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Sunday, 19 October 2025

भाई और उसके दोस्त से एक साथ चुदी बहन

 

दोस्तो, आप सबको मेरा ढेर सारा प्यार.
आप सब जो मेरी सेक्स कहानी पर कॉमेंट में इतना प्यार देते हैं, उसके लिए शुक्रिया.

जैसा कि आप सबको मेरे बारे में पता ही है, मेरा नाम जाह्नवी है, उम्र 26 साल है और मैं अपने आपको बहुत सिंपल समझती हूँ.
परंतु लोग कहते हैं कि मैं कट्टम माल हूँ.

बाकी आप मेरी पिछली सेक्स कहानियों में अभिषेक से मेरे बारे में जान ही गए होंगे.

ये देसी बहन 3X सेक्स कहानी आज से 2 साल पहले की है, जब मेरी शादी नहीं हुई थी.
अब मैं शादीशुदा हूँ और मेरा एक बच्चा भी है.

जैसा कि आपने पिछली कहानी
मैंने छोटे भाई से चुदाई करवा ली
में पढ़ा कि मेरे सगे भाई सचिन ने मुझे कितनी बेदर्दी से चोदा था.

इसके बाद तो जब उसका मन होता, वह मेरी सलवार उतार कर चोदना शुरू कर देता.
मैं कुछ कह भी नहीं पाती थी.

उधर अभिषेक तो मुझे 2 साल से प्यार से चोद ही रहा था.

अब मेरी शादी पक्की हो चुकी थी और ये दोनों भाई मुझे मिलकर चोदने का प्लान बनाने में लगे थे.

सचिन को नहीं पता था कि उसका जिगरी दोस्त उससे पहले ही उसकी प्यारी दीदी की चड्डी सैंकड़ों बार उतार चुका था.

अभिषेक मुझसे हमेशा कहता- दीदी, मैं और सचिन आपको साथ में चोदना चाहते हैं.
मैं उससे कह देती- तुम सचिन से बात करो और उसे ये मत बताना कि तुम मुझे पहले से चोद रहे हो.

इसके बाद सचिन भी मुझे हमेशा थ्रीसम सेक्स वीडियो दिखाने लगा था.

परंतु मैं अन्दर से हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी.
मगर मैं जानती थी कि ये दोनों मुझे पक्का एक दिन जरूर चोदेंगे.

एक दिन सचिन मेरे पास एक वीडियो दिखाने आया, जिसमें एक लड़की की दो लड़के चुदाई कर रहे थे.

वह बोला- दीदी ऐसे ही आपकी चुदाई करनी है.
मैं कुछ नहीं बोली.

फिर अगले दिन जब मैं स्कूल पढ़ाने गई और वापस आई, तो देखा कि मेरे रूम में मेरी ब्रा और पैंटी पर बहुत सारा लंड का पानी था.

मुझे पता था कि अभिषेक और सचिन दोनों मिलकर मेरी ब्रा-पैंटी पर पानी छोड़ते थे.

मैं हमेशा अनजान बनकर अंदाज़ा लगा लेती थी.

तब अभिषेक ने कहा- आपको अपने भाई से इस बारे में बात करनी है ताकि वह आपको बताए कि मैं आपकी पैंटी गंदी करता हूँ. तभी मैं और सचिन मिलकर आपकी चुदाई कर पाएंगे और सचिन को पता भी नहीं चलेगा कि मैं पहले से आपको चोद रहा हूँ.

मुझे भी ये आइडिया अच्छा लगा, क्योंकि मैं अब और ज्यादा इन दोनों को नहीं टाल सकती थी.
मेरी शादी 3 महीने बाद होनी थी और अगर मैं प्यार से नहीं मानी, तो ये दोनों जबरदस्ती पक्का चोद देते.

सचिन को भी पता चल सकता था कि उसका दोस्त पहले ही उसकी दीदी के साथ मज़े कर चुका है.

तो मैंने सचिन को बुलाया और पूछा- जब तुम हफ्ते में 2-3 दिन करते हो, तो ये पैंटी गंदी किसने की है?

वह बोला- दीदी सॉरी … वह अभिषेक दिन में आया था, उसने किया है.
मैंने बनावटी गुस्से में कहा- साले, दीदी को रंडी बना दे. पूरे गांव से चुदवा दे!

वह बोला- नहीं दीदी वह मेरा बेस्ट फ्रेंड है, वह किसी को कुछ नहीं बताएगा.
मैंने फिर कहा- तो साले आज तेरे दिमाग में अभिषेक है, कल कोई और दोस्त ले आना!

वह बोला- नहीं दीदी प्लीज़ विश्वास करो. वैसे भी आप तो अभिषेक को बचपन से जानती हो.

मैं अब कुछ कर भी नहीं सकती थी तो मैं बोली- हां, बस एक बार करूँगी थ्रीसम … फिर कभी नहीं.
भाई बोला- ठीक है दीदी तो बताओ कब करना है?
मैंने कहा- पहले तुम लोग डिसाइड कर लो.

सचिन बोला- दीदी आप एक दिन की छुट्टी ले लो स्कूल से, फिर घर में ही करते हैं.
मैंने कहा- नहीं यार.

