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Friday, 30 May 2025

स्लीपर बस में कपल को सर्विस दी

मेरा नाम राजेश बिराना है।
मैं राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 32 साल है। कद-काठी मेरी अच्छी है।
मेरा वजन 68 किलोग्राम है और हाईट 5.9 फीट है।

कई लोग मेरी बॉडी को स्लिम और सेक्सी भी बताते हैं।
लेकिन जो उनको नहीं पता है वह है मेरे लंड का साइज।
मैं तारीफ नहीं कर रहा, लेकिन ये हकीकत है कि मेरे लंड का साइज 7 इंच है। यह 2.8 इंच मोटा है। आप समझ सकते हैं कि ये किसी चूत में जाएगा तो उसे कितना मजा दे सकता है।

मेरी पिछली कहानी
दिल्ली में वन नाईट स्टैंड वाली मस्ती
करीब 8 साल पहले आई थी.
मैं आपके लिए फिर से एक सच्ची रनिंग बस सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूं।

दोस्तो, मुझे चूत चाटने का बहुत ही ज्यादा शौक है।
मैं चुदाई से पहले चूत को अच्छे से चाटता हूँ मगर चूत एकदम क्लीन शेव, चिकनी और साफ-सुथरी होनी चाहिए।
मैं ज्यादातर कपल यानि शादीशुदा लोगों के साथ ही मस्ती करता हूँ।

पति के सामने उसकी बीवी को चोदना और उसकी चूत चाटना मुझे बहुत पसन्द है।
कपल में उम्र मेरे लिए कोई मायने नहीं रखती।

अब आपको मैं मेरे जिस अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूँ वो बात आज से 7 साल पहले की है।

2009 में मैं गुजरात, गांधीनगर में एक प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी में काम करता था।
उस समय मैं प्राइवेट तरीके से जिगोलो सेवा भी देता था लेकिन अब मैंने वो बन्द कर दी है।
अब मेरी सरकारी नौकरी है।

मस्ती तो मैं अब भी करता हूँ लेकिन बस मस्ती के लिए।
मगर जो कपल मस्ती के लिए बुलाता है सभी खर्चे वही करता है … जैसे मेरे आने-जाने का किराया आदि भी।

तो उस समय मेरी आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी।
इसलिए मैं कभी-कभी ऑनलाइन अपना न्यूड कैम शो करके भी पैसा कमाता था।

यह बात अगस्त 2009 की है।

तब बरसात के दिन चल रहे थे और मुझे राखी पर घर आना था।
तो मैं अहमदाबाद बस स्टैंड पर था।

स्लीपर बस के टिकट पता किया तो पता चला सभी बस फुल थीं राखी की वजह से।

फिर रात 9 बजे की एसी स्लीपर में एक सीट मिली मुश्किल से!
तो मैंने वो सीट ले ली।

उसका किराया उस समय 600 रुपये था जयपुर तक का।

मैंने टिकट ले ली और अभी 7.30 ही बजे थे।
मैं वहीं बस का इंतज़ार करने लगा।

धीरे-धीरे लोग आने लगे।
मै फोन में इंटरनेट चलाने लगा और फेसबुक पर दोस्तों से चैट करने लगा।

फिर आठ बज गए।

मेरा एक कपल दोस्त ऑनलाइन हुआ जिससे मैंने पिछले शनिवार को ही कैम ब्रॉडकास्ट करते समय फोन सेक्स और कैम सेक्स किया था।
लेकिन उन लोगों ने अपना चेहरा नहीं दिखाया था।
बॉडी फिगर से वो लोग जवान लग रहे थे।
आदमी ने अपनी उम्र 28 बताई थी और औरत ने 22 की बताई थी।

उनकी शादी को अभी एक साल ही हुआ था।
उन लोगों ने अपना नाम रोहन (काल्पनिक) और रश्मि (काल्पनिक) बताया था।
दोनों एक एम एन सी कंपनी में काम करते थे।

वो दोनों शनिवार मतलब वीकेंड पर ही फ्री होते थे और मस्ती करते थे।
तो उस कपल ने मुझे गुड इवनिंग मैसेज किया।
मैंने भी गुड इवनिंग लिखा।

अब आपको हमारी चैट सुनाता हूँ। रोहन से मेरी चैटिंग हुई जो निम्न प्रकार से है:
रोहन- हेलो राजेश, कैसे हो?
मैं- मस्त हूँ यार रोहन, तुम सुनाओ … तुम लोग कैसे हो?

