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Thursday, 31 October 2024

दिल्ली की आंटी की चुदाई की कहानी

 एक दिन मेरे पास एक ईमेल आया, जिसमें लिखा था मुझे आपकी कहानी बहुत अच्छी लगी. मैं आपसे सम्पर्क करना चाहती हूँ.

उसने मुझे अपना कांटेक्ट नम्बर दे दिया. मैंने उस कांटेक्ट नम्बर पे कांटेक्ट किया तो कुछ इस तरह से बात हुई.

स्पर्श- हैलो
पाठिका- हाय आप कौन बोल रहे हैं?
स्पर्श- मैं स्पर्श बोल रहा हूँ क्या आपने मुझे ईमेल किया था?
पाठिका- ओह यस आप स्पर्श बोल रहे हैं, मुझे आपकी स्टोरी बहुत अच्छी लगी. मैं आपसे मिलना चाहती हूँ. मैं 38 साल की हूँ और मेरा नाम वनिता है.
स्पर्श- अच्छा तो मुझे आपका एड्रेस और टाइम दे दो.

बाद में उसने मुझे अपना एड्रेस दिया वो भी दिल्ली से ही थी. उसने मुझे डेट और टाइम दे दिया.

मैं उसके बताई हुई डेट, टाइम और एड्रेस पर पहुँच गया. मैंने डोरबेल बजाई तो दरवाजा खुला और सामने 38 साल की खूबसूरत आंटी खड़ी थी. उसे मालूम था कि मैं आने वाला था इसलिए उसने नई साड़ी पहनी थी और मेकअप भी किया था. उसके बदन से खुशबू आ रही थी शायद उसने परफ्यूम लगाया था. उसके मम्मे बहुत बड़े और तने हुए थे. उसके होंठ बहुत गुलाबी थे. उसके मस्त रूप को मैं थोड़ी देर तक यूं ही एकटक देखता रह गया.

फिर उसने मुझे अन्दर आने को कहा तो मैं उसके घर के अन्दर चला गया. अन्दर कोई नहीं था. वनिता ने मुझे पानी दिया, मैंने गिलास लेते वक्त उसकी उंगली को छू लिया. वो मुस्कुराई फ़िर मेरे पास सोफ़े पर बैठ गई. मेरा लंड तो पहले से ही टाईट हो गया था.

वनिता ने मुझसे कहा- मैं तो समझ रही थी कि आप बड़ी उम्र के होंगे लेकिन आप तो बहुत हैंडसम हैं.
मैंने पूछा- आपके घर में कौन कौन रहता है?
वनिता ने कहा- मैं और मेरे पति, लेकिन अभी वो बाहर गए हुए हैं. तुम तब तक मेरे साथ जो चाहे कर सकते हो.

मैं उसके थोड़ा करीब हो गया और उसके हाथों को पकड़ लिया.. वो चुपचाप थी.

धीरे धीरे मैंने उसके हाथों को मसलना शुरू किया. फिर धीरे धीरे मैं ऊपर को बढ़ रहा था, मेरा हाथ उसके पेट पर फिरने लगा और ब्लाउज के ऊपर से उसके मम्मों पर हाथ फ़िराया. उसने नशे से आँखें भर कर मेरी तरफ देखा तो मैं उसके मम्मों को दबाने लगा. उसकी साँसें जोर से चल रही थीं और आँखें मस्ती से बंद हो गई थीं.

मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोलना शुरू किए और ब्लाउज को निकाल दिया. अब मैं उसकी ब्रा के ऊपर से उसके तने हुए मम्मों को मसल रहा था.

फिर उसकी साड़ी निकाल दी और उसका पेटीकोट ऊपर उठाकर उसकी जांघ पर हाथ फिराया. इसके बाद उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चुत पर हाथ फ़िराने लगा. अब उसके मुँह से आवाज आने लगी थी.

‘अह्हह्हह उहहह्हह..’

मैंने उसका पेटीकोट निकाल दिया, अब वो सिर्फ पेंटी और ब्रा में ही थी.

कुछ पल बाद उसने मेरी शर्ट निकाल दी और मेरी चौड़ी छाती पर हाथ फ़िराने लगी.

उसने कहा- तुम्हारी बॉडी तो बहुत स्ट्रोंग है.

मैंने उसके होंठों को चूम लिया. फ़िर उसने मेरी पेंट भी उतार दी. मेरा लंड तो निक्कर फाड़ कर बाहर आने की कोशिश कर रहा था. निक्कर टेंट की तरह फूल गया था. उसने मेरा लंड निक्कर में से निकाला तो उसकी आँखें फ़ट गई. पूरा 8” इंच का खड़ा लंड था, शायद इतना बड़ा लंड उसने पहली बार देखा था. अब वो मेरे लंड को चूसने लगी.

इसी समय मैंने भी उसकी ब्रा निकाल दी और उसके बड़े बड़े मम्मों को चूसने लगा. उसके निप्पल बहुत कड़क थे.

कुछ ही देर में मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने उसकी पेंटी उतार दी. उसकी चुत एकदम चिकनी थी. मुझे बड़ी मस्त चुत लग रही थी.

मैंने अपना 8” इंच का लंड उसकी चुत की फांकों में लगा दिया. मैं लंड डालने की पोजीशन में आ गया था.

वो बोली- धीरे पेलना.. मेरी चुत फ़ट जाएगी. मैंने लंड को उसकी चुत में धीरे धीरे पेलना शुरू कर दिया. कुछ ही पलों में मैं पूरे जोश में आ गया था. मैं उसे जोर जोर से धक्के देने लगा.

वो भी कुछ देर की पीड़ा के बाद मेरा साथ देने लगी.

करीब आधे घंटे की चुदाई में वो दो बार झड़ चुकी थी. अब मेरी स्पीड बहुत तेज हो गई थी, थोड़ी देर बाद मेरे लंड से भी सफ़ेद दही निकल गया.

थोड़ी देर बाद जब हम दोनों शांत हो गए तो मैंने उससे कहा- हम जब तक साथ हैं. हम कपड़े नहीं पहनेंगे, पूरे नंगे ही रहेंगे.
वो बोली- जो तुम कहो मैं वैसा ही करूँगी. एक दिन के लिए मैं तुम्हारी बीवी हूँ.. तुम जो चाहे करो.

हम शाम तक एक दूसरे की बांहों में नंगे पड़े रहे और एक दूसरे के बदन से खेलते रहे.

करीब 8 बजे वो खड़ी हुई और खाना बनाने चली गई. इस वक्त मुझे उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी. उसकी गांड चलते वक्त ऊपर नीचे हो रही थी. वो बिल्कुल नंगी खाना बना रही थी.

इधर मैं नंगा पड़ा टीवी देख रहा था. मैं बार बार उसकी तरफ़ भी हसरत भरी निगाहों से देख रहा था. उसके गोरे कूल्हे बहुत खूबसूरत लग रहे थे. जैसे ही वो कुछ लेने आगे बढ़ती उसके कूल्हे और चूचे ऊपर नीचे डोलने लगते थे.

मेरा लंड फ़िर से एकदम टाईट हो गया. मैं खड़ा हुआ और उसके पीछे जाकर उसकी गांड में अपना लंड रगड़ने लगा. साथ ही उसे अपनी बांहों में भर लिया.

वो मुस्कुराने लगी. वो रोटी बना रही थी और मैं उसके मम्मों को पीछे से मसल रहा था.

क्या सॉफ्ट चूचे थे.

फ़िर मैंने उसके मम्मों पर तेल लगाया और उसकी चूचियों की मसाज करने लगा. उसके चूचे चमकने लगे थे.

फ़िर मैंने उसकी गांड पर तेल लगाया. कुछ देर तक मैं उसकी गांड के छेद में तेल लगाता रहा और उसे मसलता जा रहा था. फ़िर उसकी पीठ पर, उसकी जाँघों पर.. व उसके पूरे बदन पर तेल लगा दिया.

अब वो भी पूरी कामुक हो उठी थी. उसने गैस को बंद किया और पलटकर मुझे बांहों में लेकर मेरे होंठों को चूसने लगी. उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी. शायद हम दोनों 10 मिनट तक दूसरे के होंठों को चूसते रहे. फ़िर उसने मेरे लंड पर तेल लगाना शुरू किया. वो मेरे पूरे बदन पर तेल लगाने लगी और मसाज करने लगी. हम दोनों का बदन पूरा चिकना हो गया था.

अब मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और उसको उठाकर बाथरूम में ले गया. मेरा लंड तो पहले से ही पूरा तना हुआ था.

वनिता लंड हिलाते हुए बोली- इसको अभी तो खाना खिलाया था, फ़िर से भूखा हो गया.
मैंने कहा- इसकी भूख तो एक दिन के बाद ही मिटेगी.

वो मेरी गोदी में बैठ गई. मैं उसके मम्मों पर पीछे से साबुन लगा रहा था और मेरा लंड उसकी गांड के छेद को छू रहा था

कुछ देर बाद वो खड़ी हो गई और उसने मेरे लंड को हाथ में ले लिया. मेरे लंड का का सुपारा बाहर निकाल कर उस पर साबुन लगाने लगी और उसको आगे पीछे करने लगी.

मैं उसके गोरे गोरे मम्मों पर साबुन लगा रहा था और उन्हें मसल रहा था.

फिर मैं उसके एक निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. उसके मुँह से आवाज निकालने लगी- उह्हह्ह.. अह्हह्ह.. चूसो मेरे राजा पूरा चूस लो.

मैं उसके निप्पल पर अपनी जीभ रगड़ रहा था. अब उसने मेरे पूरे बदन पर साबुन लगाया. मैंने भी उसके पूरे बदन पर साबुन लगाया और फोम के गुच्छे से रगड़ा ताकि झाग ज्यादा हो जाए.

इसके बाद मैंने उसको बाथरूम में लेटा दिया. बाथरूम काफी बड़ा था.

मैंने अपना लंड उसके मम्मों पे रगड़ने लगा. वो मादक आवाज निकाल रही थी- उईईईमा.. अब मुझसे नहीं रहा जाता.. डाल दे पूरा लंड मेरी चुत में..

मैंने अपना खड़ा लंड उसकी चुत पर रख दिया. लंड में साबुन लगा हुआ था इसलिए फ़टाक से चुत के अन्दर चला गया.

साबुन लगाकर चुत चुदाई करने का मजा ही कुछ और होता है.

मैं उसको धकापेल धक्के दे रहा था और वनिता आँखें बंद करके लंड का पूरा मजा ले रही थी.

करीब एक घंटे तक चुदाई चलती रही.

फ़िर वो झड़ गई और बोली- बहुत मज़ा आया..

उसने मेरे गाल पर चुम्मी ले ली.

रात का डिनर भी हम दोनों ने नंगे ही किया. वो मेरी गोद में नंगी बैठी थी और मैं भी नंगा ही डाइनिंग टेबल पर बैठा था. हम दोनों एक दूसरे को खिला रहे थे.

मेरा लंड इस वक्त ढीला था.. लंड ने दो बार जो मजा ले लिया था.

खाना खाने के बाद उसने बरतन भी नंगे हो कर ही धोये. मैं ये सब देख रहा था. अब मेरा लंड धीरे धीरे फ़िर टाईट हो रहा था. वो बरतन धोकर मेरे पास बेड पर आई और लेट कर टीवी देखने लगी.

अचानक वो खड़ी हुई और अल्मारी में से सीडी निकाली और सीडी प्लेयर में लगा दी. वो नंगी पिक्चर की सीडी थी.

अब हम वैसा ही करने लगे जैसे उस ब्लू फिल्म में आ रहा था.

मैंने वनिता की चुत में उंगली डाली और अन्दर बाहर करने लगा. इसके साथ साथ मैं उसकी चुत को चाट भी रहा था. वनिता को बहुत मजा आ रहा था.

फिर उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और टीवी में जैसा आ रहा था, वैसे ही उसने अपना थूक मेरे लंड पे लगाया और अन्दर बाहर करने लगी.

फ़िर मैं सीधा हो गया और वो मेरे ऊपर घुटनों के बल चढ़ गई और मेरा लंड अपनी चुत में डाल लिया. वो ऊपर नीचे होने लगी.. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैं उसके थिरकते हुए मम्मों को दबा रहा था.

करीब 15 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा फ़िर वो कुतिया की तरह हो गई और मैं पीछे से उसकी चुदाई करने लगा. पहले मैंने उसकी चुत में लंड पेला और बाद में उसकी गांड में डाल दिया.

वो चिल्ला पड़ी- उईईमा मेरी गांड फट गई अह्हह्हह.. उह्हह्ह..

जैसे पिक्चर में आवाज़ आ रही थी, वो भी वैसे ही आवाज निकाल रही थी.

अब मैं जोर जोर से उसकी गांड की चुदाई करने लगा. वो भी मज़े में आ गई थी. करीब एक घंटे बाद चरम आ गया और मैं झड़ गया.

फ़िर हम दोनों नंगे ही एक दूसरे को बांहों में लेकर सो गए.

दूसरे दिन हम करीब 10 बजे उठे, दोनों ने एक साथ स्नान किया और वो नंगी ही नाश्ता लाने चली गई.

उसने कहा- आज करीब 3 बजे मेरा पति आ जाएगा, तुम 12 बजे चले जाना.
मैंने कहा- ठीक है..

नाश्ता में ब्रेड और बटर था. अब वो मेरी गोद में आकर बैठ गई. मैंने चाकू में मक्खन लिया और उसके मम्मों पर लगाने लगा, उसके निप्पल पर लगाया. अब वो घूम गई और मेरी गोद में मेरे सामने मुँह करके बैठ गई. मैंने उसके निप्पल से और मम्मों से मक्खन चूसना शुरू किया. वो पूरी मदहोश हो रही थी.

फ़िर उसने भी मेरी छाती पर मक्खन लगाया, मेरे निप्पल पे मक्खन लगाया और निप्पल चूसने लगी.

इसके बाद उसने मेरे लंड पे मक्खन लगाकर पूरा लंड अपने मुँह में डाल दिया और चूसने लगी.

मैं उसकी चुत को चाटने लगा. अब उसकी चुत पूरी मुलायम हो गई थी. उसने बैठे बैठे ही मेरा लंड अपनी चुत में डाल दिया. मक्खन लगा होने से उसकी चुत चिकनी हो गई थी. मेरा लंड झट से अन्दर घुस गया. वो धक्के देने लगी.. मैं उसके होंठों को चूसने लगा. फिर उसने मेरे लंड को बाहर निकाला और लंड का सुपारा मुँह में डाल लिया.

