एक नव विवाहित जोड़े की है. लड़का और लड़की दोनों बहुत खूबसूरत, आकर्षक व्यक्तित्व के हैं. टक्कर की जोडू है. दोनों रोमांटिक हैं तो दो बदन तो बार बार मिलेंगे ही.
सभी पाठको को मेरा यानि रमित का नमस्कार.
मेरी अब तक की सेक्स कहानियों को आपने बहुत प्यार दिया है, उसके लिए तहे दिल से आप सब का शुक्रिया.
मैं आप के लिए एक नयी सेक्स कहानी लेकर आया हूँ.
ये कहानी भी सच्ची घटना पर आधारित है पर यह मेरे जीवन का अनुभव नहीं है.
इस कहानी के एक पात्र मेरे साथ मेरी ईमेल पर जुड़े हैं, उन्होंने ही मुझे अपनी यह सेक्स कहानी लिखने की रिक्वेस्ट की, जिसे मैंने मान लिया.
ये परफेक्ट कपल सेक्स स्टोरी कामवासना और प्यासी मुहब्बत के बीच रिश्तों की है.
कई बार ज़िदगी में ऐसी परिस्थितियां आती हैं कि इंसान चाह कर भी कुछ नहीं कर पाता है.
वह अपना जीवन उन परिस्थितियों के हवाले कर देता है तो कई बार इसमें कुछ रिश्ते या दोस्ती के रिश्ते भी उलझ कर रह जाते हैं.
जितना उन्हें सुलझाने की कोशिश करो, उतना और उलझ जाते हैं.
दोस्तो, ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है.
इसमें तीन दोस्तों की ज़िन्दगी उलझ सी गयी.
तीनों पात्र इस कहानी को बारी बारी से ब्यान करेंगे और आपको अपनी दास्तान बताएंगे.
मैं उम्मीद करूंगा कि आपको यह सेक्स कहानी जरूर पसंद आएगी.
आइये पहले आपसे मैं इन पात्रो की जान पहचान करवा देता हूँ.
इस कहानी के हीरो यानि रमित 30 साल का बेहद हैंडसम बंदा है.
रमित पेशे से एक सुलझा हुआ बिजनेसमैन है.
उसका व्यकितत्व ऐसा है कि जो भी उससे मिलता है, वह बस उसी का होकर रह जाता है.
रमित एक छह फ़ीट की हाइट वाला बंदा है.
उसका चौड़ा सीना, जिम में बनाई गयी बॉडी … और उस पर उसके ब्राउन कलर के घुंघराले बाल उसकी पर्सनालिटी में चार चाँद लगा देते हैं.
उसकी काली गहरी आंखें, जिन्हें वह ज्यादातर अपने गहरे काले रंग के चश्मे के पीछे छुपा कर रखता है.
रमित ने कप्म्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की और उसके बाद उसने कुछ साल अपने पिता के साथ कारोबार किया.
पर उसमें उसका मन नहीं लगा तो उसने कंप्यूटर फील्ड में ही एक नया स्टार्टअप शुरू किया.
वैसे तो उसकी फैमिली गुड़गांव में रहती है पर उसे अपने स्टार्टअप के लिए पुणे शिफ्ट होना पड़ा.
हां … रमित का फैशन सेंस लाजवाब है.
आइए अब मिलते कहानी की दूसरी पात्र से.
इनका नाम यामिनी है.
ये इस कहानी के हीरो रमित की हीरोइन यानि की बीवी हैं.
यामिनी और रमित की अभी हाल में ही शादी हुई है.
यामिनी 26 वर्षीया बेहद खूबसूरत लड़की है.
उसकी हाइट पांच फ़ीट छह इंच होगी और बदन ऐसा … जैसे किसी सांचे से ढाला गया हो.
एकदम परफेक्ट फिगर की मालकिन है यामिनी.
उसकी फिगर 34-28-36 की है. उसके बूब्स 34c साइज के एकदम तने हुए हैं.
मर्द तो उसी में खोकर रह जाते हैं.
उसकी नीली गहरी आंखें समुन्दर सी गहरी जो भी देखे तो उन्हीं में डूब जाए.
उसकी आंखें इतनी गहरी हैं, जैसे उनमें कई राज़ छिपे हों.
हल्के ब्राउन कलर के बाल, जो बेहद खूबसूरती से कंधों तक कटे थे … जिन्हें यामिनी अक्सर खुला ही रखती थी.
फैशन सेंस ऐसा कि बड़ी से बड़ी फिल्म एक्ट्रेस मात खा जाए.
हां … सबसे स्पेशल बात:
यामिनी निचले होंठ के किनारे के पास का तिल
जो किसी का भी निकाल ले दिल.
यह तिल उसे और भी खूबसूरत बनाता है.
रमित तो लट्टू है उसके इस तिल पर.
उसका ऊपर का होंठ थोड़ा मोटा और निचला थोड़ा उससे पतला बिल्कुल परफेक्ट शेप.
उसके होंठ उसे और भी सेक्सी बनाते हैं.
यामिनी जब वन पीस गाउन, जो घुटने से थोड़ा ऊपर से स्लिट हो … पहन कर … और
पैरों में ऊंची एड़ी वाले सैंडिल पहन कर पार्टीज में जाती है तो किसी भी
विश्वामित्र को अपना दीवाना बना सकती है.
पर यामिनी रमित से बहुत प्यार भी करती है.
यामिनी के 34 साइज़ के हिप्स ऐसे गज़ब के हैं कि जब वह चलती है तो मर्दों की पैंट के अन्दर तूफ़ान आ जाता है.
उसके हिप्स की शेप परफेक्ट दिखे और पैंटी लाइन न दिखे … तो समझो कि उसने
अपनी फिट ड्रेस के नीचे या तो पैंटी नहीं पहनी है. .. या थोंग टाइप की
पैंटी पहनी होगी.
इसी वजह से उसके हिप्स और भी सेक्सी दिखते हैं.
यामिनी खूबसूरत होने के साथ एक प्रैक्टिकल एंड फन लविंग लड़की है.
आइए अब आपसे इस कहानी की तीसरी एवं अहम पात्र से मिलवाते हैं.
इनका नाम है जाह्नवी नंदा.
जाह्नवी भी यामिनी की ही हम-उम्र और बेइंतहा खूबसूरती लिए हैं.
अगर वह यामिनी से इक्कीस नहीं, तो उन्नीस भी नहीं.
जहां यामिनी की लुक मॉडर्न है, वहीं जाह्नवी की खूबसूरती में एक कलात्मकता है, जैसे कोई हिंदी सीरियल्स में इन्द्रलोक की दिखाई जाने वाली मेनका या उर्वशी होती है.
जाह्नवी की बड़ी बड़ी काली आंखें किसी को भी अपनी तरफ आसक्त करने के लिए काफी है.
उसकी सुराहीदार लम्बी गर्दन, पतले से होंठ जैसे फूल की पंखुड़ियां हों.
उसके दाईं तरफ ऊपर के होंठ के तरफ एक तिल, जो उसकी खूबसूरती को बेहद बढ़ा देता है.
उसके 36 साइज के एकदम टाइट बूब्स किसी भी मर्द के अन्दर भूचाल ला देते हैं.
उसकी क्लीवेज को देख कर ही मर्दों की लार टपकने लग जाती है.
उसकी 30 साइज की कमर और 36 साइज के हिप्स बाकमाल हैं.
जब वह अपनी कमर को लहरा कर चलती है तो जैसे कोई बल ख़ाती नदी हिलोरें ले लेकर बह रही हो.
उसके हिलते हिप्स को देख कर तो सारे मर्द उसे पाने की ख्वाहिश करने लगते है.
यामिनी की तरह जाह्नवी की फैशन सेंस भी कमाल की है.
जहां यामिनी वेस्ट्रन ड्रेसेस पहनती है, वहीं जाह्नवी को साड़ी … खासकर की शिफॉन की साड़ियां पहनना बहुत भाता है.
जब वह गहरे गले और पीठ पर गहराई लिए हुए ब्लाउज पहनती है और उसके साथ नाभि के नीचे साड़ी बांध कर ऑफिस या पार्टीज में जाती है, तो देखने वाले मर्दों के मुँह तो खुले के खुले ही जाते हैं.
जाह्नवी ने फैशन डिजाइनिंग में ग्रेजुएशन किया है और एक मल्टीनेशनल कंपनी में चीफ डिज़ाइनर है.
उसे पैसे की कोई कमी नहीं है.
जाह्नवी भी शादीशुदा है.
उसके पति ईवान CA हैं और खुद की प्रैक्टिस करते हैं.
उसका भी काम अच्छा है, पैसे की कोई कमी नहीं है.
ये लोग भी पुणे में सैटल हैं और देश की राजधानी दिल्ली से हैं.
ये कहानी इन चारों के हनीमून से शुरू हुई थी.
यामिनी और रमित हनीमून के लिए गोवा गए थे.
एक फाइव स्टार रिसॉर्ट में उनका रूम पहले से ही बुक था.
अब आगे की कहानी आप यामिनी की ज़ुबानी सुनें.
हम लोग जैसे ही अपने रूम में पहुंचे तो मैं सीधा विंडो की तरफ गयी.
वहां से सागर की उठती लहरें बहुत ही खूब सूरत लग रही थीं.
लोग लहरों में अठखेलियां कर रहे थे.
‘रमित देखो कितना खूबसूरत नज़ारा है!’
रमित मेरे पीछे आकर खड़े हो गए और बोले- हां यार, इट्स वेरी ब्यूटीफुल!
रमित ने पीछे से मुझे अपनी बांहों में ले लिया और वह मुझे मेरी गर्दन पर चूमने लगा.
मैंने कहा- रमित देखो न, कितना खूबसूरत नज़ारा है!
वह बोला- हां वही तो देख रहा हूँ!
रमित के हाथ मेरे पेट पर फिसल रहे थे और फिसलते हुए मेरे बूब्स को छू रहे थे.
रमित के होंठ मेरी गर्दन पर अपना जादू बिखेर रहे थे.
मैं भी मदहोश हो रही थी.
मदहोशी में मेरी आंखें बंद हो रही थीं.
‘रमित बस करो … रुक जाओ नहीं तो मैं खुद को रोक नहीं पाऊंगी!’
रमित बोला- तो रुकना ही क्यों है!
‘शटअप रमित … तुम्हें पता है न कि नीचे पूल साइड पार्टी है. .. और हमें वहां जाना है!’
रमित मुझसे और सट गया और उसका औज़ार मुझे अपनी पिछली दरार में महसूस होने लगा.
रमित बोला- छोड़ो न यार पार्टी-वार्टी … हम यहीं पार्टी करते हैं.
मैंने अपने आप को रमित से छुड़ाया और बोली- जी नहीं, हमारे पास सारी रात
है ये रोमांस करने के लिए … और मैंने कुछ स्पेशल भी सोच रखा है. .. सो
प्लीज मेरे सरप्राइज को मत बिगाड़ो!
रमित बोला- ओके जान.
मैंने उसे ब्लू-सूट निकाल कर दिया.
वह बोला- सूट क्यों?
मैंने कहा- जनाब, ड्रेस कोड है. लड़कों के लिए ब्लू सूट और लड़कियों के लिए ब्लू साड़ी या ब्लू ड्रेस!
रमित को मुझे साड़ी में देखना बहुत अच्छा लगता है और ये उसकी फंतासी भी है कि वह मेरी साड़ी खोले और फिर मुझे बेतहशा चूम ले.
मैंने जैसे ही साड़ी निकाली तो माथे पर हाथ मारा.
‘रमित … मैं ब्लाउज तो भूल ही गयी! अब क्या करूं? सॉरी यार … मैंने आज यही तो प्लान किया था … सारा मज़ा खराब हो गया.’
रमित बोला- चलो कोई बात नहीं, तुम दूसरी कोई ड्रेस पहन लो.
मैंने अपने साथ लाया ब्लू गाउन निकाला और रमित से कहा- मैं होटल के ही पार्लर में रेडी होने जा रही हूँ. तुम्हें कॉल कर दूँगी, तुम वहीं आ जाना … वहां से साथ चलेंगे पार्टी में!
यह कह कर मैं पार्लर में चली गयी.
वहां जाकर मैंने पहले बॉडी मसाज ली, फेसियल करवाया.
बॉडी मसाज के बाद मेरा बदन और चमकने लगा.
फिर जब मैंने साथ लाया गाउन पहना, जिसकी बैक काफी डीप थी और पीठ का काफी हिस्सा दिख रहा था … तो मैं खुद को देख कर कामुक होने लगी.
मैंने इस गाउन के नीचे थोंग पैंटी पहनी ताकि पैंटी लाइन नज़र ही ना आए और मेरे नितंबों की शेप अच्छे से दिखे.
आगे से गाउन बायीं तरफ से जांघ से स्लिट था, उसमें से मेरी चमकती मुलायम टांग दिख रही थी.
ऊपर से ड्रेस का गला काफी डीप था, जिसमें से मेरी क्लीवेज साफ़ दिख रही थी. .. और मेरे दूध बहुत टाइट एंड तने हुए दिख रहे थे.
कुल मिला कर आज मैं, मर्दों को उनकी पैंट में ही गीला करने के लिए तैयार थी.
मैंने रमित को कॉल किया.
वह जब आया तो मेरे मुँह से सीटी बज गयी.
वह ब्लू सूट और रेड टाई में बहुत हैंडसम एंड सेक्सी लग रहा था.
मैंने उससे कहा- आज तो यार, सारी लड़कियां तुम पर ही मर ही जाएंगी … देख लो तुम पर कई घर तोड़ने का इल्जाम आएगा!
उसने स्माइल पास की, फिर मुझे ऊपर से नीचे देखते हुए बोला- वाओ यार, डैम सेक्सी एंड हॉट लग रही हो! आज पार्टी में सिर्फ तुम ही तुम नज़र आओगी.
मैंने उसकी बांह में अपनी बांह डाली और हम चलते हुए पार्टी में पहुंचे.
हमने जैसे ही पार्टी में एंट्री ली तो सारे मर्दों की नज़र मेरे 36 साइज के नितंबों पर या मेरे बूब्स पर थी.
कोई मेरी चिकनी टांग को देख कर आहें भर रहा था.
मैंने और रमित ने अपना टेबल लिया.
रमित ने वेटर को मेरे लिए वोदका विद लेमेनिओड और अपने लिए स्कॉच के लिए बोला.
आज मैं और रमित किसी और ही मस्ती में थे.