फिर सचिन ने अभिषेक को कॉल किया और बोला- जाह्नवी मान गई है भाई. अब बता कब करना है.
वह बोला- आज ही रात को चोद देंगे साली रंडी को!

मेरा भाई बोला- नहीं यार, पापा रहते हैं रात को घर में, ये चीख नहीं पाएगी … और जब तक ये चीखती-चिल्लाती नहीं है, तो यार मज़ा नहीं आता!

मैं अपने बारे में दोनों भाइयों के मुँह से सुनकर थोड़ी शर्म महसूस कर रही थी.

फिर मैंने कहा- पापा को 2 दिन बाद कुछ काम से रिश्तेदारी में जाना है, तो उसी समय का फाइनल कर लो.

यह बात जम गई और 2 दिन तक ना अभिषेक ने मुझे चोदा और ना ही सचिन ने.

फिर 2 दिन बाद सुबह पापा रिश्तेदारी में 3 दिन के लिए चले गए.

मैं भी टिफिन बनाकर स्कूल जाने के लिए निकल ही रही थी कि अभिषेक का कॉल मेरे पास आ गया.

वह बोला- जान, अब वक्त आ गया तुम्हें दोनों भाइयों का मज़ा देने का. आज रात तैयार रहना.
मैंने कहा- हां डार्लिंग … आज तुम्हारी रंडी रानी तैयार है कामयुद्ध के लिए!

तो वह बोला- पक्का!
मैंने कहा- और नहीं तो क्या!

फिर वह बोला- अच्छा रात को गांड में लोगी लंड या नहीं?
मैंने कहा- नहीं यार.

मैं अभिषेक से तो पहले भी गांड मरवा चुकी थी, परंतु सचिन को यही पता था कि मेरी गांड की अभी सील नहीं खुली है.
फिर वह बोला- दीदी आज आप रात को वही सूट-सलवार पहनना, जो आपने मेरी पहली चुदाई पर पहना था!

मैंने कहा- ओके.
फिर वह बोला- चूत के बाल साफ मत करना, छोटे-छोटे बाल अच्छे लगते हैं तेरी चूत पर!
मैंने कहा- ओके बाबा, अब स्कूल जाऊं?

फिर जब मैं 2 बजे स्कूल से घर पहुंची, तो दोनों मेरे घर पर ही थे.

मैं हाथ-मुँह धोकर बैठी ही थी कि मेरे पास सचिन आ गया और बोला- दीदी आपके लिए कुछ लाना तो नहीं है? क्योंकि हम दोनों अपने लिए गर्म वाली दवाई ला रहे हैं.
मैंने कहा- ठीक है, मेरे लिए भी ले आना.

वह बोला- नहीं, आपको दवाई नहीं मिलेगी.
मैंने कहा- क्यों भाई?

तो अभिषेक बोला- तभी तो आप जल्दी-जल्दी पानी पिलाओगी हमें!
मैंने कहा- ठीक है मुझे कुछ नहीं चाहिए.

अभिषेक खुश होकर बोला- आप रियली मस्त रंडी हो!
मैंने कहा- वाह भोसड़ी के … बड़ी जल्दी दीदी से सीधा रंडी पर आ गए!

तो दोनों भाई एक साथ बोले- दीदी आप सब कुछ हो … हमारी रंडी भी, पत्नी भी और आज तो स्कूल टीचर भी.
मैं अभी अपने स्कूल टीचर की ड्रेस में ही थी, पिंक सूट और ब्लैक सलवार.

फिर मैंने कहा- अच्छा बाबा … अब मुझे थोड़ी देर के लिए सो जाने दो.
तो सचिन बोला- हां अभी सो लो, फिर तो आपको आज पूरी रात जागना ही है.
दोनों चले गए.

फिर शाम को मैं उठी, तो अपने और सचिन के लिए खाना बनाया.
रात को 8 बजे तक हम दोनों ने खाना खा लिया था.

अभिषेक अपने घर से कहकर आया कि आज सचिन के पापा घर पर नहीं हैं, तो उनके यहां ही सो जाऊंगा.

क्योंकि जब भी मेरे पापा कहीं जाते, तो वे लोग अभिषेक या अभिषेक के पापा को बोल जाते थे कि मेरे बच्चों का ध्यान रखना.
रात 8:30 बजे मैं अपने रूम में लोअर और टी-शर्ट में थी.

तभी अभिषेक आया और बोला- आप येलो वाला सूट पहन लो … और जब तक हम आवाज़ न दें, रूम में मत आना!
मैंने कहा- ओके हनी.

रात को 11 बजे तक जब सब सो गए तो सचिन ने मुझे आवाज़ दी.

मैं उठकर रूम में गई तो देखा दोनों ने रूम को मस्त अच्छे से सजा दिया था.
मैं कमरे के अन्दर गई तो अभिषेक बोला- सचिन तुम बैठो, पहले मुझे कर लेने दे यार!

मैं खड़ी थी, अभिषेक ने तुरंत मेरे मुँह से अपना मुँह सटा दिया और मेरे मुँह में अपनी जीभ डालकर घुमाने लगा.
मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी.

