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Sunday, 27 October 2024

आधी घरवाली ने बुर की सील खुलवा ली

 

मेरी शादी हो चुकी है और मेरी वाइफ सिमरन काफी सेक्सी है.
पर यह Xxx साली फक स्टोरी मेरी छोटी कुंवारी साली की है.

बात अभी कुछ दिन पहले की ही है.
मेरे छोटा भाई का विवाह था और उसकी शादी में मेरी ससुराल से मेरी साली कुछ दिन पहले आ गई थी ताकि वो मेरी बीवी को मदद कर सके.

मैं अपनी साली को लेने बस अड्डे गया था.

नीलू (मेरी साली) ने बस से बाहर आते ही मुझे देख लिया था.
फ़िर मेरी भी नजर उससे मिली और मैं उसके पास पहुंच गया.

मैंने उसके बैग अभी लिए ही थे कि तभी नीलू ने मेरी उंगली को पकड़ लिया.
उसे देख कर मैं मुस्कुरा दिया और हम दोनों एक मीठी मुस्कान बिखेरते हुए आगे बढ़ गए.

मैं उसके साथ पार्किंग में आया और अपनी कार में उसका बैग रख कर हम दोनों बस अड्डे से घर आ गए.

रास्ते में नीलू मुझसे हंस बोल कर बातें करती रही.
उसकी खिलखिलाहट मुझे बड़ा सुकून दे रही थी और मैं बस उसे देख कर अन्दर ही अन्दर एक मीठा अहसास महसूस कर रहा था.

मैं आपको बता दूँ कि नीलू उस टाइम काफ़ी सेक्सी लग रही थी.
उसकी 34 साइज की चूचियां उसके टाइट टॉप में से एकदम तनी हुई दिख रही थीं.

मैंने ध्यान किया कि उसकी गांड भी पहले से बड़ी हो गई थी.
चुस्त जींस पहनी होने के कारण उसकी गांड की दरार का साफ़ पता चल रहा था.

वो बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी.
उसका सांवलापन उसकी छवि में चार चाँद लगा रहा था जिसके कारण वो किसी सेक्सी मॉडल से कम नहीं लग रही थी.
पर मेरे दिमाग में अभी तक उसके लिए कोई गलत ख्याल नहीं आया था.

घर आते ही नीलू सबसे घुल-मिल गई और सबके साथ काम में व्यस्त हो गई.

उसी दिन की बात है. कुछ और मेहमान घर पर आ गए थे, जिसके कारण रात को नीलू को कहीं सोने को नहीं मिला.

मेरी वाइफ बोली- आज हम तीनों साथ में ही सो जाते हैं.
इसी कारण से हम तीनों एक बिस्तर पर ही आ गए थे.

मुझे याद है कि रात को 2 बजे मेरी वाइफ जागी और बाथरूम गई. पर वो मेरे साइड में आकर सो गई, जिसके कारण मैं, नीलू और अपनी वाइफ सिमरन के बीच में हो गया.
उस समय मैं जागा हुआ था, पर तब भी मैं कुछ बोला नहीं.

फिर मैं फ़िर मैं नीलू की ओर घूमा, तो उसकी तनी हुई चूचियां मेरे सामने आ गईं और मैं उसके टॉप की अन्दर से दिखती चूचियों की क्लीवेज को देख कर गर्म होने लगा.
अभी मैं कुछ सोच ही रहा था कि तभी नीलू ने मेरे लंड के पास हाथ रख दिया औऱ मैं तुरंत सिमरन को देखने लगा.

सिमरन गहरी नींद में सो चुकी थी.
मैं कुछ देर रुका और आगे बढ़ने की सोचने लगा.

अब तक मेरे अन्दर भी कामुकता जाग गई थी.
मैंने भी उसकी एक चूची को पकड़ लिया और धीरे धीरे मसलने लगा.
साथ ही मैं उसके चेहरे को देखता गया क्योंकि उसका हाथ अभी भी मेरे लंड पर था.

थोड़ी देर मैं उसकी लंड पर पकड़ सख्त होने लगी तो मैं डर गया और मैंने नीलू की चूची को मसलना छोड़ दिया.

एक पल बाद मुझे फिर से वासना ने घेरा और मैं उसके क़रीब आने लगा.
तभी नीलू जाग गई.
उसकी आंखें खुलते ही मैंने हाथ को तुरंत हटा लिया और सोने का नाटक करने लगा.

