद करना भूल ही गया था.

फिर मैं और जीएफ नीचे गए और मैं जीएफ को बाहर तक छोड़ कर आया.

फिर मैं वापस अपने कमरे में आया क्योंकि अब मैं मम्मी से नजर नहीं मिला पा रहा था.
पता नहीं मम्मी क्या सोच रही होंगी, ये सोचकर मैं कमरे से बाहर नहीं निकला.

शाम को खाने के टाइम भी नहीं गया, तो मम्मी मेरे कमरे में आईं और बोलीं- अनिल खाना खाने क्यों नहीं आए?
मैंने कहा- सॉरी मम्मी गलती हो गई … आगे से ऐसा नहीं होगा, प्लीज मुझे माफ कर दीजिए!

थोड़ी देर चुप रह कर मम्मी ने कहा- बेटा, ये तेरी उम्र में साधारण सी बात है, पर आगे से दरवाजा बंद कर लेना.

इतना सुन कर मैं झटके से उठा और मम्मी के गले से लग कर बोला- आप कितनी अच्छी मम्मी हो!
उस टाइम उनके बूब्स मुझे टच हुए और वे ऐसे कड़क होकर उभरे हुए थे मानो उन पर किसी ने टच किया हो या वे मेरी चुदाई का देखकर पत्थर बन गए हों.

मम्मी ने कहा- तेरे पापा के बाद मुझे ही तुझे देखना है, तो यह सब माफ तो करना ही पड़ेगा!
मैं उनके गले से लिपटा रहा और उनके मम्मों को महसूस करता रहा.

फिर मम्मी बोलीं- शायद मैं थोड़ा जल्दी आ गई थी तुमको परेशान करने!
यह बोल कर मम्मी थोड़ी मुस्कुरा दीं.

मैंने उनसे अलग होकर कहा- गलती तो हमारी थी … अगेन सॉरी.

फिर हम साथ में नीचे गए और खाना खाया.
उस टाइम मम्मी ने कुछ ज्यादा ही ट्रांसपेरेंट मैक्सी पहन रखी थी, जिसमें से उनकी ब्रा पैंटी पूरी साफ साफ नजर आ रही थी.

मैं कुछ समझ ही नहीं पा रहा था कि मम्मी ने ना मुझे डांटा, ना कुछ बोला … और ऊपर से इतना सब कैसे!

खैर … हम दोनों ने साथ में खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए.

पूरी रात मैं सोचता रहा और मम्मी के ख्याल में ही डूबा रहा.
वैसे वे मेरी मां थीं, पर अब मैं कुछ और ही सोच रहा था.

मुझे आधी रात तो नींद ही नहीं आई और मैं फिर से वही करने बाथरूम में चला गया, जो पहले करता था.
बाथरूम में जाकर मैंने मम्मी की पैंटी ब्रा की खुशबू ली और उसे लंड से लपेट कर उसमें मुठ मारने लगा.
यह सोचते हुए कि मम्मी ही मेरी मुठ मार रही हैं.

मैंने माल गिरा कर उसे वापस टांग दिया और आकर सो गया.
यह बात मम्मी को पता थी, पर इसको लेकर उन्होंने आज तक कुछ नहीं बोला था.

शायद अब उनका भी मन होने लगा था कि वे अब चुदें … चाहे मुझसे ही क्यों नहीं!

अगले दिन सुबह मम्मी आईं, उस टाइम वे उसी मैक्सी में थीं जो मैंने शाम को देखी थी.
उन्होंने कहा- अनिल मुझे तेरा रेजर चाहिए क्योंकि मेरी हेयर रिमूवर क्रीम खत्म हो गई है और मुझको कहीं जाना है … तो बगलें (armpit) बनाना हैं.

मेरा दिमाग हिल गया कि इतनी सुबह और अच्छा मूवमेंट, क्या बताऊं दोस्तो … बाल साफ करने वाली बात सुन कर ही मेरी बॉडी में सनसनी छा गई थी.
मैंने पूछा- मम्मी मेरे पास रेजर तो है, पर आपको उसे इस्तेमाल करते नहीं आएगा. अगर गलती से कट गया तो?
मम्मी बोलीं- बेटा, आज पार्टी में जाना जरूरी है और तुझे तो पता है न कि मैं स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना करती हूँ तो कैसे जाऊंगी. फिर इतनी सुबह तो पॉर्लर भी ओपन नहीं होंगे!