रोहन- हम भी मस्त हैं, घर जा रहे हैं दिल्ली, तुम सुनाओ, तुम क्या कर रहे हो?
मैं- मैं भी यार … राखी पर घर जा रहा हूँ, अभी जयपुर की स्लीपर बस का ही इंतज़ार कर रहा हूँ।

रोहन- यार राजेश हम भी जयपुर होकर ही दिल्ली जा रहे हैं। और हम भी बस का ही इंतज़ार कर रहे हैं, काश! आप हमारे साथ हमारी बस में चलते तो मजा आ जाता! वैसे एक बात कहूँ? रश्मि डार्लिंग को तुम्हारा मस्त लण्ड बहुत पसन्द है। वो कहती है कि दिल करता है पूरे दिन और रात उस मस्त लण्ड को चूसती रहूं और उससे अपनी चूत चुदवाती रहूं।

मैं- यार, बड़ी मुश्किल से एसी स्लीपर में सीट मिली है।
रोहन- कितने बजे जायेगी तुम्हारी बस?
मैं- 9 बजे। और आपकी बस कितने बजे की है?

रोहन- 9 बजे की ही है, क्या हम लोग मिल सकते हैं?
मैं- हाँ, मिल सकते हैं.
और मैंने ट्रेवल एजेंसी का नाम उनको बता दिया.

रोहन- यार हम भी इसी बस से जा रहे हैं और हमारा स्लीपर बी2 है। अभी तुम कहाँ हो?

मैं- मैं तो बाहर ही बैठा बस का इंतज़ार कर रहा हूँ।
रोहन- यार तुमको बाहर रंगीला भटूरे वाले नाम का ठेला दिखाई दे रहा है, हम वहीं आ रहे हैं … वहीं कोल्ड ड्रिंक पीयेंगे।
मैं- ठीक है, मैं भी आ रहा हूँ।

फिर मैं उस ठेले के पास पहुंच गया।
दो मिनट बाद एक जवान कपल आया, उसने ठेले वाले से तीन पेप्सी की बोतल ली और मेरे पास आकर बोला- आप राजेश ही हैं न?
मैंने जवाब दिया- हाँ, आप?

उसने बताया- मैं रोहन हूँ जिससे अभी आपकी फेसबुक पर चैट हो रही थी, और ये मेरी वाइफ रश्मि।
रश्मि ने मुझे हाथ जोड़कर नमस्ते कहा तो मैंने भी हाथ जोड़कर नमस्ते किया।

रोहन बोला- उधर कुर्सी पर बैठ कर बातें करते हैं।
उसने एक कोने में रखी चार कुर्सियों की तरफ इशारा करते हुए कहा।

फिर हम जाकर कुर्सियों पर बैठ गए।
सबसे बायें रोहन, फिर रश्मि और फिर मैं।

दोस्तो, आगे बढ़ने से पहले रश्मि और रोहन के बारे में बता दूं।

रोहन की हाइट मेरे बराबर थी और बॉडी भी मेरे जैसी ही थी।
उसने नीली धारीदार शर्ट और डार्क ब्लू जीन्स पहनी थी।

रश्मि की हाइट करीब 5.5 फीट होगी।
और उसका फिगर था 34-32-36 का।

रश्मि ने सूट सलवार पहना था और हल्का मेकअप भी किया हुआ था।

रोहन- यार, हम जैसे ही यहां आये तो रश्मि डार्लिंग को तुम दिखाई दिए थे, हम दोनों ने तुमको कैम पर देखा था। इसलिए ये तुझे पहचान गई। वैसे भी ये तुमको कैम पर न्यूड देख कर बहुत उत्तेजित हो जाती है।
रश्मि- आप भी ना … क्या बकते रहते हो! जगह भी नहीं देखते।