मैंने प्लेट से केला लिया और उसकी चुत पर रगड़ने लगा. फ़िर केले को उसके मुँह पर रखा तो वो केले को लंड जैसे चूसने लगी.. उसको मजा आ रहा था तो वो ऊपर से नीचे की तरफ़ पूरे केले को चूसने लगी.

केला काफी बड़ा था करीब 9 इंच का होगा. मैंने केले को कंडोम पहनाया और उसकी चुत में डाल दिया.

उसके मुँह से आवाज निकल गई- उईईईईईएमा…

उसकी आँखें फटने को हो गईं.

मैं केले को चुत में अन्दर बाहर करने लगा. उसने कहा- इसमें मजा नहीं आ रहा है.. मुझे तो तुम्हारा केला पसंद है.

मैंने अपना पूरा लंड उसकी चुत में डाल दिया और अन्दर बाहर करने लगा. करीब एक घंटे बाद वो झड़ गई.

फ़िर मैंने लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया.. वो मेरे लंड को चूसने लगी. मैंने पूरा लंड मुँह में डाल दिया और अन्दर बाहर करने लगा.

थोड़ी देर बाद मेरे सफ़ेद दही निकल गया वो सारा दही पी गई.

कुछ देर बाद हम दोनों ने कपड़े पहन लिए. उसने मुझसे कहा- तुमने मुझे जन्नत के मजे करा दिए.. मुझे ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया. अब हम कभी एक दूसरे को कांटेक्ट करने की भी कोशिश नहीं करेंगे. हम दोनों एक दूसरे को भूल जाएंगे.
मैंने कहा- ठीक है, मैं तुम्हें कभी कांटेक्ट नहीं करूँगा.

वो जोर से मेरे गले लग गई और हम दोनों ने लिप किस किया. एक दूसरे के होंठों को मुँह में भर लिया और जीभ को चाटने लगे.

फ़िर मैं वहाँ से चला आया. इसके बाद मैंने कभी उससे कांटेक्ट करने की कोशिश नहीं की. मैंने उसका मोबाइल नम्बर भी मेरे मोबाइल से डिलीट कर दिया.

Monday, 28 October 2024

कुंवारी ननद के अन्दर भड़कायी लण्ड की प्यास

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लाइव चुदाई देखने की सेक्स कामना पूरी हुई

 

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम दिशा है और मैं कोरबा छत्तीसगढ़ की रहने वाली हूं.
मेरे परिवार में मेरी बड़ी बहन पूजा है. इस साल वह फाइनल ईयर में है.
मेरी बड़ी बहन के अलावा मेरे घर में मेरा एक छोटा भाई और मम्मी पापा भी हैं.
इस तरह से घर में हम पांच लोग रहते हैं.

पापा की नौकरी है और मम्मी हाउसवाइफ हैं.

मैं अभी कॉलेज के दूसरे वर्ष में पढ़ाई कर रही हूं.

दोस्तो, मैं एकदम चुदासी किस्म की लड़की हूं. दिन भर मेरा दिमाग चोदने चुदाने की कहानी में ही खोया रहता है.
जब भी मुझे मोबाइल मिलता है, मैं चुपके से उसमें ब्लू फिल्में देखने लग जाती या हिंदी सेक्सी कहानियां पढ़ने लग जाती हूं.

अन्तर्वासना और फ्री सेक्स कहानी वाली साइट की मैं नियमित पाठिका हूं.

शुरू में तो मैं ब्लू फिल्म अकेली देखा करती थी लेकिन एक बार मेरी दीदी ने मुझे ब्लू फिल्म देखते पकड़ लिया था.
तब से हम दोनों अब साथ में मिल कर चुदाई की वीडियो देखते हैं.

ये सब देखना रोज का काम हो गया था लेकिन असली वाली चुदाई कभी नहीं देखने को मिली थी.

Xxx लाइव सेक्स शो की बात मेरे फर्स्ट ईयर यानि पिछले साल की है.

मेरी मम्मी भले ही तीन बच्चों की मां हो गई हैं लेकिन वे किसी जवान ताज़ी लड़की की तरह माल लगती हैं.
उनके बड़े बड़े दूध देख कर किसी का भी मन उनको चोदने को करने लगेगा.

हमारा घर तीन कमरों का है.
जिनमें से एक में हम तीनों भाई बहन और एक में मम्मी पापा सोते हैं.

एक कमरे में कुछ सामान रखा हुआ है और वह कमरा मेहमान के लिए है.

मैं कभी कभी मम्मी के साथ सोने की जिद करने लग जाती हूं.
इसलिए मम्मी पापा के साथ मैं उनके वाले कमरे में सो जाया करती थी.

एक रात जब हम तीनों सोए हुए थे तो मैंने सुना कि कुछ आवाजें आ रही थीं.
‘आह थोड़ा इधर … इधर डालो … आह यार उधर नहीं फाड़ोगे क्या … इधर पेलो न … ये है छेद.’

ये आवाजें मेरी मम्मी की थीं.

मैंने चुपके से आंख खोल कर देखा तो मम्मी पापा को बोल रही थी कि वे लंड ठीक से डालें.

पापा हड़बड़ी में गड़बड़ी कर रहे थे.
मम्मी अपनी साड़ी उठा कर चुदाई करवा रही थीं और पापा बेचारे अपनी बेटी के बगल में अपनी बीवी को चोदने में लगे हुए थे.

मुझे ये सब देख और सुन कर मजा आने लगा.
मैं सोने का नाटक करके उनका पूरा चुदाई का कार्यक्रम देखती रही.

पापा लगभग रोज ही मम्मी की चुदाई करते थे.
लेकिन अब मैं उनके पास रोज सोने की कोशिश करने लगी.
पर अधिकतर बार मम्मी मुझे अपने रूम भेज देती थीं.

मैंने इसका भी तोड़ निकाल लिया.
एक रात पूजा और भाई के सोने के बाद मैं मम्मी पापा की चुदाई देखने के लिए खिड़की से झांकने लगी.

मैंने देखा कि पापा ने मम्मी को उल्टा किया हुआ था और उन्हें घोड़ी बना कर पीछे से घपा घप पेल रहे थे.
मम्मी अपनी साड़ी की कमर तक उठा कर बेड के किनारे घोड़ी बनकर पोज बनाई हुई थीं और पापा उनकी कमर को पकड़ कर उन्हें कस कस कर चोदे जा रहे थे.

ये सब देख कर मेरी चूत की नदी बहने लगी.
चूत से रस की धार रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी.

मैं अपने रूम में गई और मोबाइल में ही ब्लू फिल्म चालू करके अपने उंगली से चूत में अन्दर बाहर करने लगी.
कुछ देर में मेरी बहन जाग गई और वह भी मेरे साथ अपनी बुर में उंगली करने लगी.

अब मैं और मेरी दीदी दोनों साथ में सेक्स वीडियो देखती हुई अपनी अपनी बुर सहलाने में लगी थीं.
बहुत मजा आने लगा था.
दोनों साथ में चूत सहला रही थीं और गंदी मूवी देख कर आह आह कर रही थीं.
कुछ देर के बाद हम दोनों झड़ गईं और सो गईं.

इसके बाद ये खेल गाहे बगाहे चलने लगा.
अब मेरे साथ मेरी बहन भी पापा मम्मी की चुदाई देखने का मजा लेने लगी थी.

सुबह मैं जब पापा के कमरे की सफाई करने जाती तो वहां पर बेड के नीचे सफेद रस से भरे कंडोम पड़े रहते थे.
उन्हें मैं उठा कर देखा करती.

कभी मम्मी देख लेतीं तो बहुत डांट पड़ती थी.

फिर मम्मी खुद ही कंडोम को कचरे के डिब्बे में डाल कर बाहर सारा कचरा फेंक कर आती थीं.

अब मम्मी और पापा की रोज चुदाई देख कर मुझे भी चुदवाने का मन करने लगा था.
मैं रोज अपने चूत में उंगली डालकर अन्दर बाहर करने लगती थी और चुदाई के लिए लंड की चाहत को बलवती करती रहती थी.

लेकिन लंड मिलेगा कैसे?
यह एक बड़ा सवाल था.

फिर इस सबके लिए एक मौका मिला.

मेरे मामा के यहां कार्यक्रम में सबका जाना हुआ.
वहां मेरी दो बड़ी मामियां और मौसी सभी लोग आई हुई थीं.

मेरी बड़ी मामी की बेटी तनिषा जो मेरी दीदी पूजा जितनी बड़ी थी यानि मेरे से एक या दो साल बड़ी थी, वह भी आई हुई थी.

वह बहुत ही सेक्सी लड़की थी.
मैंने सुना था कि स्कूल के टाइम से ही लड़कों से उसके चक्कर थे और वह कई बार चुदवाती हुई भी पकड़ी गई थी.

यहां भी वह व्हाट्सप्प पर दिन भर किसी न किसी से चैटिंग करती रहती थी.
उसके सब घर वाले यहीं थे, फिर भी वह ढीठ थी.

देखने में वह गोरी चिकनी और भरे हुए बूब्स वाली थी.
उसके चूतड़ अजीब से उभरे हुए थे.
ऐसा लगता था कि वह पीछे से ही ज्यादा ही मरवाती थी.

मैंने सुना था कि लड़कियों की गांड ज्यादा चोदने पर उनके चूतड़ बड़े होने लगते हैं.
मेरे चूतड़ अभी पतले और दबे हुए से हैं.
मेरी दीदी के थोड़े निकले हैं.
मम्मी का पिछवाड़ा तो चलने पर पूरा हिलने लगता है.

इसका मतलब आप खुद समझ जाओ.

कार्यक्रम के बाद सब मेहमान वापस जाने लगे.

बड़ी मामी ने और मेरी बड़ी बहन और मुझे उनके यहां जाने के लिए मम्मी से बात कर ली.

मैं और पूजा बड़ी मामी के यहां चले गए.
उनके गांव में बड़ी मामी बड़े मामा, उनकी बेटी तनिषा और भाई राहुल रहते थे.

राहुल अभी बारहवीं की पढ़ाई कर रहा है.
देखने में वह भी स्मार्ट और हैंडसम है.
उसके हाव भाव से साफ समझ आता था कि इसकी भी कुछ गर्लफ्रेंड होंगी.

उनका घर काफी बड़ा था. पांच बेडरूम, हॉल, किचन सब था.

तनिषा, मैं और पूजा एक कमरे में सोने लगे.
राहुल एक कमरे में सोता था.

बड़ी मामी और मामा एक अलग कमरे में सोते थे.

मामी भी काफी सेक्सी थीं, लगता था कि वह भी रोज चुदाई कराती थीं.

बड़े मामा उनकी आए पीछे दोनों तरफ से जम कर लेते होंगे, ऐसा साफ समझ आ रहा था.

एक रात तनिषा बाथरूम गई हुई थी, उसका मोबाइल चार्ज पर लगा हुआ था.
उसमें व्हाट्सप्प मैसेज आने लगे.
मैंने उसके मोबाईल को खोल कर देख लिया और सारे मैसेज पढ़ लिए.

उसका बॉयफ्रेंड उसको दिन भर मैसेज करता था.
उस वक्त भी वही था और वह रात के टाइम अपने लंड का फोटो भेज रहा था.

उसने लंड की फ़ोटो को भेजा था और लिखा था- चुदाई किए बहुत दिन हो गए जानेमन, जल्दी मिलना है.
ये सब मैंने पूजा दीदी को भी दिखा दिया.

उसके बॉयफ्रेंड के लंड का साइज लंबा और मोटा था.
उसको देख कर हम दोनों बहनों की चूत में अजीब सी गुदगुदी होने लगी थी.

उसके वापस आने पर हमने उसको सब बता दिया और पूजा दीदी ये बोल कर उसको डराने लगी कि घर में सबको बता देंगी.

वह डरी ही नहीं, उल्टा हमें ही फंसाने की बात बोलने लगी.
वह बोली- तुम लोग ही अपने बॉयफ्रेंड से बात करने के बहाने यहां आई हो, ऐसा बोल कर मैं तुमको फंसा दूंगी. ये बॉयफ्रेंड भी तुम्हारा ही है और तुमने मेरे मोबाईल पर उससे चैट करके उसे लंड की फ़ोटो भेजने की बात कही.

जब उसने ये सब कहा तो हमारी फट गई.
लेकिन उसके बॉयफ्रेंड का लंड बहुत बड़ा था और गुलाबी टोपे वाला था.
उसको अपनी चूत में लेने का लालच हम दोनों बहनों को अन्दर तक घुस गया था.

उसका मूसल लंड देख कर मेरी चूत से तो रस बहने लगा था.
किसी तरह से तनिषा से बात सुलटी.

मैं सोने लगी और अपनी चूत और चूची सहलाने लगी.
पूजा भी अपने दूध मसलने लगी थी.

फिर हम सब सो गए.

सोने के एक मिनट बाद ही तनिषा ने हम दोनों के मम्मों को जोर से दबा दिए और हंसने लगी.

उसकी इस हरकत से हम दोनों बहनों की मुस्कान खिल उठी और हम सब मिलके मस्ती करते हुए हंसने खिलखिलाने लगे.

सुबह मैंने तनिषा को दीदी कहकर प्यार से बुलाया और उससे बात करने लगी.
वह भी अच्छे से बात करने लगी.

फिर मैं उससे उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछने लगी.
उसने बताया कि वह उसका पड़ोसी है, उन दोनों का चक्कर बहुत सालों से चल रहा है.

जब घर वाले नहीं रहते, तो वह मिलने घर आ जाता है और जम कर चुदाई करके जाता है.

ये सब सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश होने लगी.

वह बोली- तुम लोगों के बारे में उसको पता है कि तुम आई हुई हो. मम्मी पापा घर पर नहीं रहेंगे तो वह मिलने आएगा. तब मैं तुम लोगों से बात करवा दूंगी. यदि मेरा मन किया तो आगे भी कुछ करवा दूंगी.
यह बोलकर वह हंसने लगी.

मैं बोली- ठीक है दीदी. आपकी राजी में ही हम दोनों राजी हैं.

बड़े मामा दुकान चलाते थे और भाई गांव में ही स्कूल पढ़ने जाता था.
मामा तो सुबह चले जाते थे और सीधे रात में आते थे.
घर में मामी ही अकेली रहती थीं.

तीसरे दिन मामी की तबियत खराब हो गई.
बड़ी मामी को एलर्जी की परेशानी है.

उनको लेकर बड़े मामा डॉक्टर के यहां शहर गए तो घर में कोई नहीं रह गया.
उस दिन तो समझी हमारी लॉटरी ही खुल गई थी.