नीलू मेरे लंड से हाथ हटा कर मुझे धीमी आवाज में जगाने सी लगी.
मैंने अंजान बनते हुए नीलू से कहा- हूँ … क्या हुआ?

वो बहुत धीमी आवाज में इशारा करती हुई बोली- आप रूम से बाहर आओ.
ये कह कर वो उठ कर बालकनी की तरफ चली गई.

उसके उधर जाते ही मैंने एक बार अपनी बीवी सिमरन की तरफ देखा और मैं भी उठ कर बालकनी की तरफ आ गया.

नीलू और मैं बालकनी में आ गए.
नीलू बोली- मुझे पता है कि आप मेरी चूची को पकड़े हुए थे.

मैं यह सुनते ही डर गया, पर मैं बोला कि मुझे पता नहीं कि ऐसा क्यों हुआ था?
वो बोली- आप मुझे पसंन्द करते हो क्या?

मैंने कहा- नहीं … पागल हो क्या. अगर कुछ हुआ भी होगा, तो गलती से हुआ होगा.
नीलू- आप झूठ बोल रहे हो ना!

मैं- नहीं, गलती से सिमरन को समझ कर दबा दिया होगा.
नीलू- पर आपको पता है ना कि यह गलत हुआ?

मैं- हां पता है नीलू, पर छोड़ो न. वैसे भी तुम मेरी आधी घरवाली हो न … तो इतना तो चलता है यार!
नीलू गुस्सा में बोली- फिर मुझे चोद भी दो न … आखिर इसमें भी हक़ है ना आपका!
मैं- सॉरी नीलू, मेरे कहने का मतलब यह नहीं था.

मगर नीलू रोने लगी.
अब मेरी गांड फट गई.

मैं उसके करीब हुआ और उसको चुप कराने लगा.

नीलू बोली- सॉरी जीजू आपकी गलती नहीं है, मेरी ही किस्मत खराब है.
मुझे समझ में नहीं आया कि किस्मत खराब है का क्या मतलब हुआ?

नीलू आगे कहने लगी कि मेरी एक ही समस्या है कि मैं सांवली हूँ न … तो कोई ब्वॉयफ्रेंड भी नहीं है. जो ब्वॉयफ्रेंड बना भी तो वो बस मेरे साथ बस सेक्स ही करना चाहता था. मुझे कोई प्यार नहीं करता. सब बस मुझे चोदना ही चाहते हैं. मेरे साथ कोई भी ऑनेस्ट नहीं रहना चाहता. इसी कारण से मेरी ऐसी समस्या हो गई है.
ये कह कर वो मुझसे चिपक कर रोने लगी.

मैं उसे सहलाते हुए चुप कराने लगा- अरे इतनी सी बात पर रोते नहीं है नीलू. मैं तेरा ब्वॉयफ्रेंड बनवा देता हूं, जो तुझको पसंद करे … केवल सेक्स करना ही ना चाहे.

नीलू- जीजू, कोई नहीं मानेगा. मैं सांवली जो हूँ!
मैं- चल तो एक काम कर. जब तक तेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड न हो, तब तक मैं तेरा ब्वॉयफ्रेंड … बोलो अब कोई प्रॉब्लम है?

नीलू- फिर मेरी कामुकता … अगर मैं बहक गई तो दीदी का क्या होगा?
ये कह कर नीलू हंसने लगी.

मैं- नीलू एक काम करते हैं. अगर ऐसी कोई प्रॉब्लम हैं तो हम दोनों चुदाई छोड़ कर और कुछ भी करेगें. बोलो चलेगा … करोगी?
नीलू मुस्कुराती हुई- ठीक है.

फिर हम लोग सोने आ गए.

पर कुछ देर के बाद ही दोनों एक साथ बोलने को हुए.
मैं चुप हो गया और नीलू बोली- जीजू सुनो न … मुझे कुछ कुछ हो रहा है.
उसने ये कह कर मेरा हाथ पकड़ लिया.

उसके स्पर्श से मुझे भी कुछ होने लगा; मैंने उसको खींच कर अपने गले से लगा लिया.
नीलू भी मेरा साथ देने लगी.