हम दोनों अपने ड्रिंक के साथ पार्टी एन्जॉय कर रहे थे.
पार्टी के अधिकतर मर्दों की निगाह मेरे ऊपर थी और लड़कियों की रमित पर.
मैंने देखा रमित कनखियों से कभी कभी अपने बायीं तरफ देख रहा था.
मैंने उसकी नज़र का पीछा किया तो देखा हमारे साइड टेबल पर एक कपल बैठा था.
लड़की बहुत सेक्सी थी.
उसने ब्लू रंग की साड़ी पहनी थी.
उसका ब्लाउज बहुत छोटा था.
उसके भारी भरकम बूब्स उसमें समा नहीं रहे थे.
उसके बड़े से नितम्ब भी बहुत सेक्सी थे.
उसका सपाट पेट और नाभि से नीचे बांधी साड़ी उसे बहुत ही हॉट एंड सेक्सी बना रही थी.
उसके हाथ में भी ड्रिंक था.
एक बार तो उसे देख कर मुझे जलन हुई लेकिन फिर मैंने उस ख्याल को झटका और रमित से डांस फ्लोर पर चलने को बोला.
पर रमित अभी शायद वह ड्रिंक एन्जॉय करना चाहता था और उस खूबसूरत बाला को भी.
मैंने सोचा कि ठीक है यार … रमित को भी एन्जॉय करने दो.
रमित ने कहा- मुझे एक और ड्रिंक चाहिए!
मैंने उससे कहा- ओके, मैं लेकर आती हूँ.
मैं बड़ी अदा से अपनी कुर्सी से उठी, अपने बड़े बड़े नितम्ब हिलाती हुई बार काउंटर की तरफ जाने लगी.
शायद किसी ने मेरे मटकते नितंबों के देख कर आह भर दी … और रमित ने भी उसे देख लिया.
जब मैं उसका ड्रिंक लेकर वापिस आयी तो रमित का मूड खराब हो चुका था.
वह बहुत गुस्से में था.
मैंने पूछा तो वह कुछ नहीं बोला.
बहुत पूछने के बाद बताया कि एक आदमी मुझे पीछे से बहुत गंदे तरीके से घूर रहा था.
मैंने रमित से कहा- चिल यार, ये सब चलता है … अपना मूड मत खराब करो … चलो डांस करते हैं.
मैं और रमित डांस फ्लोर पर आ गए.
रमित मेरे बहुत क्लोज हो कर डांस कर रहे थे.
रमित की गर्म सांसें मेरे कान को और मेरी गर्दन को छू रही थीं.
मैं धीरे धीरे गर्म हो रही थी और मदहोश हो रही थी.
मैंने देखा कि रमित की पैंट में भी हल्का सा उभार बाहर नज़र आ रहा था.
वह लड़की भी अपने पार्टनर के साथ डांस फ्लोर पर थी.
रमित बीच बीच में उसे चोरी से देख रहा था.
मैं अपना हाथ धीरे से नीचे लायी और पैंट के ऊपर से ही रमित के औज़ार को हल्का सा दबा दिया.
तो रमित की आह निकल गयी.
मैंने पूछा- जनाब का मूड बन रहा है क्या?
वह बोला- मेरा तो दिल कर रहा है कि तुझे अपनी बांहों में भर लूँ और यहीं पर प्यार करना शुरू कर दूं!
मैं समझ गयी.
रमित तो पहले से मुझे सेक्सी ड्रेस में देख कर पागल था, अब ऊपर से इस खूबसूरत सेक्सी एंड हॉट बाला को देख पूरी तरह से अनकंट्रोल हो रहा है.
मैं उसे अभी और तड़पाना चाहती थी.
मैं उसके और नज़दीक हो गयी, उसके दोनों हाथों को मैंने अपनी कमर पर रखा और अदा से थिरकने लगी.
मैंने देखा कि रमित के हाथ मेरे नितंबों यानि मेरे चूतड़ों पर फिसलने लगे थे.
रमित को बड़े बड़े चूतड़ और होंठ पर तिल बहुत उत्तेजित करता है.
ये दोनों खूबियां मेरे में हैं और किस्मत देखिए कि उस खूबसूरत लड़की के पास भी ये दोनों चीजें उपलब्ध थीं.
थोड़ी देर बाद हम दोनों बाहर पूल से दूर आ गए.
वहां से रात में समुन्दर की लहरें दिख रही थीं. लहरों में जब चाँद की रोशनी पड़ती, तो और भी खूबसूरत लगती.
रमित ने मेरे पीछे से अपनी बांहें मेरे इर्द-गिर्द लपेट दीं.
उसके हाथ मेरे पेट से फिसलते हुए मेरे बूब्स के नीचे टच कर रहे थे.
मैं भी पीछे होकर बिल्कुल रमित से सट कर खड़ी हो गयी.
अब रमित का औज़ार दुबारा आकार में आने लगा और मेरे चूतड़ों की दरार में धंस गया.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मेरी आंखें बंद हो रही थीं.
तभी मैंने महसूस किया कि रमित ने मेरे बूब्स अपने हाथों में ले लिए हैं और हल्के से उन्हें प्रेस करने लगा है.
मैं और भी मदहोश हो गयी.
मैंने कहा- यार रमित, अब कंट्रोल नहीं हो रहा है.
रमित ने मुझे घुमाया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
अब रमित मेरा ऊपर वाला होंठ चूस रहा था और मैं रमित का निचला होंठ.
रमित के हाथ मेरी पीठ पर घूम रहे थे.
मैंने फिर से कहा- रमित कमरे में चलो न!
वह हम्म कह कर कमरे की तरफ घूम गया.
हम दोनों अपने कमरे में चल दिए.
दोस्तो, वह कहते हैं न कि अभी तो पार्टी शुरू हुई है, इसी तरह से अभी तो मेरी सेक्स कहानी का मजा आना शुरू हुआ है.
हम जैसे ही लिफ्ट में आए … लिफ्ट में हम दोनों के सिवा कोई न था.
मैं रमित से लिपट गयी और उसकी गर्दन पर किस करने लगी.
जैसे ही हम अपने फ्लोर पर पहुंचे, रमित ने मुझे अपनी गोदी में उठा लिया और मैंने भी अपनी बांहें उसकी गर्दन की इर्द-गिर्द लपेट दीं.
हम दोनों अपने रूम में पहुंच गए.
रमित ने मुझे नीचे उतारा तो मैं ड्रेसिंग के शीशे में अपने होंठ के ऊपर का तिल देखने लगी.
तभी रमित ने मुझे पीछे से आकर अपनी बांहों में जकड़ लिया.
मेरी आंखें फिर से बंद हो गईं.
रमित के होंठ मेरे कंधों को चूमते हुए मेरे कान की लौ को चूमने लगे.
मेरे मुँह से सी सी की आवाजें निकलने लगीं.
तभी रमित ने मेरे गाउन की बेल्ट खोल दी और वह मेरी मस्त मुलायम और चिकनी टांगों से फिसलता हुआ मेरे पैरों में जा पड़ा था.
मैं रमित के सामने लाल रंग की ब्रा और थोंग पैंटी में थी.
पैंटी मेरे चूतड़ों के दरार के बीच फँसी हुई थी और सिर्फ मेरी चुत के होंठों को छिपा भर रही थी.
मैंने आज यह ब्रा-पैंटी का सैट भी बहुत सोच कर चुना था क्योंकि आज मैं रमित को बहुत तड़पाना चाहती थी.
मैं चाहती थी रमित मुझे पाने के लिए तड़पे … और फिर इतना ज़ोरदार सेक्स करे कि मेरा अंग अंग टूटने लगे.
आज वैसा ही हो भी रहा था, जैसा मैंने सोचा था.
पर रमित के मन में शायद उसकी एक इच्छा अधूरी रह गयी थी.
वह था … मेरी साड़ी खोलना, पर उसने मुझे ये सब ज़ाहिर नहीं होने दिया.
उसके होंठ मेरी नंगी पीठ पर चल रहे थे.
वह मेरी पीठ के हर एक हिस्से को चूम रहा था और मैं उसके हर चुम्बन पर आह भर रही थी.
उसके हाथ मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही मसल रहे थे.
उसने जब मेरी रीढ़ की हड्डी के बीचों-बीच चूमना शुरू किया तो मैं ऊपर से लेकर पांव तक सिहर गयी.
तभी मैं पलट गयी.
अब मेरे होंठ रमित के होंठों में थे.
मैंने उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए.
मैं उसकी छाती पर हाथ फेरने लगी.
मैंने उसके तने हुए निप्पलों पर अपनी उंगलियां फिराईं तो अब आह करने की बारी रमित की थी.
मैंने उसके एक निप्पल पर चुम्बन लिया तो रमित के मुँह से ‘आह यामिनी उफ़’ निकला.
मैं मुस्करायी और उसके पेट को चूमते हुए उसके ट्रॉउज़र की बेल्ट खोल दी.
अगले ही पल उसका ट्रॉउज़र उसके पैरों में था.
अब मैं अपने घुटनों पर कालीन पर बैठ गयी.
रमित ने वी शेप का अंडरवियर पहना था, उसमें उसका हथियार पूरी तरह से बाहर आने को मचल रहा था.
मैंने उसके अंडरवियर के ऊपर से ही उस पर हाथ फिराया और उसे अपनी मुट्ठी में लेकर मसल दिया.
फिर मैंने उसे चूम लिया.
मैंने अपनी उंगलियां उसके अंडरवियर में फंसाईं और जैसे ही उसे नीचे
खिसकाया तो उसके अंडरवियर में कैद उसका हथियार आज़ाद होकर मेरे सामने खड़ा
था.
मैंने जैसे ही लंड देखा, मेरी आंखों में चमक आ गयी.
हालांकि पहली बार नहीं देख रही थी.
हां मैंने आज से पहले कभी उसे होंठों से नहीं छुआ था पर अब वह बिल्कुल मेरे होंठों के सामने था.
मैंने उसके अगले भाग को चूम लिया और हाथ से उसे आगे पीछे करने लगी, तो रमित की सिसकारियां तेज़ हो गईं.
मैंने उसके औज़ार को मुँह में ले लिया.
आज ये मैंने पहली बार किया था, तो मुझे थोड़ा अजीब लगा … पर आज मैं रमित को पूरा मज़ा देना चाहती.
मैं उसके लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
रमित के मुँह से आह आह की आवाजें निकल रही थीं.
तभी रमित ने मुझे मेरे कंधों से पकड़ कर खड़ा कर लिया और मुझे चूमने लगा.
मैंने उससे कहा- रमित अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.
तुम बेड पर चलो, मैं तुम्हारे लिए कुछ और लेकर आती हूँ.
रमित बेड के सिरहाने पर पीठ लगा कर बैठ गया.
तो मैं बड़ी अदा से अपने चूतड़ मटका मटका कर चलती हुई फ्रिज के पास गयी.
मेरी छोटी सी पैंटी मेरे चूतड़ों के दरार में फंसी हुई थी और आगे से बड़ी मुश्किल से मेरी चूत को ढक पा रही थी.
मेरे मटकते चूतड़ों को देख कर रमित और उत्तेजित हो गया.
मैंने फ्रिज में से शैम्पेन निकाली और खोल कर दो गिलासों में उड़ेल ली.
मैं मटकती हुई बिल्कुल जैसे कोई फ़िल्मी हीरोइन हो, बिस्तर के करीब आई और रमित को शैम्पेन का गिलास पकड़ा दिया.
चियर्स करके हम दोनों सिप करने लगे.
रमित बोला- यार, आज तुमने मुझे बहुत मज़ा दिया. तुम बहुत सेक्सी हो!
मैंने मुस्करा कर उसकी तरफ देखा और बोली- रमित, मैं अपना हनीमून यादगार
बनाना चाहती हूँ और तुम्हारी सारी इच्छाएं पूरी करना चाहती हूँ!
रमित ने अपना गिलास खत्म करके मुझे अपनी बांहों में ले लिया और अपने नीचे लिटा कर वह मेरे ऊपर आ गया.
अब वह मुझे चूमने लगा.
उसने चूमते हुए ही मेरी ब्रा के हुक खोल दिए जिससे मेरे बूब्स उछल कर बाहर आ गए.
मेरे निप्पल थोड़े मोटे व हल्के गुलाबी रंग के हैं.
रमित ने उन्हें बार बारी से चूमा, फिर अपनी जीभ उन पर फिराने लगा.
मेरे मुँह से आह आह की आवाजें निकल रही थीं.
मेरा खुद पर से कंट्रोल हटता जा रहा था, मैं बेकाबू होने लगी थी.
रमित निप्पलों के इर्द-गिर्द अपनी जीभ चलाने लगा.
वह एक हाथ से दूसरे बूब को प्रेस करता और एक पर अपनी जीभ का जादू चलाता.
थोड़ी देर में उसने मेरे एक निप्पल को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगा.
रमित बहुत प्यार से मेरे चूचुक चूस रहा था.
मेरा बदन आग की तरह तपने लगा.
मैं उसका सर अपने बूब्स पर दबा रही थी.
मैं उससे बोली- रमित, प्लीज सक हार्ड!
उसने और ज़ोर से खींचते हुए मेरे चूचुक को चूसना शुरू कर दिया.
वह कभी मेरे पूरे दूध को मुँह में लेने की कोशिश करता तो कभी सिर्फ निप्पल को होंठों में भींच लेता.
मुझे इस सब में बहुत मज़ा मिल रहा था.
तभी रमित में बूब्स को चूमता हुआ नीचे की ओर सरकने लगा.
वह मेरे सपाट पेट पर चूमने लगा.
फिर उसने अपनी जीभ मेरी नाभि में डाली और उसकी नोक को अन्दर घुमाने लगा.
मुझे गुदगुदी भी हो रही थी और मज़ा भी आ रहा था.
तभी रमित मेरी कमर पर चूमने लगा. उसने नीचे सरकते हुए मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर चूम लिया.
मैं सिहर उठी.
मेरी पैंटी तो पहले ही चूतरस से गीली हो चुकी थी.
वह मेरी चूत के आस-पास चूमने लगा.
फिर जांघों को अन्दर की तरफ से चूमने लगा.
वह कभी हल्का हल्का काट भी देता था, जिससे मेरी गोरी जांघों पर उसके दांतों के निशान पड़ने लगे थे … जो मैंने बाद में देखे.
मैंने जो पैंटी पहनी थी, उसे मैंने साइड में डोरी से बांधी थी.
