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Friday, 30 May 2025

स्लीपर बस में कपल को सर्विस दी

मेरा नाम राजेश बिराना है।
मैं राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 32 साल है। कद-काठी मेरी अच्छी है।
मेरा वजन 68 किलोग्राम है और हाईट 5.9 फीट है।

कई लोग मेरी बॉडी को स्लिम और सेक्सी भी बताते हैं।
लेकिन जो उनको नहीं पता है वह है मेरे लंड का साइज।
मैं तारीफ नहीं कर रहा, लेकिन ये हकीकत है कि मेरे लंड का साइज 7 इंच है। यह 2.8 इंच मोटा है। आप समझ सकते हैं कि ये किसी चूत में जाएगा तो उसे कितना मजा दे सकता है।

मेरी पिछली कहानी
दिल्ली में वन नाईट स्टैंड वाली मस्ती
करीब 8 साल पहले आई थी.
मैं आपके लिए फिर से एक सच्ची रनिंग बस सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूं।

दोस्तो, मुझे चूत चाटने का बहुत ही ज्यादा शौक है।
मैं चुदाई से पहले चूत को अच्छे से चाटता हूँ मगर चूत एकदम क्लीन शेव, चिकनी और साफ-सुथरी होनी चाहिए।
मैं ज्यादातर कपल यानि शादीशुदा लोगों के साथ ही मस्ती करता हूँ।

पति के सामने उसकी बीवी को चोदना और उसकी चूत चाटना मुझे बहुत पसन्द है।
कपल में उम्र मेरे लिए कोई मायने नहीं रखती।

अब आपको मैं मेरे जिस अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूँ वो बात आज से 7 साल पहले की है।

2009 में मैं गुजरात, गांधीनगर में एक प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी में काम करता था।
उस समय मैं प्राइवेट तरीके से जिगोलो सेवा भी देता था लेकिन अब मैंने वो बन्द कर दी है।
अब मेरी सरकारी नौकरी है।

मस्ती तो मैं अब भी करता हूँ लेकिन बस मस्ती के लिए।
मगर जो कपल मस्ती के लिए बुलाता है सभी खर्चे वही करता है … जैसे मेरे आने-जाने का किराया आदि भी।

तो उस समय मेरी आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी।
इसलिए मैं कभी-कभी ऑनलाइन अपना न्यूड कैम शो करके भी पैसा कमाता था।

यह बात अगस्त 2009 की है।

तब बरसात के दिन चल रहे थे और मुझे राखी पर घर आना था।
तो मैं अहमदाबाद बस स्टैंड पर था।

स्लीपर बस के टिकट पता किया तो पता चला सभी बस फुल थीं राखी की वजह से।

फिर रात 9 बजे की एसी स्लीपर में एक सीट मिली मुश्किल से!
तो मैंने वो सीट ले ली।

उसका किराया उस समय 600 रुपये था जयपुर तक का।

मैंने टिकट ले ली और अभी 7.30 ही बजे थे।
मैं वहीं बस का इंतज़ार करने लगा।

धीरे-धीरे लोग आने लगे।
मै फोन में इंटरनेट चलाने लगा और फेसबुक पर दोस्तों से चैट करने लगा।

फिर आठ बज गए।

मेरा एक कपल दोस्त ऑनलाइन हुआ जिससे मैंने पिछले शनिवार को ही कैम ब्रॉडकास्ट करते समय फोन सेक्स और कैम सेक्स किया था।
लेकिन उन लोगों ने अपना चेहरा नहीं दिखाया था।
बॉडी फिगर से वो लोग जवान लग रहे थे।
आदमी ने अपनी उम्र 28 बताई थी और औरत ने 22 की बताई थी।

उनकी शादी को अभी एक साल ही हुआ था।
उन लोगों ने अपना नाम रोहन (काल्पनिक) और रश्मि (काल्पनिक) बताया था।
दोनों एक एम एन सी कंपनी में काम करते थे।

वो दोनों शनिवार मतलब वीकेंड पर ही फ्री होते थे और मस्ती करते थे।
तो उस कपल ने मुझे गुड इवनिंग मैसेज किया।
मैंने भी गुड इवनिंग लिखा।

अब आपको हमारी चैट सुनाता हूँ। रोहन से मेरी चैटिंग हुई जो निम्न प्रकार से है:
रोहन- हेलो राजेश, कैसे हो?
मैं- मस्त हूँ यार रोहन, तुम सुनाओ … तुम लोग कैसे हो?

रोहन- हम भी मस्त हैं, घर जा रहे हैं दिल्ली, तुम सुनाओ, तुम क्या कर रहे हो?
मैं- मैं भी यार … राखी पर घर जा रहा हूँ, अभी जयपुर की स्लीपर बस का ही इंतज़ार कर रहा हूँ।

रोहन- यार राजेश हम भी जयपुर होकर ही दिल्ली जा रहे हैं। और हम भी बस का ही इंतज़ार कर रहे हैं, काश! आप हमारे साथ हमारी बस में चलते तो मजा आ जाता! वैसे एक बात कहूँ? रश्मि डार्लिंग को तुम्हारा मस्त लण्ड बहुत पसन्द है। वो कहती है कि दिल करता है पूरे दिन और रात उस मस्त लण्ड को चूसती रहूं और उससे अपनी चूत चुदवाती रहूं।

मैं- यार, बड़ी मुश्किल से एसी स्लीपर में सीट मिली है।
रोहन- कितने बजे जायेगी तुम्हारी बस?
मैं- 9 बजे। और आपकी बस कितने बजे की है?

रोहन- 9 बजे की ही है, क्या हम लोग मिल सकते हैं?
मैं- हाँ, मिल सकते हैं.
और मैंने ट्रेवल एजेंसी का नाम उनको बता दिया.

रोहन- यार हम भी इसी बस से जा रहे हैं और हमारा स्लीपर बी2 है। अभी तुम कहाँ हो?

मैं- मैं तो बाहर ही बैठा बस का इंतज़ार कर रहा हूँ।
रोहन- यार तुमको बाहर रंगीला भटूरे वाले नाम का ठेला दिखाई दे रहा है, हम वहीं आ रहे हैं … वहीं कोल्ड ड्रिंक पीयेंगे।
मैं- ठीक है, मैं भी आ रहा हूँ।

फिर मैं उस ठेले के पास पहुंच गया।
दो मिनट बाद एक जवान कपल आया, उसने ठेले वाले से तीन पेप्सी की बोतल ली और मेरे पास आकर बोला- आप राजेश ही हैं न?
मैंने जवाब दिया- हाँ, आप?

उसने बताया- मैं रोहन हूँ जिससे अभी आपकी फेसबुक पर चैट हो रही थी, और ये मेरी वाइफ रश्मि।
रश्मि ने मुझे हाथ जोड़कर नमस्ते कहा तो मैंने भी हाथ जोड़कर नमस्ते किया।

रोहन बोला- उधर कुर्सी पर बैठ कर बातें करते हैं।
उसने एक कोने में रखी चार कुर्सियों की तरफ इशारा करते हुए कहा।

फिर हम जाकर कुर्सियों पर बैठ गए।
सबसे बायें रोहन, फिर रश्मि और फिर मैं।

दोस्तो, आगे बढ़ने से पहले रश्मि और रोहन के बारे में बता दूं।

रोहन की हाइट मेरे बराबर थी और बॉडी भी मेरे जैसी ही थी।
उसने नीली धारीदार शर्ट और डार्क ब्लू जीन्स पहनी थी।

रश्मि की हाइट करीब 5.5 फीट होगी।
और उसका फिगर था 34-32-36 का।

रश्मि ने सूट सलवार पहना था और हल्का मेकअप भी किया हुआ था।

रोहन- यार, हम जैसे ही यहां आये तो रश्मि डार्लिंग को तुम दिखाई दिए थे, हम दोनों ने तुमको कैम पर देखा था। इसलिए ये तुझे पहचान गई। वैसे भी ये तुमको कैम पर न्यूड देख कर बहुत उत्तेजित हो जाती है।
रश्मि- आप भी ना … क्या बकते रहते हो! जगह भी नहीं देखते।

रोहन- यार राजेश, मैं झूठ नहीं बोल रहा लेकिन ये तुम्हारे मस्त लण्ड की बड़ी फैन है। पिछले शनिवार को ही तो कैम देखा था। उस दिन मेरी जान बहुत जोश में थी और माँ कसम … कहने लगी कि यदि राजेश यहां होता तो उसको सारी रात सोने नहीं देती। पूरी रात खूब (धीरे से) चुदवाती।

रश्मि- कभी तो शर्म कर लिया करो … हर जगह बेशर्मी अच्छी नहीं लगती।

रोहन- अच्छा एक बात बताओ तुमने कैसे पहचान लिया राजेश को? मैंने तो पहचाना नहीं, मैंने भी तो कैम पर देखा था।
मैं- यार छोड़ो ये सब, और सुनाओ … फिर कैसा लगा तुमको मेरा कैम शो?

रोहन- वो इतना मस्त था कि आज रश्मि डार्लिंग का बस में लाइव शो देखने का इरादा है।
मैं- वो तो ठीक है, लेकिन मेरा स्लीपर नहीं है तो कैसे?

रोहन- यार उसका तरीका है मेरे पास, आप और रश्मि दोनों बस के स्लीपर में पति पत्नि बन कर जाना और आपकी सीट पर मैं बैठ जाऊंगा। बस तुम मेरी डार्लिंग को खुश कर देना। तुम अपनी टिकट मुझे दे दो और हमारी टिकट डार्लिंग के वैनिटी बैग में है।

मैं- वो तो ठीक है, लेकिन रश्मि जी अभी इतना शर्मा रही हैं तो फिर कैसे वो पूरा आनंद ले पाएंगी? इस खेल में तो दोनों पक्षों को पूरा बेशर्म होना पड़ेगा तभी तो पूरा मजा आएगा दोनों को।

तो दोस्तो, मैंने अपनी टिकट रोहन को दी।
इतने में बस आ गई।

मैंने अपना बैग उठाया और मैं और रश्मि, दोनों स्लीपर में चढ़ गए।

इस बस के स्लीपर में प्लाईवुड का दरवाजा था लेकिन आमतौर पर बस के स्लीपर में पर्दे ही लगे होते हैं।

प्राइवेसी के लिए पर इस स्लीपर में प्राइवेसी की अच्छी सुविधा दी गई थी।
रोहन मेरी सीट पर बैठ गया।

थोड़ी देर में कंडक्टर आकर टिकट चेक करके चला गया और हमने स्लीपर की खिड़की बन्द करके पर्दे लगा दिए।

मैं और रश्मि आमने सामने बैठ गए।
रश्मि धीरे से बोली- तुम कैम शो में मस्त सेक्सी लगते हो और तुम्हारा मस्त लण्ड तो जबरदस्त लगता है।

कहते हुए रश्मि ने अपना पैर मेरे पैरों के बीच में रखा और मेरे लण्ड को पैर से ही मेरी पैंट के ऊपर से सहलाने लगी।
मेरा पैर भी अब रश्मि की चूत के पास था तो मैंने अपने अगूंठे से रश्मि की चूत को सलवार के ऊपर से सहलाना शुरू कर दिया।

ऐसा करते हुए हम एक दूसरे को देखकर मुस्कराने लगे।
मैं मुस्कराते हुए बोला- रश्मि जी यदि आप चाहो तो जो आपने कैम शो में देखा था वो आप रियल में भी देख सकती हैं।
रश्मि बोली- नेकी और पूछ पूछ? दिखाओ न यार …

फिर वो एकदम से बोली- राजेश … ये तुम मुझे रश्मि जी कहना बन्द करो, तुम मुझे या तो रश्मि डार्लिंग कह सकते हो या सिर्फ रश्मि या डार्लिंग।

इतना सुनते ही मैंने अपनी पैंट का हुक खोल दिया।
इतने में ही रश्मि ने अपने पैर के अंगूठे और उंगली से ज़िप को पकड़ा और नीचे खींच दिया।
मैंने अपने कूल्हे उठा कर पैंट घुटने तक उतार दी।

फिर रश्मि ने अपने हाथों से पैंट पकड़ कर पूरी उतार दी।
अब मैं जॉकी के अंडरवियर में था तो रश्मि अपने पैर से मस्त लण्ड को जॉकी के ऊपर से सहलाते हुए बोली- यार इसको भी उतारो ना!

मैं बोला- अब आपका काम है डार्लिंग आगे का!
रश्मि मुस्कराते हुए अपने पैर के अंगूठे और उंगली को जॉकी की इलास्टिक में फंसा कर नीचे खींचने लगी।

लेकिन लंड पूरा तना हुआ होने के कारण नीचे नहीं खींच पाई।
तो रश्मि थोड़ी आगे खिसकी और अपने हाथों से मेरी जॉकी नीचे की।

मैंने कूल्हे उठाये और उसने मेरी जॉकी निकाल कर अलग रख दी और अपने पैर के अंगूठे से लण्ड को सहलाने लगी।

मैं भी रश्मि की चूचियों को सूट के ऊपर से सहलाते हुए बोला- डार्लिंग तुम भी कैम शो में बिना कपड़ों के थी तो आज …
रश्मि मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली- जब मैंने मस्त लण्ड को नंगा कर लिया तो तुम भी कर लो।

कहने पर मैंने रश्मि को मेरी तरफ खींचते हुए उसके सूट को उतार दिया और उसकी 34 इंच की बड़ी चूचियों पर कसी हुई जालीदार काली ब्रा भी खोल दी।
और फिर सलवार भी उतार दी और साथ ही काली जालीदार पैंटी।

जैसे ही मैंने पैंटी उतार कर सूंघी तो रश्मि की चूत की खुशबू से मैं मदहोश हो गया।
रश्मि की चूत के रस उसकी पैंटी भीगी हुई थी जिसे मैंने सेक्सी अंदाज में आँख मारते हुए रश्मि को दिखाते हुए चाट लिया।

इधर रश्मि ने मेरे मस्त लण्ड को अपने दोनों हाथों में लेकर सहलाते हुए कहा- पैंटी से रस क्यों चाट रहे हो … सीधे रस की कटोरी पर मुँह लगा लो।

इतना सुनते ही मैंने रश्मि को पीछे की तरफ धकेल कर उसकी चिकनी, साफ-सुथरी बिना बालों वाली चूत पर मुँह टिका दिया।
चूत पर मुंह लगते ही रश्मि के मुँह से सिसकारी निकल गई।

मैं अपनी जीभ की नोक से रश्मि की चूत के दाने को सहलाने लगा।
और फिर धीरे-धीरे जीभ से चूत के बाहरी होंठ को चाटने लगा।

रश्मि ने मेरे सिर के बालों में उंगली फिराना शुरू कर दिया और मजे में सिसकारी भरते हुए धीरे से बोली- आह्ह्ह … सी … सी … राजेश … उम्म्मह … बहुत मस्त चाट रहे हो। ह्म्म्म … आहह … हाँ थोड़ा ऊपर की तरफ भी चाटो। ओह्ह … बहुत मजा आ रहा है ह्म्म्म … तुम मस्त चाटते हो । ओह्ह …सी … सी … हाँ मेरी कमीनी चूत के किनारों को ऐसे ही चूसो ओह्ह … आहह … ऐसा लग रहा है जैसे मैं उड़ रही हूँ! आहह … चाटते रहो।

वो अपनी कमर को ऊपर उठा कर मेरे मुंह पर चूत रगड़ते हुए अपने हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी।
मैं अब रश्मि की चूत के किनारों को चूसते हुए उसकी चूत के दाने को भी मुँह में लेकर चूसने लगा।
इससे रश्मि की आहें और तेज हो चलीं।

फिर लगभग 10 मिनट बाद रश्मि अपनी चूत को मेरे मुँह पर जोर से रगड़ते हुए बड़बड़ाने लगी- आहह … चाटो और जोर से चूसो … आहह … ओह्ह … मेरी चूत … साली कमीनी चूत को चूस जाओ … खा जाओ आहह … मैं झड़ी ओह्ह … मेरी चूत झड़ी।

कहते हुए रश्मि ने अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को पकड़ लिया और पकड़कर अपनी चूत पर जोर से रगड़ते हुए झड़ गई।
उसने अपनी चूत का कसैला सा नमकीन रस मुझे पिला दिया और एकदम शिथिल पड़ गई।

मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर साफ़ किया।

फिर जब मैं चूत को साफ़ करके बैठा और उसकी तरफ देखा तो मेरी तरफ मुस्कराते हुए बोली- डार्लिंग, कसम से मजा आ गया रनिंग बस सेक्स करके … क्या चूत चाटते हो … अंग अंग में मस्ती भर देते हो।

मैं अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए बोला- सच में रश्मि … तेरी चूत बड़ी रसीली है … मजा आ गया।
तभी अचानक से बस रुक गई।

मैंने बताया था कि मैं राखी के त्यौहार लिए अहमदाबाद से अपने घर जा रहा था।

मुझे स्लीपर बस में एक कपल मिल गया जिसके साथ कुछ समय पहले मैंने कैम सेक्स किया था।

उस कपल का मन था कि मैं बस में ही फिर से मस्ती करूं और उनका मनोरंजन करूं।
इसलिए कपल में लेडी रश्मि का पति रोहन हमें केबिन में छोड़कर चला गया।

मैंने रश्मि की चूचियों को नंगी किया और उसकी चूत को भी नंगी करके खूब चाटा।
रश्मि मेरे मुंह में ही झड़ गई।
वो खुश हो गई और बोली- ओह्ह … मजा आ गया … क्या मस्त चाटते हो।
इतने में ही बस रुकी तो पता चला कि चिलौड़ा स्टैंड आ गया।

अब आगे की Xxx बस फक स्टोरी:

हमने देखा कि बस रुक गई है।
मैंने रश्मि से कहा- कुछ लेना है क्या?