हम दोनों में वासना जागृत होने लगी; आग और भूसा का मिलन जैसा होने लगा.
हमारे होंठ मिल गए.

नीलू ने मेरे लंड को जोर से पकड़ लिया और मैं उसकी चूची को मसलने लगा.

तभी नीलू मुझसे अलग हो गई और पलट कर लम्बी लम्बी सांसें भरती हुई मुझसे सोने को कहने लगी.
जैसे ही मैं पलटा तो देखा कि सिमरन जागने लगी थी.

फिर मैंने सिमरन को अपनी ओर खींचा और उसकी चूचियों को टॉप से निकालने लगा.

जल्द ही मैंने सिमरन की एक चूची को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.

ऐसा करने से सिमरन पूरी तरह से जाग गई और बोली- क्या कर रहे हो यार … नीलू भी है. उसको पता चल जाएगा कुछ दिन शांत रहो!

मैं रुक गया और मैं सिमरन को चिपका कर सो गया.
यह सब नीलू ने सुन लिया था.

फिर लगभग 4 बजे सुबह नीलू मेरे पास को आई और मुझे हिलाती हुई धीमी आवाज में जगाने लगी- जीजू जीजू!
मैं जाग गया.

नीलू- जीजू बालकनी में आओ.
मैं- ठीक है … आता हूँ.

नीलू बालकनी में आते ही कहने लगी- सॉरी जीजू … वो दीदी जाग गई थी न … इसलिए मैंने आपको हटा दिया. मगर मुझे आपसे कुछ कहना भी है.
मैं- हां बोलो!

नीलू- जीजू. मैंने जब से आपका लंड पकड़ा है, मैं पागल हो गई हूं. आपका लंड काफी बड़ा है. मुझे बस आज इसको चूस लेने दो.
मैं उसकी बात सुनकर हैरान था कि कहां तो ये सेक्स की बात करना नहीं चाहती थी और कहां ये लंड चूसने की बात कर रही है.

तभी उसने अपने टॉप के बटन खोल दिए, जिससे उसकी आधी चूचियां दिखने लगीं.
मैं अभी उसकी चूचियों को ही देख रहा था कि मेरे लंड ने औकात दिखानी शुरू कर दी.

मैंने कहा- एक शर्त है मेरी!
नीलू- मुझे सब मंजूर है, पर प्लीज आप अपने लंड को आज मुझे चूस लेने दो प्लीज़.

मैं- शर्त यही है कि तुम मेरे साथ सेक्स करोगी. वो भी मेरे भाई की सुहागरात वाले दिन … और यह सब कैसे करोगी, वो तुम्हारी प्रॉब्लम है. मेरा लंड देख तेरी कामुकता जगी है, उसी तरह तेरी चूचियों का मैं भी दीवाना हो गया हूँ.
नीलू- अब बोलोगे ही या लंड भी बाहर निकालोगे. मैं सब करूंगी, बस आज ये लंड मुझे दे दो ठाकुर!

वो शोले का डायलॉग बोल कर मेरे लवड़े को पकड़ कर सहलाने लगी.

मैंने भी अपना लोअर नीचे कर दिया और अपना 6 इंच का लंड को बाहर निकाल कर नीलू के सामने हिलाने लगा.

नीलू ने लंड देखते ही उसे जोर से पकड़ लिया और नीचे झुक कर लंड चूसने लगी.
मैं भी वासना में खोने लगा.

नीलू बिल्कुल लॉलीपॉप की तरह मेरे लंड को चूसने लगी थी.
उसकी लंड चुसाई देख कर साफ़ समझ आ रहा था कि लौंडिया खेली खाई है.

वो कभी मेरे लंड के सुपारे को ऊपर करके जीभ से चाटती तो कभी लंड को अन्दर भर कर जोर से काट लेती.

मैं चाह कर भी चिल्ला नहीं पा रहा था क्योंकि सिमरन के जाग जाने का खतरा था.
दूसरी तरफ मुझे लंड चुसवाने में बहुत ही अच्छा भी लग रहा था.

अचानक से नीलू मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर जोर जोर से ऊपर नीचे ऊपर नीचे करने लगी.
कुछ ही पल बाद वो ऊपर उठ गई और अपने लोअर को नीचे करके उसने अपनी पैंटी को नीचे कर दी.