हमने आज तनिषा दीदी और उसके बॉयफ्रेंड से मिलने मिलाने का प्लान बनाया.
मैंने सोचा कि इनका कुछ देखने को मिल जाएगा, जिससे कुछ सीख लेंगे.

दीदी का हीरो छत से कूद कर मिलने आ गया.
वह आकर सबसे नॉर्मल बात करने लगा.

घर में हम तीनों बहनें और वह अकेला लड़का था.
वह देखने में स्मार्ट, लंबा, हट्टा-कट्टा और हल्की दाढ़ी में गजब दिख रहा था.

उसने मुझसे मेरा नाम पूछा और कितने में पढ़ती हो, कहां पढ़ती हो. ये सब पूछने लगा.
उसने पूजा से भी यही सब पूछा और तनिषा दीदी से बातें करने लगा.

फिर कुछ देर बाद दोनों उठ कर कमरे में जाने लगे. हम दोनों बहनें टीवी रूम में रूक गईं.

उन दोनों का चूमना चाटना शुरू होने लगा और हम दोनों मचलने लगीं.

मैंने पूजा से कहा- चल खिड़की से झांक कर देखती हैं.
वह बोली- हां चल, मजा आएगा.

हमने देखा कि हीरो बेड पर लेट गया और दीदी के ऊपर चढ़ कर उसको चूम रहा है.
वह कभी दीदी के दूध को दबाता, कभी उसकी जांघ के पास मसलता, कभी उसके पेट को चूमता, तो कभी नीचे चूत की तरफ चाटने लगता.

तनिषा दीदी ‘आह आह मेरा हीरो … मेरी जान …’ बोल बोल कर सिसकार रही थी और खिड़की की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी.

ऐसा लग रहा था कि वे दोनों हमें दिखा दिखा कर चुदाई करने वाले थे.
तभी तो उन्होंने खिड़की खोल रखी थी कि हम दोनों आकर सब देखें और मज़े लें.

यह सब देख कर हम दोनों की चूत गीली होने लगी थी.
हम दोनों खिड़की से ही सारे मज़े लेने लगी थीं.

वह लड़का उठा और अपने कपड़े निकालने लगा.
उसने अपने सारे कपड़े निकाल कर एक तरफ रख दिए.

फिर उसने पैंट की जेब से कंडोम का पैकेट निकाल लिया.

मैंने सोचा कि ये एक पैकेट का क्या करेगा; इसमें तो शायद दस कंडोम होंगे; क्या ये आज दिन भर तनिषा दीदी को चोदेगा.

उसने तनिषा दीदी के कपड़े निकालने शुरू कर दिए.
दीदी लाल ब्रा में थी और उसके पर्पल लेगिंग्स में वह गजब सेक्सी लग रही थी.

उसने तनिषा दीदी की लेगिंग्स को खींच कर निकाल दिया और अब दीदी ब्लू रंग की पैंटी और लाल रंग की ब्रा में थी.

इसके बाद उसने एक एक करके तनिषा दीदी की पैंटी और ब्रा दोनों को निकाल दिया.

फिर दीदी और वह लड़का पूरे नंगे होकर अन्दर थे.

दीदी लपक कर उसका खड़ा लंबा लंड चूसने लगी.
वह बिल्कुल ब्लू फिल्मों की तरह लंड चूस रही थी.

उस लड़के ने अपने लंड का मुँह हमारी तरफ किया और हमें दिखाते हुए तनिषा दीदी से लंड चुसवाने लगा.

उसका लंड चूसने पर और लंबा और कड़ा होता जा रहा था.
तनिषा दीदी जोर जोर से उसका लंड चूसने लगती तो लड़का दीदी के बालों को पकड़ कर और जोर से उसके मुँह को दबाने लगता था.

ये सब देख कर हमारा हाल बेहाल होने लगा.
हमें तो ऐसा लगने लगा था कि कमरे के अन्दर जाकर उस मर्द का लंड अपने मुँह में लेकर चुसाई करने लगें.
हमारा खुद पर कंट्रोल नहीं रहा था.

हम दोनों अपनी चूत व दूध मसलने लगी थीं.
कभी मैं पूजा के दूध दबा देती, कभी वह मेरी चूत मसल देती.

दस मिनट तक लंड चुसाई चलने के बाद उस लड़के ने दीदी को उठाया और बेड पर पटकते हुए सीधा लिटा दिया.
फिर एक कंडोम निकाल कर अपने लंड पर लगाने लगा.

लंड ने पोशाक पहन ली तो वह मर्द का बच्चा दीदी के ऊपर चढ़ गया और उसके एक दूध को जोर जोर से चूसने लगा.
वह उसके दूध को मुँह में लेकर चूसे जा रहा था.

दीदी की कामुक सिसकारियां पूरे कमरे में गूंजने लगी थीं.

चूचियों की चुसाई के साथ साथ वह उसकी चूत को रगड़ रहा था.
Xxx लाइव सेक्स शो देख कर हमारी जान निकली जा रही थी.

फिर उस लड़के ने अपना लंड दबाया और दीदी की चूत में डालने लगा.

लंड अन्दर डालने से पहले वह दीदी को खींच कर बेड के किनारे पर ले आया और नीचे खड़े होकर उसने दीदी की जांघों को पूरा फैला दिया. दीदी की चूत फटा हुआ भोसड़ा सा दिखने लगी थी.
उस लड़के ने जोर लगा कर दीदी की चूत में लंड फंसाया और अन्दर डालने लगा.

दीदी की आह निकलना शुरू हो गई और उसने अपना लंड दीदी की चूत में डाल दिया.
तब दीदी ‘आह मम्मी … मर गई मम्मी.’ करने लगी.

कुछ देर में दर्द खत्म हुआ और चूत में लंड पेलने का मस्ती भरा खेल शुरू हो गया.

धीरे धीरे लड़के ने रफ्तार बढ़ा दी और अब वह ताबड़तोड़ लंड पेले जा रहा था.
कभी वह दीदी की जांघों को दोनों हाथों से पकड़ कर धक्का देता, तो कभी सीधे लंड से ही धक्के लगाते रहता.

उसकी चुदाई के तरीके से लगता था कि वह चोदने के मामले में काफी अनुभवी है.

दीदी ‘आह मेरी जान … और अन्दर और अन्दर …’ कहे जा रही थी.

वह कभी झटके से चोदने लगता, कभी धीरे से … कभी कमर पकड़ कर चूत में धक्का देता, तो कभी उसकी जांघों को अपने कंधों पर रख कर प्यार से चोदने लगता.
कभी वह बेड पर चढ़ कर दीदी को अपनी बांहों में भरके घप घप की आवाजों वाली चुदाई करने लगता था.

इन आवाजों को सुन कर बहुत मजा आ रहा था.

दीदी ऐसा करते करते काफी देर तक चुदी.

आखिर में उनकी चुदाई की रफ्तार अचानक बहुत तेज हो गई और वह लड़का दीदी को जमकर चोदने लगा.

दीदी ने भी उसको अपनी बांहों से कसके जकड़ लिया.
लड़का पेलता रहा और दीदी चुदाती रही.

उन दोनों की चुदाई पूरी होने के बाद वह दोनों नंगे ही कमरे में एक दूसरे के ऊपर कुछ समय तक लेटे रहे.

फिर दीदी लड़के का लंड मुँह में लेकर चाटने लगी.

हम दोनों भी झड़ गई थीं तो अपने कमरे में आ गईं.

बदचलन बीवी को सबक सिखाया

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दुकान वाली भाभी की चूत और गांड मारी

 

इतने में उसका पति दर्शन आ गया और उसने सब सामान की बोरी बांध कर मुझे दे दी.
मैं वहां से वापस चल दिया.

अब मेरे मन में सलोनी भाभी का ख्याल आने लगा कि कैसे उसको चोदने का जुगाड़ किया जाए.

उन्हीं दिनों मेरा वर्क टाइम चेंज हो गया और अब मुझे दोपहर से लेकर लेट नाईट रात के एक बजे तक काम करना पड़ रहा था.
इसलिए मैं खाना आदि खाकर ही फ्लैट पर आ जाता और यहीं सो जाता.

वैसे मैं सुबह घर से ब्रेकफास्ट करके फ्लैट पर आता था पर अभी बड़े हुए समय के कारण मैं फ्लैट पर ही अपनी चाय वगैरा बनाने लगा था.

सुबह सलोनी का पति दर्शन दूध दे जाता और महीने का हिसाब घर से ले लेते.

फिर एक दिन दर्शन की जगह सलोनी भाभी दूध देने आयी.
मैंने पूछा- आज आप?

उसने कहा कि दर्शन को कोविड पॉजीटिव आया और वे अपने ही घर में क्वारंटीन हो गए हैं. अभी 15-20 दिन तक मैं ही दूध देने आऊंगी.

यह सुन कर मैं खुश हो गया और मैंने अपने मन में सोच लिया कि यह तो इस रंडी को चोदने की व्यवस्था हो गई.

मेरे मन में ख्याली पुलाव बनते ही सलोनी भाभी ने भी भांप लिया था कि मैं क्या सोच रहा हूँ.

वह मुस्कुराती हुई बिल्डिंग के ऊपर वाली फ्लोर पर एक बूढ़ी आंटी के वहां दूध देने चली गई.

दस मिनट बाद वह बिल्डिंग से चली गई.

फिर दूसरे दिन बेल बजी और मैं ख़ाली शॉर्ट्स पहने हुए अपने लंड को खुजाते हुए आया और मैंने दरवाजे को खोला.

मुझे एक शॉर्ट्स में देख वह थोड़ी शर्मा गई.

मैं- अच्छा … दूध देने आई हो आप!

मैंने अपने लंड को सैट करके लौड़े से हाथ हटाया जिससे मेरे शॉर्ट्स पर बड़े लंड का आकार बन गया था और साफ साफ दिखाई देने लगा.

सलोनी भाभी मेरे लंड को देखते मुँह पर हाथ रखकर बोल पड़ी- अरे बाप रे!
मैं- क्या हुआ?

सलोनी शर्माती हुई नजरों को लंड पर से हटाती हुई बोली- अरे कुछ नहीं.
उसने यह कह कर अपने होंठों को दांतों के बीच दबा लिया.

मैं समझ गया था कि अब यह चुदाई के लिए मान गई.

तभी ऊपर वाली आंटी ने सलोनी को आवाज लगायी और वह दूध देने ऊपर चली गई.

मैंने भी प्लान बनाया और दूध में नींबू डाल कर जल्दी से गर्म कर दिया, जिससे दूध फट गया.

फिर सलोनी भाभी जैसे ही जाने लगी तो मैंने उसको रोक लिया.

मैं उसके बड़े चूचे देखते हुए कहने लगा- आपका दूध तो फट गया?
उसने साड़ी पहनी हुई थी और ब्लाउस में आगे की साइड हुक थे.

मेरे कहने पर उससे लगा कि ब्लाउज फटा है और मम्मे दिख रहे हैं.

वह पल्लू साइड में करके अपने ब्लाउज को चेक करने लगी.
अपने हाथ से अपने मम्मों को इधर-उधर करके देखने लगी.

फिर मैंने हंसते हुए कहा- अन्दर दूध गर्म करने रखा था, वह फट गया है.

इस बात पर सलोनी भी हंस दी.
उसे पता ही नहीं था कि ब्लाउज के दो हुक निकल गए हैं और इस सबमें उसके मम्मे बाहर आकर और साफ दिखाई देने लगे हैं.

सलोनी भाभी- ऐसे कैसे, मैंने तो चेक करके ताज़ा पैक ही दिया था!
मैं- ऐसा है तो आप अन्दर किचन में आकर चेक कर लो.

सलोनी भाभी ने जल्दी जल्दी में अपना पल्लू वगैरह कुछ ठीक नहीं किया और वैसे ही अन्दर आ गई.

मैं उसके मम्मों को ऐसे घूरने लगा कि अभी ही पकड़ कर मसल दूँ.

सलोनी भाभी किचन में गई और उसने गैस स्टोव पर रखा हुआ फटा दूध देखा- अरे यह कैसे हुआ? कोई बात नहीं, मैं आपको दूसरा दे जाती हूँ.
मैं- आप ही गर्म कर लेना उसे, नहीं तो कहेंगी कि मैंने जानबूझ कर दूध में कुछ किया.

सलोनी भाभी मुस्कुराती हुई बोली- अच्छा कहां है दूसरा पतीला?
मैं- नीचे के ड्रॉअर में है.

सलोनी नीचे पतीला लेने झुकी और मेरे सामने उसके मम्मे पूरे दिखने लगे.
मेरी हवस की लार टपकती देख कर सलोनी भी मुझे खुल कर मम्मे दिखाने लगी.

फिर वह पतीले में दूध भर कर स्टोव की साइड मुड़ी और दूध का पतीला गर्म करने लगी.
मैं उसके पीछे खड़ा हो गया.

वह कुछ नहीं बोली और मैं अपने खड़े लंड के साथ और करीब को हो गया और मैंने अपने कड़क लंड को उसकी गांड पर टच करवा दिया.

सलोनी भाभी अभी भी कुछ नहीं बोली, इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई. मैंने लंड सीधा उसकी उठी हुई बड़ी गांड के बीच की फांक में सैट कर दिया और उसकी गांड पर अपने आपको टच करके खड़ा हो गया.

सलोनी भाभी थोड़ी हिचकिचायी पर उसने कुछ नहीं किया.
वह बस लंड के मजे लेने लगी.

अब मैंने उसकी कमर पर हाथ रख कर उसे अपनी ओर खींचा और लंड को जोर जोर से रगड़ने लगा.

वह मेरे हाथ पकड़ती हुई बोलने लगी- यह क्या कर रहे हो पंकज!
मैं- बस गर्म कर रहा हूँ.

सलोनी भाभी- दूध तो स्टोव पर गर्म हो रहा है न!
मैं- अब इतना भी मत बन, मैं तेरी चूत गर्म करने की बात कर रहा हूँ.

सलोनी भाभी- यह सब ग़लत है यार, कोई देख लेगा … और मेरे पति को पता चलेगा तो … ये सब मेरे लिए अच्छा नहीं है. वैसे भी अभी कुछ ठीक होकर ही चुका है.
मैं- कुछ नहीं होगा भाभी … फ्लैट लॉक है अन्दर से, कोई नहीं आएगा … और तेरा पति कोविड के चलते घर में ही क्वारंटीन है. वह नहीं आने वाला ढूँढने … और जब किसी को कुछ पता ही नहीं चलेगा तो उसको कौन बताएगा?