रश्मि मुस्कराते हुए बोली- तुम्हारा मस्त लंड लेना है।
उसने नीचे की तरफ देखा तो लंड उसे सलामी दे रहा था।
लंड में बार-बार झटके लग रहे थे।

मैंने रश्मि से कहा- ये आपसे विनती कर रहा है कि आप भी इसे प्यार करो और अपने नाजुक होंठों से इसको दुलार करो।

रश्मि घुटनों पर हो गई और लंड को हाथ पकड़ कर प्यार से दुलारने लगी।
फिर वो लंड के टोपे को चाटने लगी।

उसकी चूचियां मेरे सामने ही झूल रही थीं जिनको मैंने अपने दोनों हाथों से सहलाना शुरू कर दिया।

फिर मैं धीरे-धीरे चूचियों को मसलने लगा।
रश्मि भी मेरे लंड को मुंह में लेकर कुल्फी की तरह चूसने लगी।

मैं एक हाथ से उसकी चूची दबाते हुए दूसरे हाथ से उसके कूल्हों और गान्ड को सहलाने लगा और अपने घुटनों पर खड़ा होकर रश्मि के मुँह को चोदने लगा।

फिर दोनों चूचियों को जोर से दबाने लगा तो रश्मि भी मेरे लण्ड को गले तक लेकर चूसने लगी।

लण्ड पर रश्मि का थूक लिथड़ गया था और जैसे ही रश्मि लण्ड को मुँह से बाहर निकालती थूक लण्ड से टपकने लगता।

मैं रश्मि की चूचियों को सहलाते हुए बोला- डार्लिंग मेरा दिल फिर से तेरी रसीली चूत चूसने का हो रहा है। हम दोनों 69 में हो जाते हैं जिस से तुम मेरा लण्ड चूसना और मैं तेरी चूत।

फिर मैं लेट गया और रश्मि मेरे मुँह पर चूत टिका कर झुक गई और लण्ड को चूसने लगी।
मैं सीट से पीठ लगा कर अधलेटा ही हो गया था जिससे रश्मि घुटनों पर ही झुकी हुई थी और उसकी गान्ड मेरी तरफ उठी हुई थी।

मैं दोनों हाथों से उसकी गान्ड को सहलाते हुए चूत चाटने लगा।
तभी मुझे सामने रश्मि की गान्ड का भूरा छेद दिखाई दिया।

मैंने उस पर ढेर सारा थूक दिया और अपने हाथ की बड़ी उंगली को उसमें धीरे-धीरे घुसाते हुए उसकी चूत चाटने लगा।

रश्मि ने उंगली का स्पर्श अपनी गान्ड के छेद पर पाकर गान्ड हल्की सी ढीली की और उंगली अंदर चली गई।
अब मैं उसकी गान्ड में उंगली करते हुए चूत चाटने लगा।

रश्मि भी गान्ड को मुँह पर हिला हिलाकर लण्ड चूस रही थी।

फिर मैंने एक अँगूठा उसकी चूत में घुसा दिया और अब अगूंठा और उंगली को आपस में अंदर रगड़ते हुए अंदर-बाहर करते हुए चूत चाटने लगा।

रश्मि को काफी मजा आने लगा और अब वो मेरे लण्ड को जोर से चूसते हुए ऊंह्ह … आह्ह करते हुए अपनी गांड भी हिलाने लगी।

तभी उसने अचानक अपनी गान्ड मेरे मुँह से हटाई और मेरी तरफ मुड़ कर अपने वैनिटी बैग से स्ट्रॉबेरी फ्लेवर का मूड डॉटेड कंडोम पैकेट निकाल लिया।
उसने पैकेट फाड़ा और कंडोम निकाल कर मेरे लण्ड पर चढ़ाया।

फिर मेरे लण्ड पर बैठते हुए उसने चूत में लंड को उतरवा लिया और मेरे गले में बांहें डालकर मेरे होंठों को चूसते हुए बोली- अब मेरी इस कमीनी चूत से रहा नहीं जा रहा। अब मैं तेरे लण्ड को चोदे बिना नहीं छोडूंगी।

कहकर वो मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे लण्ड पर उछलने लगी.
कि तभी अचानक बस ने ब्रेक मारा और लण्ड रश्मि की चूत में पूरा बैठ गया।
इससे रश्मि की चूचियां मेरे सीने से दब गईं।

देखा तो हिम्मतनगर आ गया था।
मैंने रश्मि को थोड़ी देर रुकने को कहा कि बस चलने दो.
तो रश्मि मेरे ऊपर ही लेट गयी और मैं भी सीधा लेट गया।

रश्मि की चूचियां मेरे सीने पर दब रही थीं और रश्मि मुझसे लिपट कर मेरे होंठों को चूस रही थी।

इतने में रोहन का फोन आया।
उसने फोन उठाकर बात करना शुरू किया- क्या चल रहा है रश्मि?
रश्मि मुस्कराते हुए बोली- आहह … सी … सी … मस्त लण्ड की सवारी हो रही है।

रोहन बोला- कैसा है मस्त लण्ड?
रश्मि बोली- आहह … कसम से बहुत टाइट है, बड़ा मजा आ रहा है … तुम भी आ जाओ।

रोहन बोला- ठीक है खिड़की खोलो।
रश्मि बोली- यार, हम दोनों नंगे हैं।
रोहन बोला- कुछ कपड़ा डाल लो और साइड में हो जाओ और खोलो, मैं आता हूँ।

रश्मि मुझसे बोली- रोहन आ रहा है … कैसे खोलें खिड़की?
मैं- मेरे बैग में एक चादर रखी है।
कहकर मैंने झट से चादर निकाली और हम दोनों के ऊपर डाल ली।

हमारे पैर खिड़की की तरफ थे तो हमने खिड़की खोल दी।
लेकिन हम उसी पोजीशन में लेटे रहे।

इतने में रोहन अंदर आ गया।

खिड़की वापस से बंद करके हमने सिटकनी लगा दी।
रोहन ने हम दोनों के ऊपर से चादर खींच दी तो देखा कि रश्मि मेरे लंड पर सवार थी।

रोहन ने अपनी ज़िप खोली और लण्ड निकालकर हिलाते हुए बोला- डार्लिंग रुक क्यों गयी, हो जाओ शुरू … तुम लोगों की लाइव चुदाई देखने आया हूँ।

जैसे ही बस हिम्मतनगर से चली तो रश्मि की मस्त लण्ड की सवारी शुरू हुई।

रोहन भी मेरी बगल में आकर लेट गया और मेरे साथ रश्मि की चूचियों को दबाने लगा।

अब रोहन ने भी अपनी पैंट और अंडरवियर उतार दी और रश्मि रोहन के लण्ड को हाथ से हिलाते हुए मेरे लण्ड पर उछल उछलकर चुदवाने लगी।
मैं रश्मि की चूचियों को चूसते हुए उसकी गान्ड को दोनों हाथों से पकड़ते हुए उसे चुदवाने में मदद कर रहा था।

रोहन अब घुटनों के बल बैठ गया और रश्मि के मुँह को अपने लण्ड पर टिका कर बोला- जानेमन … मस्त लण्ड की सवारी करते हुए मेरे लण्ड की चुसाई का आनन्द लो।

सुनकर रश्मि मेरे मस्त लण्ड की सवारी करते हुए रोहन के लण्ड को चूसने लगी और मैं और रोहन दोनों उसकी चूचियों से खेलने लगे।

रोहन- यार देखा मेरी चुदक्कड़ बीवी को … कैसे लण्ड चूसते हुए चुदवा रही है। मैं कह रहा था कि मेरी बीवी बेड पर धमाल मचा देती है. बेड पर पूरी बेशर्म होकर चुदाई का मजा लेती है मेरी ये सेक्सी डार्लिंग।

मैं- हाँ यार, मुझे तो पहले लगा कि ये इतना शर्मा रही है तो कैसे चुदाई का खुलकर मजा लेगी. पर सच में … ये बेड में तो पूरी रंडी बन जाती है।

रश्मि मेरे लण्ड पर उछलते हुए रोहन का लण्ड चूसे जा रही थी और हमारी बातें सुनकर मुस्करा रही थी।

अब मैंने रश्मि की गान्ड को दोनों हाथों से पकड़ कर जोरदार स्पीड में चोदना शुरू किया।
उधर रोहन ने रश्मि के सिर को पकड़ कर उसके मुंह को चोदना शुरू किया।

रश्मि के मुह से गूँ गूँ गूँ … की आवाज ही आ रही थी और उसकी चूत चुदाई के मजे से गीली हो गई थी … जिससे चूत से फच फच फच … की आवाज आ रही थी।

मेरी जोरदार चुदाई से शायद रश्मि झड़ने के कगार पर पहुंच गई थी और शायद वो इतने में ही झड़ने लगी।
क्योंकि हम देख रहे थे कि रश्मि का जिस्म अकड़ने लगा और मुझे लण्ड पर चूत रस की फुहार सी महसूस हुई।

अब मेरा लण्ड भी उत्तेजना से फटने लगा तो मेरी चुदाई की स्पीड बढ़ गयी।
उधर रोहन ने रश्मि के मुँह में ही पिचकारी छोड़ना शुरू कर दिया और झड़ गया।

रोहन के वीर्य को रश्मि ने बाद में अपने रुमाल में उगल दिया और रोहन के रुमाल से मुँह पौंछते हुए बोली- राजेश डार्लिंग, मुझे वीर्य पीना अच्छा नहीं लगता मगर अपनी चूचियों पर गिराना अच्छा लगता है, जब तुम झड़ने को हो तो लण्ड निकाल लेना और मेरी चूचियों को नहला देना।

मैंने थोड़ी देर बाद रश्मि को ऊपर से हटाया और मैं घुटनो के बल बैठ गया और रश्मि मेरे लण्ड के नीचे लेट गयी।
वो मेरे आंडों को चाटने लगी और एक हाथ से लण्ड की मुठ मारने लगी।

अब मैं रश्मि के दोनों बूब्स को मिला कर उसके बूब्स को चोदने लगा तो रश्मि ने मुठ मारना बन्द कर दिया।

दो मिनट में ही मेरे लण्ड ने रश्मि की चूचियों में पिचकारी मारनी शुरू की जिस से कुछ वीर्य रश्मि की नाभि में भी भर गया।
फिर मैं साइड में बैठ गया।

तब रोहन ने रश्मि की चूचियों की मेरे वीर्य से मालिश की।
अब डूंगरपुर आ गया था।
रात का 1 बज गया था।

बस एक ढाबे पर खाने के लिए रुकी तो रोहन बोला- चलो यार .. खाना खा लेते हैं हल्का सा। फिर मैं नीचे सीट पर आराम करूँगा। तुम चाहो तो चुदाई का मजा लेना।

रश्मि बोली- ठीक है राजेश, खाने के बाद अगले राउंड करेंगे। चलो अब कुछ खा लेते हैं, चुदाई के बाद वैसे भी भूख बहुत लगती है।

रश्मि ने हम दोनों को किस किया।

उधर बाहर कन्डक्टर भी लोगों से कह रहा था कि बस आधा घण्टा रुकेगी जिसे खाना खाना हो, खा सकता है।

हम लोगों ने कपड़े पहने और पहले रोहन नीचे उतरा।
तब रश्मि ने मुझे एक बार फिर किस किया और मस्त लण्ड को पकड़ कर धन्यवाद बोला और कहा- अगली चुदाई के लिए तैयार हो जाओ।

कहकर वो नीचे उतर गई।

सबसे आखिर में मैं उतरा।
रोहन एक कोने की टेबल पर बैठ गया और खाना भी ऑर्डर कर दिया।

हमने खाना खाया और पानी की दो बिसलेरी की बोतल ली।
बिल रोहन ने भरा और रोहन रश्मि से बोला- तुम चलो, हम आ रहे हैं।

रश्मि बोली- मुझे पेशाब करना है।
फिर मैं और रोहन उसको लेडीज टॉयलेट ले गए।
रश्मि टॉयलेट में घुस गई।

हम दोनों बाहर थे तो रोहन बोला- यार सच में बड़ा मस्त लण्ड है तेरा, और चोदता भी मस्त है। सुबह तक रश्मि की इतनी चुदाई कर कि जयपुर से दिल्ली तक यह सोती ही रह जाये।

इतने में रश्मि टॉयलेट से बाहर आ गयी और हम बस में आ गए।

रोहन मेरी सीट पर बैठ गया और मैं और रश्मि स्लीपर में चढ़ गए।

अंदर घुसते ही रश्मि और मैं दोनों नंगे हो गए और फिर से एक दूसरे से चिपक गये।
हम दोनों जैसे चुदाई के लिए तड़प गए थे। हम फिर 69 में आ गए और फिर मैंने रश्मि को घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया।

दोस्तो, फिर हमने जयपुर तक तीन बार Xxx बस फक यानी चुदाई की जिसमे दो बार रात में और एक बार सुबह 7 बजे।

सवा नौ बजे हम लोग जयपुर पहुंचे।

रश्मि ने लास्ट में किस करके धीरे से कान में बोला- तेरा ये मस्त लण्ड है बहुत दमदार … मजा आ गया … वैसे तुम्हारे मस्त लण्ड का नाम नारी सेवक होना चाहिए।

मैं बोला- इसका नाम मस्त लण्ड भी आपकी जैसी एक छमिया ने रखा है … अब बार-बार नाम नहीं बदलना है। वैसे नारी सेवक तो ये है ही, आपकी भी तो सेवा की है।

फिर रोहन और रश्मि ने मुझे साथ में दिल्ली चलने को कहा और बोले- दो दिन हम लोगों के साथ रुकना, फुल मस्ती करेंगे और तुम्हारा चार्ज भी देंगे।

मगर अगले दिन राखी थी, इस वजह से मैंने जाने से इंकार कर दिया।
तो उन लोगों ने मुझे फिर मिलने का वादा किया।

फिर वो लोग दिल्ली चले गए और मैं बयाना अपने घर आ गया।

उसके बाद उन लोगों से एक बार दिल्ली में ही उनके बुलाने पर मिलने गया।
उस घटना के बारे में मैं आपको फिर बताऊंगा।

आपको मेरा अनुभव और यह कहानी कैसी लगी इसके बारे में मुझे जरूर लिखना।

मुझे कपल सेक्स में बहुत मजा आता है।
आप चाहें तो अपनी फैंटेसी भी मुझे बता सकते हैं।
मुझे आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।

AI:शादी में आयी सुंदर लड़की को चोदा

 

एक शादी में एक माल लड़की से मेरी आँखें चार हुई. मैंने उस छत पर मिलने बुलाया. वह आ गयी. मैंने उसे किस किया और उसे प्यार करने लगा.

हाय दोस्तो!
मेरा नाम रमेश है और मैं एक गाँव में रहता हूँ।

देसी चूत क्सक्सक्स कहानी आज से दो साल पहले की है, जब मेरे घर में मेरे छोटे भाई की शादी थी।
शादी सर्दी के समय थी।

मैं और मेरे दोस्त शादी के काम में लगे हुए थे।

तभी मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी।
वो इतनी खूबसूरत थी कि किसी का भी लंड खड़ा हो जाए!

उसकी उम्र लगभग 23 साल के आसपास थी।
उसकी चूचियाँ ऐसी थीं, मानो अभी काटकर खा जाऊँ!

मैं उस समय काम में व्यस्त था।
शाम होते ही मैंने उसके बारे में पता लगाया।

मुझे उसका नाम मालूम हुआ – मधु!
वो पास के ही गाँव की थी।

मैंने दो-चार बार उसकी तरफ देखा, तो वो समझ गई कि मैं उसे घूर रहा हूँ।

रात को जब बारात निकलने लगी, सभी घर वाले और रिश्तेदार बाहर चले गए।
वो भी जाने लगी।
मैंने उसे इशारा किया कि छत पर आ जाए।

पहले तो उसने मना किया लेकिन बाद में हामी भर दी।
मैं छत पर जाकर बैठ गया।
थोड़ी देर बाद वो भी आ गई।

पहले मुझे डर लगा लेकिन हिम्मत करके मैंने उसका हाथ पकड़ लिया।
उसने कोई जवाब नहीं दिया।

फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी ओर खींच लिया और उसके होंठों पर किस करने लगा.
थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी।

मैं उसकी चूचियों को ऊपर से मसलने लगा।

अब वो भी गर्म हो गई थी और मेरे लंड को ऊपर से सहलाने लगी।

मेरा लंड, जो 8 इंच का है, खड़ा हो गया था!
वो और गर्म होने लगी।

मैं 15 मिनट तक उसके होंठों को चूमता रहा।

अब उसकी चूत गीली हो गई थी।
वो मुझसे लिपट गई और मेरे लंड पर अपनी चूत रगड़ने लगी।

तभी मुझे किसी के आने की आहट सुनाई दी।

हम दोनों तुरंत अलग हुए।

मैंने नीचे देखा तो मेरा चाचा का लड़का छत पर आ रहा था।

मैं तेजी से नीचे गया और उसे बातों में उलझाकर नीचे ले गया।
तभी मधु भी नीचे आ गई।

थोड़ी देर के लिए मैंने सोचा कि आज तो मैं पकड़ा जाता!

फिर हम सब नाचने लगे।

सुबह जब वो अपने गाँव जाने लगी, मैंने उसे अपना नंबर दे दिया।
कुछ दिन बाद उसने मुझे फोन किया।

फिर हम फोन पर बात करने लगे।
एक दिन उसने मुझे रात को अपने गाँव बुलाया।
मैं चला गया।

रात 10 बजे, जब सब सो गए, वो घर से बाहर आ गई और मुझसे लिपट गई!
हम दोनों पास के संतरे के बगीचे में चले गए जो उसका ही खेत था।
वहाँ एक चादर पड़ी थी।

उसने चादर बिछाई और हम दोनों बैठ गए।

मैं उसके होंठों को चूमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
धीरे-धीरे वो मेरे लंड को सहलाने लगी।
मैंने अपनी पैंट उतार दी।

वो मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर मसलने लगी।
मैंने उसकी सलवार खोल दी।

उसकी ब्रा में उसकी चूचियाँ साफ नज़र आ रही थीं।

धीरे-धीरे हमने सारे कपड़े उतार दिए।
अब हम दोनों नग्न थे।

मैं उसकी चूचियों को मसल रहा था।
उसकी ‘उफ्फ! आह्ह!’ की आवाज़ निकल रही थी।

मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी।
उसकी चूत गीली हो चुकी थी।

वो देसी लड़की मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत की सैर कर रहा हूँ!

वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई रंडी हो!
मेरे मुँह से Xxx आवाज़ निकली, “साली रंडी, चूस! और अच्छे से चूस!”

फिर मैंने उसे नीचे लिटाया और उसकी टाँगें खोल दीं।
मैं उसकी चूत चाटने लगा।

15 मिनट चूत चाटने के बाद उसने पानी छोड़ दिया।
मैंने उसका सारा पानी चाट लिया।

अब उससे रहा नहीं जा रहा था।
वो चिल्लाने लगी, “ओ मेरे राजा, अब चोद भी दो! अब रहा नहीं जा रहा! चोद दो!”

उसके मुँह से “उफ्फ! उम्म्म! आह्ह! आह्ह्ह!” की आवाज़ें आने लगीं।
मैंने उसकी टाँगें उठाईं और उसकी चूत पर अपने लंड का सुपारा सेट किया।

मैं उसकी Xxx चूत पर लंड रगड़ने लगा।
उसकी चूत से पानी आने लगा।

मधु से अब रहा नहीं जा रहा था, वो बोली, “अब डाल दो राजा! अब मुझसे नहीं रहा जा रहा!”
मैंने उसकी चूत में अपने लंड का सुपारा डाला।
उसके मुँह से चीख निकल गई।
मैंने तुरंत उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

थोड़ी देर बाद वो अपनी गांड उठा-उठाकर इशारा करने लगी।
मैंने एक और झटका मारा।

मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया।
उसकी देसी चूत Xxx बहुत टाइट थी।

मैं थोड़ी देर रुका।
जब वो शांत हुई, मैंने धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू किए।

उसके मुँह से आवाज़ें निकलने लगीं, “उफ! आआह ह्ह्ह! आह! आज तो मैं मर गई! आज तो तुमने मेरी चूत का भोसड़ा बना डाला, मेरे राजा! आआ आह्ह! उफ फ्फ!”
उसकी आवाज़ ने मुझे मदहोश कर दिया था।

लगभग 15 मिनट बाद उसने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया।
वो थककर निढाल हो गई।

मैं अब भी उसे चोद रहा था।
उसकी चूत से ‘फक्-फक्’ की आवाज़ आ रही थी।

फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और मधु के मुँह में डाल दिया।
वो लंड चूसने लगी।

कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी चूत में लंड डालकर धक्के मारने लगा।
वो भी मज़ा लेने लगी।

15 मिनट बाद हम दोनों झड़ गए।
मैं थोड़ी देर उसके ऊपर लेटा रहा।
फिर उसने मेरा लंड मुँह में लेकर साफ किया।

हमने कपड़े पहने।
तब तक सुबह के 4 बज गए थे।
मैंने उसे उसके घर छोड़ा और अपने गाँव आ गया।

उसके बाद जब भी समय मिलता, हम चुदाई की भूख शांत कर लेते!

मेरी मामी ने बाथरूम में मेरा लंड लिया

 

मैं अपने भविष्य के बारे में भी बहुत सचेत हूं।
मैं पढ़ाई में अच्छा हूं.