मैंने कहा- अभी ये सब करना सम्भव नहीं है.
पर वो कहां कुछ मानने वाली थी; उसके चेहरे पर चुदाई की भूख साफ साफ पता चल रही थी.

नीलू ने मेरी कुछ नहीं सुनी और अपनी चूत मेरे सामने खोल कर चुदाई की मुद्रा में आ गई.
वो बालकनी की रेलिंग पकड़ कर गांड हिलाने लगी थी.

मैंने देखा कि नीलू की चूत क्या मस्त पकौड़ी सी फूली हुई थी.
हां थोड़ी काली थी पर बिल्कुल टाइट थी और टपक रही थी.

मैंने भी लंड को चूत की फांकों में रगड़ा और चूत में पेलने की कोशिश करने लगा.
पर लंड अन्दर नहीं जा पा रहा था.
इससे साफ़ हो गया था कि इसकी चूत सील पैक थी.

मैंने नीलू को बालकनी के पास बनी दीवार के पास किया और उसकी एक टांग उठा कर फिर से लंड को चूत में डालने का कोशिश करने लगा.
नीलू मुझे चूमने लगी थी क्योंकि हम दोनों ही आमने सामने हो गए थे.

होंठ से होंठ मिल गए थे और चूत ने लंड को कब अन्दर ले लिया, कुछ पता ही नहीं चला.

लंड चूत में जाते ही मुझे तरन्नुम आ गई और नीलू तो पागल हो गई थी.
वह आह आह करती हुई बोलने लगी- आंह चोद दे मेरे जीजू प्यारे … और अन्दर पेल दो.
वो धीरे धीरे सिसकारियां भर रही थी.

मेरे धक्के काफी तेज होने लगे थे.
वो लगातार आह्ह … आह्ह … करती हुई मेरे लंड से चुदने लगी.

उसे अपनी चूत में दर्द ज्यादा हो रहा था इसलिए मैं नीलू के होंठों को चूमता जा रहा था ताकि उसकी आवाज किसी को सुनाई न दे.
साथ ही मैं उसकी चूचियों को भी जोर जोर से मसलता जा रहा था.
फिर भी दबी आवाज में उसकी सिसकारियां ‘हअ होअ आह मां …. आह …’ निकल रही थीं.

उसकी गर्म गर्म चूत को चोदने में बहुत मजा रहा था.
अब नीलू भी मुझे अपने अन्दर लेने लगी थी.

नीलू न जाने कितने सालों से सेक्स की भूखी थी, ये साफ साफ पता चल रहा था.

उसको पता भी नहीं था कि उसकी चूत से खून भी निकल रहा है.
मैं भी रुका नहीं और चुदाई जारी रखी; उसकी चूत को पेलता रहा.

काफी देर की चुदाई के बाद अब उसकी चूत पच-पच करने लगी थी मतलब उसकी चूत ने मलाई छोड़ दी थी.

नीलू मुझे अपने नाखूनों से नौंचने लगी थी और मुझे जोर से पकड़ कर मेरे होंठों को काटने लगी थी.

मेरा भी निकलने वाला ही था, मैंने आंखों से उसे इशारा किया तो वो समझ गई और बोली- जीजू मुझे रस पीना है.

मैंने लंड चूत से निकाला और नीलू ने मेरे लंड को मुँह में ले लिया.
अगले ही पल लंड ने अपना रस फेंकना शुरू कर दिया.
नीलू सारा माल चट कर गई.

फिर हम दोनों बाथरूम में गए.
उधर नीलू को पता चला कि उसकी चूत से ब्लड भी निकला था.

मेरा लंड पूरा लाल हो गया था.
यहां तक कि मेरे होंठों से भी खून निकल रहा था जो नीलू के काटने से निकला था.

यह देख कर नीलू मेरे होंठों को जीभ से चाटने लगी और गले लग कर बोली- जीजू, आज मैं बहुत खुश हूं.
वो रोने लगी.

मैं थोड़ा कंफ्यूज़ था कि साली अभी क्यों रो रही है.
पर मुझे लगा अभी उसको शांत करा लेना जरूरी है.

मैंने उसे चुप कराया और लंड साफ करके बाथरूम से बाहर आ गया.

मैं सिमरन के बाजू में लेट कर सोचने लगा कि नीलू में कितनी हवस है.

