Product

Friday, 12 July 2024

मेरी बेबाक बीवी

 

होली पर घटी यह घटना वास्तव में अप्रत्याशित थी।

लेकिन मैं बता दूँ कि असली घटना हमेशा कहानियों से ज्यादा रोमांचक होती है और जो लोग जोरदार सेक्स खेल खेलते हैं वे मेरी बात से सहमत भी होंगे पर यह भी सही है कि हर कोई ऐसा नहीं करता।

मैं खुद मानता हूँ कि ऐसी होली नहीं होनी चाहिए। कोई अन्य सभ्य पुरुष यह बर्दाश्त नहीं कर सकता पर मैंने इसमें मज़ा लिया, यही तो चिंता की बात है।

शायद मैं विकृत मानसिकता का शिकार हो गया हूँ लेकिन इसमें अकेले मेरी गलती नहीं है, मुझे बीवी ही ऐसी मिली है।

अब मैं आपको खुल कर अपनी बीवी के बारे में बताता हूँ, जब लोग इस फोरम में अपनी अपनी बीवी के नग्न फोटो अपलोड कर सकते हैं तो कम से कम मैं लिख तो सकता हूँ।

वो इस समय 36 साल की भरी-पूरी महिला है। दिखने में स्मिता पाटिल जैसे नयन-नक्ष हैं कद में उससे थोड़ी कम है। शादी के समय दुबली थी पर अब डर्टी पिक्चर की विद्या बालन जैसी हो गई है, वक्ष और कूल्हे भारी हैं लेकिन स्वाभाव बहुत ही बेबाक है, राखी सावंत, वीना मालिक टाइप का !

व्यस्क संदेश, द्वीअर्थी बातचीत, रोमांटिक नोवेल-फिल्मों की शौकीन और सबसे खास और अजीब बात यह है कि जिन मर्दों को जानती है उनसे फ्लर्ट करना, धोल धप्पे से बातें करना अन्तरंग बातों को लेकर चुहल करना उसकी आदत है।

शादी से पहले हॉस्टल में रही है, वहाँ वो हस्तमैथुन की जबरदस्त आदि हो गई थी, वो बहुत ही स्पष्टवादी भी है, मुझसे कुछ भी बात छुपाती नहीं है, अभी भी यौनपूर्व क्रीड़ा के दौरान उसे योनि की मालिश सबसे ज्यादा पसंद है। सम्भोग में चरम की स्थिति में बेधड़क गालियाँ बकती है, वो भी एकदम गन्दी-गन्दी !

गुस्सा तेज है, उसके साथ कुछ किसी ने किया तो उसका तुरंत बदला जरूर निकलती है।

शायद ऐसा ही कुछ होली वाले दिन हुआ जब हम दोनों के एक दोस्त ने उसकी चूत में हाथ डाला और उसे लगभग नंगा कर दिया तो वो बिफर गई और उसका लण्ड झाड़ कर ही मानी।

मेरी बीवी की होली वाली घटना जो मेरे दोस्त और उसके बीच घटी थी वास्तव में बहुत ही ज्यादा सनसनीखेज और उत्तेजक थी, जिसने मुझे और मेरे दोस्त को हिला दिया था। यह भी एक रोचक किस्सा है जिसे आपको फिर कभी बताऊँगा।

और सबसे अजीब बात जिसे सुन कर शायद आप होली वाले वाकये को सही से समझ पायेंगे, उसे अपने नग्न शरीर को दिखाने में कतई भी संकोच नहीं आता, इसका कारण वो कोलेज के दिनों में सहेलियों के द्वारा उसके साथ किये हस्त मैथुन और एक बार महज दो हजार रुपयों के लिये उसने फाईन आर्ट की लाइव पोट्रेट क्लास में सभी लड़के लडकियों और टीचर की मौजूदगी में नग्नावस्था में खुद की पेंटिंग बनाने के लिए एक घंटे तक बैठी रही, वो भी निहायत ही अश्लील मुद्रा में क्योंकि विषय के हिसाब से उसे अपनी गुच्छेदार झांटों को हाईलाइट करना था।

उसकी अन्तरंग सहेली ने सर को बता दिया था कि उसकी झांटें घनघोर हैं।

फिर बाद में पूरी क्लास और सर ने उसके फिगर की खूब तारीफ़ की, इससे वो फूल गई और उसका संकोच जाता रहा।