उसने मेरी पैंटी की डोर खींच दी और अपने दांतों से पकड़ कर पैंटी को नीचे खींचने लगा.
जैसे ही मेरी चूत अनावृत हुई, उसने पैंटी छोड़ दी और मेरी चूत को चूम लिया.
मैं थरथरा उठी.
फिर मैंने पैंटी अपनी टांगों से बाहर कर दी.
अब रमित कभी मेरी चूत को चूमता तो कभी उसके इर्द-गिर्द झांटों के एरिया (प्यूबिक, पेड़ू) में चुम्बनों की बरसात कर देता.
हालांकि झांटों का नामोनिशान नहीं था, पर इलाका तो झांटों का ही कहना पड़ेगा.
रमित ने नीचे आकर मेरे पैरों पर चूमा और मुझे पकड़ कर उलट दिया.
अब मैं पेट के बल थी.
रमित मेरी पिंडलियों पर चूमता हुआ ऊपर की ओर बढ़ रहा था.
मेरी जांघों के पिछले हिस्से को चूमता हुआ वह मेरे चूतड़ों पर चुम्बनों की बरसात करने लगा.
रमित को मेरे चूतड़ बहुत पसंद थे.
उसे बड़े चूतड़ों वाली औरतें या लड़कियां बहुत पसंद आती हैं.
मेरे चूतड़ उतने बड़े तो नहीं हैं पर फिर भी बाहर की तरफ उभरे हुए हैं और रमित को बहुत पसंद हैं.
वह मेरे चूतड़ को दांतों से काटने भी लगा.
फिर उसने मेरी पीठ पर चूमना शुरू किया और मेरी गर्दन तक आ गया.
वह मेरे ऊपर था तो उसका लंड मेरे चूतड़ों की दरार में घुस रहा था.
मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था.
एक बार रमित फिर से मेरे ऊपर से उतरा.
उसने मुझे सीधा किया और मेरे बूब्स अपने मुँह में ले लिए … लेकिन अब उसकी उंगलियां मेरी चूत के इर्द-गिर्द हरकत कर रही थीं.
तभी वह अपनी एक उंगली मेरी चूत की दरार के बीच में चलाने लगा.
इससे मेरी आग फिर से भड़क उठी.
मैंने कहा- रमित अब अपना डाल दो!
वह बोला- क्या?
मैंने कहा- अपना औज़ार!
वह बोला- नहीं, प्रॉपर वर्ड बोलो!
मैंने ना में सर हिलाया.
‘वह बुलवा कर तो मैं आज रहूंगा ही!’
मैं व्याकुल हो उठी और मन ही मन मुस्कुरा भी रही थी.
फिर वह मुझे चूमता हुआ नीचे आने लगा.
उसने मेरी चूत पर चूमा, फिर चूत की एक फांक को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा.
कसमसाहट से मेरी कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.
मैं अपने सर को इधर उधर मारने लगी.
उसने फिर दूसरी फांक को ऐसे ही चूसा.
फिर वह अपनी जीभ को मेरी चूत की दरार में ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर चलाने लगा.
मेरी सिसकारियां और तेज़ हो गईं.
अब उसने मेरी चूत के दाने को अपने होंठों में दबा लिया और खींच का चूसने लगा.
हॉट फोरप्ले विद वाइफ से मैं हद से ज्यादा कामुक हो गई और लगने लगा कि शायद ऐसे ही बिना चुदाई के मैं झड़ जाऊंगी.
तभी उसने दाना छोड़ दिया और अपनी पूरी जीभ मेरी चूत के अन्दर डाल दी.
वह अपनी जीभ से मेरी चूत की चुदाई करने लगा.
मैं उत्तेजना में पागल हुई जा रही थी.
उसका सर अपने हाथों से चूत पर दबाने लगी.
मुझे लगा जैसे मेरे अन्दर से पानी का बांध टूट कर बाहर आने को है.
तभी रमित ने अपना मुँह हटा लिया.
मैंने व्याकुल होकर उसकी तरफ देखा, तो वह मुस्करा दिया.
मैंने कहा- मुझे बीच में क्यों छोड़ दिया … प्लीज करो न … या अपनी जीभ डालो या अपना वह!
वह बोला- वह क्या … बोल कर बताओ?
यह कह कर वह मेरे ऊपर आ गया.
उसका बेहद कड़क लंड मेरी जांघों को छू रहा था.
मैं अपने को ऊपर उठाने लगी ताकि उसका लंड मेरी चुत के अन्दर चला जाए.
पर रमित शायद आज मुझे पूरा तड़पाने के चक्कर में था.
मैंने कहा- रमित डालो न!
वह बोला- पहले बोलो कि क्या कहां डालना है? तब डालूँगा.
मैंने कहा- अपना डिक मेरी पुसी में डालो! अब ठीक है?
तो वह बोला- नहीं … जो मैं सुनना चाहता हूँ, वह बोलो!
मैंने बोल ही दिया- अपना लंड मेरी मेरी चूत में डाल दो यार!
इतना सुनते ही रमित ने अपना हाथ नीचे ले जाकर अपना लंड मेरी चूत में फंसाया और एक कड़क धक्का लगा दिया.
मेरी चूत पूरी गीली हुई थी तो लंड सरकता हुआ अन्दर चला गया और सीधा मेरी ब/च्चेदानी से जा टकराया.
मैंने ज़ोर के सिसकी भरी तो रमित धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर करने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं भी नीचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर उसकी ताल से ताल मिलाने लगी.
वह बोला- हम दोनों क्या कर रहे हैं यामिनी?
मैंने कहा- अब तुम बताओ … तुम्हारी बारी है.
वह बोला- डार्लिंग मैं तुम्हें चोद रहा हूँ, तुम्हारी चुदाई कर रहा हूँ.
उसकी स्पीड बढ़ने लगी … नीचे से मेरी भी.
थोड़ी देर बाद मैं थक गयी.
मैंने रमित से कहा- थोड़ा आराम से करो, मैं थक गयी … पर मेरी चूत अभी प्यासी है इसलिए धीरे धीर करो.
रमित ने मुझे अपनी बांहों में कसके भींच लिया और पलट गया.
अब मैं रमित के ऊपर थी.
उसका लंड अभी भी मेरी चूत में ही था.
मैं कुछ देर उसके ऊपर यूं ही लेटी रही.
उसके हाथ मेरे नितंबों अर्थात मेरे चूतड़ों पर चल रहे थे. वह उन्हें प्यार से सहला रहा था.
बीच बीच में वह उन्हें अपनी मुट्ठी में भर लेता.
रमित ने मेरे चूतड़ों को प्रेस करते हुए कहा- यामिनी, मुझे ये बहुत पसंद
हैं, तुम्हारे ये बहुत सेक्सी हैं … इनका उठाव मुझे बहुत उत्तेजित करता है.
फिर उसने मेरे गाल के तिल को चूमा और बोला- आई लव दिस … काश ऐसा ही तिल तुम्हारे चूतड़ों पर होता तो मैं वहां पर भी बहुत प्यार करता!
मैंने कहा- अच्छा तुम्हें मेरे ये उठे हुए बाहर की तरफ निकले हुए चूतड़ बहुत पसंद हैं?
उसने कहा- हां!
तो मैंने कहा- फिर उस आदमी के घूरने पर नाराज़ क्यों हो रहे थे … शायद उसे भी उत्तेजित कर गए हों.
वह बोला- तुम मेरी बीवी हो, इन पर सिर्फ मेरा हक़ है.
मैंने कहा- हां बाबा, सिर्फ तुम्हारा हक़ है. .. वह बेचारा तो देख कर ही मज़े
ले रहा था और उस वक़्त वह शायद मेरे चूतड़ों को सोच कर अपनी बीवी की चुदाई
कर रहा हो!
रमित बोला- यह क्या बोल रही हो?
मैंने रमित को समझाया- यार, सेक्स में किसी और को इमेजिन करना गलत नहीं है. .. और न ही ये बेवफाई है. ये बस फन है. .. सेक्स को एन्जॉय करने का तरीका भर है. हर इंसान की सेक्स कल्पनाएं होती हैं और वह सब कुछ एक आदमी या औरत में तो नहीं होता. जब उसको वह चीज़ किसी दूसरी औरत में मिलती है, तो वह अपने ख्यालों में उसके साथ या अपनी पार्टनर में वह सब इमेजिन करके अपने अरमान पूरे करता है. इसमें क्या बुराई है!
यही सब बातें करते हुए मैंने रमित को उकसाया तो उसने नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए.
मैं भी रमित के ऊपर बैठ गयी और चुदाई करने लगी.
रमित के दोनों हाथ मेरे बूब्स को मसल रहे थे, वह उन्हें चूसने के लिए आतुर होने लगा.
मैं अपने बूब्स उसके मुँह के करीब लाती, फिर पीछे कर लेती.
इस से रमित की दूध चूसने की तड़प और बढ़ने लगी.
मैंने अपने हाथों से पलंग के सिराहने को पकड़ा और अपने बूब्स रमित के मुँह पर झुका दिए.
रमित दूध चूसने लगा. वह कभी दांया दूध मुँह में लेता तो कभी बायां.
मैंने धक्के मारने चालू रखे हुए थे.
नीचे मेरी चुत में रमित का लंड मज़ा दे रहा था और ऊपर से रमित मेरे दूध चूस कर मज़ा दे रहा था.
मेरी हालत खराब हो रही थी.
अब मैंने कहा- रमित, मेरा होने वाला है!
रमित बोला- होल्ड माय सेक्सी गर्ल … मुझे ऊपर आने दो.
मैंने लंड चुत में फंसाए हुए ही पलटी मारी और अपने मर्द के नीचे आ गयी.
रमित मेरी टांगों के बीच आया और वह फिर से मेरी चुत में अपना मोटा लंड पेल कर मुझे तेज रफ्तार से चोदने लगा.
मेरी सिसकारियां तेज़ हो रही थीं.
रमित का लंड इस वक़्त बहुत कड़ा हो गया था. उसके हर धक्के पर मेरी आह निकल रही थी.
तभी रमित की स्पीड बढ़ने लगी, वह भी बस छूटने के करीब ही था और मैं भी.
मेरे नाख़ून उसकी पीठ पर गड़ते जा रहे थे.
कुछ धक्कों के बाद रमित ने ज़ोर से धक्का लगाया और कसके मुझसे लिपट गया.
मैंने भी अपने चूतड़ ऊपर उठा कर उसे ज़ोर उसे अपनी बांहों कस लिया.
इस वक़्त हमारे बीच से हवा भी नहीं पास हो सकती थी.
रमित का गर्म लावा मेरी चूत के अन्दर गिर रहा था और मेरी चुत की आग को शांत कर रहा था.
जब रमित मेरी ऊपर गिरा था तो मैंने अपने दांत रमित के कंधे में गड़ा दिए थे.
थोड़ी देर बाद हम अलग हुए तो हम दोनों के बदन पसीने से तर-बतर थे, दोनों की सांस तेज़ चल रही थी.
जैसे ही सांस ठीक हुई तो मुझे अहसास हुआ कि मैं एकदम नंगी हूँ … तो यह सोचते ही मुझे शर्म आने लगी.
इतने में रमित ने मुझे अपने पास खींच लिया, मैं भी उससे चिपक गयी.
मैं रमित के बालों में अपनी उंगलियां चलाने लगी और उसके चेहरे पर चुंबन ले लिए.
तभी रमित ने मेरी चूचियों पर चुम्बन लिए.
मैंने उससे कहा- बदमाश … अभी दिल नहीं भरा क्या! आज तो तुमने इन्हें बहुत पिया है!
वह बोला- इनसे कभी दिल नहीं भर सकता. मैं इन्हें ता-उम्र पीना चाहता और पीता रहूंगा.
मैंने कहा- तुम बहुत बदमाश हो रमित!
यह कह कर मैंने अपने होंठ उसके होंठों से मिला दिए.
रमित के हाथ मेरे चूतड़ों को फिर से सहलाने लगे.
मैं बोली- उन्हह रमित … भूख लगी है!
उसने कहा- ओके कुछ मंगवा लेते हैं!
मैंने कहा- रमित, रात का एक बजे का समय हो रहा है. अब होटल का किचन बंद हो गया होगा.
वह बोला- जान ये फाइव स्टार होटल है और ये गोवा है. यहां सारी रात लोगों का आना जाना लगा रहता है.
फिर रमित ने रूम सर्विस पर कॉल करके एक शैम्पेन और स्नैक्स लाने को बोला.
फोन रख कर उसने मुझे फिर से अपने आगोश में ले लिया.
तभी मैंने कहा- हटो, मुझे वाशरूम जाना है.
तो वह बोला- ठीक है जाओ … पर ऐसे ही बिना कपड़ों के जाना पड़ेगा!
मैं मुस्करायी और बिस्तर से उठ कर खड़ी हो गयी.
रमित बहुत गौर से मेरी तरफ देख रहा था, मेरे तने हुए बूब्स उसको मस्त कर रहे थे.
मेरी बाहर को उभरी हुई गांड उसके लौड़े में जान फूंकने का काम कर रही थी.
उसे ऐसा देखता देख मैंने कहा- रमित, तुम बहुत बेशर्म हो गए हो!
मैं वाशरूम में घुस गयी और बाहर आयी तो देखा रमित सिर्फ अंडरवियर पहने लेटा था.
मैंने शीशे में से देखा, बाहर समुन्दर दिख रहा था.
उधर की रेत चांदनी रात में चमक रही थी.
मैंने रमित से कहा- रमित, चलो बालकनी में चलते हैं … बहुत सुन्दर नज़ारा है बाहर!
रमित ने कहा- ऐसे ही चलना पड़ेगा … बालकनी में!
मैंने कहा- ऐसे ही नंगी?
वह बोला- हां!
मैंने कहा- ये कुछ ज्यादा नहीं हो रहा है?
उसने अपनी एक सफ़ेद शर्ट मेरी तरफ उछाल दी.
वह बोला- ओके सिर्फ ये पहनो!
मैंने वह पहन ली.
ऊपर से तो मैंने शर्ट पहन ली थी, पर मैं नीचे बिल्कुल नंगी थी.
हम दोनों बालकनी में आ गए, मस्त ठंडी हवा चल रही थी.
चांदनी रात थी तो समुन्दर की लहरें भी अपने उफान पर थीं.
चाँद की रोशनी में रेत सोने जैसे चमक रही थी.
सच में बहुत ही रोमानी नज़ारा था.
इतने में डोर बेल बजी.