जब मैं रूम में पहुंचा तो देखा कि सिमरन जागी हुई थी.
वो मुझे देख कर बोली- हो गया सेक्स?

उसके मुँह से यह सुनते ही मेरी हालत खराब हो गई.
तभी नीलू भी आ गई.
मैं एकदम ठंडा पड़ गया था.

दोस्तो, यह सेक्स कहानी तो यहीं समाप्त कर रहा हूँ.
आपके मन में सवाल होंगे कि मेरी वाइफ ऐसा क्यों बोली और नीलू क्यों रो रही थी.
उस सबका जवाब अगली कहानी में लिखूंगा.

तभी नीलू सिमरन के पास गई और दोनों हंसने लगीं।
नीलू बोली- दीदी, जीजू को अब बता दो कि उनके साथ आज क्या हुआ!

अब मैं सोच में पड़ गया कि ये दोनों क्या बातें कर रही हैं।
मैं दोनों को घूरने लगा और आंखों में ही सवाल करने लगा।

तभी सिमरन मेरे पास आई और बोली- बोलो, हो गई दोनों की चुदाई!
दोनों मुंह पर हाथ रखकर हंसने लगीं।

फिर नीलू बोली- जीजू इतना नर्वस मत होइए। दीदी ने ही ये सब कुछ प्लान किया था। मुझे पता है कि आप लोगों की सेक्स लाइफ अच्छी नहीं है, और मैं ये भी जानती हूं कि दीदी आपका साथ नहीं देती है सेक्स में!

ये सब सुनकर मैं तो हैरान हो गया था।
मैं बोला- बालकनी में आओ।
हम तीनों बाहर आ गए।

मैं- अब बताओ क्या है ये सब!
सिमरन- पता है मेरे इतना सेक्सी होने का राज क्या है?
मैं- नहीं, बताओ! (मैं अभी भी हैरान था और समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या कहने वाली है)

सिमरन- नीलू है इसके पीछे!
मैं- कैसे?

सिमरन- मैं लेस्बियन हूं, मेरे बूब्स नीलू ने बड़े किए हैं।
मैं- क्या? पागल हो? क्या बोल रही हो, तुम … और लेस्बो?

नीलू- सच्ची जीजू, आपसे ज्यादा तो इसने मेरे साथ सेक्स किया है।
मैं समझ नहीं पा रहा था लेकिन फिर भी सच को अपनाने की कोशिश कर रहा था।

मैं- तुम लोग सही में अलग लेवल की हो, अब ये बताओ सिमरन ने नीलू के साथ ये प्लानिंग किसलिए की?
सिमरन- ये प्लान हमारी पहली एनिवर्सरी पर बना था। नीलू का कॉल आया था, बोल रही थी कि दी मेरी जान … हम लोगों को सेक्स किए एक साल हो गया है।

सिमरन- मैं बोली कि बीएफ बना लो, अब दीदी के साथ कब तक सेक्स करती रहोगी।
नीलू- क्यों, आप जीजू को खुश रख पा रही हो?
सिमरन- मैं कुछ नहीं बोली इस पर।!

नीलू ने फिर कहा- दीदी, मुझे पता है, आप तो सेक्स करने नहीं देती होंगी, पर जीजू अच्छे हैं इसलिए कुछ नहीं बोलते होंगे।
सिमरन- फिर मुझे लगा कि नीलू सही कह रही है।

नीलू फिर बोली- दी, क्यों ना दोनों कोई प्लान बनाते हैं, मैं जीजू के साथ सेक्स करूंगी, और आप मेरे साथ करना। जीजू तो वैसे भी मुझे भाव नहीं देते, मैं सांवली जो हूं।
सिमरन- बहुत सोचने के बाद मैंने हां कर दी।

इनकी बातें मैंने ध्यान से सुनी।
फिर मैं बोला- तुम दोनों पागल हो।
नीलू- जीजू, आपको सेक्स करके मजा नहीं आया क्या?

मैं- लेकिन ऐसा कब तक चलेगा, शादी के बाद?
सिमरन- मादरचोद हिम्मत है किसी की मुझे या तुमको छोड़कर कोई हाथ लगा दे इसे!