रोहन- यार राजेश, मैं झूठ नहीं बोल रहा लेकिन ये तुम्हारे मस्त लण्ड की बड़ी फैन है। पिछले शनिवार को ही तो कैम देखा था। उस दिन मेरी जान बहुत जोश में थी और माँ कसम … कहने लगी कि यदि राजेश यहां होता तो उसको सारी रात सोने नहीं देती। पूरी रात खूब (धीरे से) चुदवाती।

रश्मि- कभी तो शर्म कर लिया करो … हर जगह बेशर्मी अच्छी नहीं लगती।

रोहन- अच्छा एक बात बताओ तुमने कैसे पहचान लिया राजेश को? मैंने तो पहचाना नहीं, मैंने भी तो कैम पर देखा था।
मैं- यार छोड़ो ये सब, और सुनाओ … फिर कैसा लगा तुमको मेरा कैम शो?

रोहन- वो इतना मस्त था कि आज रश्मि डार्लिंग का बस में लाइव शो देखने का इरादा है।
मैं- वो तो ठीक है, लेकिन मेरा स्लीपर नहीं है तो कैसे?

रोहन- यार उसका तरीका है मेरे पास, आप और रश्मि दोनों बस के स्लीपर में पति पत्नि बन कर जाना और आपकी सीट पर मैं बैठ जाऊंगा। बस तुम मेरी डार्लिंग को खुश कर देना। तुम अपनी टिकट मुझे दे दो और हमारी टिकट डार्लिंग के वैनिटी बैग में है।

मैं- वो तो ठीक है, लेकिन रश्मि जी अभी इतना शर्मा रही हैं तो फिर कैसे वो पूरा आनंद ले पाएंगी? इस खेल में तो दोनों पक्षों को पूरा बेशर्म होना पड़ेगा तभी तो पूरा मजा आएगा दोनों को।

तो दोस्तो, मैंने अपनी टिकट रोहन को दी।
इतने में बस आ गई।

मैंने अपना बैग उठाया और मैं और रश्मि, दोनों स्लीपर में चढ़ गए।

इस बस के स्लीपर में प्लाईवुड का दरवाजा था लेकिन आमतौर पर बस के स्लीपर में पर्दे ही लगे होते हैं।

प्राइवेसी के लिए पर इस स्लीपर में प्राइवेसी की अच्छी सुविधा दी गई थी।
रोहन मेरी सीट पर बैठ गया।

थोड़ी देर में कंडक्टर आकर टिकट चेक करके चला गया और हमने स्लीपर की खिड़की बन्द करके पर्दे लगा दिए।

मैं और रश्मि आमने सामने बैठ गए।
रश्मि धीरे से बोली- तुम कैम शो में मस्त सेक्सी लगते हो और तुम्हारा मस्त लण्ड तो जबरदस्त लगता है।

कहते हुए रश्मि ने अपना पैर मेरे पैरों के बीच में रखा और मेरे लण्ड को पैर से ही मेरी पैंट के ऊपर से सहलाने लगी।
मेरा पैर भी अब रश्मि की चूत के पास था तो मैंने अपने अगूंठे से रश्मि की चूत को सलवार के ऊपर से सहलाना शुरू कर दिया।

ऐसा करते हुए हम एक दूसरे को देखकर मुस्कराने लगे।
मैं मुस्कराते हुए बोला- रश्मि जी यदि आप चाहो तो जो आपने कैम शो में देखा था वो आप रियल में भी देख सकती हैं।
रश्मि बोली- नेकी और पूछ पूछ? दिखाओ न यार …

फिर वो एकदम से बोली- राजेश … ये तुम मुझे रश्मि जी कहना बन्द करो, तुम मुझे या तो रश्मि डार्लिंग कह सकते हो या सिर्फ रश्मि या डार्लिंग।

इतना सुनते ही मैंने अपनी पैंट का हुक खोल दिया।
इतने में ही रश्मि ने अपने पैर के अंगूठे और उंगली से ज़िप को पकड़ा और नीचे खींच दिया।
मैंने अपने कूल्हे उठा कर पैंट घुटने तक उतार दी।

फिर रश्मि ने अपने हाथों से पैंट पकड़ कर पूरी उतार दी।
अब मैं जॉकी के अंडरवियर में था तो रश्मि अपने पैर से मस्त लण्ड को जॉकी के ऊपर से सहलाते हुए बोली- यार इसको भी उतारो ना!