यह कहते कहते मैंने दोनों हाथों से उसके दोनों बड़े बड़े बबलों को मसल दिया.
अहह क्या मस्त और सॉफ्ट मम्मे थे.

मेरे हाथों से दूध मसलवाते ही भाभी की मादक सिसकारियां निकलने लगीं.
वह अपनी गांड को खुद ही मेरे लंड पर दबाती हुई रगड़ने लगी और सिसकारियां लेती हुई बोली- अभी नहीं पंकज. अभी बहुत काम है. मैं बाद में आती हूँ.

ये कह कर भाभी ने मेरे हाथों से खुद को छुड़ाया और दरवाजे की तरफ चली गई.

फिर उसने अपना पल्लू वगैरह ठीक किया और मुझसे प्यार से देख कर बाहर चली गई.
मैं अब उसके आने का इंतजार करने लगा.

लंच करने मुझे घर जाना था.
जब मैं घर जा रहा था, उसी वक्त रास्ते में मैंने दुकान की तरफ देखा.
उसकी दुकान आजकल बंद थी.

मैं थोड़ा उदास हो गया कि सुबह ही साली रांड को पटक कर चोद देना था.
मन मसोस कर मैं आगे बढ़ गया.

कुछ देर बाद खाना खाकर फ्लैट पर आया और काम में लग गया.

शाम को बेल बजी और मैंने दरवाज़ा खोला तो सलोनी भाभी पल्लू से अपना मुँह ढके खड़ी थी.
मैंने तुरंत उसको अन्दर खींच लिया और बाहर सर निकाल कर इधर-उधर देखा कि कोई देख तो नहीं रहा है.

फिर दरवाज़ा बंद करके सीधा सलोनी भाभी को अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसके होंठों को किस करने लगा.

वह मुझसे छूट कर कहने लगी- इतनी जल्दी भी क्या है, मैं अभी 3 घंटे तक यहीं हूँ. थोड़ा आराम से.
मैंने उसको ऊपर से नीचे तक ताड़ा, साली रांड … साड़ी में क्या माल लग रही थी.

फिर उसके नज़दीक जाकर उसके मुलायम रसीले होंठों को चूसते हुए किस करने लगा.
साड़ी का पल्लू हटा कर उसकी कमर पर हाथ रख कर धीरे धीरे उसको रूम की तरफ धकेलते हुए ले जाने लगा.

साथ में धीरे धीरे उसके कपड़े भी उतारने लगा और उसके बड़े बड़े मम्मों को दोनों हाथों में भर भर के मसलने लगा.
वह भी अभी मस्ती से मेरा साथ देने लगी.

रूम में जाते ही देर ना करते हुए मैंने अपनी टी-शर्ट को निकाल दिया और केवल शॉर्ट्स में आ गया.
फिर उसकी साड़ी ब्लाउज पेटीकोट आदि निकाल कर उसे ब्रा और पैंटी में ला दिया.

साली क्या मस्त माल थी … एकदम दूध सी गोरी चिकनी भाभी … उसका 36-30-38 का फिगर और उठी हुई मटकती लचीली बड़ी गांड मेरे सामने थी.

बस लग रहा था कि उसे किस करता रहूँ और चूमते हुए उसके दोनों दूध हाथों से दबाता रहूँ.
उसके गोरे और मुलायम से बड़े बड़े दूध मुझे मदमस्त करने लगे.

मैं सोचने लगा कि बस भी आगे बढ़ कर इसे अपने दोनों हाथों से उसे दबोच लूँ और उसके एक दूध को ब्रा के ऊपर से ही अपने मुँह में भर कर चूसना चालू कर दूँ.
सलोनी भाभी भी खुद चुदासी थी और चुदने में भरपूर साथ देने वाली थी.

मैं काफी खुश हो गया था कि आज तो लॉटरी ही लग गई है.

सलोनी भाभी- क्या इतना सोच रहे हो?
मैं- बस … आज तेरी चुदाई कैसे कैसे करूं … वही सोच रहा था!

सलोनी भाभी कसमसाती हुई बोली- जैसे तुमको चोदना हो चोद दो बस … तुम्हारे जवान लंड के लिए कब से तड़प रही हूँ. आज तुम बस जैसे चोदना चाहते हो, चोद दो … और मेरी सुलगती चूत को ठंडी कर दो.

मैंने देर ना करते हुए उसको उल्टा कर दिया और दरवाजे पर हाथ रखवा कर खड़ा कर दिया.
उसकी बड़ी गांड को सहलाते हुए दोनों जांघों के बीच में लंड सैट करके उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

अपने दोनों हाथों को भाभी की कमर को सहलाते हुए ऊपर को लाया और उसके बड़े बड़े मम्मों को जोर जोर से मसलने लगा.
वह अहह अह्ह अहह करके और अपनी आंखें बंद करके मदभरी सिसकारियां लेने लगी. साथ ही भाभी अपनी मखमली गांड को बाहर निकाल कर लौड़े पर रगड़ने और तड़फने लगी.

पीछे से मैं भाभी की गर्दन और कंधे पर किस करने लगा. अपनी लंबी जीभ निकाल कर उसकी गर्दन को चाटने लगा.
मेरे मुँह से निकल रही लार से उसकी गर्दन को मैं चिकना कर रहा था.

साथ ही हल्के हल्के धक्के लगाते हुए उसकी पूरी गांड से चिपक कर लंड रगड़ने लगा था.
क्या मस्त उसकी सॉफ्ट गुब्बारे जैसी गांड थी.

मैं एक हाथ से बायाँ दूध मसल रहा था और दूसरे हाथ से उसकी लचीली गांड को दबाना चालू कर दिया था.

हम दोनों दिमाग से तो चुदासे थे ही … शरीर से भी गर्म हो चुके थे.

फिर मैंने पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोला और उसकी ब्रा निकाल दी.
अब उसको अपनी ओर पलटा कर सामने कर लिया.
वह दरवाजे पर पीठ के बल टिक गई थी.

उसके गोरे गोरे बबलों को मैं और जोर जोर से मसलने लगा जिससे उत्तेजित होकर वो कामुक सिसकारियां और जोर से निकालने लगी.
वह अपनी चूत को और जोर से मेरे लंड पर रगड़ने लगी.

मैं अपने मुँह को जितना बड़ा हो सकता था, खोल कर उसके एक नर्म मम्मे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
इसी तरह से मैं बारी बारी से उसके दोनों मम्मों को अपने मुँह में भरने लगा और चूसने लगा.

दूध चूसते समय मैं अपने हाथ से मुँह में लिए हुए मम्मे को उसकी जड़ से पकड़ कर दबाने लगा, जिससे उसका दूध मेरे मुँह में और ज्यादा समाने लगे और दूसरे हाथ से उसके दूसरे दूध को मसलने का मजा लेने लगा.

इधर वह और छटपटाने लगी और जोर जोर से अह्ह अह्ह अह्ह की आवाज करने लगी.
मैं मम्मे से भरे हुए मुँह को अपनी जीभ से चाटने लगा और उसकी चूची के निप्पल को जीभ से रगड़ कर मथने सा लगा.
साथ ही मैं अपनी जीभ को बाहर निकाल कर चूचियों के आजू बाजू गोल गोल भी फिराने लगा.

साला ऐसा लग रहा था कि काश मैं और बड़ा मुँह खोल पाता, जिससे पूरा मम्मा अपने मुँह में समा लेता.

इधर सलोनी भाभी ने अपने एक हाथ से मेरे सिर को पकड़ कर अपने एक मम्मे पर दबाना शुरू कर दिया था.
साथ ही भाभी ने अपने दूसरे हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी.

सलोनी भाभी- कितना तगड़ा लंड है … इसे कितनी चूतों का पानी पिला कर बड़ा किया है?
मैं- बहुत सारी चूतों का पानी पिया है इस लंड ने … और बहुत सारे छेदों की आग भी बुझाई है. पर तेरी जैसी सेक्सी माल अब तक नहीं मिली!

सलोनी भाभी- अह्ह अह्ह … आज तो इस लंड के पूरे मजे लेकर चुदूँगी और इस लंड की रंडी बन जाऊंगी.
मैं- हां साली छिनाल, आज तेरी चूत का भोसड़ा और गांड का गोदाम बना कर ही यह लंड शांत होगा.

दोस्तो, हॉट भाभी गुजराती सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज मेल जरूर करें.
आगे भाभी की चुदाई की रसधार आपको और भी मजा देगी.

मैंने सलोनी भाभी की पैंटी को भी उतार कर साइड में रख दी.
वह अब पूरी नंगी खड़ी थी.
उसकी मस्त साफ गुलाबी, फूली हुई चूत गीली हो रही थी.

इधर उसने भी मेरे लंड को बाहर निकाल लिया था और वह अपने हाथ से ही लंड का टोपा अपनी चूत में रगड़ने लगी थी.

मैं खड़े खड़े उसके मम्मों को मसल रहा था और किसी एक को मुँह में लेकर खींच खींच कर चूस रहा था.
कभी दायें मम्मे को खींचता तो कभी बाएं को.

साथ ही अपनी हथेली में चूचे को भर कर मसलते हुए दबा रहा था.
नीचे लंड पर चूत का गीलापन लगने से एकदम अलग अहसास हो रहा था.

सलोनी भाभी भी बहुत उत्तेजित हो गई और अपनी गांड को हिलाते हुए धक्के से लगाने लगी थी.
वह अपने हाथ में मेरा लंड पकड़े हुई थी और चूत में घुसेड़ने की कोशिश करने लगी थी.

पर लंड का सुपारा बड़ा होने से और खड़े खड़े चुदाई की पोजीशन नहीं बन पा रही थी जिस वजह से लंड चूत के अन्दर नहीं जा पा रहा था.

फिर मैंने उससे दरवाजे से टेक लेकर बैठने को कहा.

मैं- बस अभी इस लंड को अपने मुँह में गटक ले.
सलोनी भाभी- यह बहुत बड़ा लंड है, मैं अन्दर नहीं ले पाऊंगी!

मैं- साली रंडी … ज़्यादा नखरे मत कर बहन की लौड़ी जल्दी से लंड मुँह में ले ले … बाक़ी सबका भी तो मुँह में लेती थी. बड़े से कुछ नहीं होता … तू लंड चूसने में एक्सपर्ट है. मुझे मालूम है तू आराम से ले लेगी.

उसने मेरी बात सुनी और कुछ न कहती हुई बस अपने मुँह को खोल कर मेरे मोटे लंड के भारी सुपारे के साथ 3-4 इंच लंड मुँह में लिया और चूसने लगी.

क्या मस्त चूस रही थी वह मेरा लंड … आह बड़ा मजा आ रहा था.

पहले भाभी को थोड़ी दिक़्क़त हुई, फिर एक चुदासी रांड की तरह लंड लेने लगी.

पर अभी भी वह आधा लंड ही ले पा रही थी और मैं इतनी अच्छी लंड चुसाई से पागल हो रहा था.
मेरा लंड भी तन कर टाइट हो गया था और फटने जैसा हो रहा था.

तभी मैंने अपने दोनों हाथों से उसके सिर को पकड़ा और दरवाजे से चिपका दिया.
अपने पैरों को उसकी कमर के आजू-बाजू रख कर उसके मुँह के और नज़दीक आ गया.

सलोनी भाभी दरवाजे से सट कर बैठी थी और मैं उसका सिर पकड़े हुए ही धक्के लगाने लगा.
अब पोज सही बन गया था तो मैं उसके मुँह को चोदने लगा.

इस वजह उसके मुँह से ‘गॉक गॉक …’ की आवाज़ आने लगी और उसके मुँह में से थूक भर भर कर बाहर निकलने लगा.

थोड़ी देर में ही उसका मुँह ज्यादा खुलने लगा और बहुत सारा थूक निकल कर मेरे लंड को काफी चिकना कर दिया.
उसकी लार मेरे लंड से चिपक कर बहती हुई मेरे गोटों तक आ गई.

वह अपने दोनों हाथों से मेरे गोटों से खेलने लगी.
उसकी इस हरकत से मैं अति-उतेजित हो गया और मैंने उसके मुँह को चूत समझ कर उसमें एक जोरदार धक्का दे दिया. जिससे मेरा पूरा लंड उसके मुँह में चला गया.
आधा लंड उसके मुँह में था और आगे का आधा लंड सुपारे के साथ गले में उतर गया था.

वह मेरी जांघों को दोनों हाथों से धकेलती हुई तड़फ उठी और पूरी ताकत लगा कर मेरे लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी.
मैंने उसके सिर को टाइट पकड़ लिया और लंड को अन्दर ही फंसा कर रखा.

मैं लंड को और अन्दर को ऐसे धकेलने लगा, जैसे मेरे गोटे भी इसके मुँह में चले जाएंगे.
सलोनी की आंखों में से आँसू आने लगे और शायद वह सांस भी ठीक से नहीं ले पा रही थी.
इसी वजह से वह मेरे पैर पर अपने हाथों से मारने लगी और छूटने की कोशिश करने लगी.

मैंने थोड़ी देर ऐसे ही रख कर लंड को बड़े आराम से पूरा बाहर निकाला, जिससे बहुत सारा थूक और सलोनी के आंखों से निकलते हुए आंसू … उसके चेहरे से गिरते हुए उसके मम्मों पर टपकने लगे.

सलोनी भाभी- साले, बहन के लौड़े … मार ही डालेगा क्या?
मैं हंसने लगा.

भाभी के मुँह से गालियां सुनना बड़ा ही सुखद लग रहा था.
अब भाभी ने अपनी कुछ लार को पौंछते हुए और कुछ को गटकते हुए गहरी सांस ली.

मैं- अरे भाभी, इसे डीप थ्रोट ब्लो जॉब (deep-throat blowjob) कहते हैं. मज़ा आया कि नहीं?
सलोनी भाभी- हां मज़ा तो आया. पूरा लंड गले तक उतर गया था. मस्त गर्म गर्म लग रहा था … बस ऐसा लग रहा था कि लंड अभी पेट में चला जाएगा.

मैं- चलो एक और बार करते हैं!
वह राजी हो गई.

मैंने एक बार फिर से सलोनी के सिर को कसके पकड़ा और पूरा लंड उसके गले तक उतार दिया.
उसी समय मैंने उसके सिर को जोर से खींचा और गले तक अन्दर उतारने लगा.

सलोनी भी बड़ी रंडी थी, साली एक ही बार में सब समझ गई थी कि किस तरह से लौड़े को गले तक लेना है.