इस पर हम तीनों ने तय कर लिया कि रहेंगे तो तीनों साथ, नहीं तो फिर नीलू शादी ही नहीं करेगी।

सिमरन मेरे पास आई और मुझे किस करने लगी।
मैं समझ गया था कि दोनों की ही चूत मिलती रहेगी पूरी जिंदगी!

नीलू- अब सुबह हो रही है, सबके जागने का टाइम हो गया है, थोड़ी देर सो लेते हैं।
शादी का माहौल था, सब अब जागने वाले थे।

उसके बाद हम तीन दिन काम में पूरी तरह व्यस्त रहे।
मैं बाहर के कामों में लगा था जबकि सिमरन और नीलू घर के कामों में लगी थीं।

फिर बारात वाले दिन सब तैयार हो रहे थे।
रात हो चुकी थी।

मैं रूम में आया।
सिमरन- आ गए …
मैं- हम्म …

नीलू- जीजू, बताओ ना मैं कौन सी ब्रा-पैंटी पहनूं?

मैं- कोई भी पहन लो, ये तुम्हारी रंडी है न, इससे ही पूछ लो!
नीलू- आप शर्त भूल गए क्या?
मैं- कौन सी?

नीलू- सेक्स करने से पहले मैंने आपके सामने शर्त रखी थी कि आपके भाई की सुहागरात में आप मेरे साथ सेक्स करोगे!
मैं- पता है मुझे!

सिमरन ये सब सुनकर स्माइल कर रही थी।

फिर नीलू बोली- अब बता भी दो, और मेरी भी हेल्प कर दो।
मैंने लाल रंग की नीलू के लिए बताई और बैंगनी रंग की सिमरन के लिए।

वे दोनों मेरे सामने ही नंगी हो गईं।
वैसे सिमरन के बूब्स देखकर कोई बता नहीं सकता था कि वह लेस्बियन है, देखते ही लंड खड़ा हो जाता है।

हालांकि नीलू की चूचियां थोड़ी छोटी थीं।
फिर मुझसे रहा नहीं गया, मैंने नीलू को जोर से बालों से पकड़ कर दीवार से लगा दिया और किस करने लगा।

लेकिन ये सिमरन से बर्दाश्त नहीं हुआ।

उसने पीछे से मुझे बालों से पकड़ा और दीवार से लगा दिया।
बोली- बहनचोद, मेरे सामने ही मेरी बहन की चूत लेगा?
कहकर वह मुझे जोर से किस करने लगी।

इतने में नीलू घोड़ी बनकर सिमरन की गांड चाटने लगी।
सिमरन मेरे लिप्स को जोर जोर से चूसे जा रही थी और लंड को जोर से दबाये जा रही थी।

नीलू ने मेरे लंड की तरफ देखा तो मैं समझ गया कि ये चुदाई के लिए तैयार है।
अब नीलू ने सिमरन को बेड पर चलने के लिए कहा।

बेड पर ले जाकर नीलू सिमरन के बूब्स चूसने लगी।

उसने अपनी तीन उंगली सिमरन की चूत में दे दीं।
इससे सिमरन उचक गई- उऊईई ईई मम्मी … आह्ह।

फिर मेरी तरफ आंखें दिखाकर बोली- मादरचोद, तू क्या कर रहा है वहां!
उसने मुझे आंखों से सिमरन के बूब्स चूसने का इशारा किया।
मैंने सिमरन के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया।

सिमरन की सिसकारियां तेज होने लगीं और उसके मुंह से ऊह्ह आह्ह जैसे कामुक शब्द बरसने लगे।
वह बार बार मस्ती में बोल रही थी- आह्ह साली नीलू … और तेज … और तेजी से चोद मेरी चूत को, आह्ह और तेज!

नीलू ने पूरी उंगली उसकी चूत में घुसा दी जिससे सिमरन की चीख निकल गई।
इतने में नीलू ने अपने होंठ सिमरन के होंठों पर रख दिए।

सिमरन की चूत अब झड़ने के करीब आ गई थी।

चूत में नीलू की उंगलियों की स्पीड अब और ज्यादा बढ़ गई।

नीलू ने सिमरन को अपने आगोश में ले लिया और सिमरन की चूत का पानी निकल गया।

सिमरन शांत हो गई।
उसने नीलू को हटाया और मेरे गले लग गई।

नीलू- साली रंडी … मजा ले मेरे से और झप्पी जीजू को!
सिमरन- नीलू मेरी जान … भूल मत, तू भी मेरी है और आनंद न रहता तो चुदाई भी तू न करवा पाती।