मुझे शुरू से ही मम्मी की बगलें बहुत सेक्सी लगती हैं, तो मेरे दिमाग में भी खुराफात आई.

मैंने कहा- मम्मी, मैं क्लीन कर दूँ क्या?
मम्मी बोलीं- बेटा है तू मेरा, थोड़ी तो शर्म कर!

फिर मैंने कहा- मम्मी सैलून में भी तो अंजान ही करते हैं तो मैं क्यों नहीं?
थोड़ी देर बाद मम्मी बोलीं- ठीक है, तू ही साफ कर दे. मैं तो बस चेक कर रही थी कि तू क्या बोलता है!

फिर मैंने सारा सामान तैयार किया और मम्मी के पास आ गया.
मम्मी ने अपनी एक बांह ऊपर की तो मानो मुझे जन्नत की खुशबू आ गई.

मैंने हल्का का शैंपू लगाया और उसे क्लीन करने लगा.
आआह्हह दोस्तो, कभी अपनी या किसी और की मम्मी की बगल क्लीन करके देखना … मजा आ जाएगा.

फिर मैंने उनकी दूसरी बांह उठाई, तो थोड़ी खुराफात करने का सोचा क्योंकि मम्मी उस समय सिर्फ ब्रा में थीं तो उनके बूब्स मुझे बहुत ज्यादा पागल कर रहे थे.
मैंने मम्मी से कहा- मम्मी शैंपू खत्म हो गया!

मम्मी बोलीं- अब क्या करेंगे!
मैंने कहा- आप टेंशन मत लो, मैं सब कर दूंगा.

मैंने मम्मी की बगल को अपनी जुबान से चाटा.
आआह … क्या स्वाद था यार … मजा आ गया.

मम्मी अकबका कर बोलीं- ये क्या कर रहा है तू?
मैंने कहा- मम्मी आप बस देखती जाओ … ऐसे आपको बगल साफ करवाने में बड़ा मजा भी आएगा!
वे कुछ नहीं बोलीं.

मैं फिर से चाटने में इतना मस्त हो गया कि भूल ही गया कि क्या करने वाला था.

मम्मी भी मजे से अपनी बगल चुसवा रही थीं और इधर मेरे लौड़े का बुरा हाल हो रहा था.
मैंने फिर जैसे तैसे मम्मी की बगल क्लीन कर दी और वापस से चाटने लग गया.

मम्मी की अब कामवासना जागने लगी थी और वे भी मजे से चटवा रही थीं.
मेरी मम्मी बीच बीच में बोल भी रही थीं कि आह्ह्ह अनिल … तू अब बड़ा हो गया है!
ये बात वे मेरे लंड को देखकर बोली थीं.

मैंने धीरे से मम्मी के बूब्स को स्पर्श किया तो वे सिहर उठीं ‘आआआह्ह.’
इसी के साथ मेरा आज सपना सच होने लगा था.

वे बोलीं- बेटा क्या कर रहा है!
मैंने उनका नाम लेते हुए कहा- आंचल, आज मैं वह कर रहा हूँ जो आप बहुत पहले करने वाली थीं!
वे बोलीं- तू मेरा नाम लेकर बोलता है!

मैंने उसी टाइम उनकी ब्रा से बूब्स को निकाला और चूसना चालू कर दिया.
पहले वे मुझे मना कर रही थीं, फिर खुद ही बूब्स चूसे जाने के कारण गर्म हो गईं और खुद से दूध पिलाने लगीं.

मम्मी बोलीं- आआह्ह बेटा और चूस … बहुत दिन से भूखी है तेरी मां … आहह अनिल आह उफ्फ़!
मम्मी ने तुरंत मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगीं.

वे बोलीं- बेटा कब से मैं तेरा मुठ मारा हुआ पानी टेस्ट कर रही थी, तूने आज मौका दे ही दिया!
वे मेरा लंड निकाल कर उसे चूसने के पोज में आईं और लंड चूसना चालू कर दिया.

आह्हह … ऐसा लग रहा था मानो जन्नत मिल गई … बरसों का सपना आज पूरा हो गया.

वे पूरे जोश के साथ मेरा लौड़ा मुँह में अन्दर तक लेकर चूस रही थीं.
मैंने भी उसी टाइम मम्मी की ब्रा फाड़ दी.