इसलिए मैंने एक नियम बना लिया है कि मैं दिन में केवल एक कहानी पढ़ूंगा और अपना बाकी समय अपनी पढ़ाई पर केंद्रित करूंगा।

गुड सेक्स विद गरम मामी कहानी पर आने से पहले मैं आपको अपने बारे में थोड़ा बता दूं।
मैं 22 साल का, सुगठित शरीर वाला युवक हूं।
जिम जाना और हर दिन एक घंटे जॉगिंग करना मेरे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है, जिसे मैं कभी नहीं छोड़ता, और इन कसरतों के दौरान मुझे बहुत पसीना आता है।

मैं आज आप सभी के साथ एक सच्ची कहानी साझा करना चाहता हूं।
यह कुछ दिन पहले हुआ।

मेरी मामी ने बचपन से ही मुझे बहुत प्यार किया है और मुझ पर स्नेह बरसाया है।
वे एक बेहद सेक्सी और आकर्षक 42 वर्षीय महिला हैं, जिनका फिगर बहुत ही आकर्षक है।

मेरे मामा एक बड़ी एम एन सी में उच्च पद पर हैं और अक्सर काम के सिलसिले में यात्रा करते रहते हैं।
उनकी बड़ी बेटी हाल ही में एम एस करने के लिए ऑस्ट्रेलिया गई है।

इसलिए जब मेरी छुट्टियाँ शुरू हुईं, तो मेरी मामी मुझे सहारनपुर से अपने घर गुरुग्राम ले गईं यह कहकर कि मेरे मामा को कुछ प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए 20 दिनों के लिए जर्मनी जाना है।

उनकी छोटी बेटी, जो 12वीं कक्षा में है, सुबह से शाम तक ट्यूशन में व्यस्त रहती है।

हमारे करीबी रिश्ते के कारण मेरे माता-पिता ने बिना किसी हिचकिचाहट के अनुमति दे दी और मैं अपनी मामी के साथ गुरुग्राम चला गया।

पहले दो या तीन दिन जल्दी ही बीत गए।

हर सुबह, मैं जॉगिंग के लिए सुबह 5 बजे उठता, फिर बरामदे में तेल मालिश करता, 100 स्क्वाट, पुश-अप और लगभग एक घंटे तक अन्य व्यायाम करता।

मेरी मामी मुझे बादाम का दूध देतीं जिसे मैं नहाने से पहले पीता।

हमारी सुबह की दिनचर्या घर जैसी ही थी।

बिस्तर पर चाय के दौरान, हम सभी बातें करते, और फिर सभी अपने कामों में व्यस्त हो जाते।

एक दिन मेरे मामा पहले ही जा चुके थे.
और उनकी बेटी ट्यूशन के लिए जाते समय बाय कह रही थी।

मैं बरामदे में अपने सामान्य व्यायाम में मग्न था।

मेरी मामी नहाने के लिए बाथरूम जा रही थी और जब वे मेरे पास से गुज़री तो उन्होंने मेरी तरफ़ कुछ तिरछी निगाहों से देखा।

मुझे अजीब लगा, जैसे, “उन्होंने मुझे ऐसे क्यों देखा?” मैंने खुद से सोचा।

फिर मैंने अपने सफ़ेद शॉर्ट्स पर नज़र डाली और चौंक गया।
चूँकि मैंने आज लंगोट (एथलेटिक सपोर्टर) नहीं पहना था, इसलिए मेरा लंड शॉर्ट्स के ऊपर से स्पष्ट रूप से उभरा हुआ दिख रहा था।

मैंने सोचा कि कल से मैं व्यायाम के दौरान लंगोट अवश्य पहनूँगा।

इसके साथ ही मैंने अपना वर्कआउट फिर से शुरू कर दिया।

अचानक मेरी मामी ने आवाज़ लगाई, “अखिल!”
मैं बाथरूम की ओर भागा।

वह अंदर से बोली, “अखिल, मैं तौलिया लेना भूल गई, प्लीज़ मेरे कमरे से एक तौलिया ले आओ।”

मैं उनके कमरे में गया, तौलिया बेड पर ही रख था.
मैंने तौलिया लिया और उन्हें देने गया।

उन्होंने दरवाज़ा थोड़ा खोला और कहा, “अंदर आओ और इसे टांग दो।”

मैंने तौलिया हुक पर टांग दिया और बिना उनकी ओर देखे जाने लगा।

पर फिर मामी ने कहा, “क्या तुम मेरी पीठ पर साबुन लगा सकते हो?”
मैं उनके करीब गया और उन्होंने अपनी पीठ मेरी ओर करके मुझे साबुन थमा दिया।

उन्होंने अपना सफ़ेद पेटीकोट ऊपर से बाँधा हुआ था और चूँकि वह गीला था, इसलिए उनका पूरा नंगा शरीर उसमें से दिखाई दे रहा था, बिल्कुल पारदर्शी।
उनका सेक्सी फिगर और कर्व्स मुझे अपनी ओर खींच रहे थे।

उनके नितंब मंत्रमुग्ध कर देने वाले थे और उनके बीच की स्पष्ट रेखा, जो उनकी गांड को दो बेहतरीन भागों में विभाजित कर रही थी, मुझे पागल कर रही थी।

मेरा लंड 7 इंच लंबा और 4 इंच मोटा होकर पूरी तरह से तना हुआ था।

उन्होंने कहा, “ऊपर से शुरू करो।”
मैं वास्तविकता में वापस आ गया और घबराहट में उनकी गर्दन पर साबुन लगाना शुरू कर दिया।

उन्होंने अपना पेटीकोट नीचे सरका दिया और मुझसे उनकी पूरी पीठ पर साबुन लगाने के लिए कहा।
मैंने वैसा ही किया जैसा उन्होंने कहा.

लेकिन मेरे हाथ काँप रहे थे।

फिर उन्होंने पेटीकोट को और नीचे कर दिया और मुझे और नीचे साबुन लगाने को कहा।

मेरे पास उनकी गांड पर साबुन लगाने के अलावा कोई चारा नहीं था।
हिम्मत जुटाकर मैंने उनके नितंबों पर साबुन रगड़ा और उन्होंने पेटीकोट को छोड़ दिया, जो उनके पैरों पर गिर गया।

उन्होंने कहा, “मेरे पैरों पर भी साबुन लगाओ।”
मैंने उनकी बात मान ली।

फिर उन्होंने कहा, “पीछे से मेरे पेट पर साबुन लगाओ।”
अब तक मैं बहुत उत्तेजित हो चुका था, मेरा लंड पूरी तरह से तनाव में था।

जैसे ही मैंने उनके पेट पर साबुन लगाना शुरू किया, मेरे आगे बढ़ने के कारण मेरा लंड उनकी गांड की दरार से टकराने लगा।
मामी भी गर्म हो रही थी।

मैंने खुद को उनके पेट पर साबुन लगाते हुए दबाया और मेरे हाथ उनके बड़े स्तनों पर घूमने लगे।

उनके निप्पल तुरंत सख्त हो गए और ऊपर की ओर उठ गए।

उनके होंठों से एक कराह निकली.
मुझे पता था कि मामी इसका आनंद ले रही हैं।
उनकी पूरी सहमति से मैंने अपने हाथों को उनके पैरों से ऊपर की ओर बढ़ाया और उनकी जांघों पर साबुन लगाया।

अचानक, उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे हाथों को कसकर पकड़ लिया और उन्हें ऊपर खींचकर अपनी चूत पर दबा दिया।

अब मैंने आत्मविश्वास से उनकी चूत को रगड़ा और दो उंगलियाँ उसकी तहों में गहराई तक घुसा दीं।

वे छटपटा उठी, अपनी जांघों को कस कर भींच लिया और जोर से कराहते हुए बोली, “तुम बहुत अच्छे हो, अखिल, बहुत मजबूत हो। मैं तुम्हें चाहती हूँ। मुझे चोदो, कृपया मुझे यहीं फर्श पर चोदो!”

यह कहती हुई वे घूम गई, मेरी छाती को चूमते हुए और मेरे होंठों को चूसते हुए।

एक झटके में, उन्होंने मेरी शॉर्ट्स उतार दी और मेरे लंड को देखकर चौंक गई।
मामी बोली, “वाह, क्या खूबसूरत, शानदार लंड है! इतना बड़ा, इतना मोटा—मैंने कभी नहीं सोचा था कि तुम्हारा इतना विशाल, शक्तिशाली लंड होगा।”

उन्होंने उसे जल्दी से पकड़ा और चूसने की कोशिश की.
लेकिन मोटा, चमकदार सिरा ही उनके मुँह में फिट हुआ।

वे उसे उत्सुकता से चाटने और चूसने लगी।

मैं अब और खुद को रोक नहीं सका।
मैंने कराहते हुए उनके बाल पकड़े और उनके सिर को अपने लंड की ओर धकेला, उसे उनके मुंह में थोड़ा और अंदर धकेला।
उन्होंने उसे जोर से चूसा और सहलाया “म्म्म्म, म्म्म्म” कराहते हुए।

जब उन्होंने उसे बाहर निकाला तो मैंने मामी को उठाया, उनके एक सख्त निप्पल को अपने मुंह में लिया और उनके दूसरे स्तन को दबाया।
वे जोर से कराह उठी, “ओह, अखिल, मुझे चोदो, उस विशाल लंड को अंदर डालो, मेरी चूत को फाड़ दो।”

जैसे ही मैंने उनकी चूत को छुआ, वह बहुत गर्म थी, और वह तुरंत झड़ गई, उनकी चूत से तरल पदार्थ बह निकला।

मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया.
वे फर्श पर लेट गई, बेताब होकर मेरा चेहरा अपने अंदर और अंदर धकेलने की कोशिश कर रही थी।

मैंने उनकी चूत के होंठों को खोला और अंदर के रस को चाटा, अपनी सख्त जीभ को उनकी चूत में गहराई तक घुसा दिया। उनकी चूत में आग लग गई थी। उन्होंने अपने कूल्हे उठाए, मेरे चेहरे पर रगड़ते हुए, जोर से कराहते हुए कहा, “अब अपना लंड अंदर डालो, मुझे चोदो, इस चूत को फाड़ दो। मैं अब और नहीं सह सकती, अखिल, मुझे करो!”

मैं भी नियंत्रण खो रहा था।
एक तेज चाल में, मैंने उनके पैरों को अपने कंधों पर रखा, खुद को स्थिति में रखा, और उनकी चूत के होंठों को अलग किया, अपने अंगूठे से उनकी गुलाबी भगशेफ को रगड़ा। और भी रस बहने लगा।

मौके का फायदा उठाते हुए, मैंने एक जोरदार धक्का मारा, लेकिन मेरा लंड फिसल गया। उनकी चूत इतने मोटे लंड के लिए तैयार नहीं थी। मैंने दो उंगलियाँ डालीं, उन्हें अंदर-बाहर करते हुए, उसे फैलाया।

जब मुझे लगा कि वह तैयार है, तो मैंने फिर से अपने लंड को निशाना बनाया और, उनके संभावित दर्द को अनदेखा करते हुए, जोर से धक्का मारा। वह चिल्लाई और पीछे हटने की कोशिश की, लेकिन मैंने उनके कंधों को नीचे रखा, और सिरा अंदर चला गया।

वह कराह उठी, लेकिन मैंने एक और धक्का मारा, फिर एक और, जब तक कि मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा नहीं गया। एक पल के बाद, मैंने धक्कों की बौछार शुरू कर दी, उन्हें 10 मिनट तक लगातार चोदा।

मेरा 9 इंच लंबा, 4 इंच मोटा लंड उनकी गहराई में समा रहा था, और हर धक्के के साथ उनका पूरा शरीर हिल रहा था। जल्द ही, वह इसका आनंद लेने लगी, मेरे धक्कों का सामना करने के लिए अपने कूल्हों को ऊपर उठाते हुए, कह रही थी, “जोर से चोदो, अखिल, इसे फाड़ दो। तुम्हारा लंड इतना बड़ा, इतना मोटा, इतना शक्तिशाली है। यह अविश्वसनीय है, क्या लंड है!”

इस दौरान वह कई बार झड़ी।
अब मेरी बारी थी।
मैंने तेज़ गति से चलने वाली ट्रेन की तरह गति पकड़ी।
उन्होंने अपने पैरों और बाहों को मेरे चारों ओर लपेट लिया, कसकर चिपकी हुई, फिर से अपने चरम पर पहुँच गई।

मैं भी झड़ने वाला था।
एक शक्तिशाली झटके के साथ, हम दोनों एक साथ झड़ गए।
मेरे लंड से गर्म, गाढ़ा वीर्य उनकी चूत से बह निकला।
लगभग तीन मिनट तक, मैं बहुत सारा वीर्य छोड़ता रहा।

यह चूत चोदने में मुझे अब तक का सबसे तीव्र आनंद था।

गुड सेक्स विद गरम मामी के बाद हम कुछ देर तक एक दूसरे से लिपटे रहे।

जब मैंने लंड चूत में से बाहर निकाला तो उनकी चूत का रस और मेरा वीर्य बड़ी मात्रा में बह निकला।

उन्होंने कहा, “बहुत ज़्यादा माल छोड़ा है तुमने!”

हम दोनों साथ में नहाये और बाहर आ गए।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी ऐसा आनंद अनुभव नहीं किया था।
उनकी चूत में दर्द हो रहा था और उन्हें चलने में परेशानी हो रही थी लेकिन उन्हें कोई परवाह नहीं थी।

मैं उनकी गोल, सुंदर गांड पर मंत्रमुग्ध था और चूँकि शर्म दूर हो गई थी इसलिए मैंने उनसे कहा कि मैं उनकी गांड मारना चाहता हूँ।
उन्होंने एक पल सोचा और कहा, “हमारे पास पूरा दिन है। संगीता शाम 4 बजे तक ट्यूशन से वापस नहीं आएगी।”

आपको मेरी सच्ची गुड सेक्स विद गरम मामी कहानी कैसी लगी?
कृपया मुझे बताएँ।

मैं हमेशा आपके साथ 100% सच्ची कहानियाँ साझा करने का वादा करता हूँ।

Sunday, 18 May 2025

मेरे लंड की दीवानी नई नवेली बीवियां

 

हॉट मैरिड सेक्स का मजा दिया मेरे कॉलेज की लड़कियों ने जो शादी के बाद अपनी चुदाई से संतुष्ट नहीं थी. एक लड़की को मजा आया तो उसने अपनी सहेली और ननद को चुदवाया.

जी हां, यह सच है कि मुझे लण्ड पेलने का बड़ा शौक है।
मैं एकदम नई ताज़ी बीवियों को लण्ड पेलता हूँ क्योंकि नई नई बीवियां मेरे लण्ड से बेहद प्यार करतीं हैं और दिल खोल कर मुझसे पेलवाती हैं, हर तरफ से पेलवाती हैं।

उनके अंदर लण्ड पेलने में मुझे ज्यादा मज़ा आता है.
और उनको भी बेशरम, बेहया और निडर होकर लण्ड पेलवाने में खूब मज़ा आता है.

उनका कहना है कि जब शादी हो गयी तो फिर अब डर काहे का! हॉट मैरिड सेक्स का मजा लो!

जब एक बार अपने पति से चुद गई तो मुझे चुदने का लाइसेंस मिल गया। फिर कोई भी मुझे चोदे, उससे कोई फरक नहीं पड़ता।

मुझे इसी बात का फायदा उठाने का मौक़ा मिल जाता है।

मैंने पहली बार एक नई ताज़ी बीवी को चोदा.
उसके बाद तो लाइन लग गई बीवियों की मुझसे चुदवाने के लिए।
यह सब मेरा कमाल नहीं था; मेरे लण्ड का कमाल था।

पूरी कहानी इस प्रकार है:

मेरा नाम अमित है, मैं 28 साल का एक हैंडसम नौजवान हूँ और मुझे सेक्स बहुत पसंद है।
मुझे लण्ड पेलने का जबरदस्त शौक है।

मैं एक डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हूँ।
हमारे कॉलेज में लड़के लड़कियां सब साथ में पढ़ते हैं।

मेरी नज़र लड़कियों पर ज्यादा रहती है।
मैं लड़कियों की हेल्प भी खूब करता हूँ, पढ़ाता भी खूब मजे से हूँ और उनसे हंसी मजाक भी कभी कभी कर लेता हूँ।

अपने घर में मैंने लड़कियों का आना जाना बिल्कुल फ्री कर रखा हैं और लड़कियां खूब आतीं भी हैं।

मैंने अपने रिश्तेदारों में 2 नई बीवियां पटा रखा है जिन्हें मैं अक्सर चोदता हूँ।

मैं यहाँ इस शहर में अकेला ही रहता हूँ और कॉलेज की हर लड़की पर नज़र रखता हूँ।

एक दिन मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी।
वह बड़ी सजी धजी थी।
उसके हाथों में कंगन थे, चूड़ियां थीं, मांग में सिन्दूर था, कानों में झुमके थे, गले में सोने का हार और मंगल सूत्र था, नाक में एक छोटी सी नथ थी।

वह सच में बड़ी सुन्दर और सेक्सी लग रही थी.

मुझे यह समझने में देर नहीं लगी कि उसकी अब शादी हो गयी है और वह किसी की बीवी बन चुकी है।
वह किसी की नई नवेली दुल्हन बन चुकी थी और अपनी सुहागरात मना कर आयी थी, यानि चुद कर आयी थी।

नाम उसका था मनजीत कौर।
वह एक पंजाबिन लड़की थी।

मेरी नज़र उस पर से हट ही नहीं रही थी।

शादी के बाद तो वह गज़ब की खूबसूरत लग रही थी।
मैं उस पर फ़िदा हो गया, मुझे उससे इकतरफा प्यार हो गया।

मैं उसे बुलाकर कुछ कोर्स की बातें करने लगा और उसे एग्जाम के बारे में बताने लगा।

एक दिन वह सवेरे सवेरे मेरे घर आ गयी।
वह संडे का दिन था।

मैंने दरवाजा खोला तो सामने मनजीत खड़ी थी।
तो मैंने उसे प्यार से बैठाया।

मैं नंगे बदन था तो नंगे बदन ही बैठा रहा।

मैंने पूछा- तुम्हारी शादी हो गयी है क्या?
वह बोली- जी हां सर हो गयी है।

मैंने कहा- अब तो तुम और ज्यादा खूबसूरत लग रही हो, बड़ी सेक्सी लग रही हो और हॉट भी!
वह मुस्कराकर बोली- थैंक यू सर!

मैंने कहा- एक सवाल पूछूं? सुहागरात अच्छी हुई न तुम्हारी?
वह बोली- जी बहुत अच्छी हुई मगर …

मैंने कहा- हां बोलो … मगर क्या?
वह बोली- छोड़िये सर, ये सब तो होता ही रहता है।

तब मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया लेकिन समझ तो गया कि कहीं न कहीं कुछ तो है।

मैंने यह जरूर पूछा- तुम्हारे आने का कोई खास कारण है क्या मनजीत?
वह बोली- मैं काफी समय तक छुट्टी पर थी इसलिए पढ़ाई में पिछड़ गयी हूँ, वही पूरा करना चाहती हूँ।
मैंने कहा- तुम चिंता न करो, मैं सब समझा दूंगा तुम्हें!
ऐसा बोल कर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया।

वह कुछ बोली नहीं बल्कि मुझसे और लिपट गयी।
तो मैंने भी उसके गले में बाहें डाल दीं।

उसने कहा- आप बहुत अच्छे हैं सर!

मैंने और हिम्मत की, उसकी चुम्मी ले ली।
उसने कोई ऐतराज़ नहीं किया।

मैंने आहिस्ते से उसके मम्मे दबा दिया और कहा- तुम बहुत हॉट हो मनजीत?
उसने मेरी नंगी छाती पर हाथ फिराया और कहा- सर आप भी बहुत सेक्सी लग रहे हो. आप बहुत हॉट लगते हो मुझे!