मैं बोला- अब आपका काम है डार्लिंग आगे का!
रश्मि मुस्कराते हुए अपने पैर के अंगूठे और उंगली को जॉकी की इलास्टिक में फंसा कर नीचे खींचने लगी।

लेकिन लंड पूरा तना हुआ होने के कारण नीचे नहीं खींच पाई।
तो रश्मि थोड़ी आगे खिसकी और अपने हाथों से मेरी जॉकी नीचे की।

मैंने कूल्हे उठाये और उसने मेरी जॉकी निकाल कर अलग रख दी और अपने पैर के अंगूठे से लण्ड को सहलाने लगी।

मैं भी रश्मि की चूचियों को सूट के ऊपर से सहलाते हुए बोला- डार्लिंग तुम भी कैम शो में बिना कपड़ों के थी तो आज …
रश्मि मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली- जब मैंने मस्त लण्ड को नंगा कर लिया तो तुम भी कर लो।

कहने पर मैंने रश्मि को मेरी तरफ खींचते हुए उसके सूट को उतार दिया और उसकी 34 इंच की बड़ी चूचियों पर कसी हुई जालीदार काली ब्रा भी खोल दी।
और फिर सलवार भी उतार दी और साथ ही काली जालीदार पैंटी।

जैसे ही मैंने पैंटी उतार कर सूंघी तो रश्मि की चूत की खुशबू से मैं मदहोश हो गया।
रश्मि की चूत के रस उसकी पैंटी भीगी हुई थी जिसे मैंने सेक्सी अंदाज में आँख मारते हुए रश्मि को दिखाते हुए चाट लिया।

इधर रश्मि ने मेरे मस्त लण्ड को अपने दोनों हाथों में लेकर सहलाते हुए कहा- पैंटी से रस क्यों चाट रहे हो … सीधे रस की कटोरी पर मुँह लगा लो।

इतना सुनते ही मैंने रश्मि को पीछे की तरफ धकेल कर उसकी चिकनी, साफ-सुथरी बिना बालों वाली चूत पर मुँह टिका दिया।
चूत पर मुंह लगते ही रश्मि के मुँह से सिसकारी निकल गई।

मैं अपनी जीभ की नोक से रश्मि की चूत के दाने को सहलाने लगा।
और फिर धीरे-धीरे जीभ से चूत के बाहरी होंठ को चाटने लगा।

रश्मि ने मेरे सिर के बालों में उंगली फिराना शुरू कर दिया और मजे में सिसकारी भरते हुए धीरे से बोली- आह्ह्ह … सी … सी … राजेश … उम्म्मह … बहुत मस्त चाट रहे हो। ह्म्म्म … आहह … हाँ थोड़ा ऊपर की तरफ भी चाटो। ओह्ह … बहुत मजा आ रहा है ह्म्म्म … तुम मस्त चाटते हो । ओह्ह …सी … सी … हाँ मेरी कमीनी चूत के किनारों को ऐसे ही चूसो ओह्ह … आहह … ऐसा लग रहा है जैसे मैं उड़ रही हूँ! आहह … चाटते रहो।

वो अपनी कमर को ऊपर उठा कर मेरे मुंह पर चूत रगड़ते हुए अपने हाथ से मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी।
मैं अब रश्मि की चूत के किनारों को चूसते हुए उसकी चूत के दाने को भी मुँह में लेकर चूसने लगा।
इससे रश्मि की आहें और तेज हो चलीं।

फिर लगभग 10 मिनट बाद रश्मि अपनी चूत को मेरे मुँह पर जोर से रगड़ते हुए बड़बड़ाने लगी- आहह … चाटो और जोर से चूसो … आहह … ओह्ह … मेरी चूत … साली कमीनी चूत को चूस जाओ … खा जाओ आहह … मैं झड़ी ओह्ह … मेरी चूत झड़ी।