फिर वह मेरे शर्ट के ऊपर से ही मेरे मध्यम आकार के मम्मों को मसलने लगा.
मैं काम वासना से गर्म होती हुई ‘आह्ह … आह्ह्’ कर रही थी.

सचिन बोला- दीदी और तेज़-तेज़ आवाज़ निकालनी है आपको. क्योंकि आज तो आपकी आवाज़ कोई नहीं सुनेगा.
मैं और तेज़ ‘आह्ह … आह्ह्’ करने लगी.

तभी अभिषेक बोला- दीदी, जैसे सचिन आपकी बहुत हार्ड पेलाई करता है, क्या मैं भी आपकी हार्ड पिलाई कर सकता हूँ?
मैंने कहा- ओके.

तो उसने मेरी गर्दन और कान के पीछे चाटना शुरू कर दिया. फिर एक हाथ नीचे ले जाकर मेरी चूत को सहलाने लगा.
मैं ‘आह्ह्ह … आह् … आह्ह्’ कर रही थी.

तभी उसने जोर से मेरी चूत को मुट्ठी में भींच लिया.
मैं ‘आह्ह … आह्ह्ह … छोड़ साले …’ चिल्लाई.

मेरा सगा भाई बेड पर बैठा मुझे देखकर लंड हिला रहा था.
उसने कहा- दीदी मज़ा आ रहा है?
मैंने बोली- हां भाई.

तभी अभिषेक ने मुझे जोर का तमाचा मारा, जिससे मैं सीधा बेड पर जा गिरी.
मैंने कहा- प्लीज़ भाई, जितना करना है चेहरे के नीचे करो. चेहरे पर तमाचे के निशान नहीं आने चाहिए!

तो वह बोला- सॉरी दीदी.
अब अभिषेक दूर बैठ गया.

फिर मेरा भाई सचिन मेरे पास आया और उसने मेरे गाल पर चूमना शुरू कर दिया.
मैं ‘आह्ह … आह्ह्ह’ कर रही थी.

तभी उसने जोर से मेरी गर्दन पकड़ ली, जिससे मेरा मुँह खुला का खुला रह गया और उसने मेरे मुँह में अपना ढेर सारा थूक छोड़ दिया.

मैं चुपचाप पी गई.
फिर उसने जोर से मेरे गाल पर तमाचा मार दिया.

मैंने कहा- प्लीज़ भाई मैंने कहा न चेहरे को मत बिगाड़ो!

तो वह बोला- वैसे भी हम दोनों के लौड़ों से चुद कर आप 2-3 दिन स्कूल नहीं जा पाओगी … और जाने की कोशिश करेगी तो मैं आपको घर से बाहर जाने नहीं दूँगा, तो तब तक चेहरे से निशान भी ठीक हो जाएंगे. वैसे भी अब सिर्फ़ मैं तमाचा मारूँगा चेहरे पर, अभिषेक नहीं मारेगा.

मैं ‘आह्ह … आह्ह’ करती रही.
पर भाई कहां रुकने वाला था.

सूट के ऊपर से ही दोनों हाथों से मेरे बूब्स मसलने लगा.

मैं बोली- आराम से मसल कुत्ते!
तो उसने मेरे बूब्स पर तमाचों की बरसात कर दी.

मैं ‘आह्ह … आह्ह’ चिल्लाई.

मैं येलो शर्ट, वी-शेप के गले वाला पहने थी.
उसने उसे सीधा बीच में से फाड़ दिया.

मैं बोली- हरामखोर उतार नहीं सकता था?
तो वह बोला- आज आप बस देखती जाओ हम लोग क्या क्या फाड़ते हैं!

मैं अपने भाई के सामने नीचे सलवार और ऊपर ब्रा में लेटी थी.
वह मेरे पेट पर दोनों साइड पैर डालकर बैठा था और ब्रा के ऊपर से दोनों बूब्स हाथ में लेकर जोर-जोर से मसल रहा था.

मैं ‘आह … आह’ कर रही थी.
तभी अभिषेक ने आकर मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया और मेरा मुँह चोद रहा था.

मैं ‘गुगुगुगु … गुगुगु’ की आवाज़ें निकाल रही थी.

तभी सचिन ने मेरे तलवे चाटने शुरू किए.
मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था.

धीरे-धीरे वह ऊपर को आकार मेरी जांघ को सूँघने लगा.
फिर एकदम से सलवार के ऊपर से चूत को दांतों से दबा लिया, जैसे एक बार में ही खा जाना चाहता हो.

मुझे उसका ऐसा करना बड़ा अच्छा लगा.

वह सलवार के ऊपर से चूत को सहलाने लगा और सलवार को अपने मुँह के थूक से गीला कर दिया.
तभी मेरी चूत अपना पानी छोड़ चुकी थी.

अब वह सलवार पर लगे उसके थूक और मेरी चूत के पानी दोनों को बड़े प्यार से चाट रहा था.
अभिषेक ने मेरे मुँह को चोदते हुए अपना पानी मेरे मुँह में ही निकाल दिया.

मैं बोली- तुम तो सेक्स की दवाई खा चुके थे न … मेरे मुँह में इतनी जल्दी पानी कैसे छोड़ दिया?
तो वह बोला- जाह्नवी रानी, पहले तुम्हें अपना पानी पिलाना था. अब खाएंगे दवाई.