फिर तो मुझे जोश आ गया।
मेरा लण्ड साला नेकर के अंदर ही खड़ा हो गया।

मैंने उसे गोद में उठा लिया और बेड पर लाकर लिटा दिया।

उसने मेरे लण्ड की तरफ देखा और मुस्कराने लगी।

मैंने उसकी दोनों चूचियाँ दबायीं और चूमा।
वह मस्त होने लगी।

मैंने उसका टॉप खोल दिया तो वह ऊपर से एकदम नंगी हो गई।
उसकी बड़ी बड़ी मस्त चूचियाँ मुझे पागल कर रही थीं।

मैं बड़े प्यार से उन्हें मसलने और निप्पल चूसने लगा।

वह कुछ बोली नहीं बल्कि मेरा लण्ड टटोलने लगी और नेकर के ऊपर से ही दबा दिया लण्ड!
मैं उसका संकेत समझ गया।
वह चुदासी थी; उसे लण्ड चाहिए था।
वह मुझसे चुदना चाहती थी।

मैंने खब प्यार से उसकी चूचियाँ दबायीं और पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराया।
उसकी चूचियाँ वाकई बड़ी रसदार थी, मुझे मज़ा आने लगा।

उसने भी मेरी नेकर नीचे खींच दी.
तो मैं पूरा नंगा हो गया उसके सामने!

उसने मेरा फड़फड़ाता हुआ लण्ड पकड़ लिया और बोली- इसी को तो मैं बहुत दिनों से ढूंढ रही थी। आज पकड़ में आया है भोसड़ी का तेरा लण्ड मुझे तेरे लण्ड की बहुत जरूरत है मेरे राजा अमित!
ऐसा बोल कर वह मस्ती से चूमती हुई मेरा लंड हिलाने लगी।

फिर मैंने उसकी जींस की बटन खोल दी, जिप खोल कर उसकी चूत तक पहुँच गया, उसकी मस्तानी चूत पर हाथ फेरने लगा।
मैंने उसकी जींस उतार कर फेंक दी।

उसकी नंगी छोटी छोटी झाटों वाली चूत बहन चोद बड़ी सेक्सी लग रही थी।

मैं उसकी मोटी मोटी जाँघों पर भी हाथ फिराने लगा … उसके पूरे नंगे बदन से खेलने लगा मैं!

तब मैं पूरा वासना में डूब गया और वह मेरे नंगे बदन से लिपट गयी।
वह मेरा लण्ड पकड़ कर अपने पूरे बदन पर घुमाने लगी, बोली- सर मुझे तेरा लण्ड बहुत पसंद है। मेरे मन मुताबिक है तेरा लण्ड। मैं चाहती थी ऐसा मोटा और लम्बा लण्ड … बिल्कुल वैसा ही है तेरा लण्ड! मुझे तो तेरे लण्ड से प्यार हो गया है!

मैंने कहा- प्यार हो गया है तो अब क्या करोगी?
वह बोली- इसे अपनी चूत में पेलूँगी और क्या! इसे अपने मुंह में डालूंगी इससे अपनी चूचियाँ चुदवाऊंगी। इसे अपनी गांड में ठोकूंगी। अब मैं शादीशुदा हूँ अब मुझे किसी भोसड़ी वाले का डर नहीं।

मैंने कहा- पर तेरा हसबैंड तो है?
वह बोली- हसबैंड की माँ का भोसड़ा … उसकी बहन की बुर … वह मादरचोद ठीक से तो चोद नहीं पाता. वो क्या करेगा? चोदता है तो देर तक ठहर नहीं पाता. मैं उसके सहारे रहूंगी तो मेरी जवानी बर्बाद हो जाएगी और मैं ऐसा कतई नहीं होने दूँगी।

ऐसा बोल कर वह लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी और मैं भी उसकी चूत का मज़ा लेने लगा।

उसकी चूत वाकई बड़ी टाइट थी और गद्देदार थी।
बड़ी स्वादिष्ट भी थी उसकी चूत।

बस फिर मुझसे ज्यादा रुका नहीं गया, मैं चढ़ गया उसके ऊपर और पेल दिया अपना लण्ड उसकी चूत में!
मैं चोदने लगा उसकी मस्तानी चूत।

बहुत दिनों के बाद मुझे एक नई ताज़ी चूत चोदने का मज़ा मिलने लगा।

मैं बार बार लण्ड निकाल निकाल कर अंदर घुसेड़ने लगा।
वह भी अपनी कमर हिला हिला कर बड़ी मस्ती और प्यार से चुदवाने लगी।

मनजीत कौर को मैं पहली बार चोद रहा था और मुझे अहसास हुआ कि शादीशुदा नई नवेली बीवी ज्यादा अच्छी तरह से चुदवाती है, निडर होकर चुदवाती हैं और गन्दी गन्दी बातें करती हुई चुदवाती है।

मैं भी बहुत उत्तेजित था, बहुत उत्साहित था एक नयी नवेली बीवी चोदने के लिए!
मेरी भी इच्छा पूरी हो रही थी।

तब तक वह बोली- सर, मैं आज सही माने में अपनी सुहागरात मना रही हूँ। मुझे आज वो मज़ा आ रहा है जो मुझे अपनी सुहागरात में बिल्कुल नहीं मिला।

मैं यह सुनकर और जोश में आ गया।
मैंने चोदने की स्पीड बढ़ा दी।

मैं धकाधक चोदे चला जा रहा था। मैं बड़े मूड में था।

लण्ड उसकी चूत में चारों तरफ से चिपक कर घुस रहा था।
वह भी खूब मज़ा ले रही थी।

मैं पागलों की चोदने में जुटा था।
आखिरकार उसकी चूत बोल गयी और उसने पानी छोड़ दिया।
ढीली हो गयी मनजीत की चूत … निकल गयी सारी चूत की गर्मी।

फिर उसने अपना मुंह खोल कर मेरी मुठ मारी और लण्ड ने सारा वीर्य उसके मुंह में ही उगल दिया जिसे वह बड़े प्यार से चाट गयी।

दूसरे दिन उसका फोन आ गया।
उसने कहा- अमित सर, मेरी ननद है सिमरन कौर! उसकी शादी अभी एक हफ्ते पहले ही हुई है और वह अपनी सुहागरात मना कर आयी है. उसने अपनी सुहागरात का पूरा किस्सा मुझे सुनाया. और तभी मैंने तुम्हारे लण्ड की उससे तारीफ कर दी। फिर क्या … वह मेरे पीछे पड़ गयी और बोली कि मुझे भी वह लण्ड दिलवाओ भाभी जी। मैं इसी तरह के लण्ड की तलाश में हूँ. मैं उसे तुम्हारे पास भेज रही हूँ आज शाम को 8 बजे। इसे रात भर चोदना और खूब मज़ा लेना। सिमरन मुझसे ज्यादा खूबसूरत है, लण्ड चूसने में और पेलवाने में बड़ी मस्त है।

फिर क्या … मैं उसका इंतज़ार करने लगा।

वह जब मेरे सामने आयी तो मैं उसे देख कर बहुत ज्यादा खुश हो गया।
सिमरन वाकई मनजीत से ज्यादा खूबसूरत थी और बड़े बड़े मम्मों वाली थी।

मैंने पहले उसे प्रेम से चाय नाश्ता करवाया और फिर बातें करने लगा।

वह बातें करने में वह बड़ी बोल्ड थी।
उसने कहा- सर, मुझे मनजीत भाभी ने सब बता दिया है। मैं तो जल्दी से जल्दी आपके लण्ड के दर्शन करना चाहती हूँ। बाकी बातें मैं लण्ड से कर लूंगी।

उसने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दीं और मेरी चुम्मी ले ली, बोली- देखो सर, मेरी शादी हो गयी है अब मुझे किसी का डर नहीं है। मेरी चूत एक बार अपने पति से चुद चुकी है। अब तो मुझे किसी से भी चुदने का लाइसेंस मिल गया है। अब कोई मेरी एक झांट भी उखाड़ नहीं सकता.

उसकी बातें बड़ी मस्त होने लगीं।

मैंने उसे चिपका लिया और बिस्तर पर पटक दिया, उसके कपड़े खोल डाले और अपने भी।

अब हम एक दूसरे के आगे नंगे हो गए।

मैंने उसे नंगी देखा तो मेरा लण्ड साला तन कर आसमान ताकने लगा।
उसने मेरा लण्ड पकड़ा और ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ ले लीं और बोली- मनजीत भाभी सही कह रहीं थीं। क्या गज़ब का लौड़ा है तेरा अमित सर! क्या मस्त टोपा है इस भोसड़ी वाले लण्ड का! मैं तो ऐसे ही लौड़े की दीवानी हूँ। ऐसा ही लौड़ा मेरे रॉबर्ट सर का था लेकिन अब वह लंदन चला गया।

मैंने सबसे पहले उसकी बड़ी बड़ी सेक्सी चूचियाँ ही चोदी और बड़ी देर तक चोदी।
उसने भी अपने हाथ से दोनों तरफ से चूचियाँ दबा रखीं थीं जिससे बीच में एक बड़ी सुरंग बन गयी थी।

मैंने उसी में लण्ड पेलना शुरू किया।
लण्ड जब ऊपर जाता तो वह लण्ड का टोपा चाट लेती।

मैं बड़ी देर तक उसके बूब्स चोदता रहा।
इतना चोदा कि मेरा लण्ड बहन चोद खलास हो गया।
सारा वीर्य उसकी चूँचियों पर जा गिरा।
उसने जितना हो सका उतना चाटा।

उसके बाद हम दोनों ने नंगे नंगे ही डिनर किया और खूब बातें भी कीं।

आधे घंटे में लौड़ा फिर साला कुलबुलाने लगा।

उसने लण्ड थोड़ा हिलाया तो फिर तन कर खड़ा हो गया।

इस बार मैंने सीधे उसकी चूत में ही लंड पेल दिया।
लण्ड जब पूरा घुसा तो वह बोली- हाय रे मज़ा आ गया। आज मुझे असली लौड़ा मिला है। मनजीत ने सही कहा था। मुझे तेरा लण्ड पसंद है यार …. मुझे चोद … खूब चोद … अपनी बीवी समझ कर चोद। मैं दीवानी हो गयी हूँ तेरे लण्ड की। मैं तेरे लण्ड की गुलाम हूँ। फाड़ डाल मेरी बुर। चीथड़े उड़ा दे मेरी हरामजादी चूत के!

मैंने वैसा ही किया।
मैं तो धज्जियाँ उड़ाता रहा बड़ी देर तक उसकी चूत की … सारी गर्मी निकाल दी उसकी चूत की।

उसे पीछे से भी घोड़ी बनाकर चोदा, पूरा लौड़ा पेल पेल कर चोदा और फिर लण्ड पर बैठा कर भी चोदा।
हर तरफ से चोदा।

उसने कहा- आज मुझे पता चल रहा है कि लण्ड क्या होता है और चुदाई किसे कहते हैं.

फिर मैंने उसे रात भर नंगी नंगी ही रखा और तीन बार चोदा।

अगले संडे को मेरे कॉलेज की एक और शादीशुदा लड़की मेरे घर आ गयी.
उसका नाम था शमशा।

मैंने कहा- अरे शमशा तुम?
वह बोली- हां सर, मैं भी एक काम से आपके पास आयी हूँ। मुझे मनजीत ने आप के बारे में बहुत बताया है। मेरी शादी अभी एक महीने ही पहले हुई है। मैं ससुराल से अभी 3 दिन पहले ही आयी हूँ। सर मैं वही करने वाई हूँ जो मनजीत आपके साथ कर के गयी है।

मैंने उसे गले लगा लिया क्योंकि वह भी बड़ी सुन्दर थी और मस्त माल थी।
उसका गदराया बदन मुझे भा गया।

मैंने पूछा- ड्रिंक्स लेती हो?
वह बोली- हां सर ले लेती हूँ.
हम दोनों ने थोड़ी शराब पी.

और फिर मैंने उसके कपड़े उतारे।

शमशा जब नंगी हुई तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी।
उसकी चूचियाँ भी बड़ी थीं और बड़ी सेक्सी थीं।

उसने भी बड़ी बेशर्मी से मुझे नंगा कर दिया और मेरा लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी।
वह बोली- बाप रे बाप, क्या मस्त लौड़ा है सर आपका! मैं ऐसे ही लण्ड के लिए तरस रही थी।

मैंने मजाक में पूछा- तेरे हसबैंड का लण्ड?
वह बोली- उस भोसड़ी वाले का झांट भर का लण्ड तेरे लण्ड के आगे बौना लगता है। मैं न उसकी परवाह करती हूँ और न उसके मादरचोद लण्ड की। मुझे तो तेरा लण्ड बड़ा प्यारा लग रहा है। मैं तेरे लण्ड की भक्त हो गयी हूँ। आज से पूजा करूंगी मैं तेरे लण्ड की!

उसने मेरे लण्ड की कई फोटो ले लीं और अपने मोबाईल में सेव कर लिया।

उसके बाद वह टूट पड़ी मेरे लण्ड पर और इतना चूसा इतना चूसा बिना रुके कि मैं उसके मुंह में ही झड़ गया।

फिर एक घंटे के बाद मैंने उसे जिस तरह से चोदा, आगे से चोदा, पीछे से चोदा, कुर्सी पे बैठा के चोदा, टेबल पर लिटा के चोदा, खड़े खड़े चोदा और लण्ड पे बैठा के चोदा. उस तरह से मैंने अभी तक किसी को नहीं चोदा था।

वह बंगाली लड़की थी चुदवाने में एकदम मस्त, लण्ड चूसने में उससे ज्यादा मस्त।
मुझे उसे चोदने में सबसे ज्यादा मज़ा आया।

इस तरह मैं एक के बाद एक नई नवेली बीवियां चोदता रहा और आज भी हॉट मैरिड सेक्स का मजा लेकर चोद रहा हूँ।
कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं.

विज्ञान लैब में मैडम ने लंड चूसा

 

लॉकडाउन में मैं ऑनलाइन क्लास देने स्कूल जाता था. वहां एक मैडम भी आती थी. एक दिन मैंने मैडम की तरीफ कर दी. वह तो मेरे कमरे में आ गयी और …

दोस्तो, मेरा नाम कुणाल है और मैं उत्तराखंड का रहने वाला हूँ और आज मैं अपनी आपबीती हॉट डिक सकिंग स्टोरी आपको सुनाने जा रहा हूँ.

यह घटना लॉक डाउन के बाद की उस वक्त की है जब स्कूल खुलने लगे थे लेकिन बच्चों को ऑनलाइन क्लास दी जा रही थी.

तब मैं एक प्राइवेट स्कूल में टीचिंग का जॉब कर रहा था.
उस टाइम बच्चे न आने के कारण केवल टीचर्स को बुलाया जा रहा था और ऑनलाइन क्लास दी जा रही थी.

मैं भी ऑनलाइन क्लास देने के लिए अपनी विज्ञान लैब में ही बैठ कर क्लास लिया करता था.

यह विज्ञान लैब थर्ड फ्लोर पर थी और उस टाइम थर्ड फ्लोर पर मैं अकेला ही होता था.
बाकी स्टाफ़ ज्यादातर नीचे अलग अलग क्लास रूम में बैठ कर अपने मोबाइल से क्लास लिया करते थे.

वहां पर एक मैडम थीं जो रिसेप्शन का काम देखा करती थीं.
उनका नाम प्रगति था.
उनकी हाइट थोड़ी कम थी, वे लगभग 4 फिट 7 इंच की थीं.

उनका रंग एकदम दूध सा गोरा औऱ फिगर बहुत ही सेक्सी था.
मैडम हॉट से भी ज्यादा हॉट थीं.

उनको देख कर ही मन करता था कि बस पकड़ कर किस कर लूं, लेकिन ऐसा करना वह भी बिना पटाए खतरा मोल लेना था.
उनके साथ कभी अकेले में मिलने का मौका ही नहीं मिला था कि कुछ शुरूआत की जा सके.

उनके दूध एकदम तने हुए थे और कुछ ज्यादा ही बाहर को उभार लिए हुए थे. साथ ही मैडम की गांड भी बहुत ही मोटी थी व पीछे को गोलाई ली हुई थी.
उनका पेट भी एकदम सपाट था.

उन्हें बस देख देख कर मेरा मन तो मचल जाता था.
और लंड का तो पूछो ही मत, मन करता था कि बस मैडम को यहीं रिसेप्शन टेबल पर ही घोड़ी बनाऊं और उनकी धकापेल चुदाई शुरू कर दूँ.
मेरा लंड इतना टाइट हो जाता था कि कभी कभी तो मुझे लंड को शान्त करने को टॉयलेट में जाना पड़ता था.

फिर एक दिन मैं स्कूल थोड़ा जल्दी पहुंच गया था.
मैंने देखा कि मैडम भी आ चुकी थीं.

आज सिर्फ मैं और प्रगति मैडम ही जल्दी आए थे.
यह देखकर मुझे बहुत खुशी हुई.

आखिरकार वह मौका भगवान ने दे ही दिया, जिसका मुझे इंतज़ार रहता था.

फिर जब मैं सिग्नेचर करने रिसेप्शन पर गया तो मैंने प्रगति मैडम की तारीफ करते हुए कहा- मैडम, आज आप बहुत ही अच्छी लग रही हो!
हालांकि मैंने यह बात डरते डरते बोली थी.

इस पर उधर से जवाब आया- अच्छा, आपने आज ज्यादा ही नोटिस कर लिया है क्या?

मैं उनके चेहरे पर एक अलग ही सेक्सी और मादक स्माइल के साथ साथ मूक आमंत्रण दोनों को महसूस कर रहा था.
उनकी स्माइल तो मानो बोल रही थी कि मैं तो कब से तुम्हारे लिए तैयार थी.

खैर … मैं भी स्माइल करते हुए अपनी लैब में जाकर बैठ गया.
उस दिन पता नहीं क्या हो गया कि दिमाग काम ही नहीं कर रहा था.

फिर अचानक से मैडम का फ़ोन आया- सर, आप कहां हैं?
मैंने अधीरता दिखाते हुए कहा- लैब में हूँ … ऊपर!
मैडम बोलीं- और कौन है?

यह सुनकर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा लेकिन फिर मैंने सोचा कि शायद मैडम ने ऐसे ही पूछ लिया होगा?

फिर मैंने कहा- हां इधर तो मैं ही अकेला हूँ?
वे बोलीं- ओके, मैं आती हूँ.

मैं यह सुन कर नार्मल ही रहा था कि वे अक्सर आया करती थीं, इस बार भी कोई काम ही होगा.

लेकिन इस बार कुछ अलग ही कुछ होने वाला था जिसके लिए मैं बिल्कुल भी तैयार नहीं था.

थोड़ी देर मैं ही मैडम लैब के दरवाजे पर थीं.
मैंने दरवाजा खोला और वे लैब में अन्दर आ गईं. उनके हाथ में रजिस्टर था और उसमें एक टीसी थी, जिस पर क्लास टीचर के सिग्नेचर होने थे.

लेकिन वह आज सिग्नेचर को पहले न बोल कर मुझसे पूछने लगीं- क्या बात है सर, आज आपने मुझे बहुत ज्यादा नोटिस किया!
मैं सुनकर खुश भी हुआ और थोड़ा डर भी गया कि कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं हो गई.

लेकिन जब मैंने मैडम के बात करने क़ा तरीका देखा कि वह आज कुछ और मूड में थीं तो मैंने भी आज सोचा कि बोल ही देता हूँ. फिर जो होना हो, वह देखा जाएगा. आज मौका सही है.

मैंने बोल ही दिया- हां आप अच्छी लगती हो मुझे!
वह यह बात सुनकर बिना चौंके बोलीं- अच्छा, क्या सही बोल रहे हो!
तो मैंने कहा- हां!

तो वे बोलीं- कैसे मान लूँ कि तुम सही बोल रहे हो.
मैंने कहा- ओके तो जैसे आप बोलो, मैं वैसे बोल दूँ?