कहते हुए रश्मि ने अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को पकड़ लिया और पकड़कर अपनी चूत पर जोर से रगड़ते हुए झड़ गई।
उसने अपनी चूत का कसैला सा नमकीन रस मुझे पिला दिया और एकदम शिथिल पड़ गई।

मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर साफ़ किया।

फिर जब मैं चूत को साफ़ करके बैठा और उसकी तरफ देखा तो मेरी तरफ मुस्कराते हुए बोली- डार्लिंग, कसम से मजा आ गया रनिंग बस सेक्स करके … क्या चूत चाटते हो … अंग अंग में मस्ती भर देते हो।

मैं अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए बोला- सच में रश्मि … तेरी चूत बड़ी रसीली है … मजा आ गया।
तभी अचानक से बस रुक गई।

मैंने बताया था कि मैं राखी के त्यौहार लिए अहमदाबाद से अपने घर जा रहा था।

मुझे स्लीपर बस में एक कपल मिल गया जिसके साथ कुछ समय पहले मैंने कैम सेक्स किया था।

उस कपल का मन था कि मैं बस में ही फिर से मस्ती करूं और उनका मनोरंजन करूं।
इसलिए कपल में लेडी रश्मि का पति रोहन हमें केबिन में छोड़कर चला गया।

मैंने रश्मि की चूचियों को नंगी किया और उसकी चूत को भी नंगी करके खूब चाटा।
रश्मि मेरे मुंह में ही झड़ गई।
वो खुश हो गई और बोली- ओह्ह … मजा आ गया … क्या मस्त चाटते हो।
इतने में ही बस रुकी तो पता चला कि चिलौड़ा स्टैंड आ गया।

अब आगे की Xxx बस फक स्टोरी:

हमने देखा कि बस रुक गई है।
मैंने रश्मि से कहा- कुछ लेना है क्या?

रश्मि मुस्कराते हुए बोली- तुम्हारा मस्त लंड लेना है।
उसने नीचे की तरफ देखा तो लंड उसे सलामी दे रहा था।
लंड में बार-बार झटके लग रहे थे।

मैंने रश्मि से कहा- ये आपसे विनती कर रहा है कि आप भी इसे प्यार करो और अपने नाजुक होंठों से इसको दुलार करो।

रश्मि घुटनों पर हो गई और लंड को हाथ पकड़ कर प्यार से दुलारने लगी।
फिर वो लंड के टोपे को चाटने लगी।

उसकी चूचियां मेरे सामने ही झूल रही थीं जिनको मैंने अपने दोनों हाथों से सहलाना शुरू कर दिया।

फिर मैं धीरे-धीरे चूचियों को मसलने लगा।
रश्मि भी मेरे लंड को मुंह में लेकर कुल्फी की तरह चूसने लगी।

मैं एक हाथ से उसकी चूची दबाते हुए दूसरे हाथ से उसके कूल्हों और गान्ड को सहलाने लगा और अपने घुटनों पर खड़ा होकर रश्मि के मुँह को चोदने लगा।

फिर दोनों चूचियों को जोर से दबाने लगा तो रश्मि भी मेरे लण्ड को गले तक लेकर चूसने लगी।

लण्ड पर रश्मि का थूक लिथड़ गया था और जैसे ही रश्मि लण्ड को मुँह से बाहर निकालती थूक लण्ड से टपकने लगता।

मैं रश्मि की चूचियों को सहलाते हुए बोला- डार्लिंग मेरा दिल फिर से तेरी रसीली चूत चूसने का हो रहा है। हम दोनों 69 में हो जाते हैं जिस से तुम मेरा लण्ड चूसना और मैं तेरी चूत।

फिर मैं लेट गया और रश्मि मेरे मुँह पर चूत टिका कर झुक गई और लण्ड को चूसने लगी।
मैं सीट से पीठ लगा कर अधलेटा ही हो गया था जिससे रश्मि घुटनों पर ही झुकी हुई थी और उसकी गान्ड मेरी तरफ उठी हुई थी।

मैं दोनों हाथों से उसकी गान्ड को सहलाते हुए चूत चाटने लगा।
तभी मुझे सामने रश्मि की गान्ड का भूरा छेद दिखाई दिया।