मैं बोली- अच्छा, दोनों भाई मतलब अपनी दीदी को रंडी की तरह ही चोदोगे.
तो वह बोला- और नहीं तो क्या!

मैं कुछ नहीं बोली.

अब सचिन ने मेरी सलवार को चूत के पास, जहां सलवार की सिलाई होती है, वहां से फाड़ दिया.
मैं बोली- ये मेरी जान ले लोगे तुम लोग!

तभी उसने मेरी चड्डी को भी फाड़ दिया.
अब आप समझ सकते हैं कि उस समय मैं कैसी लग रही होऊंगी.

कमर से ऊपर ब्लैक ब्रा और आधी फटी हुई कुर्ती में और नीचे आधी फटी सलवार, जिसका आधा हिस्सा मेरी कमर से बंधा था और आधा मेरे दोनों पैरों के नीचे.

पैंटी भी चूत के पास से बस थोड़ी सी फाड़ दी थी.
सचिन मेरी चूत में दो उंगलियां डाल रहा था.

मैं ‘आह्ह … आह्ह’ करती हुई जोर से चिल्लाई- भाई अब चोद दे अपनी रंडी दीदी को … अब और नहीं.
अभिषेक बोला- दीदी आप ऐसे ही चुदाई की भीख मांगती रहो.

अभिषेक अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगा मेरे पास ही लेटा था.
तभी सचिन ने मेरी सलवार और चड्डी दोनों को उतार कर मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया.

देसी बहन 3X सेक्स मजा लेती हुई अब मैं अपने दोनों भाइयों के सामने नंगी पड़ी थी. मेरे जिस्म पर सिर्फ़ फटी हुई काली ब्रा थी, जो मेरे गोरे जिस्म में चार चाँद लगा रही थी.
सचिन अपनी दो उंगलियों से मेरी चूत में सुरसुरी कर रहा था और जीभ से चूत चाट रहा था.

अभिषेक मेरे नंगे पेट को चाट रहा था, कभी नाभि को जीभ से चाटता, कभी उसमें अपनी जीभ डालकर ‘उम्म्म … उम्म्म …’ करता.
वह बोला- दीदी क्या मस्त पेट है आपका.

मैं ‘आह्ह … ओह्’ कर रही थी.
अब मेरा दूसरी बार पानी निकलने वाला था.

मैं बोली- मुझे अब चोद दो भाइयो … हाथ जोड़ती हूँ.
तभी अभिषेक बोला- भाई, अब मुझे पीना है जाह्नवी रांड की चूत की अमृत धारा.

यह कह कर अभिषेक ने मेरी चूत पर दांत गड़ाकर चाटना शुरू कर दिया.
मैं दोनों हाथों से उसके सिर को चूत पर घुसाने लगी.

मेरी ये फीलिंग तो सिर्फ़ कोई लड़की ही समझ सकती है कि मैं उस समय कैसी तड़प रही थी.
सचिन मेरी आंखों में देखने लगा और बोला- दीदी आज आप रियली बहुत सुंदर लग रही हो.

मुझे अब भी शर्म आ रही थी.

मैं ‘उह्ह् … आह्ह’ करती हुई अपनी चूत से पानी छोड़ रही थी.
अभिषेक ने मेरा पूरा पानी अपने मुँह में भर लिया, फिर मेरे मुँह में अपने मुँह का पानी छोड़ दिया.

वह बोला- लो दीदी आप भी अपने अमृत का स्वाद तो ले लो.

मुझे आज पता चला कि मेरा पानी कितना अच्छा स्वाद देने वाला था.

अब मेरे भाई ने मेरी ब्रा उतार फेंकी.
मैं दोनों लड़कों के बीच, जो मुझसे 4-5 साल छोटे थे, नंगी किसी रंडी की तरह पड़ी थी.

दोनों मेरे अगल-बगल लेटकर एक-एक बूब्स चूस रहे थे … बड़े प्यार से, जैसे मेरे ही दोनों छोटे बच्चे हों.
मैं दो बार पानी छोड़ चुकी थी, तो थक गई थी.

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
मैं भी अपने दोनों हाथों से उनके सिर सहला रही थी.

तभी मेरे मोबाइल में एक मैसेज आया.
मैंने टाइम देखा, तो रात के 1 बज चुके थे.

मैं बोली- भाइयो अब और क्या प्लान है? अब मुझे तो नींद आने लगी है.
तो सचिन बोला- दीदी, इतनी भी क्या जल्दी … और वैसे भी कल तो संडे है.

मुझे नीचे पेट पर अभिषेक का लंड महसूस हो रहा था तो मैंने हाथ में लेकर उसका लंड हिलाना शुरू कर दिया.
तभी मैंने सचिन से कहा- तूने तो कपड़े पहन रखे हैं.

तो वह बोला- दीदी, आप उतारो मेरे कपड़े!
मैंने कहा- अच्छा … मैं उतारूँ?

तो वह बोला- और नहीं तो क्या?
मैंने जल्दी-जल्दी उसके सारे कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दिया.