वे बोलीं- अच्छा चलो मान लिया है. अब पहले यह बताओ कि ऊपर कौन कौन आता है?
मैंने बताया- कोई नहीं, इन दिनों तो आपके अलावा सिर्फ मैं ही ऊपर आता हूं … इधर पूरे दिन कोई नहीं आता.

यह सुनकर वे बोलीं- अच्छा कोई नहीं आता … पक्का न!
मैंने बोला- हां पक्का.

यह सुनकर वे बोलीं- ओके तो फिर डोर को लॉक कर के आओ.

यह सुनकर मैं बहुत ही खुश हो रहा था कि शायद आज जरूर मेरी ख्वाईश पूरी होने वाली है.
मैंने जल्दी से जाकर डोर लॉक किया और पास आकर बोला- जी बोलिए!

फिर वे बिना कुछ बोले, मुझे दीवार की तरफ लेकर गईं … जहां से दरवाजे के पारदर्शी शीशे में से अन्दर का कुछ ना दिखे.
अब वे बोलीं- अब बताओ कि कितना पसंद करते हो?
तो मैं बोला- बहुत!

वे बोलीं- तो कुछ ऐसा करो, जिससे मुझे विश्वास हो जाए!
मैंने यह सुनकर कहा कि मैं सच में आपको पसंद करता हूँ, आप कुछ भी पूछ सकती हैं!

वे बोलीं- हां, मैं तो जरूर मालूम करूंगी.
इधर मैंने भी सोच लिया कि देखा जाएगा … आज या तो ये पट कर मेरे नीचे आ जाएंगी या फिर यह जॉब चली जाएगी.
मेरे दिमाग में बस सेक्स का भूत सवार हो गया था, उसके अलावा कुछ नहीं सूझ रहा था.

मैंने तुरंत उनके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और किस करने लगा.

सबसे अच्छी बात तो यह हुई कि उधर से भी मुझे रेस्पॉन्स मिला.
मैडम भी मुझे चूमने लगीं.

उनका रुख समझते ही मैं तो पागल ही हो गया.
कभी वे मेरे होंठों को काटतीं और चूसतीं … तो कभी मैं उनके होंठों को काटता चूसता.

एक हाथ से मैंने मैडम के सर को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से मैं उनके बूब्स को दबाने की कोशिश करने लगा.

मैंने मैडम को बिल्कुल दीवार से सटा कर चिपका रखा था.
वे पीठ के बल दीवार से टिकी थीं जबकि मैं मैडम से चिपका हुआ था.

अचानक मैंने महसूस किया कि मैडम का हाथ मेरे लंड को टटोलने की कोशिश कर रहा है.
मैं भी पागल हुआ पड़ा था और इस मौके को जाने नहीं देना चाहता था.

मैंने खुद ही अपनी पैंट की जीभ खोलकर अपना लंड बाहर निकाल दिया और मैडम के हाथ में दे दिया.
मैडम ने मेरे लौड़े को हाथ में लेते ही आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

जैसे ही उन्होंने अपने हाथ में मेरा लंड लिया, मैं तो सातवें आसमान पर पहुँच गया.
मैं उनके बूब्स को अपने मुँह से दबा रहा था … तो कभी उनके गले पर चूमने लगता था तो कभी उनके कान के पीछे, कभी बूब्स के बीच में, कभी अपने होंठों को किस करता तो कभी चाटने लगता. तो कभी मैडम के एक दूध को अपने मुँह में लेकर चूसे जा रहा था.

वे मेरे लंड को आगे पीछे करके मुठ मारे जा रही थीं.
कुछ दबी हुई आवाज में ‘ऊऊ अहां’ की मादक आवाज के साथ एकदम खोई हुई मेरे से लिपटे जा रही थीं.

मैं भी उनकी इस बेचैनी को खूब इन्जॉय कर रहा था.
जैसे ही मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है, मैं एकदम से अलग हो गया.

उस वक्त स्कूल में होने की वजह से हम दोनों ने कोई कपड़ा नहीं निकाला था.
मैं बस मैडम के कुर्ते को ऊपर करके ही काम चला रहा था.

अब मैं कुछ पल रुक कर बोला- मैं आपकी चूत का रस पीना चाहता हूँ!

यह बोलकर मैं बिना परमिशन के ही उनके प्लाजो को निकालने लगा लेकिन उन्होंने रोक दिया.

वे बोलीं- कोई आ गया तो?
मैंने कहा- यहां दो बजे तक तो कोई नहीं आता है तो इस वक्त आज कौन आएगा!

वे बोलीं- अच्छा नीचे?
मैं बोला- नीचे भी इस लॉक डाउन के बाद कोई नहीं आता है … और आएगा तो आपको फ़ोन करेगा!

फिर वे बोलीं- हम्म ठीक है … नहीं आज नहीं!
मैं बोला- अब मेरा लंड भी तो देखें कि कितनी फुंफकार मार रहा है … मैडम मैं इसको कैसे समझाऊं!
तो वे बोलीं- अच्छा तो ठीक है, इसको मैं मना लेती हूं.

वे नीचे बैठ गईं और बिना कुछ बोले सीधे मुँह में लंड लेकर उसको ऐसे चूसना शुरू कर दिया कि मानो कितने लंड चूसने का अनुभव हो.
ऐसा लग ही नहीं रहा था कि उन्होंने पहली बार लंड चूसा हो.

ओह … मैंने तो कसके उनके सर को पकड़ कर अपने लंड को और अन्दर तक मुँह में घुसेड़ दिया और बालों को पकड़ कर जोर जोर से आगे पीछे शॉट मारने लगा.

मैडम इतने अच्छे से अपनी जीभ को लंड के चारों तरफ घुमा रही थीं, मानो खा ही जाएंगी.

मैंने पहली बार अपना लंड को चूसने का अनुभव लिया था.
मैडम की हॉट डिक सकिंग से सचमुच मैं तो जन्नत में पहुंच गया था. जैसे ही मेरा निकलने वाला था.

मैं बोला- मेरा निकलने वाला है!
मैडम इशारे से बोलीं- मेरे मुँह में ही निकाल दो.

बस मैं और जोर जोर से शॉट मारने लगा और मैंने पूरा पानी प्रगति मैडम के मुँह में ही निकाल दिया.
लंड के स्खलित होते ही मैंने मैडम के सर को जोर से दबा कर अपने लंड को मुँह के अन्दर रखा.

जब तक पूरा पानी निकल नहीं गया, तब तक मैं अपने लौड़े को उनके मुँह में ही ठूँसे रहा.

माल निकल जाने के बाद मैंने उनके सर को ढील दिया तो वे लंड निकाल कर उठीं.
मैडम बोलीं- बहुत ही स्वादिष्ट पानी लगा तुम्हारा!
मैंने कहा- हां होगा ही, शुद्ध शाकाहारी जो हूँ!

यह सुनकर वे हँसने लगीं तो मैं भी हंसने लगा.
फिर हम दोनों ने अपने अपने कपड़े ठीक किए.

हम दोनों ने एक बार किस किया और अलग हो गए.

मैडम बोलीं- अरे इस पर सिग्नेचर तो कर दो!
मैंने कहा- मेरी सारी स्याही तो आप पी गईं!
वे हंस दीं.

मैंने उस टीसी पर सिग्नेचर कर दिए.

फिर जब वे जाने लगीं तो मैंने कहा- इस सबसे पहले मैं बहुत डरता था. आज पता लगा कि आग दोनों तरफ लगी थी!

इसके बाद मैडम बाद में पूरा खेल खेलने की बात कह कर नीचे चली गईं.

हरामी स्कूल मास्टर ने छात्रा को चोदा

 

एक मास्टर ने गांड के गर्ल स्कूल में तबादला करवाया ताकि वह जवान लड़कियों को चोद सके. पहले ही दिन क्लास में उसने क्या गुल खिलाये?

रमेश सिंह की नियुक्ति एक दूर दराज के सरकारी सीनियर सेकेंडरी गर्ल स्कूल में हो गई।
इतनी दूर के स्कूल में कोई टीचर आना ही नहीं चाहता था.
लेकिन उसने खुद यह तबादला करवाया था, उसकी तमन्ना थी कि मुझे रोज कमसिन लड़की की चुदाई करने का मौका मिले.
और इसके लिए गर्ल स्कूल से अच्छी कोई जगह नहीं हो सकती थी।

यह देसी Xx टीचर सेक्स कहानी काल्पनिक है और मनोरंजन के लिए लिखी गई है जिसे पढ़कर आपका लंड से पानी निकल जाएगा।

रमेश ने 12वीं की कक्षा में प्रवेश किया तो सभी लड़कियों ने खड़ी होकर प्रणाम किया- गुड मार्निग सर!
सब लड़कियां 20-21 साल की थी क्योंकि गाँव में देर से ही लड़कियों को स्कूल भेजना शुरू करते हैं.

तब रमेश सिंह भी बोले- सिट डाउन! मेरी प्यारी दुलारी लड़कियो!
सभी लडकियां बैठ गई तो सबको नाम लेकर हाजिरी ली गई।

सबी लड़कियों की संतरे आकार की चूचियां देखकर उसका लंड फनफनाकर फुफकार मारने लगा।

जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने लंड को जिप खोलकर बाहर कर लिया।

उसका लंबा और मोटा लंड देखकर सभी लड़कियाँ दंग रह गई और उनके मुँह से निकला- वाह, कितना बड़ा और मोटा लंड है।
रमेश सिंह मुस्कुराकर बोला- पसंद आया मेरा लंड? अच्छा बताओ किस-किस को मेरा लंड पसंद आया है?

ज़ीना बोली- सर, आपने अपना लंड बाहर क्यों निकाल दिया? इसको अंदर कर लीजिए न, मुझे शर्म लग रही है।

रमेश सिंह- यह तुम लड़कियों को देखकर खड़ा हो गया है. और जब तक किसी की बुर की चुदाई नहीं कर लेगा, एकदम से खड़ा रहेगा।

सबाह बोली- मेरे पास एक उपाय है इसको शान्त करने के लिए! मैंने अपने जीजा जी का लंड भी शान्त किया है।

रमेश सिंह- नेकी और पूछ-पूछ … आकर शान्त करो। ज़ीना तुम भी आ जाओ।

सबाह जाकर लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।

रमेश सिंह ने ज़ीना को बगल में खड़ी किया और उसके होंठ चूमने लगे।

फिर उसकी गर्दन चूमते हुए उसकी चूची को चूमने लगे। अब वह सबाह को पास में बुलाकर उसके होंठ चूमने लगे।
तब ज़ीना उनका लंड चूसने लगी।

रमेश सिंह ने देखा कि सबाह एकदम से चुदासी हो रही है इसलिए वे उसके फ्राक को उतारकर उसकी चूची को चूसने लगे।

सबाह सिसकारी मारने लगी- आह सर! छोड़िये न! मैं आपकी छात्रा हूँ. कोई क्या कहेगा कि सर से चुदाई करवाती है।

रमेश सिंह- तुम कैसे समझ गई कि मैं चुदाई करने वाला हूँ।
सबाह- रात में अब्बू ने मेरी इसी तरह चुदाई की थी।

रमेश सिंह- तुम्हारे अब्बू का लंड इतना लंबा और मोटा है?
सबाह शरमा के बोली- नहीं, आपके लंड से छोटा और पतला है।

रमेश सिंह- अच्छा बताओ, तुमको अब्बा से चुदाई करते समय ऐसा महसूस हुआ था कि और लंबा मोटा लंड बुर में घुसता तो अच्छा लगता?
यह कहते हुए उसने सबाहं के पैंटी उतारकर उसे नंगी कर दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा।

सबाह चुदासी होकर बोली- हाँ सर! मुझे ऐसा महसूस हुआ था कि अब्बू का लंड और लंबा तथा मोटा रहता तो मजा आता।

रमेश सिंह ने अपना लंड ज़ीना के मुँह से निकाल लिया जो और भी लंबा तथा मोटा लग रहा था।
वह अपने लंड से सबाह की चूत को रगड़ते हुए बोले- मेरा लंड पसंद आया या नहीं? मेरे लंड से चुदाई कराओगी?

सबाह धीमे स्वर में बोली- हाँ सर! चुद जाऊँगी आपसे!

यह सुनकर रमेश ने वासन से पागल होकर अपना लंड सबह की चूत के छेद पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा।
‘फचाक’ की आवाज के साथ सुपारा जो फूल कर आलू जैसा लगता था. अंदर घुस गया।

देसी Xx टीचर के लंड घसने से हुए दर्द से सबाह चिल्लाकर बोली- ऊऊईईई माँ! हाय मैं मर गई ईई ईईई! जल्दी से निकाल सर! बहुत दर्द हो रहा है।

रमेश सिंह ने सबाह की बात अनसुनी करते हुए एक जोरदार धक्का दिया जिससे आधा लंड अंदर चूत चीरते हुए अंदर घुस गया।

“मर गई रे ऐऐऐऐ ओ सर जी! आपने तो लंड को मेरी चूत के और अंदर घुसा दिया. निकालो बाहर … आआह ह हहह … बहुत दर्द हो रहा है।”

रमेश सबाह की चूची को चूसते हुए बोला- सबाह! जब टू अब्बू से पहली बार चुदाई करवा रही थी तो दर्द हो रहा था न? तो तेरे अब्बू जी ने लंड को बाहर निकाल दिया था क्या?
सबाह- हाँ सर! बहुत दर्द हो रहा था. लेकिन अब्बा मेरी कहाँ सुनने वाले थे. धक्का देकर दनादन अंदर लंड डाल दिया था।

यह सुनकर रमेश ने भी कुटिल मुस्कान देते हुए एक जोरदार धक्का मारा और ‘फचाक’ के साथ पूरा लंड अंदर घुसा दिया।

“हाय सर … मर गई ईईईई … आप भी पापा से कम निर्दयी नहीं हैं। मना करने के बाद भी पूरा हब्सी वाला लंड ठोक दिया।”

रमेश सिंह सबाह को चूमते हुए और पीठ, कमर, चूची और माथा को चूमते हुए बोला- अब्बा से चुदाते हुए अच्छा लगा था कि नहीं? बोलो मेरी सबाह रानी!

सबाह- पहले तो अच्छा नहीं लगा था. फिर बाद में बहुत अच्छा लगने लगा था। अब तो रोज रात को अब्बू मेरी चुदाई करते हैं।

रमेश सिंह ने देखा कि सबाह अब नहीं चिल्ला रही है और अपना कमर हिलाकर आनंद ले रही है.
तो उसने पूछा- मैं उतना निर्दयी नहीं हूँ सबाह! अगर कहो तो अपना लंड बाहर निकाल लूं?

सबाह कमर उचकाती हुई बोली- वाह सर! जब दर्द हो रहा था तो बाहर नहीं निकाला और अब आनंद आ रहा है तो कहते हैं लंड बाहर निकाल लें। अरे सर! दनादन दनादन दनादन पेलकर चुदाई करिये न! अभी मजा आने लगा है।

यह सुनकर रमेश खुशी से सबाह के होंठ चूमते हुए दनादन दनादन चुदाई करने लगा।

फचाक-फचाक फचाक-फचाक की आवाज के साथ क्लासरूम गूंज लगा।

वहाँ सभी कमसिन लड़कियां अपनी अपनी बुर को सहलाने लगी।

ज़ीना का तो बहुत बुरा हाल था इसलिए रमेश ने उसकी भी फ्राक और पेंटी निकाल कर उसे नंगी कर दिया और उसकी चूची को चूसते हुए बुर को भी सहलाने लगा।

ज़ीना भी मेज पर लेटकर अपनी चुदाई का इंतजार करने लगी।
यह देखकर रमेश ने अपना विशाल लंड को सबाह की फटी चूत में से से निकाल कर ज़ीना की बुर पर रगड़ने लगा।

ज़ीना भी चुदासी होकर बोली- सर! मुझ पर भी कृपा करे और अपना लंड मेरी बुर में घुसाकर आनंद दीजिए न!

यह सुनकर रमेश ने एक जोरदार धक्का दिया और सुपारा ज़ीना के बुर में घुस गया।
दर्द से ज़ीना चिल्लाने लगी तो उसका मुख हाथ से बंद करके फिर एक धक्का लगा दिया।

अब आधा लंड बुर के अंदर चला गया.
रमेश बहुत प्यार से ज़ीना को चूमने लगा- मेरी ज़ीना रानी! तुम बहादुर लड़की हो. थोड़ा दर्द सह लो, फिर मजा ही मजा है।
यह कहकर एक जोरदार धक्का लंड का देकर पूरा लंड उसकी बुर के जड़ तक ठोक दिया।

देसी Xx टीचर सेक्स में ज़ीना दर्द से चिल्लाकर रोने लगी।
रमेश उसके आंसुओं को जीभ से चाटते हुए होंठ, मुँह, सिर, गर्दन और चूची को चूमने लगा।

कुछ देर के बाद ज़ीना भी कमर हिलाकर अपनी खुशी जाहिर करने लगी।
यह देखकर रमेश दनादन दनादन कमसिन छात्रा की चुदाई करने लगा।

ज़ीना भी कमर और चूतड़ हिलाकर साथ देने लगी।

आधा घंटा दनादन चुदाई करने के बाद रमेश ने अपना पानी ज़ीना की चूत के अंदर गिरा दिया।
ज़ीना की चूत और अपने लंड पर लगे खून और वीर्य को एक गमछे से पौंछ दिया।
यह गमछा रमेश सिंह ने इसी काम के लिए खरीदा था।

अब रमेश सिंह बोला- आज की क्लास खत्म होती है. और कल के लिए तुम लोग आपस में फैसला करके आना कि कौन सी दो लड़कियां भाग्यशाली हैं जो मेरे लंड से चुदवायेंगी।

आपको यह देसी Xx टीचर सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर अच्छी लगी होगी।
आपका लंडराज

प्यासी टीचर दीदी की हवस

 

दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं फरीदाबाद में रहता हूँ.

मैं बहुत ही स्मार्ट और चिकना लौंडा हूँ. मैं अभी स्कूल में पढ़ रहा हूँ.
मेरा रंग बिल्कुल दूध सा गोरा है.
मुझे दखते ही लड़कियों के मुँह में पानी आ जाता है.

यह हॉट टीचर पोर्न कहानी मेरी एक दीदी की है जिनसे मैं ट्यूशन पढ़ने जाया करता था.
दीदी का नाम पूनम है.

वे हैं तो आंटी लेकिन मैं उन्हें दीदी ही कहता था क्योंकि सारे छात्र उन्हें दीदी कहते थे.

दीदी बहुत ही खूबसूरत हैं.
उनका जिस्म काफ़ी सेक्सी और काफ़ी भरी हुई माल जैसी हैं.

दीदी ने अपना फिगर भी काफी मेंटेन करके रखा है.
शायद वे नियमित रूप से योग व कुछ कसरत आदि करती होंगी इसलिए वे एकदम फिट हैं.
उनकी कमर भी बिल्कुल सपाट है और दूध व गांड का इलाका भी समझो, बिल्कुल मुनमुन सेन जैसा है.

हालांकि उनकी उम्र 40 साल की है. उनके दो लड़के भी हैं.

उनका रंग एकदम लालिमा लिए हुए दूध के जैसा है.
होंठ काफ़ी भरे हुए हैं, देख कर लगता था कि पता नहीं कितने जन्मों की प्यासी हों.

मैं दीदी के यहां रोज़ ट्यूशन पढ़ने जाया करता था.
वे भी एक हाउस वाइफ थीं जो पार्ट टाइम ट्यूशन देती थीं.

जब मैं उनके सामने ट्यूशन पढ़ने बैठता था तो वे मुझे घूरती रहती थीं.

मैं छिपी नजरों से देखता था कि अपनी जीभ अपने होंठों पर ऐसे फेरती रहती थीं जैसे उन्हें मैं रसमलाई सा दिख रहा हूँ.