मैंने उस पर ढेर सारा थूक दिया और अपने हाथ की बड़ी उंगली को उसमें धीरे-धीरे घुसाते हुए उसकी चूत चाटने लगा।

रश्मि ने उंगली का स्पर्श अपनी गान्ड के छेद पर पाकर गान्ड हल्की सी ढीली की और उंगली अंदर चली गई।
अब मैं उसकी गान्ड में उंगली करते हुए चूत चाटने लगा।

रश्मि भी गान्ड को मुँह पर हिला हिलाकर लण्ड चूस रही थी।

फिर मैंने एक अँगूठा उसकी चूत में घुसा दिया और अब अगूंठा और उंगली को आपस में अंदर रगड़ते हुए अंदर-बाहर करते हुए चूत चाटने लगा।

रश्मि को काफी मजा आने लगा और अब वो मेरे लण्ड को जोर से चूसते हुए ऊंह्ह … आह्ह करते हुए अपनी गांड भी हिलाने लगी।

तभी उसने अचानक अपनी गान्ड मेरे मुँह से हटाई और मेरी तरफ मुड़ कर अपने वैनिटी बैग से स्ट्रॉबेरी फ्लेवर का मूड डॉटेड कंडोम पैकेट निकाल लिया।
उसने पैकेट फाड़ा और कंडोम निकाल कर मेरे लण्ड पर चढ़ाया।

फिर मेरे लण्ड पर बैठते हुए उसने चूत में लंड को उतरवा लिया और मेरे गले में बांहें डालकर मेरे होंठों को चूसते हुए बोली- अब मेरी इस कमीनी चूत से रहा नहीं जा रहा। अब मैं तेरे लण्ड को चोदे बिना नहीं छोडूंगी।

कहकर वो मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे लण्ड पर उछलने लगी.
कि तभी अचानक बस ने ब्रेक मारा और लण्ड रश्मि की चूत में पूरा बैठ गया।
इससे रश्मि की चूचियां मेरे सीने से दब गईं।

देखा तो हिम्मतनगर आ गया था।
मैंने रश्मि को थोड़ी देर रुकने को कहा कि बस चलने दो.
तो रश्मि मेरे ऊपर ही लेट गयी और मैं भी सीधा लेट गया।

रश्मि की चूचियां मेरे सीने पर दब रही थीं और रश्मि मुझसे लिपट कर मेरे होंठों को चूस रही थी।

इतने में रोहन का फोन आया।
उसने फोन उठाकर बात करना शुरू किया- क्या चल रहा है रश्मि?
रश्मि मुस्कराते हुए बोली- आहह … सी … सी … मस्त लण्ड की सवारी हो रही है।

रोहन बोला- कैसा है मस्त लण्ड?
रश्मि बोली- आहह … कसम से बहुत टाइट है, बड़ा मजा आ रहा है … तुम भी आ जाओ।

रोहन बोला- ठीक है खिड़की खोलो।
रश्मि बोली- यार, हम दोनों नंगे हैं।
रोहन बोला- कुछ कपड़ा डाल लो और साइड में हो जाओ और खोलो, मैं आता हूँ।

रश्मि मुझसे बोली- रोहन आ रहा है … कैसे खोलें खिड़की?
मैं- मेरे बैग में एक चादर रखी है।
कहकर मैंने झट से चादर निकाली और हम दोनों के ऊपर डाल ली।

हमारे पैर खिड़की की तरफ थे तो हमने खिड़की खोल दी।
लेकिन हम उसी पोजीशन में लेटे रहे।

इतने में रोहन अंदर आ गया।

खिड़की वापस से बंद करके हमने सिटकनी लगा दी।
रोहन ने हम दोनों के ऊपर से चादर खींच दी तो देखा कि रश्मि मेरे लंड पर सवार थी।

रोहन ने अपनी ज़िप खोली और लण्ड निकालकर हिलाते हुए बोला- डार्लिंग रुक क्यों गयी, हो जाओ शुरू … तुम लोगों की लाइव चुदाई देखने आया हूँ।