अब हम तीनों अपनी जवानी के मज़े में डूबे थे.
इस जवानी की मस्ती में हम तीनों ने क्या क्या मजे किए, वह सब मैं आपको देसी बहन 3X सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगी.

मैं बोली- अच्छा जरा अलग हो. मुझे प्यास लगी है, मैं पानी पीकर आती हूँ.

तो अभिषेक बोला- दीदी पानी नहीं, आप रुको. हम दोनों कुछ लाते हैं.
दोनों अपनी गांड हिलाते हुए गए और किचन से बहुत सारा सामान ले आए.

मैंने पूछा- ये किस लिए?
तो उन्होंने बताया- आज पार्टी करनी थी ना आपके साथ. इसलिए शाम को ही बाजार से केक और कोल्डड्रिंक ले आए थे.

हम तीनों नंगे ही बैठे थे.

मैं कोल्डड्रिंक पी रही थी.
मुझे कोल्डड्रिंक का स्वाद कुछ अजीब सा लगा, तो मैंने अभिषेक की तरफ देखा.
उसने आंख दबा दी.

मैं समझ गई कि ये दोनों कोल्डड्रिंक में वोदका मिला कर लाए हैं.
मुझे भी वोदका की जरूरत थी क्योंकि आज मेरे दोनों भाई मुझे एक साथ चोदने वाले जो थे.

अभिषेक बोला- दीदी, आप खड़ी हो जाओ.
मैं हाथ में बोतल लेकर पीने लगी.
तो वे बोले- आप बस सीधी खड़ी रहो!

वे दोनों मुझे देखने लगे.
अब ऐसी स्थिति में कोई भी लड़की हो, शर्म लगना तो जायज़ है.

मैं अपनी आंखें बंद करने लगी, तो वे दोनों बोले- दीदी, अब कैसी शर्म!
वे दोनों मेरे बारे में बात करने लगे.

‘दीदी आपके बूब्स तो बहुत अच्छे हैं.’
मेरे बूब्स गोल हैं और थोड़े आगे की ओर तने हुए भी हैं.

सचिन ने पूछा- सच सच बताओ दीदी, कितने लोगों ने आपके बूब्स पिए हैं?
मैंने कहा- एक वादा करो, जो भी आज इस रूम में होगा, वह हमेशा गोपनीय रहेगा … और कोई किसी को जज नहीं करेगा … और जिससे जो पूछा जाए, सब सच बताएंगे!

वे दोनों हां में सर हिलाने लगे.

फिर मैंने कहा- तो मैं अपने बारे में बताऊं?
दोनों बोले- हां.

मैंने बताया- स्कूल टाइम में जब मैं 11वीं में थी, तब एक बॉयफ्रेंड था. उसने ऊपर-ऊपर से सब किया था और उसने ही पहली बार मेरे बूब्स पिए थे.

सचिन बोला- दीदी तो टोटल कितने लोगों ने आपके बूब्स पिए हैं?
मैंने कहा- चार.

तो वे बोले- कौन-कौन?
मैंने कहा- एक स्कूल में बॉयफ्रेंड था, एक कॉलेज में और बाकी तुम दोनों!

सचिन मेरे पास उठकर आ गया और एक हाथ में मेरा बूब्स पकड़ कर बोला- लगता तो नहीं है दीदी.
मेरे बूब्स 32 साइज़ के हैं.

मैंने कहा- भाई, सच कह रही हूँ.
तभी उसका हाथ पेट पर फेरते हुए चूत पर आ गया और वह अभिषेक से बोला- भाई, चूत तो देख इसकी … कितनी प्यारी है.

अभिषेक बोला- अच्छा है ये हमारी दीदी है, वरना इतनी सुंदर चूत शायद हमें कभी मिल ही न पाती.
सचिन बोला- बात तो सही है यार.

वे दोनों पूरी तरह से मेरे नंगे जिस्म का मुआयना कर रहे थे.

मैं अभी भी खड़ी थी.
वोदका की मस्ती मेरे तन बदन में चुदाई की आग लगा रही थी, मैं डर्टी सिस्टर ब्रदर सेक्स करने को आतुर थी.

अभिषेक चुत में उंगली करते हुए बोला- दीदी, अब तक कितने लोगों से चुदी हो आप?
मैंने कहा- सिर्फ़ 3 से … एक कॉलेज वाला बॉयफ्रेंड और तुम दोनों से. वैसे शादी के बाद अब तक मैं 8 लोगों से अपनी चड्डी उतरवा चुकी हूँ … वह आगे कहानी में फिर कभी बताऊंगी.

अभिषेक बोला- दीदी की कितनी प्यारी चूत … लगता ही नहीं कि इससे मूत निकलता होगा. मुझे तो लगता है चूत से हमेशा ही अमृत बरसता होगा!

सचिन बोला- मैंने तो बहुत बार पिया भी है.
मैंने कहा- साले मूत पीने का मन है तो सीधा सीधा बोलो न!

दोनों बोले- दीदी देखती जाओ. अभी तो 3 दिन हैं.
मैंने दोनों से पूछा- तुम लोगों ने कितनी लड़कियां चोदी हैं?

अभिषेक ने बताया- दो. एक आप और एक मेरी गर्लफ्रेंड.
मैंने कहा- वाह.