वे कभी कभी मुझे टच भी करती थीं और मेरे गालों को भी खींचती रहती थीं.
वे मुझे ‘मेरे कुटू, मेरा बाबू’ बोलती रहती थीं.

एक दिन मैं जब शाम को दीदी के घर ट्यूशन पढ़ने गया तो उस समय वे घर में अकेली थीं.
उनके बच्चे और उनके पति तीन दिन के लिए किसी की शादी में बाहर गए थे.

उस दिन मैं और पूनम दीदी घर में अकेले थे.

उस दिन दीदी ने जानबूझ कर साड़ी पहनी हुई थी.
उनका ब्लाउज भी काफी गहरे गले वाला था जिसमें से उनकी ब्रा काफी छोटी सी थी और ब्लाउज के खुले गले से उनके बड़े बड़े बूब्स मुझे दिख रहे थे.

दीदी के बूब्स बहुत ही बड़े और टाइट थे.
मैं उन्हें देख देख कर पागल हो रहा था.

दीदी ने लाल लिपस्टिक और आंखों में गहरा काजल लगाया हुआ था. सच में वे बहुत ही कयामत लग रही थीं.

मैंने दीदी से पूछा- आप शादी में नहीं गईं?
उन्होंने हंस कर कहा- नहीं, तेरे लिए ही रुकी रही हूँ!

यह कह कर दीदी ने मेरे गाल पर एक किस किया और मेरे गाल को अपनी जीभ से चाट भी दिया.
ऐसा होते ही मैं बहुत ही ज्यादा सकुचा सा गया कि दीदी यह क्या कर रही हैं.

मैं दीदी से कहने लगा- आप ये क्या कर रही हो?
तो दीदी ने कहा- मैं तुझे चूसना चाहती हूँ, तू बहुत ही चिकना है. मुझे ऐसे लड़के बहुत पसंद हैं.

यह कह कर वे मेरे होंठों पर अपने होंठ लगा कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगीं.

मैं उन्हें खुद से दूर हटाने की कोशिश कर रहा था लेकिन दीदी मुझे ज्यादा ताकत वाली थीं तो मैं उन्हें हटा ही नहीं पा रहा था.

दीदी ने मुझे बहुत बुरी तरह कसके पकड़ लिया था और मेरे मुँह को बुरी तरह चाटने लगी थीं.

न जाने क्यों, अचानक से मेरा भय खत्म हो गया था और अब मैं भी उनका साथ देने लगा था.

जैसे ही मैंने दीदी के होंठों को चूसने में साथ देना शुरू किया, दीदी ने मेरी जीभ को अपने मुँह में भर लिया और हम दोनों काफ़ी देर तक ऐसे ही किस करते रहे.

फिर दीदी मुझे अपने कमरे में ले गईं और मेरे कपड़े निकालने लगीं.

पहले उन्होंने मेरी शर्त उतारी और बनियान में ही मेरी छाती के एक निप्पल को काट लिया.

मैं दर्द से कराहने लगा ‘आह दीदी दर्द हो रहा है!’
तो दीदी ने कहा- साले कुत्ते, ऐसे ही तो मजा आता है!

दीदी मेरे सीने के दोनों निप्पलों को बारी बारी से चूसने लगीं और जीभ से लिकलिक करके चाटने लगीं.

फिर दीदी ने धीरे धीरे करके मुझे पूरा नंगा कर दिया और वे मेरी पूरी चिकनी बॉडी को पागलों की तरह चाटने लगीं.

दीदी मुझे गाली भी दे रही थीं.
वे मुझे साले कुत्ता और भैनचोद की गालियां दे रही थीं.

उस दिन मुझे समझ आया कि वे पूरी एक नंबर की रंडी थीं.

थोड़ी देर में दीदी ने खुद भी अपनी साड़ी उतार दी और वे नंगी हो गईं.
उनके बड़े टाइट बूब्स बाहर दिख रहे थे जो मुझे पागल कर रहे थे.

दीदी ने मेरा मुँह पकड़ कर अपने बूब्स पर लगाया और बोलीं- कुत्ते चूस इन्हें काट अच्छे से … साले बिल्कुल कुत्तों की तरह चूस भैनचोद … आज मैं तेरी रंडी हूँ, मुझे मीठा दर्द दे … अपनी दीदी को आज कुचल कर रख दे आह पी ले मेरा दूध अच्छे से … निकाल भैनचोद अपनी रंडी का दूध … आह मेरे कुत्ते चूस ले … मैं बहुत प्यासी हूँ!

मैं दीदी के दोनों मम्मों को लगातार बारी बारी से चाट और काट रहा था.

दीदी बिल्कुल पागल हो चुकी थीं.
उनकी चुत में से पानी की धार निकल रही थी.

उन्होंने मेरा हाथ अपनी चुत पर रखा हुआ था जो बहुत ही बड़ी चुत थी और एकदम गर्म चुत थी.

मैं उनकी चुत को अपने हाथ से रगड़ रहा था.
दीदी को मेरे हाथ से बड़ा मजा आ रहा था. वे मुझे किस किए जा रही थीं.

वे बोल रही थीं- साले भैनचोद कुत्ते … आज मुझे अपनी रंडी बना ले साले अपनी रखैल बना कर चूस मुझे … मेरी चुत में अपना हाथ अन्दर डाल दे और फाड़ दे अपनी रंडी दीदी की चुत!

मैंने दीदी की चुत में तुरंत हाथ फेरा और अपनी दो उंगलियों को घुसेड़ दिया.
उनकी चुत तो साली नगर निगम का नाला थी इसलिए मेरी दोनों उंगलियां आराम से उनकी चुत में चली गई थीं.

मैंने तीसरी और चौथी उंगली भी चुत के अन्दर ठांस दी.

दीदी पागलों की तरह अपने सर को इधर उधर पटकने लगीं और बोलने लगीं- मेरे राजा चढ़ जा मेरे ऊपर और पेल दे अपना पूरा लंड मेरे अन्दर!

वह लंड पेलने को बोल रही थीं. मैंने लंड पेला मगर उन्हें उससे असर ही नहीं हुआ, तो वे वापस उंगलियों से चोदने की बात कहने लगीं.

थोड़ी देर बाद दीदी का पानी निकल गया और वे हांफने लगीं.

वे मुझे किस पर किस किए जा रही थीं.
मैं भी दीदी को चूस रहा था.

दीदी ने मुझे उठा कर बेड पर पटक दिया और बोलने लगीं- कुत्ते अब मैं तुझे असली मजा दूँगी.
वे मेरे ऊपर आकर मुझे चाटने और चूसने लगीं.

वे बोलने लगीं- मैं बहुत प्यासी हूँ, मुझे लंड नहीं मिला तो मैं मर जाऊंगी. मुझे एक सॉलिड लंड चाहिए.
यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड को ऊपर उठाया और मेरी गांड के होल को चूसना शुरू कर दिया.

वे मेरे लंड को सहलाने लगी थीं. मेरा लंड बस 5 इंच का था. वे उसे अच्छे से चूसने लगीं.

थोड़ी देर में उन्होंने मेरी गांड में अपनी मोटी उंगली डाल दी.
मुझे दर्द होने लगा मैंने दीदी को रोका.
तो बोलीं- साले कुत्ते, दर्द में ही तो मजा है. मुझे भी चुदवा दे किसी असली मर्द से! आह अपनी दीदी को उसकी रंडी बना दे!

वे ज़ोर ज़ोर से मेरी गांड फाड़ने लगीं.
उनकी मोटी उंगली से मुझे लंड की फीलिंग आ रही थी.

अब दीदी और ज़ोर से उंगली करने लगी थीं.
उनके एक हाथ से मेरे लंड की मुठ भी मारी जा रही थी तो अब बस मेरे लौड़े से धार निकलने वाली थी.

दीदी ने लंड को मुँह में भर लिया तो उसी वक्त मेरे लौड़े से पिचकारी निकल गई.

दीदी ने मेरा पूरा वीर्य पी लिया और बोलने लगीं- ये बहुत टेस्टी है. मुझे असली मर्द का वीर्य भी पीना है.

अब दीदी ने अपनी चुत मेरे सामने कर दी और मेरे बाल पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चुत पर लगा दिया.

वे बोलने लगीं- कुत्ते चूस मेरी रानी को … पी जा मेरा पानी … तुझे मेरी कसम है आह बहुत पानी है मेरी चुत में … पी ले अच्छे से … आह और जोर से!

तभी थोड़ी देर बाद दीदी ने पानी छोड़ दिया और मैं उनका पानी पी गया.

दीदी हांफने लगीं और मुझे किस करने लगीं, चूमने लगीं.

मैंने दीदी की चुत का पानी उनके मुँह में डाला और उनके होंठों को चूसने लगा.

दीदी बहुत रंडी हैं, ये मुझे आज पता चल गया था.
तभी दीदी ने मुझे चूमा और प्यार दिया.

फिर दीदी ने मुझसे कहा- जाओ किचन से एक मोटा खीरा और तेल ले आओ. अब मेरी प्यासी गांड की भी प्यास बुझाओ … जा कुत्ते जल्दी लेकर आ!

मैं जल्दी से किचन में गया और वहां से खीरा लेकर आ गया.
वह खीरा 8 इंच लंबा और काफी मोटा था.
दीदी उसे देखकर पागल हो गईं और घोड़ी बन गईं.

वे बोलीं- मेरी गांड में डाल दो तेल लगाकर. आह पूरा खीरा मेरी गांड में बाड़ दो.

मैंने दीदी का होल देखा तो मैं पागल ही हो गया, कितना बड़ा और प्यारा होल था, जो लंड के लिए प्यासा था.

मैंने दीदी से कहा- दीदी, आपका होल बहुत प्यासा है, इसे किसी मर्द का लंड दिलवाओ ना, जिससे इसकी प्यास बुझ जाए!
तभी दीदी बोलीं- साले कुत्ते अभी मेरी गांड में इसी खीरा को लंड समझ कर पेल दो.

मैंने दीदी की गांड में तेल लगा कर खीरा होल पर लगा दिया.
दीदी ने अपनी तरफ से कुछ ज़ोर लगाया और आवाज देती हुई खीरा अन्दर लेने की कोशिश करने लगीं.

‘आह फाड़ दे कुत्ते रंडी की गांड को!’

मैंने अपने हाथ से ज़ोर कर झटका दिया, तो खीरा स्लिप होकर दीदी की गांड में आधा घुसता चला गया.

खीरा गांड के अन्दर जाकर आधा फंस गया था. दीदी पागलों की तरह सर इधर उधर पटकने लगीं और पीछे मुँह करके मुझे चूमने लगीं.

वे बोली- आह मेरे कुत्ते, मेरी गांड बहुत प्यासी है. इसमें और अन्दर तक पेल साले बेरहम हो ज़ा ना! अगर पूरा अन्दर चला जाएगा तो तेरी दीदी मर नहीं जाएगी … फाड़ दे भैनचोद मेरी गांड को!

मैंने दीदी की गांड में पूरा खीरा डाल दिया और उनकी गांड को चोदने लगा.
दीदी बहुत ही बुरी तरह झड़ने लगीं.

फिर मैंने दीदी की गांड से खीरा निकाल दिया और हम दोनों बेड पर निढाल होकर लेट गए.
दीदी मुझे चूमने लगीं.

वे मुझसे बोलीं- मुझे किसी अपने दोस्त से चुदवा दे ना, जो सॉलिड मर्द हो असली लंड वाला, जिसका लंड इस खीरे की तरह हो. मैं बहुत बड़ी रंडी हूँ, मुझे चुदवा दो किसी लंड से!

तभी मैंने दीदी से वादा किया- मैं आपके लिए असली लंड का इंतज़ाम कर दूँगा. आप बस मेरी रंडी बन जाओ!

कुछ देवर बाद मैं दीदी के घर से चलने को हुआ तो दीदी ने मुझे किस किया.
वे बोलीं- मुझे एक मोटे लंड का इंतज़ार रहेगा!

मैं अगले दिन स्कूल गया तो मेरी नज़र सामने से आते हुए अंकित भैया पर पड़ी.

मैंने देखा उनकी सॉलिड बॉडी, सिक्स पॅक एब्स और लोवर से एक बड़े लंड की फीलिंग आ रही थी.
वे मुझे देखकर रुक गए और पास में आकर बोले- चिकने, कहां घूम रहा है?

मैंने कहा- भैया, मैं स्कूल जा रहा हूँ.

भैया भी मुझ पर लाइन मारते थे. वे मेरी गांड मारना चाहते थे.

फिर मैंने भैया से कहा- भैया, मैं आपके लिए मजे का इंतज़ाम कर सकता हूँ.
तो भैया बोले- गांड देगा अपनी?

मैंने कहा- हां वह भी दे दूँगा लेकिन उससे पहले मुझे आपका लंड देखना है.
तो वे बोले- चल किसी कोपचे में चल कर दिखाता हूँ.

हम दोनों एक गली में चले गए और वहां एक खाली घर पड़ा था, उसमें घुस गए.

उधर भैया ने अपना मोटा लंड बाहर निकाल लिया.
उनके लंड की लंबाई 8 इंच होगी और मोटाई भी खीरे जैसी ही थी.

मैं उनका लंड देखते ही डर गया.

तभी भैया बोले- पकड़ इसे!
जैसे मैंने उसे हाथ में लिया, मैं तो पागल हो गया और सोचने लगा कि पूनम दीदी की चुत और गांड की अब खैर नहीं.

मुझसे रहा नहीं गया, मैंने उनके लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर के बाद भैया का वीर्य निकल गया. मैं उनका सारा वीर्य पी गया.

फिर मैंने भैया से कहा- मुझे आपके लंड की फोटो लेनी है.
उन्होंने कहा- क्यों बे कुत्ते, फ़ोटो का क्या करेगा?

मैंने कहा- आपको मेरी पूनम दीदी को चोदना है. वे बहुत बड़ी रंडी हैं और लंड की प्यासी हैं. उनको आपके जैसा लंड चाहिए. यही लंड उस रंडी की गांड और छूट को फाड़ देगा. क्या आप चोदोगे मेरी रंडी पूनम दीदी को!
भैया बोले- हां क्यों नहीं, मुझे रंडी औरतें चोदना बहुत पसंद है.

मैं भैया को बोलकर वहां से चला गया.

शाम को ट्यूशन में लंड की फोटो पोर्न टीचर को दिखाई, जिसे देखकर दीदी पागल सी हो गईं.
वे कहने लगीं- ओह मेरे राजा कितना सॉलिड लंड है, प्लीज़ मुझे ये अभी के अभी चाहिए. मेरी गांड और चुत को ये लंड अच्छे से फाड़ देगा. आई लव यू राहुल, इतना गजब का लंड है, प्लीज़ उसे जल्दी से आज ही बुला लो. नहीं तो मैं मर जाऊंगी. मैं उसकी रंडी बन जाऊंगी. उसकी रखैल बन जाऊंगी प्लीज़ उसे जल्दी से बुला ले ना मेरे कुत्ते.

उस दिन मैंने दीदी की चुत का पानी पिया, जो लंड को देखकर पागल हो रही थी.

उनकी लंड की प्यासी चुत ने बहुत ज़्यादा पानी छोड़ दिया. फिर मैं दीदी को बोलकर वहां से चला गया और दीदी को चुदवाने की प्लानिंग करने लगा.

मैंने दीदी को अंकित भैया से कैसे चुदवाया, ये मैं आपको अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.

ट्यूशन क्लास में चुद गयी सर से

 

अब मैं आपको अपनी आगे की जिंदगी से रूबरू कराती हूं।

कुछ दिन तक मेरे और उसके बीच में कुछ नहीं हुआ.

फिर उसको किसी काम से कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जाना पड़ा लेकिन मेरे भाई ने मेरे अंदर की वासना जगा दी थी।
अब या तो मैं हमेशा पॉर्न मूवीज देखती रहती थी या अंतर्वासना पर कहानी पढ़ती रहती थी।

अब मुझे किसी लड़के के साथ की जरूरत थी।
तो मैं किसी को तलाशने लगी जो मेरी इस जरूरत को पूरा कर सके।

लेकिन बहुत सोचने विचारने के बाद भी मुझे कोई ऐसा नजर नहीं आ रहा था जिस पर मैं भरोसा भी कर सकूं।

फिर एक दिन मेरी मम्मी ने कहा- हमारे पड़ोस में एक सर हैं, वे ट्यूशन देते हैं. तेरी पढ़ाई अच्छी हो जाएगी तो उनके पास ट्यूशन क्लासेस के लिए चली जा और एक दो बार जाकर देख ले कि कैसा पढ़ाते हैं।
मैंने सोचा कि यह अच्छा रहेगा। मेरा मन भी बहल जाएगा और बाहर किसी लोगों से भी मिल लूंगी।
घर में पड़ी पड़ी में वैसे भी बोर हो रही थी।

तो मैं शाम को तैयार होकर ट्यूशन क्लासेस के लिए चली गई।
उनका घर हमारे घर से थोड़ी ही दूरी पर था।

जब मैं वहां गई तो उनके पास एक लड़का कुछ बुक्स में समझ रहा था.

मेरे जाने के बाद उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा.
और कुछ देर उसे लड़के को कुछ समझाकर उसको भेज दिया।

अब मैं और वे ही उनके घर पर थे उनके, पूरे घर में कोई नहीं था।
उन्होंने मुझसे कहा- बताओ नेहा क्या लोगी? तुम्हारे लिए क्या लाऊं? मुझको ही लाना पड़ेगा क्योंकि मेरी फैमिली तो घर पर है नहीं. वे किसी फैमिली फंक्शन में चार-पांच दिन के लिए बाहर गए हैं।

सर की उम्र लगभग 45 साल रही होगी, वे एक शादीशुदा व्यक्ति थे और उनके दो बच्चे भी थे।

मैंने कहा- नहीं सर, मैं कुछ नहीं लूंगी।

फिर मैं बुक्स निकाल कर उनसे अपनी प्रॉब्लम समझने लगी.
मुझे उन्होंने काफी अच्छे तरीके से समझाया।

लेकिन मैंने एक चीज महसूस की कि वे समझाते वक्त मुझे छूने की कोशिश कर रहे थे।
कभी हंसते हुए मेरे कमर पर हाथ रख दिया कभी मेरा हाथ पकड़ कर कहा ऐसे नहीं ऐसे होगा।

मैं उनके हावभाव समझ चुकी थी कि Xxx टीचर फक कहानी बन कर रहेगी।

उसे दिन तो मैं घर आ गई।
पर फिर मैं उनके बारे में ही सोचती रही।

मेरे भाई के बाद यह पहले इंसान थे जिन्होंने मुझे अपने पास लाने की कोशिश की.
वरना मुझे लाइफ में कोई ऐसा नहीं मिला था।

अगले दिन में फिर ट्यूशन क्लास के लिए गई.
मैंने उनके घर पर जाकर घर की डोर बेल बजाई तो उन्होंने दरवाजा खोला.
आज उनके घर पर कोई भी नहीं था।

तो उन्होंने मुझसे कहा- आओ नेहा!
और मैं घर के अंदर चली गई और जाकर एक सोफे पर बैठ गई।

फिर उन्होंने मुझसे कहा- बताओ क्या पियोगी या कुछ खाओगी?
तो मैंने उनसे कुछ भी खाने या पीने के लिए मना कर दिया।
तो उन्होंने मुझसे कहा- तुम कुछ नहीं खा पी रही तो मेरे लिए ले आओ. फ्रिज में कोल्ड ड्रिंक की बोतल है. मैं पी लूंगा।

फिर उन्होंने मुझे किचन का रास्ता दिखा दिया।
मैं उनके लिए कोल्ड ड्रिंक और गिलास ले आई।

वो गिलास में डालकर कोल्ड ड्रिंक पीने लगे.