रमित सिर्फ फ्रेंची में था.
उसने मुझसे कहा- जाओ डार्लिंग जाकर आर्डर ले लो!
मैंने कहा- रमित तुम पागल हो क्या? मैंने नीचे कुछ नहीं पहना है!
वह बोला- अरे वह तुम्हारी शर्ट ऊपर उठा कर थोड़े ही देखेगा कि तुमने पैंटी पहनी है या नहीं … जाओ न!
मैं दरवाज़े की तरफ चल पड़ी.
मेरे दिल में अजीब सा रोमांच हो रहा था, ये सोच कर कि मैं नीचे से नंगी हूँ और किसी पराये मर्द के सामने जा रही हूँ.
मैंने दरवाज़ा खोला तो वेटर सर्विंग ट्राली लेकर अन्दर आने लगा.
मैंने कमरे की हालत को देखते हुए ट्राली उससे डोर पर से ही पकड़ ली और उसे जाने के लिए बोल दिया.
मैं शैम्पेन लेकर बालकनी में आ गयी.
रमित आराम कुर्सी पर लेटा हुआ था.
मैंने शैम्पेन दोनों के गिलासों में उड़ेली, एक रमित को पकड़ाया और एक खुद लेकर रमित की जांघों पर दोनों तरफ टांगें करके बैठ गयी.
हम दोनों अपनी ड्रिंक सिप करने लगे, साथ में स्नैक्स खाते हुए बातें करने लगे.
हम आज शाम की पार्टी की बातें करने लगे.
तो मैंने उस सुन्दर लड़की का ज़िक्र छेड़ दिया.
रमित अनजान बन रहा था, वह बोला- मैंने नहीं देखा!
मैं उसे बताने लगी- जिसने ब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई थी और बहुत छोटे से ब्लाउज के साथ वह दिलकश लग रही थी. उसके चुस्त ब्लाउज को देख कर ऐसा लग रहा था, जैसे ब्लाउज के बटन तोड़ कर उसके बूब्स बाहर आ जाएंगे … और उसके नितम्ब यानि चूतड़ तो बहुत ही बड़े थे. लगभग 36 साइज के रहे होंगे … और उसके होंठ के ऊपर किनारे पर एक तिल भी था!
रमित बोला- अच्छा!
रमित मेरे सामने मान नहीं रहा था कि उसने उसको देखा है.
पर मुझे नीचे से अहसास हो रहा था कि जिस तरह से मैंने उसके बारे में बताया है, उसे सुन कर रमित का औज़ार अपना आकार लेने लगा था.
उसका लंड मेरी नंगी चूत में चुभना शुरू हो गया था.
सागर के उफनती लहरें और चांदनी रात और मेरे और रमित की जिस्मों की आग इस रात को और हसीन बना रही थी.
मैं रमित के ऊपर से नीचे उतरी और फर्श पर अपने घुटने टिका दिए.
रमित की फ्रैंची के उभरे हुए भाग पर झुक कर मैंने कई चुम्बन ले लिए.
फिर मैं रमित की कमर पर किस करती हुई उसकी फ्रेंची उतारने लगी.
जैसे ही उसकी फ्रेंची नीचे हुई, उसमें कैद उसका औज़ार उछल कर बाहर आ गया और सीधा मेरे होंठों से टकराया.
मैंने उसे चूमा और उसके बाद मैं रमित के प्यूबिक एरिया में चूमने लगी.
रमित के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.
मैं उसके लंड को हाथ में पकड़ कर नीचे से ऊपर तक अपनी जीभ चलने लगी.
मैंने उसके लंड के मुंड को अपने मुँह में भर लिया और लॉलीपॉप के जैसे चूसने लगी.
मैं उसे पूरा मुँह में लेने की कोशिश कर रही थी.
अपना लंड चूसे जाने से रमित अब किसी और दुनिया में था.
उसके मुँह में से सिर्फ मेरा नाम ‘यामी आह …’ की आवाजें आ रही थीं.
मैं उसकी गोटियों को चूमने लगी. कभी मुँह में भर कर चूसने लगती.
मेरी चूत भी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
मैं फिर से रमित के ऊपर बैठ गयी और उसका लंड मेरी चूत में फटाक से चला गया.
मैं रमित के ऊपर झुकी तो रमित ने मेरी शर्ट के बटन खोल के मेरे बूब्स बाहर निकाल लिए.
वह मेरे दूध अपने हाथों से मसलने लगा.
मैं ऊपर नीचे होकर रमित के लंड की चुदाई कर रही थी.
तभी मैंने अपनी उंगलियां रमित के सीने पर ऐंठे हुए एक निप्पल पर फेरने लगी, अपने नाख़ून से उसे छेड़ने लगी.
रमित की आह निकल गयी.
मैंने आगे झुक कर पहले उसके निप्पल पर किस की और फिर जीभ फिराने लगी.
रमित मज़े में पागल हुआ जा रहा था.
मैं उसके दोनों निप्पलों पर बारी बारी से जीभ फिराती, कभी दांत से हल्का सा काट भी लेती.
रमित की कमर भी नीचे तेज़ी से चलने लगी.
थोड़ी देर बाद रमित काउच पर लेटा थकने लगा था.
उसने मुझे ऊपर से उठने को बोला.
मैं उठी तो रमित ने मुझे बालकनी की ग्रिल को पकड़ कर झुकने को बोला और पीछे से आकर अपना लंड मेरी चूत में एक झटके में उतार दिया.
रमित की स्पीड से मुझे चोदने लगा.
उसने दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़ रखा था और हर झटके में अपना लंड चूत में और गहरा उतारने की कोशिश कर रहा था.
मैंने कहा- रमित थोड़ा धीरे धीरे करो … और चुदाई को लम्बा चलने दो.
सामने सागर में लहरें अपने पूरे उफान पर थीं, इधर रमित और मेरी चुदाई भी पूरे उफान पर थी.
रमित धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत की गहराई में उतार देता ऐसा लग रहा था … जैसे वह हर धक्के के साथ और अन्दर … और अन्दर तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था.
उधर समुन्दर में एक लहर पूरे उफान से ऊपर उठी, तो इधर रमित का लंड भी पूरा कड़क हो कर मेरी चूत में गहरा उतर गया.
उसने अपना लावा अन्दर उगल दिया.
मैंने भी ग्रिल को कसके पकड़ा और अपने चूतड़ पीछे की तरफ धकेल कर रमित के साथ चिपका दिए.
थोड़ी देर बाद रमित ने मुझे अपनी तरफ पलटा और हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे … चूसने तो क्या … खा रहे थे.
रमित ने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लिटा दिया और हम दोनों एक दूसरे की बांहों में थे दोनों ऐसे ही गहरी नींद के आगोश में चले गए.
हॉट कपल होटल सेक्स करने के बाद सुबह नौ बजे हमारी आंख खुली मैं और रमित बिन कपड़ों के एक दूसरे की बांहों में सो रहे थे.
मैंने रमित के होंठों पर किस की तो रमित की नींद खुल गयी. उसने कसके मुझे अपनी बांहों में भींच लिया और किस करने लगा.
मैंने कहा- रमित हटो, मुझे वाशरूम जाना है!
पर वह मुझे चूमते हुए मेरे ऊपर आ गया, मुझे चूमने लगा.
फिर उसने धीरे धीरे सरकते हुए मेरे बूब्स अपने मुँह में लिए … थोड़े से चूसे और उसका लंड आकार में आने लगा था.
उसने फिर से अपना लंड मेरी चूत में सरका दिया.
मैंने कहा- अब ये क्या रमित … तुम सवेरे सवेरे ही शुरू हो गए यार … और देखो न तुम्हारा वह अभी पूरी तरह से टाइट भी नहीं हुआ है!
तो रमित बोला- मेरी जान, बस थोड़ा सा करने दो न … ऐसे धीरे धीरे करने में मज़ा आ रहा है!
उसने मुझे अपनी दोनों बांहों में जकड़ा हुआ था और उसके होंठ मेरे होंठों से मिले हुए थे.
वह धीरे धीरे मुझे चोद रहा था.
अब मुझे भी मज़ा आने लगा.
मैं भी उसका साथ दे रही थी.
हमारे बीच चुदाई कम, चूमा-चाटी ज्यादा हो रही थी.
मैंने भी अपनी बांहें उसकी गर्दन के इर्द-गिर्द लपेट रखी थीं.
वह बहुत हल्के हल्के स्ट्रोक लगा रहा था, हमारा मजा बढ़ने लगा था.
तभी रमित का फ़ोन बजने लगा.
मैंने हाथ बढ़ा कर फ़ोन उठा कर उसे पकड़ा दिया.
यह घर से रमित की मम्मी का फ़ोन था.
मैंने उससे कहा- अब तो छोड़ दो!
उसने मुझे चुप रहने का इशारा किया और फ़ोन पर बात करने लगा.
वह बात भी कर रहा था और अपना काम भी जारी रखे हुए था.
फिर माँ ने मेरे बारे पूछा तो उसने फ़ोन स्पीकर पर कर दिया.
मैंने प्रणाम किया और उनका हाल-चाल लिया.
पर इस सारी बात-चीत के दौरान रमित ने अपना लंड मेरी चूत में से नहीं निकाला.
माँ फ़ोन काटने वाली ही थीं कि पापा ने फ़ोन पकड़ लिया.
पापा की आवाज़ सुनते ही रमित डर गया और मेरे ऊपर से हट गया.
मैंने गहरी सांस ली और उठ कर भागती हुई बाथरूम में घुस गयी.
अन्दर जाते ही मैंने शॉवर खोल दिया और खुद को अच्छे से साफ़ करने लगी.
तभी रमित की आवाज आई. उसने कहा- दरवाज़ा खोलो … मुझे भी तुम्हारे साथ शॉवर लेना है!
मैं टॉवल लपेट कर बाहर आ गयी और मैंने कहा- जाओ फ्रेश होकर आओ, मैं जब तक कॉफ़ी मंगवाती हूँ.
वह मुझे घूरने लगा.
मैं उसकी बात समझती हुई हंसने लगी.
दरअसल उसका मन अभी भी मस्ती करने का था.
मैंने बाहर आकर वार्डरोब से शॉर्ट एंड टॉप निकाल कर पहन लिया और फोन उठा कर दो कॉफ़ी का आर्डर दे दिया.
रमित जब तक वाशरूम से फ्रेश हो कर आया, तब तक कॉफ़ी भी आ गयी थी.
हम दोनों कॉफ़ी लेकर बालकनी में आ गए.
सामने सागर की लहरों में लोग अठखेलियां कर रहे थे … मौसम भी रोमांटिक था.
तभी नीचे मेरी नज़र पूल पर गयी.
वहां लोग स्विमिंग एन्जॉय आकर रहे थे.
मैंने गौर से देखा तो लड़कियां भी थीं.
कुछ स्विम सूट में … तो कुछ टू पीस बिकनी में.
तभी मेरे दिमाग में खुराफात ने जन्म लिया कि क्यों न रमित को दूसरी औरतों या लड़कियों के चूतड़ दिखा कर गर्म किया जाए.
एक तो सुबह वह अपने मुकाम पर नहीं पहुंचा था, तो मैंने सोचा कि उसका मजा बढ़ जाएगा.
फिर यदि रात पार्टी वाली सुन्दर एंड सेक्सी बाला भी इसी पूल में नहाती मिल
जाए तो उसके बाद तो रमित रात को मुझे आज रात से भी दोगुना ज्यादा मज़ा देगा.
यार मर्द कितना भी पत्नीव्रता हो, पर दूसरी औरत का शरीर देखते ही उसके लंड में करंट जरूर आ जाता है.
अगर लड़की रात वाली पार्टी वाली जैसी हो तो बस फिर वह न चाहते हुए भी बेवफाई कर बैठेगा.
मैंने रमित को पूल की तरफ देखने को कहा तो वह भी सुन्दर माल देखने में मस्त हो गया.
फिर मैंने उससे पूल में जाने का बोला, तो थोड़ी नानुकर के बाद वह तैयार हो गया.
हम दोनों ने अपने अपने स्विमिंग कॉस्टयूम लिए और नीचे पहुंच गए.
चेंजिंग रूम में चेंज कर के हम दोनों पूल के अन्दर आ गए.
हम दोनों स्विमिंग का मज़ा लेने लगे और एक दूसरे पर पानी उछाल कर मस्ती करने लगे थे.
काफी लोग वापिस जा चुके थे.
अब पूल में बस दो चार लोग ही थे.
तभी मेरी नज़र पूल में उस सुंदरी बाला के पति पर पड़ी.
मैंने सोचा कि इसका मतलब वह भी यहीं आस पास होनी चाहिए.
मेरी नजरें उसे तलाश करने लगीं.
तभी मेरी नज़र एक लड़की पर गयी, जो आराम कुर्सी पर पेट के बल लेटी थी.
उसके बड़े बड़े गोल चूतड़ थे.
उसने थोड़ा अपना चेहरा घुमाया तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना न रहा … ये वही सुंदरी थी.
मेरे मन की मुराद पूरी हो गयी थी.
अब बस रमित का ध्यान उसकी तरफ दिलाना बाकी था.
मैं ये सोच कर बहुत खुश थी कि आज रात को रमित को उसके बारे में बोल बोल कर
उसे बहुत गर्म कर दूँगी, फिर वह मेरी तसल्ली से मुझे प्यार करेगा.
ये सोचते ही मेरे शरीर में झुरझुरी सी उठी, मेरी चूत में जैसे चींटिया सी रेंगने लगीं.
मैंने अपने आप को कंट्रोल किया और पूल से बाहर आ गयी.
मैं सीधा उसके बगल वाली आराम कुर्सी पर आकर टॉवल से अपना शरीर पौंछने लगी
मैंने देखा कि उस लड़की ने पीले रंग की टू पीस बिकनी पहनी हुई थी.
उसके गोल गोल बड़े से चूतड़ बहुत सेक्सी लग रहे थे.
आंखों पर सनग्लासेस लगाए हुई वह बड़ी मस्ती से लेटी हुई थी.
मैंने ध्यान दिया कि उसके बाएं चूतड़ पर एक तिल था.
यह देख कर मैं मन ही मन मुस्करायी कि अब रमित को उकसाना और भी आसान होगा.
एक तो उसे बड़े चूतड़ पसंद हैं, उस पर ये काला तिल!
एक बार तो मुझे उससे जलन सी महसूस हुई.
फिर उससे जान पहचान बढ़ाने के लिए मैंने उससे हैलो बोला.