उसने अपनी जीभ को बाहर निकाल लिया था और लंड को मुँह के अन्दर गले तक उतार लिया.

उसकी जीभ बाहर निकल कर मेरे गोटों को टच करने लगी और वह अपनी जीभ को थोड़ा लपलपा कर हिलाती हुई मेरे गोटों को सहलाने लगी.

भाई उस फीलिंग के सामने सब बेकार था.
मादरचोद ऐसा लग रहा था कि उसके गले में लौड़े को फंसाए घंटों तक ऐसे ही खड़ा रहूँ और उसके मुँह की गर्मी से लंड को मजे दिलाता रहूँ.

अब वह कुछ देर लौड़े को सुख देती … और जब उससे सहन नहीं होता, तो वह अपने हाथों को मेरे पैर पर मार कर लंड बाहर निकालने का इशारा कर देती.
मैं आराम से लंड बाहर निकाल लेता और बहुत सारा थूक उसके मुँह से टपक कर मम्मों पर जमा होने लगता.

फिर 4-5 बार ऐसे करने से उसके मम्मे और पेट सब गीला हो गए.
ऐसा लगने लगा था जैसे वह अपनी लार से ही नहा ली हो.

मैं- मैं झड़ने वाला हूँ.
सलोनी भाभी ने लंड को बाहर निकालने का इशारा किया और लंड के बाहर निकलते ही उसने कहा कि मुझे तेरा गर्म माल चखना है.

बस इतना कह कर भाभी ने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और आधा लंड मुँह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी.

मैं उसके सिर को हल्के से पकड़ कर हल्के हल्के से धक्का लगाते हुए अपनी आंखों को बंद करके लौड़े की चुसाई का मजा ले रहा था.
उस वक्त मैं एकदम बेफिक्र था कि मेरा लंड कभी भी झड़ जाए, कोइ चिंता नहीं थी.

उसी वक्त लौड़े ने 3-4 तेज पिचकारी मारीं और वह हिचकोले लेते हुए सलोनी के मुँह में झड़ गया.
सलोनी ने मजे से पूरा माल गटक लिया और लंड चूस कर अपना मुँह साफ करती उठ गई.

मैंने उसको उठाकर बेड पर लेटा दिया और जो लार उसके मम्मे और पेट पर लगी थी, उसी से उसके दूध और चूत और जांघों को सहलाते हुए उसको पूरी चिकनी कर दिया था.
वह भी इतनी शान से थूक मलवा रही थी मानो वह किसी से अपनी मसाज करवा रही हो.

फिर उसके ऊपर आकर मैं उसके होंठों में होंठ लगा कर उसे किस करने लगा और एक हाथ से उसके एक दूध को मसलता जा रहा था.
वह भी मेरे लंड को एक हाथ से सहलाने लगी थी.

मैं उसकी गर्दन को चूमते, मम्मों को चाटते, पेट को किस करते करते अपने मुँह को उसकी चूत पर ले गया.

उसकी साफ झांट रहित चूत, मस्त मलाई की तरह लग रही थी. गीली और गुलाबी … और चूत के होंठों से पता चल रहा था कि इस छेद ने बहुत सारे मर्दों के लौड़ों को अन्दर घुसने के मजे दिए होंगे.

मैंने भी देरी नहीं की. उसकी मस्त रसमलाई सी चूत को चाटने लगा.

वह कसमसाती हुई सिसकारियां भरने लगी थी- अह्ह अह्ह चूस ले आह.
वह अपने दोनों हाथों से चादर पकड़ कर खींच रही थी.

मैं भी जीभ निकाल कर उसकी चूत को ऊपर से नीचे तक ऐसे चाटने लगा, जैसे कोई रोलर से दीवार पर ऊपर नीचे करते पेंट कर रहा हो.

चूत को 4-5 मिनट तक चाटने के बाद मैंने दोनों हाथों से उसकी चूत को ऊपर को उठाया और उसे खींच कर उसकी चूत के दाने को जीभ से लिकलिक करते हुए रगड़ने लगा.

सलोनी की ‘अह्ह अह्ह अह्ह … मर गई … आह.’ सिसकारियां कुछ ज्यादा ही जोर से निकलने लगीं.
अब चादर छोड़ कर उसने मेरा सिर पकड़ लिया था.

मैंने अपने हाथ की एक उंगली उसकी चूत में डाल दी.
भोसड़े जैसी चूत में मेरी एक उंगली बड़ी आसानी से चली गई.

मैंने तुरंत दूसरी उंगली भी पेल दी और उंगली को आगे पीछे करने लगा.
साथ में जोर जोर से जीभ से चूत के दाने को चूसने लगा.

सलोनी तड़पते हुए कहने लगी- और चाट मेरी चूत … आह साले पूरा मुँह घुसा ले और जोर से चाट … अहहा अहहा अहह … कैसा मस्त चाट रहा है भोसड़ी के!

मैंने अपने दूसरे हाथ को उसकी टांग के पीछे से निकाल कर दूध को मसलना शुरू किया और चूत में घुसायी हुई दोनों उंगलियों को थोड़ा टेढ़ा करके उसके जी-स्पॉट को टच किया.

फिर वैसे ही फिक्स पोजीशन में सैट कर दिया.

अब मैं हाथ को चूत में ऊपर नीचे करने लगा.
इससे वह और तड़प उठी और उसने अपने दोनों पैरों से मेरे सिर को जकड़ लिया.

उसकी कामतुर आवाजें ‘अहह् अहह …’ जोर जोर से निकलने लगीं.

कुछ मिनट ऐसा करने से वह पागलों जैसी हो गई और एक बिन पानी की मछली की तरह तड़पते हुए उसने अपनी चूत से ढेर सारा पानी निकाल दिया.

चूत से निकलते हुए पानी के दौरान भी मैंने अपनी दोनों उंगलियों को उसकी चूत में ही रखा और हाथ चलाता रहा.

वह झड़ जाने के बाद भी तड़पती रही और चरमसुख के शिखर पर पहुंच गई.

झड़ने के बाद सलोनी थक सी गई थी.
वह मुझे गले लगाती हुई कहने लगी- ऐसा मज़ा मुझे कभी किसी ने नहीं दिया.

मैं- अभी तो शुरू ही हुआ है मेरी जान. यह तो फोरप्ले था. चुदाई हुई ही कहां है? चुदाई तो अब होगी, लंड खड़ा करो फिर देखना चूत का क्या हाल बनाता हूँ.

यह कह कर मैंने उसको अपने लंड की तरफ इशारा किया.

वह मुस्कुराती हुई मेरे लंड की ओर आई और चूसने लगी.
दो मिनट की ही चुसाई से मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने सलोनी को बेड पर पीठ के बल लेटा दिया.

उसकी गांड की नीचे दो तकिये रख दिए और खुद अपने हाथ से चॉकलेटी फ्लेवर का कंडोम पहन लिया.

लंड लहराते हुए मैं उसके ऊपर आ गया. उसके दोनों पैरों को घुटने से पकड़ कर मोड़ा और दोनों पैरों को फैलाते हुए उसकी दोनों जांघों को कमर के बाजू से सैट कर दिया.
इससे उसकी चूत चौड़ी होकर खुल गई.

अब मेरे लंड को उसकी चूत में घुसने में आसानी हो गई.
उसकी गांड के नीचे रखे दोनों तकियों की वजह से चूत ऊपर निकली हुई थी ताकि मैं लंड को उसकी चूत की गहरायी तक पेल सकूँ.

मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर टिकाया और रगड़ने लगा.

सलोनी भाभी मादक सिसकारियां लेती हुई बड़बड़ा रही थीं- आह चोद दे मुझे … अब नहीं रहा जा रहा … जल्दी से डाल दे यह लंड को पूरा अन्दर और शांत कर दे मेरी चूत की अगन को … पंकज जल्दी से चोद मुझे साले बहन के लौड़े.

मैंने उसको कसके पकड़ा और अपने लंड को बिना छुए सलोनी की चूत पर सैट कर दिया.
फिर लंड के सुपारे को उसकी चूत के मुख पर रख कर हल्का सा जोर दे दिया.
इससे लंड का सुपारा उसकी चूत में थोड़ा अन्दर जाकर रुक गया.

मैंने अपनी पैरों से लेकर अपनी जांघों को टाइट करते हुए बॉडी के पूरे भार के साथ जोर का धक्का दिया.
देसी भाभी की चूत बहुत गीली थी और कंडोम पे लगी हुई चिकनाई की वजह से मेरा लंबा और मोटा लंड पूरा का पूरा चूत में घुसता चला गया.

सलोनी भाभी- अहहह मैं मर गयी … साले निकाल अपने लंड को … आह मादरचोद ने मेरी चूत फाड़ दी … अह साले धीरे धीरे डालना था लौड़े … कहां भागी जा रही हूँ मैं?
मैं- साली रांड … तू लंड का मजा ले. भोसड़ी वाली तेरा दर्द तो अभी चला जाएगा. बस तू अपनी चूत ढीली छोड़ दे रांड.

मैंने हल्के हल्के से आधा लंड बाहर निकाला और स्लो स्लो धक्के लगाने लगा.
कुछ धक्के देने के बाद भाभी का दर्द कम हो गया और वह अपनी गांड उठा कर तेज चुदाई के लिए कसमसाने लगी.

ये देख कर मैंने उसकी बॉडी को जोर से पकड़ा और उसको उठाते हुए अपने लंड को टोपे तक बाहर निकाल लिया.
अगले ही पल पूरा लंड वापस चूत में … उसकी फिर से आह निकल गई.

अब मैं इसी तरह से भारी और तगड़े झटके लगाने लगा था.
इस तरह की चुदाई से बेड भी हिल कर चरर चरर करने लगा.

दोस्तो, उम्मीद है कि आपका आइटम भी भीग गया होगा.

सलोनी मेरे लौड़े से चुदती हुई और जोर से अहह अहह करने लगी और बोलने लगी- आह … और जोर से चोदो … फाड़ दो मेरी चूत को … डाल दो अन्दर तक अपना यह मोटा तगड़ा लंड आह!

उसकी ये सब बातें सुन कर मैं और उत्तेजित होने लगा और मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी.
अब उसकी चूत मक्खन की तरह मेरा लंड अपने अन्दर उतारने लगी थी.

मुझे भी भाभी को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था.
करीब 4-5 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद वह कराहती हुई झड़ गई और चूत से पानी निकलने लगा.

मैंने सलोनी भाभी की चूत में लंड को फंसाए रखा और उसके पैरों को पीछे धकेलते हुए उसकी चूत को और ऊपर उठा कर मैं उसकी चूत पर उकड़ू बैठ गया.
इस आसन से मेरा लंड बाहर खींचते हुए और कड़ा व मजबूत हो गया था.

चूत के रस से सराबोर लंड में उसकी उभरी हुई रगें अपना शानदार जलवा बिखेर रही थीं.
अब मैं सलोनी की चूत पर सवार था और अपनी गांड को ऊपर उठा उठा कर जोर जोर से लंड पेलने लगा था.

इससे सलोनी दर्द के मारे अपने हाथों से अपने पैरों की पकड़ को छुड़वाने का जतन करने लगी.
पर मैं उसकी जमकर चुदाई किए जा रहा था.

थोड़ी देर में वह भी ढीली पड़ गई और साथ देती हुई अहह अह्ह करने लगी.

मैंने सलोनी को उसके हाथों से उसके पैरों को पकड़ने को कहा.
उसने अपने हाथों से अपने पैर पकड़ लिए.

उसके हाथों के एक्शन में आते ही मैंने अपने हाथों को छोड़ दिया और थोड़ा झुक कर उसके मम्मे मसलने लगा.

आह क्या मज़ा आ रहा था … लंड को चिकनी चूत में सरपट पेलने का मज़ा अलग ही आ रहा था.
साथ में उसके मोटे मम्मों को दबाते हुए … और पकड़ कर खींचते हुए, चूत पर धक्के लगाने का मज़ा ही अलग था.

यार सच में … मुझे बहुत मजा आ रहा था.
क्या लुगाई चोदने को मिली थी … मैं अपने लौड़े के नसीब पर इतरा रहा था.

मैं भाभी की चूत में लंड को और तेजी से घुसेड़ कर उसकी चुदाई करने लगा था.

पूरे कमरे में बेड की चरर मरर चरर मरर की आवाज के साथ सलोनी भाभी की अहह्हा अहह्हा … और इसकी के साथ तीसरी चुदाई की फच्च फच्च की मीठी आवाज़ गूंजने लगी थी.

दस मिनट तक यूं ही चूत में लंड पेलने के बाद भाभी फिर से झड़ गयी.
उसने अपने हाथ हटा लिए और पैर पसर गए.

इसी वजह से मेरा लंड बाहर निकल आया था मगर वह अभी भी चुदाई के लिए गुर्रा रहा था.
मैंने भाभी से डॉगी स्टाइल में सैट होने के लिए कहा.

सलोनी धीरे से कराहती हुई बेड पर कोहनी के बल झुक गई और अपने घुटने बिस्तर पर टेक कर कुतिया बन गई.

मैंने उसकी पीठ पर हाथ रखा और उसकी पीठ को दबाते हुए गांड को उठाने के लिए इशारा किया.

साली रांड ने मचलते हुए अच्छे से अपनी गांड हिलाई और चूतड़ ऊपर को उठा कर बाहर निकाले.
उसकी मस्त गुब्बारे जैसी गांड मेरे सामने थी.

मैंने अपने हाथ के पूरे पंजे से उसकी गांड पर हल्के से एक थप्पड़ मारा और सहलाने लगा.
उसको भी इसमें मजा आ रहा था.

अब मैं कभी इस चूतड़ पर हाथ मारता, तो कभी दूसरे पर!
उसको मजा आ रहा था और वह हंसती हुई आह आह कर रही थी.

कुछ 10-15 थप्पड़ों के बाद उसकी गांड काटे हुए लाल तरबूज के रंग की सी हो गई.

मेरा मन अभी उसकी गांड मारने का था.
मुझे पता था कि सीधे पूछने पर वह मना ही करेगी, पर मुझे यह भी पता था कि इस साली की गांड कैसे चोदनी है.

मैंने उसकी चूत को थोड़ी देर तक चाटा, जिससे वह थोड़ा रिलेक्स महसूस करने लगी.

फिर मैंने सलोनी भाभी को डॉगी पोजीशन में ही उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर दिया और खुद दोनों टांगों के बीच में सैट हो गया.
नीचे से भाभी की चूत पर लंड को ठप ठप ठप करके मारने लगा.