जैसे ही बस हिम्मतनगर से चली तो रश्मि की मस्त लण्ड की सवारी शुरू हुई।

रोहन भी मेरी बगल में आकर लेट गया और मेरे साथ रश्मि की चूचियों को दबाने लगा।

अब रोहन ने भी अपनी पैंट और अंडरवियर उतार दी और रश्मि रोहन के लण्ड को हाथ से हिलाते हुए मेरे लण्ड पर उछल उछलकर चुदवाने लगी।
मैं रश्मि की चूचियों को चूसते हुए उसकी गान्ड को दोनों हाथों से पकड़ते हुए उसे चुदवाने में मदद कर रहा था।

रोहन अब घुटनों के बल बैठ गया और रश्मि के मुँह को अपने लण्ड पर टिका कर बोला- जानेमन … मस्त लण्ड की सवारी करते हुए मेरे लण्ड की चुसाई का आनन्द लो।

सुनकर रश्मि मेरे मस्त लण्ड की सवारी करते हुए रोहन के लण्ड को चूसने लगी और मैं और रोहन दोनों उसकी चूचियों से खेलने लगे।

रोहन- यार देखा मेरी चुदक्कड़ बीवी को … कैसे लण्ड चूसते हुए चुदवा रही है। मैं कह रहा था कि मेरी बीवी बेड पर धमाल मचा देती है. बेड पर पूरी बेशर्म होकर चुदाई का मजा लेती है मेरी ये सेक्सी डार्लिंग।

मैं- हाँ यार, मुझे तो पहले लगा कि ये इतना शर्मा रही है तो कैसे चुदाई का खुलकर मजा लेगी. पर सच में … ये बेड में तो पूरी रंडी बन जाती है।

रश्मि मेरे लण्ड पर उछलते हुए रोहन का लण्ड चूसे जा रही थी और हमारी बातें सुनकर मुस्करा रही थी।

अब मैंने रश्मि की गान्ड को दोनों हाथों से पकड़ कर जोरदार स्पीड में चोदना शुरू किया।
उधर रोहन ने रश्मि के सिर को पकड़ कर उसके मुंह को चोदना शुरू किया।

रश्मि के मुह से गूँ गूँ गूँ … की आवाज ही आ रही थी और उसकी चूत चुदाई के मजे से गीली हो गई थी … जिससे चूत से फच फच फच … की आवाज आ रही थी।

मेरी जोरदार चुदाई से शायद रश्मि झड़ने के कगार पर पहुंच गई थी और शायद वो इतने में ही झड़ने लगी।
क्योंकि हम देख रहे थे कि रश्मि का जिस्म अकड़ने लगा और मुझे लण्ड पर चूत रस की फुहार सी महसूस हुई।

अब मेरा लण्ड भी उत्तेजना से फटने लगा तो मेरी चुदाई की स्पीड बढ़ गयी।
उधर रोहन ने रश्मि के मुँह में ही पिचकारी छोड़ना शुरू कर दिया और झड़ गया।

रोहन के वीर्य को रश्मि ने बाद में अपने रुमाल में उगल दिया और रोहन के रुमाल से मुँह पौंछते हुए बोली- राजेश डार्लिंग, मुझे वीर्य पीना अच्छा नहीं लगता मगर अपनी चूचियों पर गिराना अच्छा लगता है, जब तुम झड़ने को हो तो लण्ड निकाल लेना और मेरी चूचियों को नहला देना।

मैंने थोड़ी देर बाद रश्मि को ऊपर से हटाया और मैं घुटनो के बल बैठ गया और रश्मि मेरे लण्ड के नीचे लेट गयी।
वो मेरे आंडों को चाटने लगी और एक हाथ से लण्ड की मुठ मारने लगी।

अब मैं रश्मि के दोनों बूब्स को मिला कर उसके बूब्स को चोदने लगा तो रश्मि ने मुठ मारना बन्द कर दिया।

दो मिनट में ही मेरे लण्ड ने रश्मि की चूचियों में पिचकारी मारनी शुरू की जिस से कुछ वीर्य रश्मि की नाभि में भी भर गया।
फिर मैं साइड में बैठ गया।

तब रोहन ने रश्मि की चूचियों की मेरे वीर्य से मालिश की।
अब डूंगरपुर आ गया था।
रात का 1 बज गया था।