मैंने उससे अपना परिचय करवाया- हाय, मैं यामिनी!
वह भी मुस्करायी और हाथ बढ़ाती हुई बोली- मैं जाह्नवी.
हम दोनों में बातचीत शुरू हुई.
मैंने उसकी खूबसूरती की तारीफ करते हुए कहा जाह्नवी सच में तुम बहुत हॉट हो!
वह मुस्कुरा दी.
मैंने उसे आंख मारते हुए कहा- तुम्हारे हस्बैंड तो तुम्हें छोड़ते ही नहीं होंगे … सारा दिन बेडरूम में ही हुए रहते होंगे तुम्हें लेकर …
यह सुन कर वह ज़ोर से खिलखिलाई और बोली- यामिनी, ऐसी कोई बात नहीं, इनफैक्ट तुम मुझसे ज्यादा खूबसूरत हो … मुझसे ज्यादा सेक्सी एंड हॉट हो. देखो इस बैंगनी रंग की बिकनी में तुम बहुत सेक्सी लग रही हो … यहां पर सारे मर्दों की नजरें तुम पर हैं!
मैं भी हंसने लगी और मन में सोचने लगी कि जाह्नवी सबकी नजरें मुझ पर हैं, पर मेरे पति की नजरें तुम पर हैं. तुम ही यहां इकलौती ऐसी लड़की हो … जिस पर रमित की नजरें टिकी हैं. नहीं तो वह मेरे सिवाए किसी और की तरफ आंख उठा कर भी नहीं देखता.
जाह्नवी बोली- हेय … कहां खो गयी! रात पार्टी में भी मैंने देखा था … तुम उस ड्रेस में कितनी हॉट लग रही थीं. पार्टी के सब मर्द तुम्हें ललचायी नजरों से देख रहे थे … जब तुम और तुम्हारे हस्बैंड डांस कर रहे थे. तुम दोनों ऐसे लग रहे थे जैसे एक दूसरे के लिए ही बने हो.
अब मैं उसे क्या बोलती कि रमित को तुम्हारी साड़ी और ब्लाउज में इंट्रेस्ट आ रहा था.
पर मैं बस मुस्करा कर रह गयी.
हम आपस में काफी खुल चुकी थीं.
यहां तक कि हमने तो साथ घूमने जाने का प्लान भी बना लिया था.
यही मैं चाहती थी कि जाह्नवी सारा दिन हमारे साथ रहे और रमित उसे देख देख कर गर्म होता रहे.
फिर वह रात को जाह्नवी को सोच कर मुझे हचक कर चोदे और मेरा अंग अंग ढीला कर दे!
मैंने रमित को बुलाया.
जैसे ही रमित मेरे पास आया तो उसकी नज़र जाह्नवी पर पड़ी.
मैंने देखा कि वह जाह्नवी के शरीर का आंखों से ही नाप ले रहा था.
तब मैंने दोनों का परिचय करवाया.
मैंने देखा जाह्नवी भी रमित को चाहत भरी नजरों से देख रही थी.
मेरे लिए ये कोई ख़ास बात नहीं थी.
अक्सर रमित की पर्सनालिटी देख कर लड़कियां उसकी तरफ अट्रैक्ट हो जाती हैं … पर रमित किसी को नहीं भाव नहीं देता.
पर जाह्नवी के लिए वह कुछ बदला बदला नज़र आया.
मैंने देखा रमित चोर नजरों से जाह्नवी के चूतड़ देख रहा था और उस पर तिल … शायद उसको देखने के लिए मरा जा रहा था.
मैंने देखा कि जाह्नवी रमित के गठीले बदन को निहार रही थी.
उसकी नजरें उसके फ़्रेंची के अगले भाग पर फिर रही थीं.
तभी जाह्नवी का हस्बैंड ईवान भी आ गया.
हमारा आपसे में परिचय हुआ.
मैंने देखा उसके आते ही जाह्नवी ने अपनी कमर के गिर्द एक पारदर्शी सी चुन्नी बांध ली थी.
फिर हम सबने चेंजिंग रूम में चेंज किया और ब्रेकफास्ट के लिए बुफे में आ गए.
हम चारों ने साथ में ब्रेकफास्ट किया और घूमने का प्लान करने लगे.
अब तक हम सभी में अच्छी दोस्ती हो चुकी थी.
मैंने और जाह्नवी ने सलाह दी कि दो पहिया वाहन रेंट पर ले लेंगे … और गोवा घूमेंगे, रात को क्रूज पार्टी का आनन्द भी लेंगे.
सब कुछ तय करके हम चारों अपने अपने कमरे की ओर तैयार होने चल दिए.
कमरे में जा कर मैंने शॉवर लिया और पहनने के लिए सफ़ेद रंग की छोटी सी निक्कर निकाली.
मैंने सफ़ेद रंग की निक्कर के साथ ब्लू रंग का डीप नैक का टॉप पहना, जिसमें से मेरे बूब्स बाहर आने को बेकरार हो रहे थे.
रमित ने भी शॉर्ट और टी-शर्ट पहनी.
फिर हम हाथों में हाथ डाले नीचे रिसेप्शन पर आ कर जाह्नवी और उसके पति का इंतजार करने लगे.
जैसे जाह्नवी नीचे आयी, मैंने अपने होंठों को गोल करके सीटी बजायी और बोली- लगता है आज गोवा में बहुत से मर्द बेहोश आने वाले हैं!
वह बोली- वह क्यों?
मैंने कहा- मैडम, जब आप जैसी हॉट माल को देखेंगे तो बेहोश हो ही जाएंगे!
वह बोली- यार तुमसे ज्यादा हॉट तो नहीं लग रही!
मैंने कहा- ओके ओके … लगता है हम दोनों की हॉटनेस से गोवा का मौसम बहुत गर्म होने वाला है.
हम दोनों खिलखिला कर हंसने लगीं.
जाह्नवी ने आसमानी रंग की छोटी सी निक्कर पहनी हुई थी, जिसमें से उसकी मांसल जांघें बेहद सेक्सी लग रही थीं और पीछे से उसकी शॉर्ट बमुश्किल ही उसके चूतड़ ढांप पा रही थी.
उस पर झीना सा सफ़ेद रंग का ढीला सा टॉप, जिसका गला बेहद डीप था और जाह्नवी के बूब्स के ऊपरी भाग को दिखा रहा था.
इस टॉप के अन्दर उसने डार्क ब्लू रंग की ब्रा पहनी हुई थी जिसकी पट्टियों
पर लाल रंग की किनारी थी. .. उसके पारदर्शी से टॉप में से साफ़ दिखाई दे रही
थी.
जाह्नवी आगे चली गयी.
मैंने देखा कि रमित उसके मटकते हुए चूतड़ों को घूर रहा था.
उसकी आंखों में वासना के डोरे थे.
शायद उसमें जाह्नवी को पाने की ख्वाहिश जाग रही थी.
मैं उसे धकेलती हुई बाहर ले आयी.
फिर हमने दो बाइक्स लीं और घूमने के लिए निकल पड़े.
मैं और जाह्नवी बहुत मस्ती कर रही थीं.
मैंने एक बात देखी कि जाह्नवी का पति अक्सर फ़ोन पर बात करता हुआ थोड़ा दूर चला जाता था और जाह्नवी के पूछने पर बोलता कि ऑफिस से कॉल था.
मुझको यह देख कर यह समझ आया कि जाह्नवी और उसके पति के बीच ज्यादा अच्छी केमिस्ट्री नहीं है.
मतलब वैसी … जैसी मेरे और रमित के बीच थी.
कभी कभी जाह्नवी भी उसके साथ असहज सी लगती थी.
मेरे दिमाग में जो खिचड़ी पक रही थी, उसके लिए ये अच्छा ही था.
शाम को हम बीच पर सन सैट का मज़ा ले रहे थे, मैं, रमित और जाह्नवी समुन्दर की लहरों में अठखेलियां कर रहे थे.
जाह्नवी का पति बियर का मज़ा लेते हुए किनारे पर ही बैठा था.
मेरे और जाह्नवी के कपड़े भीग चुके थे.
हमारे टॉप गीले होकर बदन से चिपके हुए थे.
जाह्नवी का टॉप तो सफ़ेद रंग का था, तो गीला होते ही उसके बदन का हर कटाव दिख रहा था.
नीचे से उसकी ब्रा अब बिल्कुल साफ़ दिख रही थी.
पर जाह्नवी को जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था, वह मस्ती में मुझ पर और रमित पर पानी उछाल रही थी.
तभी रमित ने कहा- अभी बताता हूँ तुम्हें!
जाह्नवी यह सुनकर आगे को भागने लगी तो रमित ने उसे पीछे पकड़ लिया और खुद भी उसे पकड़ कर पानी में गिर गया.
वे दोनों हंसने लगे और मुझे भी खींच लिया.
रमित और जाह्नवी में अच्छी दोस्ती हो चुकी थी.
थोड़ी देर हम मस्ती करके बाहर आ गए.
तभी जाह्नवी ने मुझे एक बड़े से पत्थर के पीछे चलने का इशारा किया.
हम दोनों ने अपने हैंड बैग उठाए और वहां चल दीं.
उस बड़ी चट्टान के पीछे देखा तो वहां कोई नहीं था.
जाह्नवी बोली- यार, गीला टॉप पहन कर नहीं जाया जाएगा, अभी हम सन सैट का मज़ा लेंगे … पर इतनी देर तक गीले टॉप में नहीं रहा जाएगा. मैंने एक टॉप हैंडबैग में रख लिया था. तुम देखो कोई न आए … मैं झट से चेंज कर लेती हूँ!
मैंने हां कहा और मैं उसके आगे खड़ी हो गयी.
अब मैं ध्यान रखने लगी कि वहां कोई न आए.
इतने में जाह्नवी ने अपना टॉप उतार दिया और पीछे से ब्रा की हुक खोल दिया.
जैसे ही उसने हुक खोला, उसमें कैद उसके कबूतर उछल पड़े.
वाकयी में उसके बूब्स बहुत सुन्दर थे और उन पर किसमिश जैसे निप्पलों तो और ज्यादा कहर ढा रहे थे.
मर्द तो मर्द मेरा भी मन उसके दूध छूने के लिए मचलने लगा.
फिर मैंने खुद को कण्ट्रोल किया कि कहीं जाह्नवी मेरे बारे में कोई गलत विचार न बना ले.
उसने ब्रा के बिना ही ऊपर से दूसरा टॉप पहन लिया और बोली- तुम भी इधर आकर चेंज कर लो अगर तुम्हारे पास टॉप है! मैं वहां खड़ी हो जाती हूँ.
मेरे पास भी एक एक्स्ट्रा टॉप था, तो मैंने भी चेंज करने के लिए टॉप उतारा और दूसरा पहनने लगी.
तो जाह्नवी बोली- यार ये गीली ब्रा भी उतार दो, नहीं तो वहां खुजली होने
लगेगी. एक तो गीली है ऊपर से हम समुन्दर के खारे पानी में नहा कर आए हैं.
ऐसे ही बिना ब्रा के टॉप पहन लो. थोड़ी देर में तो हम लोग होटल पहुंच ही
जाएंगे.
उसकी बात सुनकर मैंने भी अपनी ब्रा उतार दी और दूसरा टॉप पहन लिया.
हम दोनों ने अपने गीले टॉप हैंड बैग में ही डाल लिए और उस चट्टान के पीछे से बाहर आ गए.
रमित भी अपने कपड़े पहन चुका था.
इतने में सूरज छिपने लगा, उसकी लालिमा समुन्दर के पानी में फ़ैल रही थी.
उस वक़्त वह नज़ारा बहुत ही खूबसूरत लग रहा था.
दूर तक सागर की लहरों में सूरज का लाल रंग फैला था … ऐसे लग रहा था जैसे
सूरज खुद समुन्दर में उतर गया है … और लहरों संग मस्ती कर रहा है.
जाह्नवी मेरे बगल में ही खड़ी थी, उसके बाल हवा में उड़ कर बार बार उसके चेहरे पर आ रहे थे.
वह एक हाथ से उन्हें पीछे करती हुई सच में बहुत खूबसूरत लग रही थी.
मैंने कहा- जाह्नवी देखो ये लहरें भी अपना किनारा तलाशती किनारे तक आती हैं और किनारे को छू भर के वापिस फिर सागर में लौट जाती हैं.
जाह्नवी बोली- हां, ये भी मेरी तरह किनारे तलाशने किनारे तक आती हैं और किनारे पर आकर भी जब इन्हें किनारा नहीं मिल पाता, तो ये वापिस लौट जाती हैं … मेरी तरह वहां इंतज़ार में नहीं रहती हैं!
मैंने देखा कि यह कहते वक्त जाह्नवी की आंखों में एक अजीब सी उदासी थी.
मैंने उससे इस उदासी की वजह जाननी चाही.
पर फिर सोचा कि अभी जाह्नवी मेरी वह वाली दोस्त नहीं बनी है, जो अपनी उदासी
और अपनी गमी मुझे बता सके. इसलिए मैंने चुप रहना ही बेहतर समझा.
अब हम सब अपने होटल की तरफ वापिस चल दिए.
फिर से हमारे बीच हंसी मज़ाक शुरू हो गया.
मैंने देखा कि रमित चोरी से कभी कभी जाह्नवी की तरफ देख लेता.
उसकी नज़रें उसके कुर्ते में से उभर आए निप्पलों पर ठहर जातीं.
यह देख कर मैं अन्दर ही अन्दर मुस्करायी और आज की हसीं रात की कल्पना करने लगी.
अभी तो हमें क्रूज़ पार्टी में जाना था, हम अपने होटल पहुंच गए थे.
शाम 8.30 पर रिसेप्शन पर मिलने का बोल कर हम अपने अपने कमरों में चले गए.
रूम में आते ही मैं वाशरूम में भाग गयी और शॉवर खोल कर उसके नीचे खड़ी हो गयी.
इतने में रमित भी अन्दर आ गया.
अन्दर आते ही उसने अपनी शॉर्ट और टी-शर्ट उतार दी, फिर मेरा टॉप भी उतार दिया और मेरे बूब्स मसलने लगा.
मैंने मना किया- नहीं रमित, अभी नहीं … रात को पार्टी से आने के बाद!
वह मेरे निप्पलों को चूसना चाहता था.
मैंने उसे रोक दिया.
वह बोला- मेरे अन्दर आग लगी है यार … कैसे बुझाऊं!