फिर मैंने उससे कहा- अपनी गर्लफ्रेंड की फ़ोटो दिखाओ!
तो उसने दिखाई.

उसकी गर्लफ्रेंड रियली बहुत क्यूट और सेक्सी थी.

सचिन ने उसकी गर्लफ्रेंड को पहली बार देखा, तो बोला- फिर तुम दीदी को क्यों चोदना चाहते हो, जब तुम्हारी खुद की गर्लफ्रेंड इतनी सुंदर है?
मैंने भी कहा- हां भाई, बात तो सही है!

तो वह बोला- दीदी आप नहीं समझोगी. अपनी दीदी-बहन चोदना हर भाई की ख्वाहिश होती है. दीदी जितना मज़ा दुनिया की ना कोई गर्लफ्रेंड दे सकती है, ना कोई पत्नी और ना कोई रंडी.
मैंने पूछा- ऐसा क्यों?

तो वह बोला- क्योंकि आप मेरी गलती को सुधारोगी, जब कि रंडी मज़ाक बनाती है. और गर्लफ्रेंड के लिए कोई होटल देखो और उसमें भी वह बहुत नखरे करती है. जबकि दीदी के लिए तो जब मन हो, बोल दो दीदी से, घर में ही चुदाई करो. किसी को शक भी नहीं होगा और दीदी के जिस्म की आग भी घर में ठंडी हो जाएगी.

मुझे उसका आइडिया रियली बहुत अच्छा लगा क्योंकि सच में बाहर लड़के सिर्फ़ अपनी हवस के लिए गर्लफ्रेंड बनाते हैं और फिर जब मन हुआ, छोड़ देते हैं.

अब हम तीनों ये बातें नंगे बैठे हुए ही कर रहे थे.
तभी दोनों ने उठकर अपनी दवाई खा ली.

मैंने टाइम देखा तो 2:50 हो चुके थे, पर हम तीनों की आंखों से तो जैसे नींद गायब थी.

फिर मैंने अभिषेक से पूछ लिया- तुम्हारी दीदी भी तो है, उसको नहीं चोदते हो?
तो वह बोला- यार, सबकी किस्मत सचिन जैसी थोड़े होती है कि अपनी रियल दीदी को चोद सके.

फिर वह बोला- हां, उसको नंगी तो बहुत देखा है बाथरूम में.
मैं खड़ी होकर बाथरूम जाने लगी तो अभिषेक ने पूछा- क्या हुआ दीदी?

मैंने कहा- बाथरूम जा रही हूँ, पेशाब आ रही है.
तभी उसने मेरी गोल-मटोल 34 साइज़ की गांड को पकड़ लिया.
इसको अभी तक सिर्फ़ उसने ही चोदा था.

वह मेरी गांड पर तमाचा मारते हुए बोला- जब दो भाई प्यासे बैठे हैं, तो बाथरूम में क्यों जाना.
यह कह कर अभिषेक ज़मीन पर लेट गया.

मैं दोनों पैर उसके सीने पर रखकर, जैसे टॉयलेट सीट पर बैठते हैं, बैठ कर पेशाब करने लगी.
मेरी चूत से ‘सी सी सी’ करती हुई मेरी अमृत धारा उसके कुछ चेहरे पर तो कुछ मुँह में जाने लगी.

उसने मेरा पूरा मूत पी लिया और जीभ से मेरी चूत चाटकर पूरा मूत साफ कर दिया.

अब सचिन ने मेरा हाथ पकड़कर बेड पर खींचा और मैं सीधी लेट गई.

अभिषेक ने केक का डिब्बा उठाकर मेरी चूत पर रख दिया और दोनों अपने लंड पर केक लगाकर मेरे मुँह में देने लगे.

मैं बारी-बारी से दोनों के लंड से केक खाने लगी.

थोड़ी देर बाद मुझे उल्टा करके केक मेरी पीठ, गर्दन और गांड में भर दिया.

फिर दोनों बारी-बारी से कभी मेरी पीठ खाते, तो कभी मेरी गांड चाटने में लगे थे.

मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे मैं सातवें आसमान में हूँ.
वे कभी दांत गड़ा देते, तो मेरे मुँह से ‘आह्ह्ह … आह्ह्’ आराम से करो. निकल जाता.

मैं औंधी लेटी अपने भाइयों से अपने जिस्म को चुसवा रही थी.
दोनों ने थोड़ी देर बाद मुझे सीधा कर दिया.

सचिन का मन अभी और केक लगाकर मेरी चूत और बूब्स पर केक लगाकर करने का था परंतु अभिषेक पर दवाई अपना असर दिखाना शुरू कर चुकी थी.

अभिषेक बोला- भाई, अब पहले दीदी को चोद लेते हैं … फिर खाएंगे केक.
सचिन बोला- नहीं.

वह मुझसे बोला- दीदी, आप जब तक अभिषेक का लंड हिलाओ, तब तक मैं आपकी चूत खा लूँ.

अभिषेक मेरे मुँह के पास लंड लेकर आ गया.
मैं हाथ से उसका लंड हिलाने लगी और नीचे सचिन ने चूत में पूरा केक भर दिया.