बस एक ढाबे पर खाने के लिए रुकी तो रोहन बोला- चलो यार .. खाना खा लेते हैं हल्का सा। फिर मैं नीचे सीट पर आराम करूँगा। तुम चाहो तो चुदाई का मजा लेना।

रश्मि बोली- ठीक है राजेश, खाने के बाद अगले राउंड करेंगे। चलो अब कुछ खा लेते हैं, चुदाई के बाद वैसे भी भूख बहुत लगती है।

रश्मि ने हम दोनों को किस किया।

उधर बाहर कन्डक्टर भी लोगों से कह रहा था कि बस आधा घण्टा रुकेगी जिसे खाना खाना हो, खा सकता है।

हम लोगों ने कपड़े पहने और पहले रोहन नीचे उतरा।
तब रश्मि ने मुझे एक बार फिर किस किया और मस्त लण्ड को पकड़ कर धन्यवाद बोला और कहा- अगली चुदाई के लिए तैयार हो जाओ।

कहकर वो नीचे उतर गई।

सबसे आखिर में मैं उतरा।
रोहन एक कोने की टेबल पर बैठ गया और खाना भी ऑर्डर कर दिया।

हमने खाना खाया और पानी की दो बिसलेरी की बोतल ली।
बिल रोहन ने भरा और रोहन रश्मि से बोला- तुम चलो, हम आ रहे हैं।

रश्मि बोली- मुझे पेशाब करना है।
फिर मैं और रोहन उसको लेडीज टॉयलेट ले गए।
रश्मि टॉयलेट में घुस गई।

हम दोनों बाहर थे तो रोहन बोला- यार सच में बड़ा मस्त लण्ड है तेरा, और चोदता भी मस्त है। सुबह तक रश्मि की इतनी चुदाई कर कि जयपुर से दिल्ली तक यह सोती ही रह जाये।

इतने में रश्मि टॉयलेट से बाहर आ गयी और हम बस में आ गए।

रोहन मेरी सीट पर बैठ गया और मैं और रश्मि स्लीपर में चढ़ गए।

अंदर घुसते ही रश्मि और मैं दोनों नंगे हो गए और फिर से एक दूसरे से चिपक गये।
हम दोनों जैसे चुदाई के लिए तड़प गए थे। हम फिर 69 में आ गए और फिर मैंने रश्मि को घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया।

दोस्तो, फिर हमने जयपुर तक तीन बार Xxx बस फक यानी चुदाई की जिसमे दो बार रात में और एक बार सुबह 7 बजे।

सवा नौ बजे हम लोग जयपुर पहुंचे।

रश्मि ने लास्ट में किस करके धीरे से कान में बोला- तेरा ये मस्त लण्ड है बहुत दमदार … मजा आ गया … वैसे तुम्हारे मस्त लण्ड का नाम नारी सेवक होना चाहिए।

मैं बोला- इसका नाम मस्त लण्ड भी आपकी जैसी एक छमिया ने रखा है … अब बार-बार नाम नहीं बदलना है। वैसे नारी सेवक तो ये है ही, आपकी भी तो सेवा की है।

फिर रोहन और रश्मि ने मुझे साथ में दिल्ली चलने को कहा और बोले- दो दिन हम लोगों के साथ रुकना, फुल मस्ती करेंगे और तुम्हारा चार्ज भी देंगे।

मगर अगले दिन राखी थी, इस वजह से मैंने जाने से इंकार कर दिया।
तो उन लोगों ने मुझे फिर मिलने का वादा किया।

फिर वो लोग दिल्ली चले गए और मैं बयाना अपने घर आ गया।

उसके बाद उन लोगों से एक बार दिल्ली में ही उनके बुलाने पर मिलने गया।
उस घटना के बारे में मैं आपको फिर बताऊंगा।

आपको मेरा अनुभव और यह कहानी कैसी लगी इसके बारे में मुझे जरूर लिखना।

मुझे कपल सेक्स में बहुत मजा आता है।
आप चाहें तो अपनी फैंटेसी भी मुझे बता सकते हैं।
मुझे आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।

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