मैंने कहा- तुम्हारी आग शांत कर देती हूँ … सब्र रखो!
मैं उसके कड़े हुए निप्पलों को अपने नाखूनों से छेड़ने लगी, इससे वह और सिसकारियां भरने लगा.
मैं जानती थी कि इस वक़्त रमित को डिस्चार्ज करना बहुत जरूरी है और वह जल्दी हो भी जाएगा.
मैं नीचे बैठी और उसकी फ्रेंची उतार दी.
उसका लंड उछल कर बाहर आ गया.
मैंने उसे अपने हाथ में पकड़ा और उसको आगे पीछे किया. फिर अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
कभी कभी अपनी जीभ उसके छेद पर फेर देती, तो रमित और ज़ोर से आह भरता.
मैं उसे पूरी तरह चूसने लगी.
आज मैं भी अपनी सारी शर्म लिहाज छोड़ना चाहती थी. .. इसलिए मैं एक पोर्न स्टार की तरह उसका लंड चूस रही थी.
तभी रमित की कराह निकली- ओह यामिनी, आह … बहुत मजा आ रहा है यार … अब मुझसे नहीं रुका जाता.
उसने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और अपने हाथ से आगे पीछे करने लगा.
इस वक़्त उसकी आंखें बंद थीं और वह बस आहें भर रहा था.
तभी उसके लंड से वीर्य का फव्वारा छूटा और वह लम्बी आह भरता हुआ दीवार के साथ पीठ टिका खड़ा हो गया.
मैंने धीरे से उसके लंड को पकड़ा और पानी से धो कर उसे साफ़ कर दिया.
फिर रमित से लिपट कर मैं उसे किस करने लगी.
हम दोनों फ्रेश होकर बाहर आ गए.
मैंने कॉफ़ी का आर्डर दिया.
कॉफ़ी पीकर हमने थोड़ा रिलैक्स किया … फिर क्रूज़ पार्टी के लिए रेडी होने लगे.
मैंने लाल रंग की घुटनों से थोड़ी नीची ड्रेस पहनी.
इस ड्रेस में मेरे शरीर का हर एक कटाव उभर कर दिख रहा था.
इससे आगे आप रमित की ज़ुबानी मजा लें.
दोस्तो, मैं रमित … अब आगे की सेक्स कहानी में मैं बताऊंगा कि कैसे मेरा हनीमून को यामिनी ने यादगार बना दिया था.
इस लाल रंग की घुटनों तक टाइट ड्रेस में यामिनी बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी.
उसके बाद उसने डार्क रेड कलर की लिपस्टिक लगायी और हाई हील में तो वह मानो बिजलियां गिरा रही थी.
मैंने भी डार्क ब्लू रंग का सूट वाइट शर्ट के साथ पहना था.
यामिनी मेरे करीब आयी और बोली कि आज किस पर बिजलियां गिराने का इरादा है डार्लिंग!
मैंने कहा- मेरे ऊपर तो तुमने पहले ही बिजली गिरा दी है.
वह हंस दी.
फिर यामिनी मेरे साथ सेल्फी लेती हुई बोली- रमित, हम परफेक्ट कपल लग रहे हैं.
मैं उसकी गर्दन पर होंठ से चूमने लगा.
फिर हम दोनों एक दूसरे की बांहों में बांहें डाले नीचे आ गए और जाह्नवी के आने का वेट करने लगे.
वैसे तो मेरी बीवी यामिनी बहुत खूबसूरत और हॉट है पर पता नहीं जाह्नवी की आंखों में ऐसी क्या कशिश थी कि मैं उनमें कुछ देखने को मजबूर हो जाता था.
जब वह चलती थी तो बहुत मादक लगती थी.
उसके बदन में एक अजीब सी मादकता थी जो मुझे अपनी तरफ खींच रही थी.
वैसे मैं यामिनी को पाकर बहुत खुश था.
मुझे उसमें कोई कमी नहीं नज़र आती थी.
हम रोमांस भी जी भर कर करते थे.
जबसे यामिनी मेरी ज़िन्दगी में आयी थी, सच पूछो तो मुझे उसकी टक्कर की कोई लड़की लगी ही नहीं थी.
मैंने किसी की तरफ नज़र उठा कर नहीं देखा था.
पर जाह्नवी मुझे अपनी तरफ खींच रही थी.
उसे मिले हुए एक ही दिन हुआ था, पर ऐसे लगता था और जब वह आस पास होती है तो जैसे पूरे माहौल में मादकता छा गयी हो.
जाह्नवी के शरीर के किस अंग की तारीफ करूं … मुझे खुद भी समझ नहीं आता.
यामिनी की तरह उसके बदन का हर भाग परफेक्शन का उदहारण था.
वह अगर यामिनी से बढ़कर नहीं थी तो कहीं से कम भी नहीं थी.
यामिनी का साथ पाकर कोई भी मर्द फख्र महसूस करता और मुझे भी अपनी किस्मत पर रश्क होता था कि यामिनी सिर्फ मेरी है.
पर कल से जब से जाह्नवी को देखा है तो कुछ अलग सा खिंचाव महसूस कर रहा था.
मेरे दिमाग में ये ख्याल आया कि शायद हर पुरुष पराई औरत की तरफ आकर्षित होता है. शायद मैं भी उन्हीं में से एक हूँ!
फिर मैंने जाह्नवी के ख्याल को अपने दिमाग से झटका और यामिनी पर ध्यान लगाया.
यामिनी बहुत ही ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी.
मैंने सोचा जब पार्टी से वापिस आएंगे तो मैं आज रात यामिनी को दिल भर कर प्यार करूंगा और इसे हसीं और यादगार रात बना दूंगा.
मैंने यामिनी की कमर में अपनी बांह डाली और उसे अपने और करीब खींच लिया.
यामिनी हल्की सी मुस्करायी.
मैंने यामिनी की गर्दन पर हल्की सी किस कर दी.
यामिनी थोड़ा शर्मा गयी और बोली- रमित, क्या कर रहे हो!
मैंने कहा- यामी, तुम इतनी खूबसूरत और हॉट लग रही हो कि मैं खुद को तुम्हारे करीब आने से खुद को रोक नहीं सकता!
यामिनी ने हल्की सी स्माइल पास की और बोली- रमित, सच पूछो तो तुम इतने
हैंडसम और हॉट लग रहे हो कि मुझे डर लग रहा है कोई तुम्हें मुझे से छीन न
ले.
मैंने यामिनी को कमर से अपने और करीब खींच लिया- यामी, मैं तुमसे दूर रह कर नहीं जी पाऊंगा इसलिए मुझे तुमसे कोई दूर नहीं कर सकता!
तभी जाह्नवी की आवाज़ आयी.
मैंने पलट कर उसकी तरफ देखा तो बस मेरा मुँह खुला ही रह गया.
जाह्नवी ने रेड कलर का गाउन पहना था.
उसकी फिटिंग इतनी परफेक्ट थी कि जैसे जाह्नवी के शरीर के ऊपर रख ही सिला गया हो.
जाह्नवी के बदन का हर उठाव और कटाव बहुत खूबसूरती से दिख रहा था.
घुटने के ऊपर से एक तरफ से गाउन में स्लिट दी हुई थी, उसमें से झांकती खूबसूरत टांग जाह्नवी को और खूबसूरत दिखा रही थी.
गले में ड्रेस से मैच करती मोतियों की माला बहुत उसकी खूबसूरती को चार चाँद लगा रही थी.
उसके कंधों तक के कर्ल किये हुए बाल उसका अंदाज़ बयां कर रहे थे.
कुल मिला कर जाह्नवी बेहद सुन्दर, सेक्सी और हॉट माल लग रही थी.
उसका पति फॉर्मल पैंट शर्ट में था.
उसका जाह्नवी के साथ कोई मैच नहीं लग रहा था.
हमें लेने के लिए कैब आ चुकी थी.
हम सब कैब से क्रूज़ पर पहुंचे.
हमारे आने के बाद जहाज चल दिया.
जल्द ही ये छोटा सा शिप गहरे समुन्दर में था.
मैं और यामिनी बेहद करीब होकर चल रहे थे.
मेरी एक बाजू यामिनी की कमर में थी.
वहीं मैंने नोटिस किया कि जाह्नवी और उसका पति इतने करीब नहीं थे.
दोनों थोड़ा फासला बना कर चल रहे थे.
पर शिप पर सबकी नज़र हम तीनों पर … यानि मुझ पर, यामिनी पर और जाह्नवी पर ही थी.
पार्टी में कई लोग यामिनी और जाह्नवी को बहुत ललचायी नजरों से देख रहे थे.
धीरे धीरे रात गहरा रही थी.
शिप भी समुन्दर की लहरों पर हिचकोले खा रहा था.
पार्टी में शराब और शवाब का दौर ज़ोरों पर था. हम चारों भी एक टेबल पर बैठे थे.
यामिनी और जाह्नवी ने भी वोदका का गिलास ले लिया था.
मैंने और जाह्नवी का पति ईवान हम दोनों ने स्कॉच ली.
हम अपना अपना ड्रिंक ले रहे थे.
यामिनी मेरे साथ बिल्कुल सट कर बैठी थी.
जाह्नवी और ईवान हमारे सामने थे, वे आपस में इतना सहज नहीं थे जितना मैं और यामिनी आपस में थे.
मेरी नज़र जाह्नवी के खूबसूरत अंगों पर किसी सांप के जैसे फिसल रही थी.
शायद यामिनी ने भी ये नोटिस कर लिया था, उसके होंठों पर रहस्यमयी मुस्कान बनी हुई थी.
जाह्नवी बहुंत शांत और गंभीर लग रही थी.
मैंने उसकी आंखों में देखा तो मुझे उसकी आंखें बहुत उदास नज़र आईं.
मैंने एक बात नोटिस की कि जाह्नवी अपने पति और यामिनी से नज़र बचा कर बीच बीच में मुझे देखती थी.
यामिनी अपने तीन ड्रिंक ले चुकी थी.
उसकी आंखों में अब खुमारी नज़र आ रही थी.
शराब ने उस पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था.
तभी यामिनी उठी और मेरा हाथ पकड़ कर डांस फ्लोर पर ले आयी.
हम दोनों डांस करने लगे.
यामिनी डांस में उतनी अच्छी नहीं थी पर उसे पार्टीज में डांस करने का शौक था.
वह मुझसे चिपक कर डांस कर रही थी.
तभी अनाउंस हुआ कि नेक्स्ट सांग पर चेंजिंग पार्टनर्स डांस होगा … यानि की सभी डांस करते हुए एक दूसरे के पार्टनर चेंज करके डांस करेंगे.
यामिनी जाह्नवी और ईवान को भी डांस फ्लोर पर ले आयी.
ईवान ने कहा भी कि उसे डांस करना नहीं आता.
पर यामिनी ने उससे आग्रह किया कि कोई बात नहीं, जैसे दूसरे कर रहे वैसे ही आप भी करो.
तभी ऐतराज़ फिल्म का गाना बजने लगा.
‘तलातुम तलातुम … जब लहर लहर से टकराये, दरिया में जो तूफ़ान आए … तलातुम वह कहलाए. तलातुम तलातुम तलातुम तलातुम तलातुम.’
शिप के डेक पर सभी तरफ मस्ती माहौल था.
कुछ माहौल का असर और कुछ शराब के असर ने सब को झूमने पर मजबूर कर दिया.
तभी यामिनी ने मुझे इशारा किया कि मैं जाह्नवी के साथ डांस कर लूँ …
क्योंकि उसका पति डांस फ्लोर से जा चुका था और वह किसी और के साथ डंसकर रही
थी.
वह उस आदमी के साथ डांस करने में सहज नहीं लग रही थी.
मैं जाह्नवी के साथ डांस करने लगा.
अब वह सहज थी.
थोड़ी देर में वह मस्ती में झूमने लगी.
जाह्नवी सच में बहुत अच्छा डांस कर रही थी.
अब तक मुझे शराब के साथ जाह्नवी का न/शा भी चढ़ रहा था.
हम दोनों मस्ती में डांस करने लगे.
हमारा ध्यान तब टूटा जब सबने तालियां बजा कर हमें अप्रिशिएट किया.
यह देख कर जाह्नवी थोड़ी शर्मा गयी और यामिनी के पास जा कर खड़ी हो गयी.
मैंने सबको थैंक्स बोला और वापिस यामिनी के पास आ गया.
मैंने कहा- सॉरी यार यामिनी … पता ही नहीं लगा कब हम डांस इतना खो गए कि सब हमारी तरफ देख रहे थे.
यामिनी बोली- अरे सच में तुमने और जाह्नवी ने बहुत अच्छा डांस किया. तुम
दोनों साथ में डांस करते हुए बहुत अच्छे लग रहे थे. काश … मुझे भी जाह्नवी
जैसा डांस करना आता होता. जाह्नवी तुम मुझे डांस सिख़ाओगी प्लीज?
जाह्नवी बोली- यार तुम मज़ाक कर रही हो. तुम बहुत अच्छा डांस करती हो.
तभी यामिनी ने एक ड्रिंक उठा कर जाह्नवी की तरफ बढ़ाया और एक खुद ले लिया.
जाह्नवी ने मना किया तो यामिनी ने बोला- मेरी खातिर एक.
हम लोग ड्रिंक एन्जॉय करने लगे.
रात में समुन्दर बहुत शांत था, ये रात बहुत खूबसूरत लग रही थी.
तभी जूली फिल्म का गाना बजने लगा.
‘ये रातें नई, पुरानी … आते जाते कहती हैं कोई कहानी!’
माहौल में ये गाना बहुत सूट कर रहा था.
एक बार फिर से पार्टी का माहौल रोमानी और रोमांटिक हो गया था.
मैंने देखा जाह्नवी ड्रिंक हाथ में लिए झूम रही थी.
मैं और यामिनी भी एक दूसरे की बांहों में झूमने लगे.
यामिनी ने आंखें बंद करके अपना सर मेरे कंधे से टिका दिया था.
जब गाना खत्म हुआ तो यामिनी ने अपनी आंखें खोलीं और वह मेरी तरफ देख कर मुस्करायी.
फिर उसकी नजरें जाह्नवी को तलाशने लगीं.
हमने देखा जाह्नवी डेक पर खड़ी बाहर की तरफ समुन्दर को देख रही थी.
यामिनी ने उसे आवाज़ लगायी तो मैंने नोटिस किया कि जाह्नवी की आंखों में कुछ नमी थी और वह थोड़ी उदास भी.