लंड की हर थाप के साथ वह अह्ह अह्ह आवाज़ निकालती.

मैंने लंड को उसकी चूत पर रगड़ते हुए अचानक से एक ही झटके में अन्दर घुसेड़ दिया और उसकी गांड को दोनों हाथों के साथ खींचते हुए जोर जोर के झटके लगाने लगा.

उसकी बड़ी और गुब्बारे जैसी मुलायम गांड मेरी बॉडी से टच होकर ठप ठप ठप आवाज़ करने लगी.
वह भी अचानक से लौड़े के अन्दर आ जाने से मचल उठी और आह आह करने लगी.
फिर मैंने एक उंगली में बहुत सारा थूक लिया और उसकी गांड के छेद पर रगड़ने लगा.

सलोनी भाभी- आह्हा अहहा … आज तुम मेरी गांड को छोड़ दो … गांड चुदाई कभी दूसरी बार कर लेना … आज रहने दो.
मैं- अरे जानेमन, कुछ नहीं होगा. मैं तो सिर्फ़ तेरी गांड सहला रहा हूँ. अगर तुझे मजा ना आए, तो मना कर देना.

वह चुप हो गई.
मुझे भी उसकी गांड में उंगली डालने से अंदाजा हो गया था कि ये लौड़े को झेल लेगी.

मैं उसकी गांड में एक उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.

उसके दोनों छेद भरे होने से उसको एक अलग ही मज़ा आने लगा और वह कुछ ज्यादा उत्तेजित होकर अपनी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी.
उसकी चुदास भी बढ़ने लगी.

थोड़ी देर बाद सलोनी भाभी बोली- ओह पंकज … तुम आज ही मेरी गांड चोद दो … इसमें अपना मोटा लंड डाल कर मेरी चुदाई की तड़प को मिटा दो.

मैंने लंड को चूत में से आराम से बाहर निकाला और कंडोम निकाल कर तेल की शीशी ले आया.

अब मैं उसकी गांड पर हाथ घुमाते हुए किस करने लगा और उसकी गांड में बहुत सारा तेल लगा दिया.
पहले मैंने एक उंगली को अन्दर डाल दिया, फिर दूसरी उंगली आराम से डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.

मेरी दोनों उंगलियों ने उसकी गांड के छेद को हल्का सा चौड़ा कर दिया था.

उस छेद में मैं तेल की पतली धार गिराने लगा, जिससे तेल उसकी गांड के अन्दर जाने लगा.

अब मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और सुपारे पर तेल ज़्यादा सा लगा कर लंड को उसकी गांड के छेद पर सैट कर दिया.

फिर मैंने उसके घुटनों को थोड़े अन्दर खिसकाते हुए दोनों पैरों को थोड़ा चौड़ा कर दिया.
इससे उसकी गांड थोड़ी नीचे को आ गयी और मेरे गोटे उसकी चूत के मुख पर बराबर टच होने लगे.

अभी मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर टोपे के पीछे अंगूठा रखा, जिससे लंड का टोपा उसकी गांड में कायदे से घुस जाए और इधर उधर ना छिटके.
फिर एक हाथ को उसकी पीठ पर रख कर दबाव देते हुए एक जोर सा झटका दिया.
तेल की अधिकता से मेरा लंड 3-4 इंच तक उसकी गांड में घुसता चला गया.

सलोनी भाभी- हाय अम्मा, मेरी गांड फट गई … बहुत दर्द हो रहा है … जल्दी से निकालो अपने लंड को बाहर … मुझे नहीं मरवानी गांड … आह.

मैं उसकी पीठ को सहलाने लगा और एक हाथ से उसकी कमर को टाइट पकड़े रखा ताकि उसके आगे पीछे होने की कोशिश में लंड बाहर ना निकल जाए.

थोड़ी देर तक मैंने लंड को ऐसे ही घुसेड़े रखा और पीठ सहलाना बंद कर दिया.
फिर दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ कर लंड को थोड़ा सा बाहर खींचा और वापस जोर से एक धक्का दे दिया.

इस बार उसकी गांड फटती चली गई और पूरा लंड अन्दर घुस गया.
मैं मज़बूती से उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर अपने लंड पर खींचते हुए चिपकाए रखे रहा, साथ ही मैं आगे को झुक कर उसकी पीठ पर किस करने लगा.

सलोनी भाभी अपनी आंखों में आँसू भर कर गाली बकने लगी- बहनचोद … मेरी गांड फाड़ दी … निकाल ले अपना लौड़ा … भोसड़ी के आराम से नहीं पेल सकता था. कमीने ने मेरी गांड फाड़ दी. आह मैंने पहले मेरी गांड नहीं मरवायी थी. आह … बहुत दर्द हो रहा है.

वह गाली तो दे रही थी लेकिन अपनी गांड को हटा नहीं रही थी.

थोड़ी देर मैंने लंड को अन्दर ही घुसाए रखा और हल्के से आगे पीछे करने लगा.

कुछ देर बाद सलोनी भाभी भी शांत हो गई और उसको भी गांड मरवाने में मज़ा आने लगा.
वह हल्की हल्की ‘अहह अह्ह’ की सिसकारियां लेने लगी.

मैं भी उसकी पीठ से उठ कर दोनों हाथों से कमर को खींचते हुए धक्के लगाने लगा.
धकापेल करते हुए उसकी गांड की चुदाई से फिर से ठप ठप की आवाज़ रूम में गूंजने लगी.

उसकी बड़ी मटके जैसी गांड मेरे लंड को बहुत मजे दे रही थी.
जब मैं अपना लंड टोपे तक बाहर निकाल कर अन्दर तक पेलता, तो उसके दोनों मुलायम चूतड़ों के बीच मेरा लंड दबते और रगड़ते हुए वापस उसके छेद में अन्दर घुसता, तो कुछ अलग ही मज़ा आने लगता.

यह ऐसा मजा था कि इससे मेरे लंड की गर्मी और बढ़ने लगी.

मैं उसके बालों को पकड़ कर खींचते हुए जोर जोर से गांड चोद रहा था.

कुछ 6-7 मिनट में सलोनी की गांड मेरे लंड को लेकर चौड़ी हो गई और गांड का गोदाम बन गया था.

मुझ पर उसकी गांड की चुदाई से एक अलग ही नशा चढ़ गया था.

मैंने उसके बालों को छोड़ दिया और आगे झुक कर उसके हाथों को कोहनी से पकड़ कर पीछे खींचते हुए उसको उठा लिया.

पोर्न भाभी Xxx सलोनी अब घुटनों के बल थी, उसके दोनों हाथों की कोहनियों को मैंने सलोनी की पीठ के पीछे पकड़ कर रखा था.
इस वजह से उसका पेट बाहर की ओर आया और गांड एकदम उठ गई.

उसके दोनों चूतड़ आपस में चिपक गए थे जिससे उसकी गांड और टाइट हो गई.

मैंने अपने बदन को कुछ और टाइट किया और अपनी गांड को टाइट करके लंड को थोड़ा बाहर निकालते हुए उसकी गांड मारने लगा.

सलोनी की गांड मुझे पहले से भी ज़्यादा मज़ा देने लगी और मैं उत्तेजित होकर अपनी स्पीड बढ़ाते हुए पूरा लंड बाहर खींच कर अन्दर पेलने लगा.
हर धक्के के साथ में मेरे गोटे उसकी चूत पर चमाट मारने लगे.

इससे सलोनी को भी बड़ा मजा आने लगा.
वह आह आह करने लगी और उस पर एक अलग ही नशा छा गया.

थोड़े टाइम के बाद सलोनी भाभी ऐसे लड़खड़ाने लगी, जैसे उसमें अभी कुछ ताकत ही नहीं बची हो.

पर मैंने उसको कसके पकड़ा हुआ था और अपनी फुल स्पीड से गांड मार रहा था.

रफ़्तार के साथ लंड को उसकी गांड की गहराई तक पेलने से ठप ठप ठप की आवाज़ कुछ और बढ़ गई थी.
साथ में उसके बड़े बड़े मुलायम गुब्बारे जैसी गांड पर चुदाई के झटके से एक लहर बनने लगी.

कुछ देर के बाद मैं भी झड़ने को आया और 4-5 टाइट झटकों के साथ उसकी गांड को कसके चिपकाते हुए चरम पर आ गया.
उसी वक्त मुझे लगा कि माल अब नहीं रुकेगा.

तो अपने लंड को और अन्दर डालने की कोशिश करते हुए मैंने पूरा माल भाभी की गांड के अन्दर ही गिरा दिया.

झड़ने के बाद मैं लंबी लबी सांसें लेने लगा.
मैंने सलोनी भाभी को ढीला छोड़ा और वह बेड पर वैसे ही गिर गई.
मैं भी उसकी गांड में लंड घुसाए हुए ही उसके ऊपर पड़ा रहा.

फिर एक बाजू हट कर हम दोनों वैसे ही बेड पर शिथिल अवस्था में पड़े रहे.

करीब 15 मिनट बाद हम दोनों उठे और उसने मुझे गले लगा लिया.
मैंने उसको सम्भाल कर उठाया और नंगा ही रसोई में चला गया.

उसने आराम से अपने कपड़े पहने और इतने में मैंने चाय बना ली.

हम दोनों ने चाय पी और थोड़ा नाश्ता किया.
मैंने टाइम देखा तो 2 घंटे निकल गए थे.

सलोनी भाभी- अब मुझे जाना पड़ेगा, नहीं तो घर पर शक हो जाएगा.
मैं- फिर कब आओगी … मेरे इस फ्लैट पर कोई नहीं आता. जब भी मन हो बेझिझक आ जाना.

सलोनी भाभी मुस्कुराती हुई- हां मेरे राजा, अब तुम्हारे लंड की आदत जो लगी है. अब यहीं पर रंडी की तरह आकर चुद लिया करूंगी. अब तुम बाहर देखो कि रास्ता साफ है तो मैं जाऊं!

मैंने बाहर देखा कि कोई है तो नहीं.
कोइ नहीं था तो सलोनी भाभी अपने पल्लू से मुँह को ढक कर चली गई.

उससे ठीक से चला नहीं जा रहा था; वह अपनी टांगों को फैला कर चल रही थी.
मैं समझ गया कि आज साली रांड की मस्त ठुकाई हुई है.

Sunday, 27 October 2024

आधी घरवाली ने बुर की सील खुलवा ली

 

मेरी शादी हो चुकी है और मेरी वाइफ सिमरन काफी सेक्सी है.
पर यह Xxx साली फक स्टोरी मेरी छोटी कुंवारी साली की है.

बात अभी कुछ दिन पहले की ही है.
मेरे छोटा भाई का विवाह था और उसकी शादी में मेरी ससुराल से मेरी साली कुछ दिन पहले आ गई थी ताकि वो मेरी बीवी को मदद कर सके.

मैं अपनी साली को लेने बस अड्डे गया था.

नीलू (मेरी साली) ने बस से बाहर आते ही मुझे देख लिया था.
फ़िर मेरी भी नजर उससे मिली और मैं उसके पास पहुंच गया.

मैंने उसके बैग अभी लिए ही थे कि तभी नीलू ने मेरी उंगली को पकड़ लिया.
उसे देख कर मैं मुस्कुरा दिया और हम दोनों एक मीठी मुस्कान बिखेरते हुए आगे बढ़ गए.

मैं उसके साथ पार्किंग में आया और अपनी कार में उसका बैग रख कर हम दोनों बस अड्डे से घर आ गए.

रास्ते में नीलू मुझसे हंस बोल कर बातें करती रही.
उसकी खिलखिलाहट मुझे बड़ा सुकून दे रही थी और मैं बस उसे देख कर अन्दर ही अन्दर एक मीठा अहसास महसूस कर रहा था.

मैं आपको बता दूँ कि नीलू उस टाइम काफ़ी सेक्सी लग रही थी.
उसकी 34 साइज की चूचियां उसके टाइट टॉप में से एकदम तनी हुई दिख रही थीं.

मैंने ध्यान किया कि उसकी गांड भी पहले से बड़ी हो गई थी.
चुस्त जींस पहनी होने के कारण उसकी गांड की दरार का साफ़ पता चल रहा था.

वो बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी.
उसका सांवलापन उसकी छवि में चार चाँद लगा रहा था जिसके कारण वो किसी सेक्सी मॉडल से कम नहीं लग रही थी.
पर मेरे दिमाग में अभी तक उसके लिए कोई गलत ख्याल नहीं आया था.

घर आते ही नीलू सबसे घुल-मिल गई और सबके साथ काम में व्यस्त हो गई.

उसी दिन की बात है. कुछ और मेहमान घर पर आ गए थे, जिसके कारण रात को नीलू को कहीं सोने को नहीं मिला.

मेरी वाइफ बोली- आज हम तीनों साथ में ही सो जाते हैं.
इसी कारण से हम तीनों एक बिस्तर पर ही आ गए थे.

मुझे याद है कि रात को 2 बजे मेरी वाइफ जागी और बाथरूम गई. पर वो मेरे साइड में आकर सो गई, जिसके कारण मैं, नीलू और अपनी वाइफ सिमरन के बीच में हो गया.
उस समय मैं जागा हुआ था, पर तब भी मैं कुछ बोला नहीं.

फिर मैं फ़िर मैं नीलू की ओर घूमा, तो उसकी तनी हुई चूचियां मेरे सामने आ गईं और मैं उसके टॉप की अन्दर से दिखती चूचियों की क्लीवेज को देख कर गर्म होने लगा.
अभी मैं कुछ सोच ही रहा था कि तभी नीलू ने मेरे लंड के पास हाथ रख दिया औऱ मैं तुरंत सिमरन को देखने लगा.

सिमरन गहरी नींद में सो चुकी थी.
मैं कुछ देर रुका और आगे बढ़ने की सोचने लगा.

अब तक मेरे अन्दर भी कामुकता जाग गई थी.
मैंने भी उसकी एक चूची को पकड़ लिया और धीरे धीरे मसलने लगा.
साथ ही मैं उसके चेहरे को देखता गया क्योंकि उसका हाथ अभी भी मेरे लंड पर था.

थोड़ी देर मैं उसकी लंड पर पकड़ सख्त होने लगी तो मैं डर गया और मैंने नीलू की चूची को मसलना छोड़ दिया.

एक पल बाद मुझे फिर से वासना ने घेरा और मैं उसके क़रीब आने लगा.
तभी नीलू जाग गई.
उसकी आंखें खुलते ही मैंने हाथ को तुरंत हटा लिया और सोने का नाटक करने लगा.