दोनों ने उंगलियों से चूत के अन्दर तक केक घुसा दिया और फिर मेरे बूब्स पर भी केक लगा दिया.
मैं मज़े ले रही थी.

अभिषेक बोला- और जोर-जोर से कर रंडी कुतिया.
मैंने कहा- मेरी और हिम्मत नहीं है.

तो उसने मेरे मुँह में लंड पेल दिया और मुँह चोदने लगा.
मैं ‘आह्ह … आह्ह … आराम से कर बहनचोद’ चिल्लाई.

नीचे मेरा सगा भाई तो जैसे आज ही चूत खाने के मूड में था.
उसने मेरे बूब्स को हाथ से पूरा नोंच सा दिया था.

मैं भी किसी रंडी की तरह लेटी ऐसे नुच रही थी जैसे इन दोनों ने मुझे आज रात के लिए मुझे रांड बना कर रख लिया हो.

अब मेरा भाई का भी मन चूत चूसने से भर गया था, तो उसने मेरी चूत पर लंड रगड़ना शुरू कर दिया और एक तेज़ झटके में पूरा लंड मेरी चूत में समा गया.

मेरे मुँह में अभिषेक का लंड होने के कारण मेरे मुँह से आवाज़ भी न निकल सकी.
मैंने अभिषेक को धक्का दे दिया और सचिन से बोली- हट मादरचोद … साले धीरे नहीं डाल सकता था क्या?

तो उसने मेरी दोनों टांगें पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और मेरी दोनों जांघों पर अच्छा तमाचा दे दिया.

मैं बोली- साले कुत्ते हरामी … चोद दे अपनी दीदी को … फाड़ दे मेरी चूत.
मैं गुस्से में जोर-जोर से चीख रही थी.

तभी उसने मुझे घोड़ी बना दिया.
अब तक अभिषेक शांत बैठा था.
उसका मन तो मेरी गांड चोदने का था.

मैं घोड़ी बनी, तो उसने सचिन से कहा- तू नीचे लेट जा … फिर वह मुझसे बोला- अब तुम सचिन के ऊपर घोड़ी बनो दीदी ताकि उसका लंड सीधा तुम्हारी चूत में जाए और तुम्हारी गांड का छेद मेरे सामने खुला रहे.

मैं आज जीवन में पहली बार एक साथ दोनों छेद में लंड लेने वाली थी.
तभी उसने सचिन का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगा.

वह मेरी चूत को चाटने लगा.
ये मुझे और सचिन दोनों को नया अनुभव था.
फिर उसने हाथ से सचिन का लंड मेरी चूत पर सैट किया और सचिन ने एक झटके में पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया.

इस वजह से मैं सचिन के ऊपर गिर गई और बोली- आज तो मर गई मैं … आह बचाओ कोई मुझे. मेरे ही भाइयों ने मुझे चोद डाला … आह्ह … आह्ह्ह … फाड़ दी मेरी चूत भोसड़ी वालों ने … उह्ह्ह … उह्ह्ह … मम्मी मर गई मैं!

मेरा ऐसा चीखना उन दोनों को नई ऊर्जा प्रदान कर रहा था.

थोड़ी देर बाद अभिषेक ने पूछा- अब तुम ठीक हो?
मैंने कहा- हां.

तो अभिषेक ने पीछे से दोनों उंगलियों को मेरी गांड में घुसा दिया और साथ में सरसों का बहुत सारा तेल भी मेरी गांड में भर दिया.

मैं अभी शांति से अपने सगे भाई के सीने पर सिर रखकर लेटी थी.
वह अभी अपना लंड अपनी दीदी की चूत में रखे इंतज़ार कर रहा था कि कब दीदी की गांड चुदे और दोनों भाई एक साथ दीदी के दोनों छेद में मज़ा दें.

फिर अभिषेक ने मेरी गांड के छेद पर लंड रखा और धीरे-धीरे लंड मेरी गुफा में उतरने लगा.
मैं दर्द से चिल्लाई- आह भैया … आराम से … आराम से … अइ मर गई मैं!

मैं थोड़ा ऊपर उठकर सहयोग देने लगी ताकि लंड आसानी से अन्दर चला जाए.
मेरे बूब्स अब नीचे झूलने लगे और पीछे पूरा लंड मेरी गांड खा चुकी थी.

मैं बोली- प्लीज़ दोनों, अभी झटके मत मारना. मुझे बहुत दर्द हो रहा है … आह्ह … आह्ह मर गई बाप रे … आज बन गए दोनों भाई बहनचोद. इन बहन के लौड़ों ने मेरी चूत-गांड फाड़ दी.

वे दोनों मेरी चुत गांड का मजा लेने लगे.
जब मुझे थोड़ा आराम हुआ तो पहले अभिषेक ने गांड में आगे-पीछे करके झटके मारना शुरू कर दिया.

अब तो दोनों भाई मुझे सैंडविच चुदाई दे रहे थे.
एक नीचे से लगा था … एक ऊपर से.

मैं चीखें मार रही थी- आह्ह … आह्ह और चोदो आह चोदो और तेज़ … फाड़ दे अपनी दीदी की … बना लो दोनों की रंडी.

अभिषेक तो मेरी गांड पर तमाचे दिए जा रहा था और मैं ‘आह … आह … आह्ह आराम से’ चिल्ला रही थी.