तभी कोई आदमी वहां आया, उसने जाह्नवी के साथ बदतमीज़ी करनी चाही तो मैं और यामिनी वहां पहुंच गए.
मैंने उस आदमी को रोका तो वह बोला- भाई तुम्हारी किस्मत है. दो सबसे खूबसूरत औरतें तुम्हारी बगल में जो हैं.
यह सुन कर मुझे गुस्सा आ गया.
मैंने उसको उसके गले से पकड़ना चाहा तो उससे पहले ही मेरी बीवी ने उसके गाल पर थप्पड़ रसीद कर दिया.
वह बोली- दो औरतों को संभालने का दम होना चाहिए. तुम में तो अपनी बीवी संभालने का ही दम नहीं है … जा पहले उसे संभाल, कहीं उसे कोई और …
इससे आगे यामिनी ने लाइन अधूरी छोड़ दी और वह मुझे और जाह्नवी को पकड़ कर वहां से आ गयी.
मैंने कहा- अच्छा कल तो मेरे को बोल रही थीं कि क्यों गुस्सा करते हो … इग्नोर करो और आज खुद क्या किया?
वह बोली- सॉरी यार … उसने गलत बोला तो खुद को रोक नहीं पायी … सॉरी बाबा.
मैंने कहा- इट्स ओके मेरी जान.
हम दोनों हंसने लगे.
जाह्नवी बोली- यह सब मेरी वजह से हुआ!
मैंने कहा- जाह्नवी जी, आप अपने आप को दोष मत दें. कुछ लोगों की सोच छोटी
ही होती है. आओ अब डिनर लेते हैं. क्रूज़ भी अब वापिस चल दिया है और रात भी
बहुत हो गयी है. ईवान जी कहां हैं?
मैंने जब यह पूछा तो वह उदास भरी आवाज़ में बोली- होंगे यहीं कहीं … या तो फ़ोन पर होंगे या शराब पी रहे होंगे!
मैंने कहा- आप दिल छोटा मत कीजिए … मैं उन्हें डिनर के लिए लेकर आता हूँ.
तभी मैंने देखा कि ईवान जी डेक के एक कोने पर ड्रिंक कर रहे थे.
मैं उनके पास गया और उन्हें डिनर के लिए बोला तो उन्होंने मुझे अपने साथ एक ड्रिंक लेने को बोला.
उनके ज्यादा ज़ोर देने पर मैंने भी एक ड्रिंक ले लिया.
वह बोले- यार तुम बहुत लकी हो. तुम्हारे पास यामिनी जैसी बोल्ड एंड ब्यूटीफुल बीवी है.
मैंने कहा- आपकी बीवी भी बहुत सुन्दर और अच्छी है … आप भी बहुत लकी हैं.
ईवान जवाब में बस फीकी सी हंसी हंस दिया.
मुझे कुछ अजीब सा लगा, फिर मैंने सोचा कि ये उनका पर्सनल मैटर है.
मैं चुप ही रहा.
फिर हमने चारों ने डिनर किया.
इतने में शिप भी किनारे पर लग चुका था.
हम सभी वापिस होटल की तरफ चल दिए.
जाह्नवी का मूड भी अब ठीक हो चुका था.
वह और यामिनी फिर से एक दूसरे के साथ मस्त हो कर बातें कर रही थीं.
मैं भी उनकी बातों में शामिल हो गया.
ईवान ने शायद ड्रिंक ज्यादा कर ली थी इसलिए वह चुप ही था.
हम लोग होटल पहुंचे तो अपने अपने रूम में जाने लगे.
यामिनी ने जाह्नवी को छेड़ा- आज रात ज़रा संभल कर बेबी … तुम बहुत हॉट लग रही हो!
जाह्नवी ने धत्त बोला.
और यामिनी हंसने लगी.
जाह्नवी ने यामिनी को भी छेड़ा- तुम भी बचना ज़रा!
यामिनी बोली- ये मुझे नहीं, रमित को बोलो … उसे तो आज मैं खा ही जाऊंगी. वैसे भी आज बहुत हॉट लग रहा है.
दोनों हंसने लगीं.
फिर एक दूसरे को बाय बोल कर हम अपने रूम में जाने लगे.
मैं कुछ देर रिसेप्शन पर जाकर … उधर घूमने की और जगहों की जानकारी लेने में लग गया.
यामिनी कमरे में चली गई.
जब मैं रूम में पहुंचा तो यामिनी ने कपड़े चेंज कर के ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी फेस पर क्रीम लगा रही थी.
मैंने देखा कि यामिनी ने ऑफ वाइट कलर की बहुत ही सेक्सी नाइटी पहनी हुई थी.
उसके आगे की तरफ बटन थे.
नाइटी बहुत ही झीनी थी, जिसमें उसकी ब्रा एंड पैंटी साफ़ दिख रही थी.
उसने गहरे नीले रंग की ब्रा पहनी थी, जिसकी स्ट्रैप्स पर लाल रंग का बॉर्डर था. पिछली स्ट्रैप्स पर भी किनारी गहरे लाल रंग की थी.
उसने मैचिंग की पैंटी पहनी थी.
पैंटी भी गहरे नीले रंग की, जिसकी किनारी लाल रंग की थीं.
यह पैंटी उसके नितंबों से चिपकी हुई थी.
उसके पीछे उठे हुए चूतड़ मुझे अपनी और आमंत्रित कर रहे थे.
मैंने यामिनी को पीछे से जाकर अपनी बांहों में ले लिया.
मेरे हाथ उसके पेट पर थे और पीछे से मैं उससे चिपका हुआ था.
मेरे हाथ उसके पेट पर घूम रहे थे, मैंने उसकी गर्दन पर चूमना शुरू किया.
चूमते हुए मैंने उसके कान की लौ को चूमा, तो यामिनी के मुँह से गर्म सिसकी निकल गयी.
मैंने उसकी कान की लौ को अपने होंठों में दबा लिया और चूसने लगा.
वह आह आह करने लगी.
मेरे हाथ उसकी नाइटी के बटनों में उलझ गए.
मैंने उसके बूब्स को ऊपर दबा दिया, फिर हाथों से सहलाने लगा.
यामिनी बोली- उफ़ रमित … यू आर सो गुड इन रोमांस … रियली आई लव योर टच.
मैं उसकी नाइटी के बटन खोलने लगा.
मैंने उसकी नाइटी को उसके कंधों से नीचे सरका दिया.
इससे थोड़ी ही देर में उसकी नाइटी सरकती हुई उसके पैरों में पड़ी थी.
अब यामिनी मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. इस टाइम वह पूरी काम देवी लग रही थी.
उसके टाइट बूब्स, सपाट पेट और गोल चिकनी जांघें, बाहर की तरफ उठे हुए चूतड़ … आह कसम से इस वक़्त उसके सामने बॉलीवुड एक्ट्रेस भी फेल थी.
वह मेरी टी-शर्ट उतारने लगी.
मैंने अपनी टी-शर्ट उतार कर फेंक दी.
मेरा शरीर ऊपर से नंगा था.
मुझे देख कर यामिनी ने आह भरी, फिर मेरी छाती पर हाथ फिराती हुई बोली- रामी, तुम बहुत हॉट हो … तुम्हारे ये एब्स मुझे बहुत एक्साइट करते हैं … तुम्हें अगर कोई भी औरत टॉपलेस देख ले, तो तुम्हारी तरफ आकर्षित हुए बिना नहीं रह पायेगी!
मैंने कहा- तुम कुछ भी बोलती हो!
वह बोली- नहीं, मैं सच बोल रही हूँ. इसका एक ट्रेलर मैं देख चुकी हूँ.
मैंने कहा- कब?
वह बोली- आज जब हम समुन्दर की लहरों में मस्ती कर रहे थी. तुमने जब अपनी
शर्ट उतार दी थी, तब मैंने देखा था कि जाह्नवी तुम्हें एकटक देख रही थी!
मैंने कहा- शटअप यार … तुम न कुछ भी बोलती हो!
वह हंसने लगी.
मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया.
मेरे हाथ उसकी पीठ से फिसलते हुए उसके पैंटी में कैसे हुए चूतड़ों पर चलने लगे.
मेरी हॉट सेक्स वाइफ के लिए उतावली थी, यामिनी की उंगलियां मेरे निप्पलों को छेड़ने में व्यस्त थीं.
वह कभी उंगलियों से मेरी घुंडी को उमेठ देती तो कभी उसे जीभ से कुरेद देती.
फिर उसने अपने होंठ मेरे निपल्स पर लगा दिए. अब वह कभी जीभ से दाने को छेड़ती, कभी दांत मार देती.
उस वक्त मेरे मुँह से सिर्फ आह निकल रही थी. मेरी आंखें बंद थीं.
थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हुए तो यामिनी बोली- चलो मैं फ्रेश हो कर आती हूँ, तब तक तुम कॉफ़ी के लिए बोल दो.
यामिनी वाशरूम मैं घुस गयी.
मैंने कॉफ़ी का आर्डर दिया.
फिर नीचे पड़े मेरे और यामिनी के कपड़े उठा कर सोफे पर रखे.
यामिनी की ब्रा पैंटी उठाते हुए मुझे बरबस ही जाह्नवी की याद आ गयी.
मैंने जाह्नवी के ख्याल को झटका और वाशरूम में मैं यामिनी के साथ ही घुस गया.
हम दोनों शॉवर के नीचे एकदम न्यूड थे और एक दूसरे के शरीर को मल मल कर साफ़ कर रहे थे.
यामिनी मुझसे पहले नहा कर टॉवल लपेट कर बाहर निकल गयी.
जब मैं वाशरूम से बाहर आया तो यामिनी ने एक ऑफ वाइट कलर की फ्रॉक पहन हुई थी और अपने गीले बालों को ड्रायर से सुखा रही थी.
मैंने भी चेंज किया और डोर बेल बजने पर वेटर से कॉफ़ी पकड़ी.
मैं जैसे ही बेड पर बैठा तो यामिनी भी मेरी छाती से अपनी पीठ टिका कर बैठ गयी.
हमने कॉफ़ी पी.
यामिनी बीच पर चलने के लिए बोली.
तो मैंने कहा कि रूम में ही रहते हैं न … मैं तुम्हें अच्छी वाली मसाज दूंगा.
वह बोली- ठीक है, मैं जाह्नवी को मना कर देती हूँ. हम दोनों ने स्पेशल नयी बिकनी खरीदी थी आज के लिए … उसका क्या फायदा!
मुझे भी जाह्नवी का नाम सुन कर थोड़ा सा करंट लगा और दिल में उसको बिकनी में देखने की इच्छा होने लगी.
मैंने कहा- ठीक है चलते हैं!
तभी यामिनी उठ कर दो पैकेट निकाल कर लायी.
वह मुझे दिखाती हुई बोली- तुम बताओ इन में कौन सी बिकनी पहनूँ?
मैंने उसे पिंक कलर की बिकनी दी.
उसकी ब्रा की स्ट्रैप्स नहीं थी, बस पीछे की तरफ हुक लगते थे मतलब स्ट्रैप्स-लैस थी.
उसकी जो पैंटी थी, वह दोनों तरफ से बांधनी पड़ती थी.
यामिनी मेरी गोद में आकर बैठ गयी और बोली- तुम अपने हाथों से पहनाओ!
मैं बोला- यहीं से पहन कर ऐसे ही जाओगी क्या?
तो वह बोली- तुम्हें कोई दिक्कत है क्या इससे?
मैंने थूक गले में निगलते हुए बोला- अरे यार, होटल में बहुत से लोग हैं!
तो यामिनी हंसने लगी और बोली- ऊपर से ये फ्रॉक पहन कर जाऊंगी.
फिर मैंने उसकी फ्रॉक उतारी तो उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी हुई थी.
मैंने उसके बूब्स को दोनों हाथों से पकड़ लिया.
यामिनी बोली- रमित, अब बदमाशी नहीं!
मैंने कहा- थोड़ा सा चूम तो लेने दो!
वह बोली- हद है यार … तुम्हारा मन ही नहीं भरता. रात में भी चाहिए … सुबह से भी चाहिए!
मैंने उसके लाख मन करने पर भी उसके दोनों मम्मों पर किस कर ही लिया.
फिर उसे ब्रा और पैंटी पहनाई.
यामिनी ने ऊपर से वही फ्रॉक पहन ली.
मुझे भी उसने काले रंग की फ्रेंची दी जिस पर फूल बने हुए थे.
मैंने कहा- ये क्या?
वह बोली- ये तुम्हारे लिए लायी हूँ, पहनो.
मैंने कहा- तुम्हें मैंने पहनाई थी तो …
वह हंस कर बोली- पूरे बदमाश हो तुम!
मैंने कहा- तुमने खुद के लिए बोला तो शरीफ … मैंने कहा तो मैं बदमाश!
इतने में यामिनी मुझे धक्का दे कर बेड पर गिरा दिया.
फिर उसने मेरी शॉर्ट को नीचे किया और अपना लाया हुआ अंडरवियर पहनाया.
उसके ऊपर से शॉर्ट पहना दिया और तैयार होकर हम दोनों नीचे आ गए.
नीचे बुफे में हल्का सा ब्रेकफास्ट लिया और बीच पर आ गए.
हम दोनों ने अपने अपने काउच पर लेट गए.
फिर यामिनी ने अपनी फ्रॉक उतार दी और पेट के बल लेट गयी.
मेरी नज़र उसके उठे हुए चूतड़ों पर थी.
वह मुस्कराती हुई बोली- क्या देख रहे हो … ये तो तुम्हारे ही है … इन्हें तो तुम कभी भी देख सकते हो … अभी और लड़कियों के देख लो!
यह कह कर वह हंसने लगी.
मैंने कहा- तू नहीं सुधरेगी!
वह बोली- सुधर गयी तो यामिनी खन्ना कैसे कहलाऊंगी.
मैं हँसने लगा.
वह बोली- ओह सॉरी सॉरी … तुम्हें तो जाह्नवी के देखने हैं न … पता नहीं साली कहां रह गयी.
मैं बस हल्का सा मुस्करा दिया.
मैंने भी शॉर्ट और टी-शर्ट उतार दी और सन बाथ लेने लगा.
तभी जाह्नवी भी आ गयी.
उसने हम दोनों से हैलो बोला.
जाह्नवी ने काले रंग की फ्रॉक पहनी हुई थी.
वह यामिनी की साइड वाले काउच पर लेट गयी.
मैंने वेटर से तीन चिल्ड बियर लाने को बोला.