सिमरन- चल मैं नीचे जा रही हूं, हर कोई बारात के लिए तैयार हो रहा है। मैं भी हो जाती हूं। तुम लोग भी तैयार होकर आओ।

वह चली गई.
और उसके जाते ही नीलू मुझसे लिपट कर जोर जोर से किस करने लगी, मेरे लंड को मसलने लगी।

मैं समझ गया कि उसकी चूत चुदाई मांग रही है।
मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और किस करने लगा।
फिर उसकी गांड को भींचने लगा।

मैं- नीलू, तेरी गांड भी सिमरन से छोटी है।
नीलू- साली सिमरन को मजा लेना होता है तो गांड मुझसे चटवाती है। चूत में उंगली भी मुझसे करवाती है, लेकिन जब मेरी बारी आती है तो शांत हो जाती है।
मैं- कोई बात नहीं, मैं तेरी गांड और चूचियों को बड़ा कर दूंगा।

नीलू- ओके बातों में टाइम खराब नहीं करते हैं, चलो शुरू करो।
मैं नीलू की गांड में थूक लगाकर लंड के टोपे से मसलने लगा।
फिर उसकी गांड में लंड को सरकाने लगा।

लंड अंदर जाने लगा तो उसकी जोर से चीख निकल गई- आईई … मर गईईई!
मैं जानता था कि नीलू की गांड इतनी आसानी से लंड को झेल नहीं पाएगी।

तो मैं बोला- साली रंडी, चुदाई करवानी है तो सब सहन भी करना पड़ेगा।
मैंने उसे धीरे धीरे चोदना शुरू किया।

कुछ देर बाद धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।
मैंने उसके बालों को पकड़ लिया और तेजी से गांड में लंड को घुसाने लगा।

वह चुदती हुई रोने लगी।
मैं- साली रंडी, जब रोना ही था तो चुदाई क्यों करवा रही है?
वह बोली- जीजू, दर्द ज्यादा हो रहा है।

अब मैंने उसके मुंह में एक कपड़ा फंसा दिया।
मैं बोला- शोर बाहर चला जाएगा, कोशिश करो, सब हो जाएगा।
उसने हां में सिर हिला दिया।

मैं दोबारा से चुदाई में लग गया।
कुछ देर बाद मेरा छूटने को हो गया।

मैंने नीलू से बताया लेकिन वह कुछ नहीं बोली।
फिर एकदम मेरी गांड फट गई।

मैंने देखा कि लंड पर खून लगा हुआ था।
तो मैंने लंड निकाला तो उसकी गांड फट गई थी।
वह बेहोश होने लगी थी।

फिर मैंने जल्दी से उसके मुंह पर पानी के छींटे मारे तो उसको होश आने लगा।
होश आते ही वह मुझसे लिपट कर रोने लगी।

फिर मुझे ध्यान आया कि मैंने ही इसे चुप रहने के लिए कहा था इसलिए यह चुपचाप चुदती रही।

फिर मैं उसे गोद में उठाकर वाशरूम में ले गया।
देखा तो उसकी गांड और चूत तक सब जगह खून फैला हुआ था।

वह बोली- मैं आपके लिए इससे भी ज्यादा कर सकती हूं जीजू!

मैंने उसकी चूत और गांड को साफ किया।
हमने साथ में शावर लिया।
उसके बाद हम बाहर आ गए।

बेड पर पूरा खून खराबा हो गया था।
वह बोली- आपका माल निकला था क्या?
मैं- नहीं।
नीलू को पता नहीं क्या हुआ, वह गुस्से में आ गई- मैं सिमरन की तरह चूत को ऐसे बर्बाद नहीं होने दूंगी। मैं चूत में भी लूंगी। आप मुझे चोद रहे हो या नहीं?

सुनकर मुझे भी जोश चढ़ गया।

मैंने उसे बेड पर गिरा दिया और उसकी काली-गुलाबी चूत में लंड को लगाकर धक्का देने लगा।
मेरा लंड एक धक्के में अंदर चला गया।

जल्द ही नीलू मेरे लंड के धक्के खाते हुए मजे में गोते लगाने लगी और बोलने लगी- आहह जीजू … और चोदो … मजा आ रहा है … आह्ह चोदो।
नीलू की चूत अंदर से पूरी गीली हो चुकी थी।

कुछ देर के बाद मेरा भी माल निकलने को हो गया।
मैंने नीलू को बता दिया कि मेरा होने वाला है।

मैं- मुंह में लोगी क्या?
नीलू गुस्से में- नहीं, चूत में चाहिए मुझे!