आज मुझे वे किसी और ही मूड में लग रहे थे.
मुझे ऐसा लगा जैसे उन्होंने थोड़ी बहुत ड्रिंक कर रखी थी।

फिर मैं अपनी बुक्स ओपन करने लगी तो उन्होंने मुझसे कहा- नेहा, बुक्स तो रोज ओपन होती रहेगी. मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं।
तो मैंने उनसे कहा- कहिए सर?

उन्होंने मुझसे कहा- नेहा तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। तुम तो मेरे पास अब आई हो लेकिन मैं तुम्हें बहुत समय से जानता हूं। मैं तुमको आते जाते देखा करता था.
मैंने आप लोगों को बताया था कि उनका घर और हमारा घर थोड़ी ही दूरी पर था।

मेरा चेहरा एकदम लाल पड़ गया, मेरा शरीर एकदम सुन पड़ गया।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या जवाब दूं।

मैं सोफे के एक कोने पर अपनी गर्दन नीचे करके एकदम चुप बैठी रही।

फिर वे अचानक उठे और मेरे पास आकर बैठ गए।
उन्होंने सबसे पहले मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और उसको दबाने लगे.

किसी अजनबी मर्द का यह पहला स्पर्श था तो मुझे बहुत अजीब लग रहा था।
मेरी सांस बहुत तेज चल रही थी।
मेरे दिल की धड़कनें बढ़ीं हुई थी।

लेकिन मैं उनको कुछ भी हां या ना नहीं कह पा रही थी क्योंकि अंदर ही अंदर मुझे भी सेक्स खाए जा रहा था मैं भी चाहती थी मेरे जिस्म को कोई खा जाए खूब नोचे।

फिर उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरी गर्दन को ऊपर उठाया और मेरे माथे पर किस किया और फिर मेरे होठों को अपने होठों को रख दिया.
मेरे बदन में एकदम करंट सा दौड़ गया।
मुझे नहीं पता कि मुझे क्या हुआ … मैं भी उनके साथ देने लगी.
और वे मेरे होठों को और मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर चूसने लगे।

बहुत देर तक वे मेरे शर्ट के ऊपर से ही मेरे बूब्स मेरे गले और मेरे गालों को चूसते रहे।
मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थी।

फिर वे एकदम खड़े हो गए और उन्होंने अपनी पैंट को नीचे किया और फिर अपना अंडरवियर भी नीचे उतार दिया.
उनका लंड करीब 6-7 इंच लंबा और काफी मोटा था।
वे मेरे मुंह के सामने आकर झूलने लगा.
मैं सोफे पर बैठी थी।

मैंने मूवीस में देखा था मैं समझ गई कि वे मुझसे ब्लोजॉब कराना चाहते हैं मुझसे अपना लौड़ा चुसवाना चाहते हैं।

उनका लंड मेरे होठों के ठीक सामने था।
मुझे पता नहीं क्या हुआ, मैं अपने हाथों से उनके लंड को छूने लगी.
मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और अपने हाथों से उनके लंड और ट्टटों को महसूस करने लगी।

फिर कुछ देर बाद मैंने अपना मुंह खोला और उनके लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसको आगे पीछे कर कर चूसने लगी।
वो अपना लौड़ा जितना अंदर तक मेरे मुंह में डाल सकते थे, डाल-डाल कर चूसा रहे थे.
मेरे मुंह से थूक भी निकल रहा था और वे मेरी चूचियों पर गिर रहा था।

मैं उनके लंड और उनके अंडों को खूब चूस रही थी.
वे आंखें बंद करके बस चुसाई का मजा ले रहे थे।

फिर कुछ देर बाद उनके लंड से वीर्य की बौछार छूटने लगी।
और मेरा सारा मुंह वीर्य से भर गया.

जितना मुझे हो सका, मैंने पीने की कोशिश की और बाकी मेरे गले और मेरी चूचियों पर बिखर गया।

फिर वे ऐसे ही सोफे पर मेरे बराबर में बैठ गए.
उनकी पेंट और अंडरवियर घुटनों से भी नीचे थे और मैं उनके सामने ऐसे ही चूचियों पर वीर्य लगा हुआ और मुंह सना हुआ ऐसे ही उनके सामने बैठी रही.

फिर उन्होंने मुझसे कहा- नेहा, मैं तुम्हारी सारी ज़रूरतें पूरी करूंगा. तुम कुछ भी हो मेरे पास आना. मैं तुम्हें जिंदगी में सब कुछ दूंगा. पर प्लीज मुझे अपना लो।

मैंने उनसे फिर भी कुछ नहीं कहा और बस गर्दन हिला दी यानी मैंने हामी भर दी।

फिर उन्होंने मुझे एक कपड़ा दिया और मैंने उसे अपने आप को पौंछ लिया।

कुछ देर बाद उन्होंने मुझे सोफे पर सीधा लेट लिया और नीचे से मेरी जींस को उतार दिया और मेरी जांघों और मेरे पैरों पर किस करने लगे.
मैं अपने आप पर से अपना कंट्रोल खोती जा रही थी.

और फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरी पैंटी को भी मेरे बदन से अलग कर दिया और एकदम से मेरी चूत को अपने मुंह में भर लिया और बहुत बुरी तरह से चूसने और चाटने लगे।

आप सोच नहीं सकते … पूरे कमरे में मेरी आवाजें गूंज रही थी।

मैं नहीं नहीं कह रही थी लेकिन वे फिर भी मेरी चूत को चूसे जा रहे थे.
मैं अपने बाल नोच रही थी, अपनी चूचियों को अपने हाथों से दबा रही थी.

मेरे साथ जिंदगी में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था.
मुझे बहुत गुदगुदी भी हो रही थी और बहुत मजा भी आ रहा था।

लेकिन वे अंदर तक जीभ डाल-डाल कर मेरी चूत को चूस रहे थे।
कुछ ही देर के बाद मुझे मजा आने लगा.
मैं एक बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी।
मेरी चूत से इतना पानी निकला कि नीचे सारा सोफा गीला हो गया।

फिर वे किस करते हुए मेरी नाभि से होते हुए मेरी चूचियों पर आ गए.
उन्होंने बहुत देर तक मेरी चूचियों को चूसा।

मेरा बदन एकदम अकड़ रहा था, मेरे बदन में सिरसी उठ रही थी।

फिर उन्होंने मेरे माथे को पकड़ कर अपने हाथों से और अपना लौड़ा मेरी चूत के सामने लाकर एक जोरदार धक्का लगाया और उनका सारा लंड मेरी चूत में चला गया।
मेरी चूत बहुत गीली हो चुकी थी, उनको थोड़ी सी भी मेहनत नहीं करनी पड़ी और मेरे मुंह से चीख निकल गई।

लेकिन वे मेरे दर्द को नजर अंदाज करते हुए मेरी चूत में धक्के लगाते रहे.
और कुछ देर बाद मुझे आनंद आने लगा और मैंने भी उनकी कोली भर ली और मजे से उनके नीचे लेट कर उनके धक्के का एहसास करने लगी.

कुछ देर बाद में मैं फिर से झड़ने लगी.
उनका लंड मेरी चूत के दाने पर रगड़ मार रहा था और अंदर तक जा रहा था।

मेरे जीवन में यह पहली बार था कि मैं किसी पराये के साथ सेक्स कर रही थी.
मुझे पता ही नहीं चला कब मैं उनमें खो गई।
और मैं अपने जीवन का सुखद अहसास लेने लगी।

फिर कुछ देर बाद वे भी आह आह करने लगे और झड़ने लगे.
उन्होंने अपना सारा वीर्य मेरी चूत में ही भर दिया।
और वे भी अपना मजा लेकर मेरे ऊपर ही लेट गए।

हम दोनों बिल्कुल पसीना पसीना हो गए थे.

फिर कुछ देर बाद उन्होंने अपना लौड़ा बाहर निकाला और वे मेरे ऊपर से हटे.

तो मैं नीचे देखा, मेरे नीचे ब्ल/ड निकल रहा था।
फिर एक कपड़े से मैंने अपने सारे बदन को पौंछा और कपड़े पहन कर मैं वहां से जाने लगी.
मेरा टाइम भी पूरा हो गया था।

पर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और फिर मुझसे कहा- नेहा, तुम्हारे लिए जो हो सकेगा, मैं हमेशा तुम्हारे लिए करूंगा. तुम्हारे साथ हमेशा खड़ा हूं. बस मेरा साथ मत छोड़ना.

मैंने कहा- ठीक है सर!
और Xxx टीचर फक के बाद मैं वहां से चली गई.

सोच नहीं सकते कि मैं कितनी खुश थी. मेरे शरीर से जैसे बहुत बोझ हल्का हो गया था.
मैं अपने आप को बहुत रिलैक्स महसूस कर रही थी.

मेरे शरीर के रोंगटे एकदम खड़े थे.

इससे ज्यादा मेरे और उनके बीच में उसे दिन कुछ नहीं हुआ था.

आप सोच सकते हैं कि पहले या दूसरी बार में ऐसा कैसे हो सकता है.
लेकिन जब सेक्स की हवस शरीर पर भारी हो तो कुछ भी हो सकता है।

भारत में किसी शादी के फंक्शन में कुछ ही घंटे की बातचीत में लोग एक दूसरे से कनेक्ट हो जाते हैं और कुछ ही पलों की मुलाकात में अगले ही पल उनके बीच सेक्स हो जाता है.

ऐसा मेरे ही साथ कुछ अजीब नहीं हुआ था.

हम तो फिर भी एक दूसरे को बहुत समय से देखते हुए आए थे.
ऐसा नहीं था कि मैं उनको पहली बार देख रही थी या वे मुझे पहली बार देख रहे थे.

मेरे और उनके बीच में जो भी हुआ उसे दिन मैंने आपको अपनी सारी कहानी में बयां कर दिया।

मेरे अंदर सेक्स की कितनी भूख थी, आप सोच नहीं सकते.
इसलिए ही मैं इतनी आगे बढ़ गई।

मैंने उन्हें अपना कांटेक्ट नंबर दे दिया और हमारी घंटों तक बातें होने लगी।
हमारा रिश्ता ऐसे ही आगे बढ़ता गया।

फिर आगे क्या हुआ मैं आपको किसी अगली कहानी में बताऊंगी।

आपको मेरी Xxx टीचर फक कहानी कैसी लगी कृपया करके जरूर बताएं और आगे की कहानी जानने के लिए मुझे कमेन्ट और मेल करें.

स्कूल टीचर को क्लास में चोदा

 

कहानी तब की है, जब मैं स्कूल में बारहवीं कक्षा में पढ़ता था.

मेरे स्कूल में एक मैडम हुआ करती थी
उसका नाम था रुबीना था.
यह नाम भी बदला हुआ है.

रुबीना मैडम लगभग 35 साल की थी और वह मैडम बहुत ही सेक्सी थी.
मैं उसे घूरा करता था क्लास में! उसको भी मेरी निगाहों की जानकारी थी, वह्मेरे मन की बात जानती थी शायद.

उसका गोरा बदन, बड़े-बड़े बूब्स, बड़ी सी मोटी गांड आह … साला लंड आह रुबीना मैडम इतनी ज्यादा हॉट थी कि देखते ही लंड खड़ा हो जाता था.

उसके हिलते हुए चूतड़ देख कर कलेजा मुँह को आने लगता था. जब भी उसे कभी ब्लैकबोर्ड पर कुछ लिखते देखता था, तो उसकी चूचियां गजब थिरकती थीं.
कई बार तो मैंने क्लास में ही उसे देख कर मुठ मारी थी.

चूंकि मैं कक्षा में सबसे आखिरी वाली बेंच पर बैठता था.

एक बार की बात है एक दूसरी मैडम का पीरियड था.
उस दिन उस टीचर के स्थान पर रुबीना मैडम वापस कक्षा में आ गई.

कक्षा में आकर उसने कहा- आज तुम्हारी क्लास टीचर नहीं आई हैं, उनकी जगह पर मैं आई हूं. तुम सब अपनी अपनी पढ़ाई करो और शांति से बैठ कर अपना पाठ याद करो.

इतना कह कर रुबीना मैडम मेरे बाजू में बेंच पर आकर बैठ गई.
मैं भी अपनी किताब निकाल कर पढ़ाई करने लगा था.

लेकिन मुझे उसकी वासना का थोड़ा सा आभास होने लगा था क्योंकि वह मेरे साथ आकर बैठी थी.

उस दिन रुबीना मैडम ने नीले कलर की साड़ी पहनी थी और उससे मैचिंग का ब्लाउज पहना था.

अचानक एक साइड से मेरी नजर रुबीना मैडम के ब्लाउज पर गई.
उसके ब्लाउज में उसके बूब्स बहुत ही कसे हुए दिखाई दे रहे थे.

बगलों में पसीने के कारण गीले धब्बे बने हुए थे और उसके कपड़ों से गजब की महक आ रही थी.

यह नजारा देखते ही मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.
मेरे अन्दर की वासना भड़क उठी.

उसी वक्त मेरे दिमाग में रुबीना मैडम को चोदने का ख्याल आने लगा.

मैं धीरे-धीरे मैडम से चिपक कर बैठ गया और धीरे से अपना एक हाथ रुबीना मैडम के बूब्स से टच करने लगा.

रुबीना मैडम ने कुछ नहीं कहा.
इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई.

मैंने हिम्मत करके रुबीना मैडम का एक दूध दबा दिया.
रुबीना मैडम सिसक गई.

उसने गुस्से से मेरी तरफ देखा लेकिन कुछ कहा नहीं.

मेरी हिम्मत और बढ़ गई.
मैंने उसे मुस्कुरा कर देखा तो उसने कुछ खास तवज्जो नहीं दी और ना ही कुछ रिएक्ट किया.

चूंकि उस हम दोनों कक्षा की सबसे आखिरी वाली बेंच पर बैठे थे तो किसी की भी नजरें हमारी तरफ नहीं थीं.
मेरे आजू बाजू भी कोई बेंच नहीं थी.

मैंने मौके का फायदा उठाते हुए अपना काम आगे बढ़ाया और धीरे-धीरे रुबीना मैडम के बूब्स मसलने लगा.
रुबीना मैडम ने मेरी इस हरकत का कोई विरोध नहीं किया बल्कि उसने अपने हाथ कुछ खुले कर दिए जिससे मुझे उसके दूध मसलने में आसानी होने लगी.

उसके इस कदम से मुझे एक तरह से हरी झंडी मिल चुकी थी.
मैं अब जोर-जोर से रुबीना मैडम का अपनी तरफ वाला एक दूध मसलने लगा था.

रुबीना मैडम धीमी आवाज में सिसकारियां ले रही थी … और उसने अपनी टांगें भी फैला दी थीं जिससे मुझे समझ में आ गया था कि मैडम की चुत फड़क रही है.
शायद उसे अब भरपूर मजा आ रहा था.

उसकी कसमसाती टांगों को देख कर मैंने धीरे से अपना एक हाथ मैडम की पीठ की तरफ से अन्दर डालना शुरू किया तो उसने मेरे हाथ को अन्दर आने दिया.
मैंने झट से अपना हाथ बाहर निकाला और आगे से पेट की तरफ से साड़ी के अन्दर हाथ डाल कर सीधा उसकी चूत पर हथेली को ले गया.

आह … उसकी गीली पैंटी का अहसास होते ही मैं समझ गया कि चुत बह रही है.
मैंने उसकी गीली पैंटी के ऊपर से चूत को हथेली से भरा और बेरहमी से मसलने लगा.

उसकी आंखों में चुदास देख कर मेरे लौड़े की सख्ती बेहद बढ़ गई थी.

मैं चुत को रगड़ता ही रहा.
इससे हुआ यह कि थोड़ी ही देर में रुबीना मैडम की चूत और ज्यादा गीली हो गई.
तभी उसने झटके से मेरे हाथ को बाहर निकाल दिया.

मैंने हाथ बाहर निकाला और उसे अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
मैडम मेरी इस हरकत को देख कर मुस्कुरा दी.

थोड़ी देर बाद कक्षा छूटने की बेल बज गई.
कक्षा से सभी विद्यार्थी बाहर जाने लगे.

मैं रुबीना मैडम की तरफ देख रहा था.
तो उसने मुझे आंख के इशारे से कक्षा में ही रुकने का कह दिया.

मैं समझ गया कि आज मैडम की चुत का कुछ काम लगने वाला है.
मेरी बांछें खिल गई थीं.

जल्दी ही कक्षा से सभी छात्र एक-एक करके बाहर चले गए.

उसके बाद रुबीना मैडम ने कक्षा का दरवाजा बंद कर दिया और झट से आकर मुझसे चिपक गई.

उसने मुझसे कहा- साले आज तूने मेरे अन्दर बहुत आग लगा दी है, अब जल्दी से इस आग को बुझा दे!

मैंने अपने होंठ रुबीना मैडम के होंठों पर रखकर उसके होंठों को चूसना चालू कर दिया.

रुबीना मैडम भी मेरे साथ लग गई और वह मेरा पूरा साथ दे रही थी.
वह मुझे किसी जंगली बिल्ली की तरह नोंच रही थी और चूमती हुई अपने दोनों हाथों से मुझे अपनी तरफ खींच रही थी.

मैंने अपने दोनों हाथ उसके मम्मों पर जमाए और आटे की तरह गूँथते हुए मसलने व दबाने लगा.

जब जब उसका मुँह मेरे मुँह से अलग होता तो उसकी कामुक आहें निकलने लगतीं और वह मुझे वासना भरी नजरों से देखती हुई पुनः खाने में लग जाती.

थोड़ी देर में मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा का हुक खोल कर उसे यूं ही लटका रख कर उसके मम्मों को आजाद कर दिया.
मस्त खरबूज थे यार उसके … तकरीबन 36 इंच के दूध हवा में फुदकने लगे थे.

खुली हवा में आजाद होकर उसके दूध बेहद ही मादक लग रहे थे.
उसके दूध के ऊपर कड़क निप्पल मुझे कामोन्मादित कर रहे थे.

मैंने उसके मुँह से मुँह हटाया और उसके एक निप्पल को अपने होंठों में भर कर खींचने लगा.

जैसे ही उसका दूध मैंने अपने होंठों से पकड़ कर खींचा तो उसकी मीठी आह निकल गई.

वह गाली देती हुई बोली- मादरचोद, तुझे तो सब आता है … कितनी चुत छेद चुका है भड़वे!

मैंने चूचे को चूसते हुए उसे देखा और एक पल को दूध मुँह से हटा कर कहा- साली रंडी, पहले मेरे लौड़े का मजा ले ले बहन की लौड़ी. फिर सब बताऊंगा कि कितने छेद छेदे हैं!

वह हंस दी और मुझे अपने हाथ से अपना दूध चुसवाने लगी.

उसके रसीले मम्मों को देखकर मेरा लंड पूरी तरीके से खड़ा हो गया था.

मैं पागलों की तरह रुबीना मैडम के मम्मों को चूसने में लगा हुआ था.
रुबीना मैडम भी अपने दूध चुसवाती हुई बड़बड़ा रही थी- आह चूस ले मादरचोद आह … पूरी तरीके से चूस ले इन्हें … आह!

मैं कुछ और कहता कि तभी उसने मेरा लंड पकड़ लिया और कहने लगी- कितना सख्त लंड हो गया है तेरा … अब पेलने की तैयारी कर न!
मैंने यह सुना तो उसके कपड़े हटाने शुरू कर दिए और वह मेरे कपड़ों पर झपट पड़ी.

देखते देखते हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गए.

रुबीना मैडम नंगी होने पर बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
उसकी चुत पर रेशमी झांटें बड़ी ही सुंदर लग रही थीं.

मैंने उसका एक पैर उठाकर उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और चुत चूसने लगा.
थोड़ी ही देर में उसकी चूत चुदने के लिए रेडी हो गई थी.