बियर आयी तो मैं और यामिनी ने अपनी अपनी बियर पीने लगे.
जाह्नवी थोड़ा न नुकर करने लगी.
फिर यामिनी के ज़ोर देने पर उसने भी बियर ले ली.
हम तीनों ने जब एक एक बियर खत्म की.
अब यामिनी ने जाह्नवी से कहा- तुम शर्मा क्यों रही हो?
वह बोली- नहीं तो!
यामिनी बोली- फिर ये फ्रॉक उतारो और बिकनी में आ जाओ … यार हमने आज ही का सोच कर ली थी!
जाह्नवी थोड़ी शर्माती हुई फ्रॉक उतारने लगी और जब फ्रॉक उतार कर उसने काउच पर रखी तो मैं एकदम से शॉक्ड हो गया.
जाह्नवी ने काले रंग की बिकनी पहनी थी.
उसकी ब्रा और पैंटी पर फूल बने हुए थे, बिल्कुल मेरी फ्रेंची जैसे.
मैंने यामिनी की तरफ देखा तो वह बोली- यार, ये बिकनी मैंने पहले अपने लिए पसंद की थी और तुम्हारे लिए ये फ्रेंची … पर मैंने ट्राय करके देखी तो थोड़ी लूज़ थी. जाह्नवी के ऊपर फिट आ गयी. इस वजह से यह बिकनी जाह्नवी के पास चली गयी और तुम्हारी फ्रेंची मेरे पास रह गयी.
मैं मन ही मन मुस्कुरा दिया.
हम तीनों बियर पीने और बातें करने में व्यस्त हो गए.
यामिनी ने अमित के बारे में पूछा तो जाह्नवी बोली कि अमित ने रात को
ज्यादा पी ली थी तो अब हैंगओवर हो गया और सर दर्द हो रहा है इसलिए वे रूम
में ही आराम कर रहे हैं.
हम सब दो दो बियर पी चुके थे और बियर का सुरूर चढ़ने लगा था.
मैं जाह्नवी को कामुक नजरों से देखने लगा, उसका दूधिया फिगर काले रंग की बिकनी में बहुत मस्त लग रहा था. उसकी यह ब्रा आगे से काफी खुली थी. वह बस बूब्स का कुछ भाग ही छुपा रही थी. और ऐसे में पैंटी भी बिल्कुल उसके बदन के साथ चिपकी थी.
मुझे जाह्नवी को घूरते हुए यामिनी ने देख लिया था.
जाह्नवी उठ कर स्नैक्स लेने गयी.
तो यामिनी बोली- क्यों … मस्त लग रही है न जाह्नवी?
मैंने हां बोला.
फिर मेरे मुँह से निकला- मगर उसके पीछे का …
इससे आगे की लाइन मेरे मुँह में ही रह गयी.
यामिनी बोली- हां पीछे के तिल के दर्शन नहीं हो रहे हैं न!
मैंने कहा- हां.
तो वह बोली- करवा दूं?
मैंने कहा- कैसे?
वह बोली- वह सब छोड़ो … अगर करवा दिए तो मुझे क्या मिलेगा.
मेरे ऊपर एक तो जाह्नवी की मस्त फिगर का न/शा और ऊपर से बियर का सरूर छाया हुआ था.
मैंने कहा- जो तुम मांगोगी!
वह बोली- पक्का न!
मैंने कहा- एकदम पक्का.
इतने में जाह्नवी भी लौट आयी.
हम फिर से मस्ती करने लगे.
तभी एक वेट्रेस आयी मसाज तेल लेकर जो यामिनी ने आते हुए ही आर्डर कर आई थी.
वह तेल देती हुए यामिनी से बोली- मैडम आप उधर हो जाएं … और उन मैडम को बीच में आने दें!
उसने जाह्नवी की बिकनी और मेरे शॉर्ट की मैचिंग देख कर हमें कपल समझ लिया था.
तभी जाह्नवी भी बोली- चल हट कवाब में हड्डी!
वह हंसने लगी.
यामिनी बोली- अरे तू आ जा, तू भी करवा ले रमित से मसाज!
मैं उन दोनों लड़कियों को ऐसे मज़ाक करते देख शॉक में था, पर कहीं दिल में गुदगुदी भी हो रही थी.
काश जाह्नवी की मसाज करने का मौका मिल जाए.
जाह्नवी ने कहा- यार मैं मज़ाक कर रही हूँ!
यामिनी मेरी तरफ देखती हुई बोली- चलो रमित, तुमने वायदा किया था सुबह … अब जल्दी से मेरी मसाज कर दो!
मैंने कहा- यहां ओपन में?
तो वह बोली- तो क्या हुआ, यहां सिर्फ जाह्नवी ही तो है … मेरे बाद उसे भी भी अच्छी सी मसाज दे देना!
जाह्नवी बोली- यार तुम भी न!
यामिनी पेट के बल हो गयी.
मैं भी उसकी टांगों की तरफ आकर उसकी पिंडलियों पर तेल डालने लगा और फिर धीरे धीरे मसाज करने लगा.
मेरे हाथ पिंडलियों से होते हुए उसकी जांघों तक पहुंच गए और फिर मैं उसके चूतड़ों पर मालिश करने लगा.
यामिनी बोली- सच में यार … तुम बहुत अच्छी मसाज करते हो. अब तो तुम्हें हर संडे को करनी पड़ेगी.
मैंने कहा- पक्का.
उधर जाह्नवी हमें देख कर मंद मंद मुस्करा रही थी.
इधर मेरी मसाज से यामिनी थोड़ी गर्म भी हो रही थी, पर उसने खुद को कंट्रोल किया हुआ था.
मैं उसकी पीठ और गर्दन पर मसाज कर रहा था.
फिर वह पलट गयी तो मैंने फिर से टांगों से मसाज शुरू कर दी.
मैं उसकी जांघों पर मसाज कर रहा था तो मैं अपनी उंगलियों से उसकी चूत छूने लगा.
वह बोली- रमित … बदमाशी नहीं!
ये सुन कर जाह्नवी हंसने लगी.
पर मैंने अपना काम बदस्तूर जारी रखा.
थोड़ी देर में मसाज खत्म की तो यामिनी उठती हुई बोली- अब जाह्नवी तुम्हारी बारी!
मैं और जाह्नवी दोनों ही शॉक में थे और यामिनी की तरफ देख रहे थे.
तभी यामिनी बोली- अरे यार मैं करूंगी तुम्हारी मसाज … चलो आ जाओ … कम ऑन.
थोड़ी न नुकर के बाद जाह्नवी पेट के बल लेट गयी और मैं अपने काउच पर बैठ कर तीसरी बियर का मजा लेने लगा और उन दोनों को देखने लगा.
यामिनी उसकी टांगों से मसाज करती हुई उसके चूतड़ों पर आ गयी.
तभी उसने मसाज करते करते उसकी पैंटी एक तरफ खिसका दी, जिससे उसके चूतड़ का तिल दिखने लगा.
यामिनी ने आंखों से मेरी तरफ इशारा किया.
मैंने देखा और वाइफ की Sexxx हरकत पर मुस्कराने लगा.
फिर यामिनी ने उसकी पीठ पर मसाज की और उसे पलटने को बोला.
वह बोली- बस यार थैंक्स … बहुत अच्छा लगा.
अब दोपहर हो चुकी थी, यामिनी और जाह्नवी ने टॉवल से अपने बदन से तेल पौंछा और अपनी फ्रॉक पहन ली.
हम सब लंच के लिए होटल के अन्दर आ गए.
दोनों लड़कियां आपसे में खूब मस्ती कर रही थीं.
लंच के बाद जब हम अपने कमरों में जाने लगे तो मुझे मेरा एक दोस्त मिल गया.
वह भी अपनी बीवी के साथ उसी होटल में रुका हुआ था.
तो मैं उससे बात करने के लिए वहीं रुक गया.
यामिनी और जाह्नवी लिफ्ट से ऊपर चली गईं.
जब मैं रूम में पहुंचा, तो यामिनी बालकनी में खड़ी हुई थी.
उसने छोटी सी निक्कर और टॉप पहना हुआ था.
मैंने पीछे से जाकर उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसकी गर्दन पर चूमते हुए बोला- ओह यामिनी, सच में यार … मज़ा आ गया, तुम सही बोल रही थी … हॉटनेस में जाह्नवी कहीं भी तुमसे उन्नीस नहीं है. उसके बूब्स तो तुमसे भी बड़े और उसके होंठ पर बायीं तरफ का तिल तो क़यामत है.
मैं ये सब जब बोल रहा था तो मैंने अपने होंठ उसके कंधे पर रखे हुए थे और आंखें बंद कर रखी थीं.
तभी पीछे से किसी के हंसने की आवाज़ आयी.
मैंने हैरान हो कर पीछे देखा तो यामिनी खड़ी थी.
अगर यामिनी वहां थी, तो ये कौन थी?
मैंने देखा कि यह जाह्नवी थी, जो अब नजरें झुकाये खड़ी थी.
दरअसल हुआ यूँ था … जैसे कि यामिनी ने मुझे बाद में बताया कि जाह्नवी का हस्बैंड रूम लॉक करके कहीं बाहर चला गया था तो यामिनी उसे अपने साथ ले आयी और हमारे रूम में आने के बाद जाह्नवी ने बाथ लेकर यामिनी के कपड़े पहन लिए.
इसी वजह से मैंने जाह्नवी को यामिनी समझ कर उसे अपनी बांहों में ले लिया था.
मैंने जाह्नवी से माफ़ी मांगी तो वह बोली- आपकी कोई गलती नहीं है. प्लीज माफ़ी मत मांगिये.
थोड़ी देर बाद जाह्नवी अपने रूम में चली गयी.
यामिनी मेरे ऊपर आकर लेट गयी और पूछने लगी- मज़ा आया जाह्नवी को बांहों में भर के?
मैंने उससे कहा- हां मज़ा तो बहुत आया!
वह बोली- अच्छा जी!
यामिनी पर भी कुछ मसाज का असर था तो वह मुझे गर्म करने लगी … साथ साथ वह जाह्नवी का नाम लेकर भी उत्तेजित करने लगी.
थोड़ी देर बाद हमारे कपड़े नीचे फर्श पर थे और हम अपने नंगे जिस्म एक दूसरे से रगड़ रहे थे.
एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे.
एक अच्छी और लम्बी चुदाई के बाद हम एक दूसरे की बांहों में सो गए.
इस तरह से हमारा हनीमून मस्त निकल रहा था जाह्नवी भी हम दोनों से बहुत खुल चुकी थी.
यामिनी और जाह्नवी बेस्ट फ्रेंड बन गयी थीं.
यामिनी ने बताया कि वह दोनों अपने रोमांटिक मोमेंट्स भी शेयर कर लेती हैं.
एक ख़ास बात जो यामिनी ने बताई कि जाह्नवी जितनी रोमांटिक एंड सेक्सी है …
उसका पति उतना उसके साथ रोमांटिक और सेक्सुअल एक्टिव नहीं है.
कई बार जाह्नवी इस बात से उदास भी हो जाती है.
इस तरह से मस्ती करते हुए हमारा हनीमून खत्म हुआ और हम दोनों वापिस अपने घर पुणे लौट आए.
पुणे आकर हम अपने अपने कामों में व्यस्त हो गए.
मेरी और यामिनी की सेक्स लाइफ बहुत अच्छे से चल रही थी.
हम दोनों खूब चुदाई करते, घर के हर एक कोने में हमने चुदाई की … यहां तक की बालकनी में भी!
इस दौरान यामिनी और जाह्नवी की फ़ोन पर बातें होती रहती थीं.
एक दिन मैं ऑफिस से घर लौटा तो देखा जाह्नवी आयी हुई थी.
यामिनी ने बताया कि जाह्नवी आज रात यहां रुकने वाली है, उसका हस्बैंड दिल्ली गया हुआ है.
हमने आज शाम को ख़ास बनाने के लिए अच्छा सा डिनर प्लान किया.
हम तीनों ने पहले मूवी जाने का प्लान किया.
यामिनी ने आज ब्लैक साड़ी पहनी थी जिसके ब्लाउज का गाला बहुत डीप था और बैक-लैस था.
जैसे ही वह तैयार होकर आयी, तो मैंने उसे अपनी बांहों में भर के चूम लिया.
तभी जाह्नवी भी आ गयी.
उसने सीन देख कर कहा- अरे कभी तो कोई मौका छोड़ दिया करो रोमांस का!
हम दोनों हंसने लगे.
फिर मैंने जाह्नवी को देखा तो बस देखता ही रह गया.
वह लाल रंग के डीप नैक और डीप बैक के गाउन में बहुत सेक्सी और खूबसूरत लग रही थी.
हम तीनों मॉल में पहुंच कर पीवीआर में आ गए.
मूवी शुरू हुई तो मैंने अपनी बाजू यामिनी के कंधे के ऊपर रख ली.
धीरे धीरे मेरी उंगलियां यामिनी की पीठ पर हरकत करने लगीं.
फिर मैंने इधर उधर देखा और जब आश्वस्त हो गया कि हमें कोई नहीं देख रहा तो मेरी उंगलियां यामिनी के बूब्स को छूने लगीं.
यामिनी मेरे कान में फुसफुसा कर बोली- तुम यहां भी नहीं टिक सकते क्या?
यह कह कर उसने अपने हाथ से मेरे लंड को दबा दिया.
इंटरवल में हम सब बाहर आए तो यामिनी की आंखों में खुमारी थी.
जाह्नवी भी उसके कान में बोली- यार, तुम दोनों बाहर भी रोमांस का कोई मौका नहीं छोड़ते.
यामिनी खिलखिला कर हंसने लगी.
जाह्नवी भी मेरी तरफ देख हल्के से मुस्करा दी.
यामिनी बोली- यार फिल्म में मज़ा नहीं आ रहा … क्यों न खाना पैक करवा के वापिस घर चलें. घर पर ज्यादा अच्छे से एन्जॉय करेंगे.
हमने वहां से निकल के रेस्ट्रॉन्ट से खाना पैक करवाया.
रास्ते में वोदका की बोतल ले ली और घर आ गए.
डिनर की मस्ती पढ़ने के लिए अगले एपिसोड का इंतज़ार करो.
दोस्तो, यह सेक्स कहानी इस शीर्षक से यहीं रोक रहा हूँ.
आगे का हाल एक नई सेक्स कहानी में जाह्नवी लिख कर बताएगी.
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