नीलू मेरे लंड से हाथ हटा कर मुझे धीमी आवाज में जगाने सी लगी.
मैंने अंजान बनते हुए नीलू से कहा- हूँ … क्या हुआ?

वो बहुत धीमी आवाज में इशारा करती हुई बोली- आप रूम से बाहर आओ.
ये कह कर वो उठ कर बालकनी की तरफ चली गई.

उसके उधर जाते ही मैंने एक बार अपनी बीवी सिमरन की तरफ देखा और मैं भी उठ कर बालकनी की तरफ आ गया.

नीलू और मैं बालकनी में आ गए.
नीलू बोली- मुझे पता है कि आप मेरी चूची को पकड़े हुए थे.

मैं यह सुनते ही डर गया, पर मैं बोला कि मुझे पता नहीं कि ऐसा क्यों हुआ था?
वो बोली- आप मुझे पसंन्द करते हो क्या?

मैंने कहा- नहीं … पागल हो क्या. अगर कुछ हुआ भी होगा, तो गलती से हुआ होगा.
नीलू- आप झूठ बोल रहे हो ना!

मैं- नहीं, गलती से सिमरन को समझ कर दबा दिया होगा.
नीलू- पर आपको पता है ना कि यह गलत हुआ?

मैं- हां पता है नीलू, पर छोड़ो न. वैसे भी तुम मेरी आधी घरवाली हो न … तो इतना तो चलता है यार!
नीलू गुस्सा में बोली- फिर मुझे चोद भी दो न … आखिर इसमें भी हक़ है ना आपका!
मैं- सॉरी नीलू, मेरे कहने का मतलब यह नहीं था.

मगर नीलू रोने लगी.
अब मेरी गांड फट गई.

मैं उसके करीब हुआ और उसको चुप कराने लगा.

नीलू बोली- सॉरी जीजू आपकी गलती नहीं है, मेरी ही किस्मत खराब है.
मुझे समझ में नहीं आया कि किस्मत खराब है का क्या मतलब हुआ?

नीलू आगे कहने लगी कि मेरी एक ही समस्या है कि मैं सांवली हूँ न … तो कोई ब्वॉयफ्रेंड भी नहीं है. जो ब्वॉयफ्रेंड बना भी तो वो बस मेरे साथ बस सेक्स ही करना चाहता था. मुझे कोई प्यार नहीं करता. सब बस मुझे चोदना ही चाहते हैं. मेरे साथ कोई भी ऑनेस्ट नहीं रहना चाहता. इसी कारण से मेरी ऐसी समस्या हो गई है.
ये कह कर वो मुझसे चिपक कर रोने लगी.

मैं उसे सहलाते हुए चुप कराने लगा- अरे इतनी सी बात पर रोते नहीं है नीलू. मैं तेरा ब्वॉयफ्रेंड बनवा देता हूं, जो तुझको पसंद करे … केवल सेक्स करना ही ना चाहे.

नीलू- जीजू, कोई नहीं मानेगा. मैं सांवली जो हूँ!
मैं- चल तो एक काम कर. जब तक तेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड न हो, तब तक मैं तेरा ब्वॉयफ्रेंड … बोलो अब कोई प्रॉब्लम है?

नीलू- फिर मेरी कामुकता … अगर मैं बहक गई तो दीदी का क्या होगा?
ये कह कर नीलू हंसने लगी.

मैं- नीलू एक काम करते हैं. अगर ऐसी कोई प्रॉब्लम हैं तो हम दोनों चुदाई छोड़ कर और कुछ भी करेगें. बोलो चलेगा … करोगी?
नीलू मुस्कुराती हुई- ठीक है.

फिर हम लोग सोने आ गए.

पर कुछ देर के बाद ही दोनों एक साथ बोलने को हुए.
मैं चुप हो गया और नीलू बोली- जीजू सुनो न … मुझे कुछ कुछ हो रहा है.
उसने ये कह कर मेरा हाथ पकड़ लिया.

उसके स्पर्श से मुझे भी कुछ होने लगा; मैंने उसको खींच कर अपने गले से लगा लिया.
नीलू भी मेरा साथ देने लगी.

हम दोनों में वासना जागृत होने लगी; आग और भूसा का मिलन जैसा होने लगा.
हमारे होंठ मिल गए.

नीलू ने मेरे लंड को जोर से पकड़ लिया और मैं उसकी चूची को मसलने लगा.

तभी नीलू मुझसे अलग हो गई और पलट कर लम्बी लम्बी सांसें भरती हुई मुझसे सोने को कहने लगी.
जैसे ही मैं पलटा तो देखा कि सिमरन जागने लगी थी.

फिर मैंने सिमरन को अपनी ओर खींचा और उसकी चूचियों को टॉप से निकालने लगा.

जल्द ही मैंने सिमरन की एक चूची को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.

ऐसा करने से सिमरन पूरी तरह से जाग गई और बोली- क्या कर रहे हो यार … नीलू भी है. उसको पता चल जाएगा कुछ दिन शांत रहो!

मैं रुक गया और मैं सिमरन को चिपका कर सो गया.
यह सब नीलू ने सुन लिया था.

फिर लगभग 4 बजे सुबह नीलू मेरे पास को आई और मुझे हिलाती हुई धीमी आवाज में जगाने लगी- जीजू जीजू!
मैं जाग गया.

नीलू- जीजू बालकनी में आओ.
मैं- ठीक है … आता हूँ.

नीलू बालकनी में आते ही कहने लगी- सॉरी जीजू … वो दीदी जाग गई थी न … इसलिए मैंने आपको हटा दिया. मगर मुझे आपसे कुछ कहना भी है.
मैं- हां बोलो!

नीलू- जीजू. मैंने जब से आपका लंड पकड़ा है, मैं पागल हो गई हूं. आपका लंड काफी बड़ा है. मुझे बस आज इसको चूस लेने दो.
मैं उसकी बात सुनकर हैरान था कि कहां तो ये सेक्स की बात करना नहीं चाहती थी और कहां ये लंड चूसने की बात कर रही है.

तभी उसने अपने टॉप के बटन खोल दिए, जिससे उसकी आधी चूचियां दिखने लगीं.
मैं अभी उसकी चूचियों को ही देख रहा था कि मेरे लंड ने औकात दिखानी शुरू कर दी.

मैंने कहा- एक शर्त है मेरी!
नीलू- मुझे सब मंजूर है, पर प्लीज आप अपने लंड को आज मुझे चूस लेने दो प्लीज़.

मैं- शर्त यही है कि तुम मेरे साथ सेक्स करोगी. वो भी मेरे भाई की सुहागरात वाले दिन … और यह सब कैसे करोगी, वो तुम्हारी प्रॉब्लम है. मेरा लंड देख तेरी कामुकता जगी है, उसी तरह तेरी चूचियों का मैं भी दीवाना हो गया हूँ.
नीलू- अब बोलोगे ही या लंड भी बाहर निकालोगे. मैं सब करूंगी, बस आज ये लंड मुझे दे दो ठाकुर!

वो शोले का डायलॉग बोल कर मेरे लवड़े को पकड़ कर सहलाने लगी.

मैंने भी अपना लोअर नीचे कर दिया और अपना 6 इंच का लंड को बाहर निकाल कर नीलू के सामने हिलाने लगा.

नीलू ने लंड देखते ही उसे जोर से पकड़ लिया और नीचे झुक कर लंड चूसने लगी.
मैं भी वासना में खोने लगा.

नीलू बिल्कुल लॉलीपॉप की तरह मेरे लंड को चूसने लगी थी.
उसकी लंड चुसाई देख कर साफ़ समझ आ रहा था कि लौंडिया खेली खाई है.

वो कभी मेरे लंड के सुपारे को ऊपर करके जीभ से चाटती तो कभी लंड को अन्दर भर कर जोर से काट लेती.

मैं चाह कर भी चिल्ला नहीं पा रहा था क्योंकि सिमरन के जाग जाने का खतरा था.
दूसरी तरफ मुझे लंड चुसवाने में बहुत ही अच्छा भी लग रहा था.

अचानक से नीलू मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर जोर जोर से ऊपर नीचे ऊपर नीचे करने लगी.
कुछ ही पल बाद वो ऊपर उठ गई और अपने लोअर को नीचे करके उसने अपनी पैंटी को नीचे कर दी.

मैंने कहा- अभी ये सब करना सम्भव नहीं है.
पर वो कहां कुछ मानने वाली थी; उसके चेहरे पर चुदाई की भूख साफ साफ पता चल रही थी.

नीलू ने मेरी कुछ नहीं सुनी और अपनी चूत मेरे सामने खोल कर चुदाई की मुद्रा में आ गई.
वो बालकनी की रेलिंग पकड़ कर गांड हिलाने लगी थी.

मैंने देखा कि नीलू की चूत क्या मस्त पकौड़ी सी फूली हुई थी.
हां थोड़ी काली थी पर बिल्कुल टाइट थी और टपक रही थी.

मैंने भी लंड को चूत की फांकों में रगड़ा और चूत में पेलने की कोशिश करने लगा.
पर लंड अन्दर नहीं जा पा रहा था.
इससे साफ़ हो गया था कि इसकी चूत सील पैक थी.

मैंने नीलू को बालकनी के पास बनी दीवार के पास किया और उसकी एक टांग उठा कर फिर से लंड को चूत में डालने का कोशिश करने लगा.
नीलू मुझे चूमने लगी थी क्योंकि हम दोनों ही आमने सामने हो गए थे.

होंठ से होंठ मिल गए थे और चूत ने लंड को कब अन्दर ले लिया, कुछ पता ही नहीं चला.

लंड चूत में जाते ही मुझे तरन्नुम आ गई और नीलू तो पागल हो गई थी.
वह आह आह करती हुई बोलने लगी- आंह चोद दे मेरे जीजू प्यारे … और अन्दर पेल दो.
वो धीरे धीरे सिसकारियां भर रही थी.

मेरे धक्के काफी तेज होने लगे थे.
वो लगातार आह्ह … आह्ह … करती हुई मेरे लंड से चुदने लगी.

उसे अपनी चूत में दर्द ज्यादा हो रहा था इसलिए मैं नीलू के होंठों को चूमता जा रहा था ताकि उसकी आवाज किसी को सुनाई न दे.
साथ ही मैं उसकी चूचियों को भी जोर जोर से मसलता जा रहा था.
फिर भी दबी आवाज में उसकी सिसकारियां ‘हअ होअ आह मां …. आह …’ निकल रही थीं.

उसकी गर्म गर्म चूत को चोदने में बहुत मजा रहा था.
अब नीलू भी मुझे अपने अन्दर लेने लगी थी.

नीलू न जाने कितने सालों से सेक्स की भूखी थी, ये साफ साफ पता चल रहा था.

उसको पता भी नहीं था कि उसकी चूत से खून भी निकल रहा है.
मैं भी रुका नहीं और चुदाई जारी रखी; उसकी चूत को पेलता रहा.

काफी देर की चुदाई के बाद अब उसकी चूत पच-पच करने लगी थी मतलब उसकी चूत ने मलाई छोड़ दी थी.

नीलू मुझे अपने नाखूनों से नौंचने लगी थी और मुझे जोर से पकड़ कर मेरे होंठों को काटने लगी थी.

मेरा भी निकलने वाला ही था, मैंने आंखों से उसे इशारा किया तो वो समझ गई और बोली- जीजू मुझे रस पीना है.

मैंने लंड चूत से निकाला और नीलू ने मेरे लंड को मुँह में ले लिया.
अगले ही पल लंड ने अपना रस फेंकना शुरू कर दिया.
नीलू सारा माल चट कर गई.

फिर हम दोनों बाथरूम में गए.
उधर नीलू को पता चला कि उसकी चूत से ब्लड भी निकला था.

मेरा लंड पूरा लाल हो गया था.
यहां तक कि मेरे होंठों से भी खून निकल रहा था जो नीलू के काटने से निकला था.

यह देख कर नीलू मेरे होंठों को जीभ से चाटने लगी और गले लग कर बोली- जीजू, आज मैं बहुत खुश हूं.
वो रोने लगी.

मैं थोड़ा कंफ्यूज़ था कि साली अभी क्यों रो रही है.
पर मुझे लगा अभी उसको शांत करा लेना जरूरी है.

मैंने उसे चुप कराया और लंड साफ करके बाथरूम से बाहर आ गया.

मैं सिमरन के बाजू में लेट कर सोचने लगा कि नीलू में कितनी हवस है.

जब मैं रूम में पहुंचा तो देखा कि सिमरन जागी हुई थी.
वो मुझे देख कर बोली- हो गया सेक्स?

उसके मुँह से यह सुनते ही मेरी हालत खराब हो गई.
तभी नीलू भी आ गई.
मैं एकदम ठंडा पड़ गया था.

दोस्तो, यह सेक्स कहानी तो यहीं समाप्त कर रहा हूँ.
आपके मन में सवाल होंगे कि मेरी वाइफ ऐसा क्यों बोली और नीलू क्यों रो रही थी.
उस सबका जवाब अगली कहानी में लिखूंगा.

तभी नीलू सिमरन के पास गई और दोनों हंसने लगीं।
नीलू बोली- दीदी, जीजू को अब बता दो कि उनके साथ आज क्या हुआ!

अब मैं सोच में पड़ गया कि ये दोनों क्या बातें कर रही हैं।
मैं दोनों को घूरने लगा और आंखों में ही सवाल करने लगा।

तभी सिमरन मेरे पास आई और बोली- बोलो, हो गई दोनों की चुदाई!
दोनों मुंह पर हाथ रखकर हंसने लगीं।

फिर नीलू बोली- जीजू इतना नर्वस मत होइए। दीदी ने ही ये सब कुछ प्लान किया था। मुझे पता है कि आप लोगों की सेक्स लाइफ अच्छी नहीं है, और मैं ये भी जानती हूं कि दीदी आपका साथ नहीं देती है सेक्स में!

ये सब सुनकर मैं तो हैरान हो गया था।
मैं बोला- बालकनी में आओ।
हम तीनों बाहर आ गए।

मैं- अब बताओ क्या है ये सब!
सिमरन- पता है मेरे इतना सेक्सी होने का राज क्या है?
मैं- नहीं, बताओ! (मैं अभी भी हैरान था और समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या कहने वाली है)

सिमरन- नीलू है इसके पीछे!
मैं- कैसे?

सिमरन- मैं लेस्बियन हूं, मेरे बूब्स नीलू ने बड़े किए हैं।
मैं- क्या? पागल हो? क्या बोल रही हो, तुम … और लेस्बो?