रुबीना मैडम ने अब मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और उसे मसलती हुई बोली- साले सुल्तान … तेरा लंड तो बहुत ही मोटा है! आज तो इसे मैं पूरा खा जाऊंगी.

इतना कह कर वह किसी रंडी की तरह मेरा लंड चूसने लगी.
उसके लंड चूसने की अदा बता रही थी कि साली पुरानी चुसक्कड़ है.

सच में वह बहुत ही अच्छे तरीके से मेरे लंड की चुसाई कर रही थी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैंने रुबीना मैडम को बेंच पर लिटा दिया … और उसके दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत में सैट कर दिया.
वह अभी लंड के सुपारे की गर्मी और सख्ती का मजा ले ही रही थी कि मैंने एक बहुत जोर का झटका लगा दिया.

इस झटके के साथ मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी चुत को चीरता हुआ अन्दर चला गया.

रुबीना मैडम एकदम से पूरा लंड घुस जाने से चिल्लाने लगी- आह मर गई … धीरे से पेल कमीने आह मेरी चूत फाड़ देगा क्या मादरचोद … आह फाड़ दी बहन के लौड़े ने!

मैंने उसकी चिल्लपौं को नजरअंदाज किया और जोर जोर से चुत में धक्के लगाने लगा.
कुछ देर बाद वह भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी.
मैं उसे चोदता हुआ, उसके मम्मों को गालों को गर्दन को चूमने लगा.

मस्त चुदाई चलने लगी थी.
क्लास सेक्स विद टीचर में न वह थक रही थी और ना ही मैं हार मानने को राजी था.

काफी देर तक हमारी चुदाई चलती रही.

बाद में जब वह झड़ गई, तब मैंने भी अपने लंड का पूरा पानी रुबीना मैडम की चूत में डाल दिया.

झड़ कर हम दोनों शांत हो गए और थोड़ी देर तक उसी हालत में एक दूसरे के बांहों में पड़े रहे.

थोड़ी देर बाद हम दोनों ने उठ कर अपने अपने कपड़े पहने और बाहर निकल गए.

मैंने मैडम से कहा- फिर कब दोगी?
वह हंस दी और बोली- अब तो तुम मुझे पसंद आ गए हो, जब चाहे मेरी चूत का मजा ले लेना.

मैंने उसे थंब दिखाया और हम दोनों अपने-अपने घर चले गए.

दोस्तो, उसके बाद मैंने रुबीना मैडम को न जाने कितनी बार रगड़ा होगा मुझे खुद भी याद नहीं है.

Wednesday, 14 May 2025

ट्यूशन वाली दीदी की जबरदस्त चुदाई

 

मेरे से 12 साल बड़ी मेरी पड़ोसन दीदी की है जिनसे मैंने ट्यूशन पढ़ता था. तब तक मैंने सेक्स नहीं किया था. मैंने उस टीचर को कैसे अपने लंड के नीचे लिया?

दोस्तो, मैं अर्जुन यादव आपको अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी सुना रहा हूँ.

यह पोर्न टीचर Xxx कहानी आज से करीब 2 साल पहले की है, जब मेरी उम्र 24 साल की थी.
उस समय मैं कॉलेज से डिग्री ख़त्म करके घर पर आया था और मेरी नौकरी लग चुकी थी जो 2 महीने बाद चालू होनी थी.

इस वजह से मुझे दो महीने घर पर ही रहना था.

यहां पर यह बतानी ज़रूरी है कि उस समय तक मैंने सेक्स नहीं किया था और दिन रात सिर्फ सेक्स के बारे में ही सोचता रहता था.
मेरे दिमाग और शरीर में उत्तेजना का अंतहीन जवालामुखी बुरी तरह फटने को बेचैन था.

उस समय मुझे महिलाओं में सिर्फ कामुकता का समुद्र दिखता था, जिसके साथ मिलने को मेरे अन्दर का लावा बेचैन था.

शालिनी उस समय 36 वर्ष की थी यानि वो मुझसे 12 साल बड़ी थी और वह मेरे घर से 2 घर छोड़कर रहती थी.
उसके और हमारे घर के हमेशा से घरेलू ताल्लुकात रहे थे.

शालिनी की शादी कुछ 7-8 साल पहले हुई थी लेकिन एक साल पहले ही उसका तलाक हो चुका था और अब वह अपने मायके में ही रहती थी.
उसने मुझे दसवीं से बारहवीं कक्षा तक ट्यूशन पढ़ाई थी. उसने अपना ट्यूशन सेंटर फिर से चालू कर लिया था.

मुझे घर पर आए हुए एक दिन ही हुआ था और मैं अपने घर की बाल्कनी में खड़ा था.
उसी वक्त मैंने शालिनी को नीचे सड़क पर जाते हुए देखा था.

मैं क्या बताऊं, उसे देख कर मेरे होश उड़ गए थे.
उसने एक लाल रंग की टाइट कुर्ती और नीले रंग की जींस पहनी हुई थी.

उसका रंग हल्का सांवला सा था, आंखें बड़ी और काली, होंठ चटख लाल, मखमली और फूले हुए थे. उसके चूचे बड़े और टाइट थे और उसके शरीर की सबसे ख़ास बात थी उसकी गांड.

अगर कोई भी पुरुष, जो चाहे वो सदियों से कोमा में क्यों न हो, अगर उसे टाइट जींस में पीछे से चलते हुए देख ले, तो ये तय मानिए कि शालिनी के हसीन चूतड़ों की उछल कूद को देखकर उसका लंड भी अपनी पूर्ण मुद्रा में तन जाएगा.
यह भी कहा जा सकता है कि उसके गर्म शरीर में कामुकता का जो झरना बहता था, उसमें दुनिया का कोई भी पुरुष डूब कर अपनी जान गंवा देगा.

उस दिन सुबह उसे देखकर मैंने यह निश्चय कर लिया था कि मैं अपने लंड को इसकी चूत का स्वाद तो दिलाकर ही रहूँगा.
लेकिन अब मुझे यह योजना बनानी थी कि यह सब होगा कैसे?
मैं यह सब अपने मन में सोच ही रहा था कि मैंने देखा कि शालिनी नीचे जाती हुई मेरी तरफ देख रही है और स्माइल कर रही है.

तभी मुझे यह अहसास हुआ कि मैं ऊपर से उसके चूचों को ही घूरे जा रहा था.

वो नीचे से ही बोली- अरे अर्जुन, तू कब आया?
मैं- जी, कल ही आया मैं दीदी!

उसे दीदी कहने का मेरा मन तो नहीं कर रहा था लेकिन मैं उसे बचपन से दीदी ही बुलाता था, तो मुझे वही बोलना पड़ा.

वो- तू घर पर आ शाम को, फिर आराम से बात करते हैं.
मैं- जी दीदी.

उस समय हमारी इतनी ही बात हुई और वो चली गयी.
लेकिन जो तूफ़ान वो मेरे अन्दर पैदा करके गयी न, क्या बताऊं!
पूरी दोपहर मैं बस उसको अपने ख्यालों में चोदता रहा और उसे सोच कर मुठ मारता रहा.

शाम को मैं उसके घर गया.
उसके घर में उसके मम्मी पापा और वो ही रहते थे.
उसकी बड़ी बहन और बड़ा भाई दूसरे शहर में रहते थे.

उसने ही दरवाज़ा खोला तो मैंने देखा कि वो घर में पहनने वाला पजामा और एक पुराना टॉप पहनी हुई थी लेकिन उसका वो टॉप पुराना होने के कारण काफी टाइट हो चुका था और ऐसा लग रहा था मानो उसके चूचे अपनी कैद से आज़ाद होने के लिए तड़प रहे हों.

उसने मुझे एक झलक उसके चूचों को घूरते हुए देख लिया और मैंने तुरंत ही अपने आप को संभाला.

फिर हम दोनों कमरे में आ गए.
वहां उसकी मम्मी भी थीं.

काफी देर तक हम ऐसे ही बातें करते रहे.
वो मुझे मेरे बचपन की शैतानी के किस्से सुनाती रही.

फिर जाने का समय हो गया.
उसी वक़्त मेरे दिमाग में एक योजना आयी.
मैंने उससे कहा कि मेरे पास अभी 2 महीने हैं, तो मैं सोच रहा हूँ कि एमबीए करने के लिए CAT की तैयारी कर लूँ.

वो हम्म बोल कर मेरी बात आगे सुनने लगी.
मैंने उससे आगे कहा- आपकी इंग्लिश और लॉजिकल रीजनिंग काफी अच्छी है, तो क्या आप मुझे 2 महीने के लिए पढ़ा देंगी?

पहले तो वो सोचने लगी क्योंकि वो वैसे भी दिन भर अपने कोचिंग सेण्टर में बिजी रहती थी, लेकिन थोड़ी मनुहार करने पर वो मान गयी.
अब यह तय हुआ कि वो मुझे सुबह 6-7 के बीच पढ़ाएगी.

शुरू के 2-3 दिन तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन सुबह सुबह उसको देख कर मैं कैसे अपने आपको काबू में रख पाता था, यह मैं ही जानता हूँ.
बिना कोई मेकअप, बिना कोई साज सज्जा के, हल्के सांवले और गदराए शरीर में ऐसा लगता था मानो कामदेव खुद उसके शरीर में निवास करते हों.

चौथे दिन पहुंचा, तो आंटी ने गेट खोला.
उन्होंने कहा कि वो अभी सोकर ही नहीं उठी है.
मैं चुप था.

तभी आंटी ने कहा कि जा, तू ही उसे कमरे में जाकर उठा ले.

मैं उसके कमरे के पास पहुंचा, तो देखा कि उसके कमरे का दरवाज़ा अटका हुआ था.
मैंने धीरे से आवाज़ दी- शालिनी दीदी!

लेकिन कुछ प्रतिक्रिया न मिलने पर मैंने दरवाज़े पर हल्के से दस्तक दी और दरवाज़ा खुल गया.
मैं सीधा अन्दर चला गया.

वो बिस्तर पर सो रही थी और उसकी कमर तक के नीचे का हिस्सा चादर से ढका हुआ था, लेकिन उसके ऊपर का हिस्सा मैं देख सकता था.

आह क्या ही नज़ारा था वो …
उसने ऊपर टाइट टॉप पहन रखा था और उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, जिससे उसके चूचे बेतकल्लुफी में आधे से ज्यादा बाहर आ गए थे.

कमरे में एसी चालू होने के कारण कमरे में काफी ठंडक थी. उसके निप्पल कड़क हो चुके थे और मैं उन्हें टॉप में से ही अच्छी तरह से देख पा रहा था.
उसका टॉप नीचे से भी थोड़ा उठा हुआ था और उसकी नाभि और कमर भी मेरे सामने नंगी थी.

मेरा लंड यह नज़ारा देख कर खड़ा हो चुका था और मेरे शॉर्ट्स में उसका उभार साफ़ नज़र आ रहा था.
मैंने अपने आप को संभाला.

अभी मैं अपने लंड को सैट कर ही रहा था, ठीक उसी पल वो हड़बड़ाकर उठ गयी.

ज़ाहिर सी बात है कि कोई सुबह सुबह आपके कमरे में आ जाए, तो आप घबरा ही जाएंगे और उसके साथ भी वही हुआ.

उसके इस तरह उठने से उसका चादर उसके ऊपर से हट गया और तब मुझे अहसास हुआ कि उसने नीचे सिर्फ पैंटी ही पहन रखी थी.
उस पल कुछ क्षणों के लिए समय थम गया.
अंधेरे शांत कमरे में शालिनी बिस्तर पर घुटनों के बल आधी खड़ी हुई एक क्षण तक मुझे देखती रही और अगले क्षण मेरे शॉर्ट्स में से साफ़ दिखते हुए उभार को देखने लगी.

मैं उस कमरे में खड़ा हुआ सिर्फ उसकी पैंटी को ऐसे देखे जा रहा था मानो मैं उसे यूं ही गौर से देखता रहा, तो मुझे पैंटी में से ही उसकी चूत दिख जाएगी.
उस समय वो मुझे दुनिया की सबसे हसीन महिला से भी दस गुना ज्यादा हसीन और कामुक लग रही थी.

मेरा लंड अभी भी पूरी तरह खड़ा हुआ था.
मैंने देखा कि वो बार बार मेरे लंड की तरफ देखने की ऐसे कोशिश कर रही है मानो उससे भी रहा नहीं जा रहा हो.

उस समय मैं समझ गया कि वो तैयार है और कुछ करना पड़ेगा.
मैंने पीछे मुड़ कर देखा, तो कोई नहीं था.

उसका कमरा पहली मंज़िल पर था और उसके मम्मी पापा नीचे रहते थे.

मैंने उसी समय अपने शॉर्ट्स और अंडरवियर एक साथ नीचे कर दिए और अब मेरा खड़ा हुआ लंड उसकी नज़रों के सामने था.

यहां पर मैं यह बताना ज़रूरी समझता हूँ कि हालांकि मेरे लंड की लम्बाई सामान्य जितनी ही है, लेकिन मुझे यह बात हर लड़की ने बोली है कि मेरा लंड असामान्य रूप से मोटा है.
हालांकि उस समय मैंने यह काम सिर्फ उसकी प्रतिक्रिया जानने के लिए किया था और जो मुझे उम्मीद थी, वही हुआ.

वो एक मिनट तो मेरे लंड को ही देखती रही, फिर बोली- कोई आ जाएगा, जल्दी पहनो इसे!

उसकी बोली में ज़रा भी गुस्सा या घृणा का भाव नहीं था बल्कि एक चुलबुलाहट थी जो मैंने तुरंत भांप ली.
मैंने अपना शॉर्ट्स ठीक से पहन लिया.

फिर मैं एक बार कमरे के बाहर गया, यह देखने कि उसकी मम्मी कहां हैं.
जब कोई नहीं दिखा, तो मैं एक भूखे शेर की तरह फिर से अन्दर आ गया और सीधा शालिनी के पास पहुंच कर उसे अपनी बांहों में ले लिया.

मैंने उसको अपने एकदम करीब खींचा और सीधे उसके होंठ चूमने लगा.
उन मखमली होंठों के स्पर्श से ही मेरे शरीर में एक करंट लगा.

मैं एक जन्मों से प्यासे व्यक्ति की तरह उसके होंठों को ऐसे चूसने लगा, जैसे उसके होंठों में शहद भरा हो और मुझे अपनी प्यास बुझाने के लिए उसे चूस कर निकालना हो.
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

और कुछ सेकंड बाद हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे के होंठ और जीभ को चूसने लगे थे.
ऐसा प्रतीत होने लगा, जैसे हमारी सांसें एक हो गयी हों.

हम दोनों ही मदहोशी के उच्चतम बिंदु को पार कर चुके थे और भूल चुके थे कि हमारे चुम्बन के बाहर भी दुनिया है.

कुछ मिनट के चुम्बन के बाद उसे हल्का सा होश आया और वो बोली कि कोई आ जाएगा.
मैंने एक बार फिर बाहर जाकर देखा, तो कोई नहीं था.

मैं अन्दर आया और मैंने कहा- अभी 5-7 मिनट हम यहां और रह सकते हैं. उसके बाद तुम्हारी मम्मी को शक होने लगेगा.
उसने मुझे फिर एक चुलबुली नज़र से देखा और बोली- और क्या कर लोगे इतने से टाइम में?

मैंने बिना कुछ सोचे उसे बिस्तर पर धक्के से लिटा दिया. फिर जो चादर उसने बांध रखी थी, वो खोल दी.
उसकी पैंटी उतारी और अपना सिर उसकी दोनों टांगों के बीच में सटा दिया.

उस पोर्न टीचर की चूत पहले से ही गीली थी और उसकी गंध ने मुझे एक बार फिर मदहोश कर दिया.
मैं सब कुछ भूल कर उसकी चूत को सहलाने और जीभ से चाटने लगा.

वो भी वापस पागल हो गयी और मेरे बाल अपने हाथों से सहलाने लगी, जिससे मैं मदहोशी में और डूबता जा रहा था.

हालांकि वो उस समय 36 साल की थी लेकिन चूत उसकी अभी भी कसी हुई थी और अभी फैली नहीं थी.
मैं उसकी चूत को ऐसे चाट रहा था, जैसे भूखा कुत्ता दूध के कटोरे को चाटता है.

वो भी मदहोशी में कराह रही थी और कह रही थी- आंह और चूसो … आह पी लो मेरा पानी … मेरे पति ने तो कभी ये सुख नहीं दिया मुझे.

कुछ ही मिनटों में वो झड़ गयी और उसका सारा पानी मैंने पी लिया.
अब हमारे पास नीचे आने के अलावा कोई चारा नहीं था लेकिन अभी भी हम दोनों के शरीर में ज्वाला जागी हुई थी.

हम दोनों नीचे आए तो आंटी ने पूछा- बड़ी देर लगा दी?
शालिनी बोली- मुझे उठने में थोड़ा टाइम लगा.

फिर आंटी ने कहा- मैं मंदिर जा रही हूँ.
बस इतना कह कर वो निकल गईं.

हम दोनों कोचिंग वाले कमरे में पहुंचे, जो शालिनी के पापा के कमरे से दूसरे कोने में था.
वो अभी भी सो रहे थे.

हम कमरे में पहुंचते ही एक दूसरे को पगलों की तरह चूमने लगे.
जल्द ही हम दोनों अपनी अलग दुनिया में पहुंच गए.

शालिनी ने कहा- मैं एक साल से नहीं चुदी हूँ. अब और इंतज़ार नहीं होता मुझसे!
मैंने वहीं अपने शॉर्ट्स और अंडरवियर उतार दिए और शालिनी का भी पायजामा व पैंटी उतार दी.

फिर मैंने उसे पीछे करके दीवार पर लगे वाइट बोर्ड से टिका दिया, पीछे से अपना लंड उस Xxx टीचर की चूत पर सैट कर दिया.

मैंने पूछा- तैयार हो क्या?
वो बोली- मैं तो कब से तैयार बैठी थी. बस मुझे अपनी चूत में लंड चाहिए.

यह सुनते ही मैंने अपना मोटा लंड एक शॉट में ही अन्दर घुसा दिया और उसकी चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि वो एक बार में ही पूरा अन्दर चला गया.
उसके मुँह से आवाज़ आयी ‘आहहह … मर गई हह.’

इस आवाज को सुनकर कोई भी पहचान सकता था कि उसे जिस्मानी सुख की प्राप्ति हो रही है.
मैं जोर जोर से धक्के देने लगा और मेरा लंड उसके नर्म नर्म चूतड़ों के बीच से होता हुआ उसकी चूत में प्रवेश कर रहा था और पूरा अन्दर चला जा रहा था.

उस समय जब मैं उसे चोद रहा था, तो हम दोनों ही वासना की चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी.
थोड़ी ही देर में वो फिर से झड़ गयी और उसका पानी चूत से बहने लगा.

मैं एक पल को रुका, लेकिन उस पोर्न टीचर ने मुझे कहा- तुम चुदाई जारी रखो.

थोड़ी देर बाद मैं कुर्सी पर बैठ गया और वो मेरी गोदी में बैठ कर मेरे लंड पर उछल उछल कर अपनी चुदाई करवाती रही.
वो फिर से झड़ी और इस बार मैं भी झड़ गया और अपना सारा वीर्य मैंने उसके मुँह में छोड़ा, जो वो पूरा पी गई.

उसके बाद हमने पूरे 2 महीने रोज़ चुदाई की और मैंने उसकी गांड भी मारी, जो कि उसकी चूत मारने से भी बढ़िया अनुभव था.

ज्योतिषी बन कर भाभी को बच्चा दिया

  मेरे पास जॉब नहीं थी, मैं फर्जी ज्योतिषी बनकर हाथ देख कर कमाई करने लगा. एक भाभी मेरे पास बच्चे की चाह में आई. वह माल भाबी थी. भाभी की रंड...