वे बोलीं- कमीने ये क्या किया, मेरी नई ब्रा क्यों फाड़ दी?
मैंने कहा- सॉरी मम्मी.

मैं मम्मी के बूब्स दबाने लगा.

मेरी मम्मी पूरे जोश के साथ मेरा लौड़ा चूस रही थीं और बोल रही थीं- आआह बेटा … बहुत दिन से तेरा लंड देखकर पागल हो रही थी. मैंने तुझे कितने मौके दिए, पर तू समझा ही नहीं!
मैंने कहा- मम्मी मैं भी तो कब से इसी मौके की तलाश में था. आज मौका देकर आपने मजा दे दिया.

फिर तो हम दोनों वासना में ऐसा लीन हुए कि सब कुछ भूल गए कि हम दोनों मां बेटे हैं.

मैंने कहा- मम्मी मुझे अब आपकी चूत चाटने दो!
मम्मी बोलीं- बेटा कब से मेरी चूत तेरे लिए प्यासी है. आज मिटा दे मेरी प्यास!

ऐसा कह कर मम्मी ने अपनी टांगें खोल दीं और मैंने अपनी जुबान मम्मी की चिकनी चूत में डाल दी.

आह्ह क्या टेस्ट था मम्मी की चूत का … मैं लगातार उनकी चूत को इतनी बेताबी से चाट रहा था कि मम्मी भी सब कुछ भूलकर बस अपनी चूत चटवाने में लीन हो गई थीं.
वे अपनी गांड उठा कर मेरे मुँह पर अनई चूत दबा रही थीं.

इसी चूत चटाई के क्रम में मेरी मम्मी एक बार झड़ गईं लेकिन मैंने उनकी चूत चाटना नहीं छोड़ा और सारा रस चाट जाने के बाद भी अपने मुँह को उनकी चूत पर जमाए रहा … लगातार चूत चाटता रहा.
इस तरह से मैंने दो बार मम्मी की चूत चाटकर साफ़ कर दी थी.

मेरी मम्मी की तो मानो अपने बेटे से अपनी चूत चटवाने की इच्छा पूरी हो गई थी.

फिर मम्मी बोलीं- बेटा अब अपना लंड मेरी चूत के अन्दर भी डाल दे न … मेरी चूत में बड़ी आग लगी है!
मैंने अपने लौड़े को मम्मी की चूत पर टिकाया और एक ही झटके में पूरा अन्दर डाल दिया.

मम्मी बोलीं- आह्ह्ह कमीने साले मादरचोद … ऐसा पेलने के लिए थोड़ी बोला था कि तू मेरी चूत ही फाड़ दे … आह वापस निकाल लौड़े … वरना मेरी चूत फट जाएगी!
मैंने कहा- साली आज तक किसी के लंड से चूत नहीं फटी … अब बस तू मजे ले मेरी रण्डी मम्मी … आआह.
इसी के साथ मैंने उनकी चूत में झटके देना जारी रखा.

थोड़ी ही देर बाद मेरी चुदी चुदाई मम्मी को भी मजा आने लगा.
नेकेड मॅाम Xxxx चोद कर कसम से ऐसा लग रहा था मानो मैं किसी बीस साल की लड़की को चोद रहा हूँ. मम्मी की चूत इतनी कसी थी कि क्या ही कहूँ … सच में उनकी चूत मेरे लौड़े को बहुत मज़ा दे रही थी.

धकापेल बीस मिनट की चुदाई के बाद मैंने सारा माल मम्मी की चूत में डाल दिया.
अपनी चूत में अपने बेटे के वीर्य को पाकर उनको इतनी ज्यादा राहत मिली कि वे तृप्त हो गईं.
मम्मी ने मुझसे कहा- बेटा, आज तूने अपनी मम्मी की सारी इच्छाओं को पूरा करके खुश कर दिया.

फिर हम दोनों ने काफी देर तक लिप किस किया और वे तैयार होकर पार्टी में चली गईं.

वापस आने के बाद रात का सीन में अगली कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैंने मम्मी से शादी की और हमारा एक बेटा भी हुआ.

चुदास से तड़पती भाभी को जमकर चोदा

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ज्योतिषी बन कर भाभी को बच्चा दिया

  मेरे पास जॉब नहीं थी, मैं फर्जी ज्योतिषी बनकर हाथ देख कर कमाई करने लगा. एक भाभी मेरे पास बच्चे की चाह में आई. वह माल भाबी थी. भाभी की रंड...