नीलू- सच्ची जीजू, आपसे ज्यादा तो इसने मेरे साथ सेक्स किया है।
मैं समझ नहीं पा रहा था लेकिन फिर भी सच को अपनाने की कोशिश कर रहा था।

मैं- तुम लोग सही में अलग लेवल की हो, अब ये बताओ सिमरन ने नीलू के साथ ये प्लानिंग किसलिए की?
सिमरन- ये प्लान हमारी पहली एनिवर्सरी पर बना था। नीलू का कॉल आया था, बोल रही थी कि दी मेरी जान … हम लोगों को सेक्स किए एक साल हो गया है।

सिमरन- मैं बोली कि बीएफ बना लो, अब दीदी के साथ कब तक सेक्स करती रहोगी।
नीलू- क्यों, आप जीजू को खुश रख पा रही हो?
सिमरन- मैं कुछ नहीं बोली इस पर।!

नीलू ने फिर कहा- दीदी, मुझे पता है, आप तो सेक्स करने नहीं देती होंगी, पर जीजू अच्छे हैं इसलिए कुछ नहीं बोलते होंगे।
सिमरन- फिर मुझे लगा कि नीलू सही कह रही है।

नीलू फिर बोली- दी, क्यों ना दोनों कोई प्लान बनाते हैं, मैं जीजू के साथ सेक्स करूंगी, और आप मेरे साथ करना। जीजू तो वैसे भी मुझे भाव नहीं देते, मैं सांवली जो हूं।
सिमरन- बहुत सोचने के बाद मैंने हां कर दी।

इनकी बातें मैंने ध्यान से सुनी।
फिर मैं बोला- तुम दोनों पागल हो।
नीलू- जीजू, आपको सेक्स करके मजा नहीं आया क्या?

मैं- लेकिन ऐसा कब तक चलेगा, शादी के बाद?
सिमरन- मादरचोद हिम्मत है किसी की मुझे या तुमको छोड़कर कोई हाथ लगा दे इसे!

इस पर हम तीनों ने तय कर लिया कि रहेंगे तो तीनों साथ, नहीं तो फिर नीलू शादी ही नहीं करेगी।

सिमरन मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी।
मैं समझ गया था कि दोनों की ही चूत मिलती रहेगी पूरी जिंदगी!

नीलू- अब सुबह हो रही है, सबके जागने का टाइम हो गया है, थोड़ी देर सो लेते हैं।
शादी का माहौल था, सब अब जागने वाले थे।

उसके बाद हम तीन दिन काम में पूरी तरह व्यस्त रहे।
मैं बाहर के कामों में लगा था जबकि सिमरन और नीलू घर के कामों में लगी थीं।

फिर बारात वाले दिन सब तैयार हो रहे थे।
रात हो चुकी थी।

मैं रूम में आया।
सिमरन- आ गए …
मैं- हम्म …

नीलू- जीजू, बताओ ना मैं कौन सी ब्रा-पैंटी पहनूं?

मैं- कोई भी पहन लो, ये तुम्हारी रंडी है न, इससे ही पूछ लो!
नीलू- आप शर्त भूल गए क्या?
मैं- कौन सी?

नीलू- सेक्स करने से पहले मैंने आपके सामने शर्त रखी थी कि आपके भाई की सुहागरात में आप मेरे साथ सेक्स करोगे!
मैं- पता है मुझे!

सिमरन ये सब सुनकर स्माइल कर रही थी।

फिर नीलू बोली- अब बता भी दो, और मेरी भी हेल्प कर दो।
मैंने लाल रंग की नीलू के लिए बताई और बैंगनी रंग की सिमरन के लिए।

वे दोनों मेरे सामने ही नंगी हो गईं।
वैसे सिमरन के बूब्स देखकर कोई बता नहीं सकता था कि वह लेस्बियन है, देखते ही लंड खड़ा हो जाता है।

हालांकि नीलू की चूचियां थोड़ी छोटी थीं।
फिर मुझसे रहा नहीं गया, मैंने नीलू को जोर से बालों से पकड़ कर दीवार से लगा दिया और किस करने लगा।

लेकिन ये सिमरन से बर्दाश्त नहीं हुआ।

उसने पीछे से मुझे बालों से पकड़ा और दीवार से लगा दिया।
बोली- बहनचोद, मेरे सामने ही मेरी बहन की चूत लेगा?
कहकर वह मुझे जोर से किस करने लगी।

इतने में नीलू घोड़ी बनकर सिमरन की गांड चाटने लगी।
सिमरन मेरे लिप्स को जोर जोर से चूसे जा रही थी और लंड को जोर से दबाये जा रही थी।

नीलू ने मेरे लंड की तरफ देखा तो मैं समझ गया कि ये चुदाई के लिए तैयार है।
अब नीलू ने सिमरन को बेड पर चलने के लिए कहा।

बेड पर ले जाकर नीलू सिमरन के बूब्स चूसने लगी।

उसने अपनी तीन उंगली सिमरन की चूत में दे दीं।
इससे सिमरन उचक गई- उऊईई ईई मम्मी … आह्ह।

फिर मेरी तरफ आंखें दिखाकर बोली- मादरचोद, तू क्या कर रहा है वहां!
उसने मुझे आंखों से सिमरन के बूब्स चूसने का इशारा किया।
मैंने सिमरन के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया।

सिमरन की सिसकारियां तेज होने लगीं और उसके मुंह से ऊह्ह आह्ह जैसे कामुक शब्द बरसने लगे।
वह बार बार मस्ती में बोल रही थी- आह्ह साली नीलू … और तेज … और तेजी से चोद मेरी चूत को, आह्ह और तेज!

नीलू ने पूरी उंगली उसकी चूत में घुसा दी जिससे सिमरन की चीख निकल गई।
इतने में नीलू ने अपने होंठ सिमरन के होंठों पर रख दिए।

सिमरन की चूत अब झड़ने के करीब आ गई थी।

चूत में नीलू की उंगलियों की स्पीड अब और ज्यादा बढ़ गई।

नीलू ने सिमरन को अपने आगोश में ले लिया और सिमरन की चूत का पानी निकल गया।

सिमरन शांत हो गई।
उसने नीलू को हटाया और मेरे गले लग गई।

नीलू- साली रंडी … मजा ले मेरे से और झप्पी जीजू को!
सिमरन- नीलू मेरी जान … भूल मत, तू भी मेरी है और आनंद न रहता तो चुदाई भी तू न करवा पाती।

सिमरन- चल मैं नीचे जा रही हूं, हर कोई बारात के लिए तैयार हो रहा है। मैं भी हो जाती हूं। तुम लोग भी तैयार होकर आओ।

वह चली गई.
और उसके जाते ही नीलू मुझसे लिपट कर जोर जोर से किस करने लगी, मेरे लंड को मसलने लगी।

मैं समझ गया कि उसकी चूत चुदाई मांग रही है।
मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और किस करने लगा।
फिर उसकी गांड को भींचने लगा।

मैं- नीलू, तेरी गांड भी सिमरन से छोटी है।
नीलू- साली सिमरन को मजा लेना होता है तो गांड मुझसे चटवाती है। चूत में उंगली भी मुझसे करवाती है, लेकिन जब मेरी बारी आती है तो शांत हो जाती है।
मैं- कोई बात नहीं, मैं तेरी गांड और चूचियों को बड़ा कर दूंगा।

नीलू- ओके बातों में टाइम खराब नहीं करते हैं, चलो शुरू करो।
मैं नीलू की गांड में थूक लगाकर लंड के टोपे से मसलने लगा।
फिर उसकी गांड में लंड को सरकाने लगा।

लंड अंदर जाने लगा तो उसकी जोर से चीख निकल गई- आईई … मर गईईई!
मैं जानता था कि नीलू की गांड इतनी आसानी से लंड को झेल नहीं पाएगी।

तो मैं बोला- साली रंडी, चुदाई करवानी है तो सब सहन भी करना पड़ेगा।
मैंने उसे धीरे धीरे चोदना शुरू किया।

कुछ देर बाद धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।
मैंने उसके बालों को पकड़ लिया और तेजी से गांड में लंड को घुसाने लगा।

वह चुदती हुई रोने लगी।
मैं- साली रंडी, जब रोना ही था तो चुदाई क्यों करवा रही है?
वह बोली- जीजू, दर्द ज्यादा हो रहा है।

अब मैंने उसके मुंह में एक कपड़ा फंसा दिया।
मैं बोला- शोर बाहर चला जाएगा, कोशिश करो, सब हो जाएगा।
उसने हां में सिर हिला दिया।

मैं दोबारा से चुदाई में लग गया।
कुछ देर बाद मेरा छूटने को हो गया।

मैंने नीलू से बताया लेकिन वह कुछ नहीं बोली।
फिर एकदम मेरी गांड फट गई।

मैंने देखा कि लंड पर खून लगा हुआ था।
तो मैंने लंड निकाला तो उसकी गांड फट गई थी।
वह बेहोश होने लगी थी।

फिर मैंने जल्दी से उसके मुंह पर पानी के छींटे मारे तो उसको होश आने लगा।
होश आते ही वह मुझसे लिपट कर रोने लगी।

फिर मुझे ध्यान आया कि मैंने ही इसे चुप रहने के लिए कहा था इसलिए यह चुपचाप चुदती रही।

फिर मैं उसे गोद में उठाकर वाशरूम में ले गया।
देखा तो उसकी गांड और चूत तक सब जगह खून फैला हुआ था।

वह बोली- मैं आपके लिए इससे भी ज्यादा कर सकती हूं जीजू!

मैंने उसकी चूत और गांड को साफ किया।
हमने साथ में शावर लिया।
उसके बाद हम बाहर आ गए।

बेड पर पूरा खून खराबा हो गया था।
वह बोली- आपका माल निकला था क्या?
मैं- नहीं।
नीलू को पता नहीं क्या हुआ, वह गुस्से में आ गई- मैं सिमरन की तरह चूत को ऐसे बर्बाद नहीं होने दूंगी। मैं चूत में भी लूंगी। आप मुझे चोद रहे हो या नहीं?

सुनकर मुझे भी जोश चढ़ गया।

मैंने उसे बेड पर गिरा दिया और उसकी काली-गुलाबी चूत में लंड को लगाकर धक्का देने लगा।
मेरा लंड एक धक्के में अंदर चला गया।

जल्द ही नीलू मेरे लंड के धक्के खाते हुए मजे में गोते लगाने लगी और बोलने लगी- आहह जीजू … और चोदो … मजा आ रहा है … आह्ह चोदो।
नीलू की चूत अंदर से पूरी गीली हो चुकी थी।

कुछ देर के बाद मेरा भी माल निकलने को हो गया।
मैंने नीलू को बता दिया कि मेरा होने वाला है।

मैं- मुंह में लोगी क्या?
नीलू गुस्से में- नहीं, चूत में चाहिए मुझे!

मैंने चूत में ही सारा माल डाल दिया।
नीलू- जीजू, दी को 1 घंटा हो गया है, अब चलो तैयार हो जाओ।

तभी सिमरन आवाज लगाती हुई आई, उसके पास रूम की चाबी थी तो सीधे खोलकर अंदर चली आई।

कमरे का हाल देखकर वह हैरान हो गई।
वह मेरे पास आकर मुझे मारने लगी, बोली- मादरचोद, नीलू का क्या हाल कर दिया तूने! इतना खून!

नीलू हम दोनों के बीच आकर बोली- दी, सब मेरी मर्जी से ही हुआ है।
सिमरन- इसको पता होना चाहिए ना कि तुम पहली बार कर रही हो, कोई रंडी थोड़ी हो!

नीलू ने सिमरन को गले लगाते हुए कहा- शांत हो जाओ मेरी जान, इसमें मेरी ही मर्जी थी।

सिमरन गुस्से में बोली- नीचे सब तुम दोनों के बारे में पूछ रहे हैं, बोल दूं कि चुदाई कर रहे हैं?
नीलू- दी आप जाओ, 15 मिनट तक संभालो, हम दोनों अभी आते हैं।

सिमरन चली गई।

उसके जाते ही हम दोनों रूम की सफाई में लग गए, फिर हम साथ में नहाए।

नीलू- जीजू, मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा है, लगता है कि चलना मुश्किल है।
मैंने थोडी़ रूई ली और उसकी गांड में घुसा दी।
मैं बोला- इससे थोड़ी राहत मिलेगी।

मैंने नीलू को ब्रा-पैंटी पहनाई और फिर तैयार होने चला गया।
मैं तैयार होकर उससे पहले निकल गया।
जब सिमरन और नीलू साथ में तैयार होकर आईं तो गजब की सेक्सी लग रही थीं।

सिमरन मेरे हाथ में हाथ डालकर साथ खड़ी हो गई।
बोली- क्यों जी, कैसी लग रही हूं? सेक्सी न?

मैं बोला- नाराज तो नहीं हो?
इतने में ही नीलू हमारे पास आ गई।
बोली- जान अब थोड़ा डांस हो जाए!

हम नाचने लगे।
मैं भी इस मौके का फायदा उठाते हुए बार बार नीलू की गांड पर टच कर रहा था।

सिमरन ये सब देख रही थी।

फिर सब लोग शादी में बिजी हो गए।
शादी 2-3 घंटे में संपन्न हो गई।
सब लोग अपने अपने रूम में आने लगे।

सिमरन रूम में आते ही सो गई।
मैं और नीलू अभी जाग रहे थे तो हम बातें करने लगे।

नीलू- जीजू, आपने तो मेरी जान ही ले ली थी।
मैं- हां, माफ करना उसके लिए।

नीलू- कोई बात नहीं जीजू, अगली बार तो मैं ही आप पर भारी पड़ूंगी।
मैं- अच्छा! चलो देखते हैं।

नीलू- जीजू, आपने मेरे और दी के अलावा किसी और के साथ भी सेक्स किया है क्या?

मैंने मुस्करा कर कहा- दो-दो रंडी है ना, और की क्या जरूरत!
नीलू ने मुस्कराते हुए मुझे किस कर लिया।

हम दोनों किस कर रहे थे कि अचानक से बुआ रूम में आ गई।
वह जोर से चिल्लाई- ये क्या है!
तभी सिमरन भी जाग गई।

उसने भी बुआ को देख लिया और हमारी हालत भी।
तभी उसने जल्दी से उठकर

ज्योतिषी बन कर भाभी को बच्चा दिया

  मेरे पास जॉब नहीं थी, मैं फर्जी ज्योतिषी बनकर हाथ देख कर कमाई करने लगा. एक भाभी मेरे पास बच्चे की चाह में आई. वह माल भाबी थी. भाभी की रंड...