अभिषेक बोला- रंडी साली, कभी बोलती है आराम से, तो कभी बोलती है और तेज़-तेज़.
मैंने कहा- मादरचोद तमाचे के लिए बोलती हूँ आराम से मार … और झटके तो जितने तेज़ मारना है, उतने तेज़ मारो.

अब मैं झड़ने वाली हो गई थी.
मैं ‘आह … आह …’ करती हुई झड़ रही थी.

अपनी चूत से आज रात में मैं 4 बार पानी छोड़ चुकी थी.
अब मेरी बिल्कुल हिम्मत नहीं थी.

मैं अपने भाई के ऊपर अब सिर्फ़ एक सेक्स के खिलौने की तरह पड़ी थी.

दोनों लड़के जी भरकर चोदे जा रहे थे.
तभी सचिन बोला- यार, मुझे भी अपनी दीदी की गांड मारना है. अब तुम चूत चोदो.

तो दोनों ने लंड बाहर निकाल लिए.

मुझमें इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि अब सचिन के ऊपर से उठ सकूँ.

सचिन ने मुझे धक्का देकर अपने से अलग किया और पूछा- मज़ा आया दीदी?
मैंने कहा- मज़ा तो बहुत आया, पर अब हिम्मत नहीं है.

तो वह बोला- कोई नहीं दीदी, थोड़ी देर रुक जाते हैं.

अब अभिषेक बोला- यार दीदी, अभी तो मुझे थोड़ी देर और लगेगी. रुकने का बिल्कुल मन नहीं है … प्लीज़.
तो सचिन बोला- भाई, दीदी सच में थक गई होगी. एक काम कर, तू मेरे मुँह को चोद ले.

मैं लेटी हुई देख रही थी कि कैसे अभिषेक मेरे भाई के मुँह को चोद रहा था और हाथ से मेरी चूत सहला रहा था.

मैंने कहा- अच्छा, अब जल्दी आकर दोनों अपना पानी निकाल लो.
यह सुनकर अभिषेक मेरी चूत चोदने आ गया था. सचिन मेरी गांड को चोदने लगा.

थोड़ी देर बाद ही सचिन का तो होने वाला था.
उसने पूछा- दीदी गांड में ही निकाल दूँ?

मैंने हां कह दी.
सचिन ने कुछ ही झटकों में मेरी गांड में अपना पूरा पानी छोड़ दिया और वह मेरे बगल में लेट गया.

अब अभिषेक बोला- यार, इस पोजीशन में तो थक गया हूँ. अब तुम नीचे लेट जाओ, मैं तुम्हारी दोनों टांगें उठाकर अपने कंधे पर रख लेता हूँ.

थोड़ी देर तक मैं अभिषेक की बताई पोजीशन में चुदी.
फिर अभिषेक का होने वाला था.

मैं उसके तेज़-तेज़ झटकों से समझ गई कि इसका होने वाला है क्योंकि अभिषेक से मैं 2 साल से चुद रही थी.
तभी उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वह बोला- रुक तो रंडी … साली को बहुत जल्दी रहती है!

वह मेरे मुँह के पास आ गया.
जहां लड़कियां मांग भरती हैं, वहां मेरे सिर में अपना लंड झाड़ते हुए पानी भरने लगा.

वह बोला- शादी हो रही है ना अब तेरी, तो हमारे लंड को मत भूल जाना … आह मजा आ गया … आप बताओ, कैसा लगा?

मैंने कहा- यार, आज का मज़ा मैं अपने शब्दों में बयान नहीं कर सकती.
सचिन बोला- हां यार, अब जब मायके आओगी, तो हम दोनों से चुदना मत भूल जाना.

फिर वे दोनों मुझसे लिपट गए.

तभी अभिषेक के घर से उसकी मम्मी का फोन आ गया.
समय देखा, तो सुबह के 6:30 बज चुके थे.
क्योंकि गांव में खेत का काम होता है, तो उसकी मम्मी ने उसे फोन लगाया.

मैंने कहा- आंटी जी, उसको बुखार आ गया था, तो वह सो रहा है. रात को दवाई खिला दी थी.
अभिषेक की मम्मी बोली- अच्छा सोने दो उसको.

अब उन्हें क्या पता कि उनके बेटे ने तो रात को दीदी को चोदने वाली दवाई खाई थी और सिरप तो दीदी का मूत पी गया.

फिर मैं भी दोनों के बीच में ही लेट गई.
दोनों के लंड अभी भी मेरी गुफा को ही देख रहे थे.

डर्टी सिस्टर ब्रदर सेक्स का मजा लेकर मैं भी सो गई.
फिर 12 बजे उठी तो अभिषेक को उठाकर उसके घर भेज दिया.

बाकी 3 दिन दोनों ने मुझे चोद-चोदकर अपनी रंडी बना लिया था.

अब जब घर पर पापा नहीं होते तो सचिन भी मुझे कपड़े नहीं पहनने देता.
मैं घर में नंगी ही रहती हूँ.

शादी के बाद अब भी जब मायके जाती हूँ तो दोनों दोस्तों को जरूर मज़ा देती हूँ

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