मैंने चूत में ही सारा माल डाल दिया।
नीलू- जीजू, दी को 1 घंटा हो गया है, अब चलो तैयार हो जाओ।

तभी सिमरन आवाज लगाती हुई आई, उसके पास रूम की चाबी थी तो सीधे खोलकर अंदर चली आई।

कमरे का हाल देखकर वह हैरान हो गई।
वह मेरे पास आकर मुझे मारने लगी, बोली- मादरचोद, नीलू का क्या हाल कर दिया तूने! इतना खून!

नीलू हम दोनों के बीच आकर बोली- दी, सब मेरी मर्जी से ही हुआ है।
सिमरन- इसको पता होना चाहिए ना कि तुम पहली बार कर रही हो, कोई रंडी थोड़ी हो!

नीलू ने सिमरन को गले लगाते हुए कहा- शांत हो जाओ मेरी जान, इसमें मेरी ही मर्जी थी।

सिमरन गुस्से में बोली- नीचे सब तुम दोनों के बारे में पूछ रहे हैं, बोल दूं कि चुदाई कर रहे हैं?
नीलू- दी आप जाओ, 15 मिनट तक संभालो, हम दोनों अभी आते हैं।

सिमरन चली गई।

उसके जाते ही हम दोनों रूम की सफाई में लग गए, फिर हम साथ में नहाए।

नीलू- जीजू, मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा है, लगता है कि चलना मुश्किल है।
मैंने थोडी़ रूई ली और उसकी गांड में घुसा दी।
मैं बोला- इससे थोड़ी राहत मिलेगी।

मैंने नीलू को ब्रा-पैंटी पहनाई और फिर तैयार होने चला गया।
मैं तैयार होकर उससे पहले निकल गया।
जब सिमरन और नीलू साथ में तैयार होकर आईं तो गजब की सेक्सी लग रही थीं।

सिमरन मेरे हाथ में हाथ डालकर साथ खड़ी हो गई।
बोली- क्यों जी, कैसी लग रही हूं? सेक्सी न?

मैं बोला- नाराज तो नहीं हो?
इतने में ही नीलू हमारे पास आ गई।
बोली- जान अब थोड़ा डांस हो जाए!

हम नाचने लगे।
मैं भी इस मौके का फायदा उठाते हुए बार बार नीलू की गांड पर टच कर रहा था।

सिमरन ये सब देख रही थी।

फिर सब लोग शादी में बिजी हो गए।
शादी 2-3 घंटे में संपन्न हो गई।
सब लोग अपने अपने रूम में आने लगे।

सिमरन रूम में आते ही सो गई।
मैं और नीलू अभी जाग रहे थे तो हम बातें करने लगे।

नीलू- जीजू, आपने तो मेरी जान ही ले ली थी।
मैं- हां, माफ करना उसके लिए।

नीलू- कोई बात नहीं जीजू, अगली बार तो मैं ही आप पर भारी पड़ूंगी।
मैं- अच्छा! चलो देखते हैं।

नीलू- जीजू, आपने मेरे और दी के अलावा किसी और के साथ भी सेक्स किया है क्या?

मैंने मुस्करा कर कहा- दो-दो रंडी है ना, और की क्या जरूरत!
नीलू ने मुस्कराते हुए मुझे किस कर लिया।

हम दोनों किस कर रहे थे कि अचानक से बुआ रूम में आ गई।
वह जोर से चिल्लाई- ये क्या है!
तभी सिमरन भी जाग गई।

उसने भी बुआ को देख लिया और हमारी हालत भी।
तभी उसने जल्दी से उठकर

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ज्योतिषी बन कर भाभी को बच्चा दिया

  मेरे पास जॉब नहीं थी, मैं फर्जी ज्योतिषी बनकर हाथ देख कर कमाई करने लगा. एक भाभी मेरे पास बच्चे की चाह में आई. वह माल भाबी थी. भाभी की रंड...