जैसा मैंने पूर्व में बताया कि मेरी बीवी बहुत ही ज्यादा बिंदास और दिलफ़ेंक किस्म की है और मैं उसके पराये मर्दों के साथ खुले और उन्मुक्त व्यवहार को देखकर उत्तेजित हो जाता हूँ यह मेरी कमजोरी है और यह बात वो भी अच्छी तरह से समझ गई है।

मुझे शादी के बाद उसकी इस प्रकृति का पता कैसे लगा, आज मैं आपको यही बात बताने जा रहा हूँ।

मैं साइंस पढ़ा हुआ हूँ, मैं डॉक्टर नहीं बन पाया पर मेरा खास दोस्त डॉक्टर है और मेरी बीवी का भी वो पहले से ही परिचित है, उसके परिवार का हमारे घर खूब आना जाना है।

मेरी बीवी के पिंडली के नीची वाली जगह पर बाल तोड़ हो गया और बहुत ही ज्यादा सूजन ,और भयंकर दर्द रहता था , की उस से चला फिरा भी नहीं जाता था मैंने दोस्त को बताया तो वो बोला- बहुत ही गहन इन्फेक्शन है, केवल खाने वाले एंटीबायोटिक्स से काम नहीं चलेगा, इंजेक्शन लगेंगे सात दिन तक, तब आराम आएगा।

मेरी बीवी को इंजेक्शन के नाम से ही डर लगता है, वो घबरा गई।

तो दोस्त बोला- घबराओ नहीं ! कुछ नहीं होगा, मैं नर्स को भेज दूँगा।

वो बोली- नहीं, मैं तुम्हारे अलावा किसी से नहीं लगवाऊँगी।

मैंने भी कहा तो वो मान गया।

अगले दिन ही वो शाम को आ गया, उसके आते ही मेरी पत्नी घबरा गई।

तो डॉक्टर ने उसे प्यार से गाल पर दुलारते हुए कहा- प्यारी बेबी, डरते नहीं ! मैं हूँ ना ! कुछ नहीं होगा, अब चुपचाप उल्टी लेट जाओ।

वो डरते डरते लेट गई, उसने उस दिन सलवार सूट पहन रखा था।

अब मेरा डॉक्टर दोस्त बिल्कुल प्रोफेशनल अंदाज में आ गया था, उसने मेरी बीवी की कमीज ऊँची कर दी फिर बोला- नाड़ा ढीला करके सलवार नीची करो, यह कूल्हे पर ही लगेगा।

उसने थोड़ी सी सलवार नीचे खिसका दी।

वो बोला- मैडम, इतने से काम नहीं चलेगा, यह टीका मोटी मांसल जगह पर ही लगता है।

पर मेरी बीवी ने यह बात अनसुनी कर दी।

दोस्त बोला- ओफ़ हो ! अब डॉक्टर से क्या शर्माना?

मैंने भी कहा पर वो संकोच में थी तो उसने सलवार थोड़ी सी और सरका ली।

मेरा दोस्त झुंझला कर बोला- यार तुम करो ! यह तो नहीं मान रही है।

मुझे लिखते हुए शर्म आ रही है कि मेरी अन्तर्वासना की आग सुलगने लगी और मैंने उसके सलवार का नाड़ा पकड़े हुए उसके दोनों हाथों को ऊपर कर दिया, फिर उसकी सलवार अंडरवियर समेत कूल्हे पर से सरका दी।

वो कसमसाई, दोस्त भी बोला- यार, इतने की जरूरत नहीं है !

क्योंकि कूल्हे पूरे नंगे हो गये थे।

मैंने कहा- यार जल्दी लगा दो ! मैं तो चाहता हूँ कि मेरी जान को तकलीफ ना हो !

उसने बहुत सफाई से इंजेक्शन लगाया तब भी वो जोर से चिल्लाई। फिर स्प्रिट का फाहा लगा कर मसलने लगा इससे उसके हिलते हुए नग्न कूल्हे बहुत उत्तेजक लग रहे थे।

इस तरह रोज इंजेक्शन लगने लगे, मेरी बीवी की भी शर्म जाती रही और मैं दोस्त की मौजूदगी में बीवी को अर्धनग्न अवस्था में देख रोमांचित होता रहा।

पर पांचवें दिन थोड़ा सनसनीखेज वाकया हो गया, दरअसल वो तेज गर्मी का मौसम था, मेरी बीवी को माहवारी होकर चुकी थी, लगातार पैड लगाने से उसकी चूत और दोनों जाँघों के बीच के जगह चकत्ते पड़ कर छिल गई थी, वो इस वजह से बहुत परेशानी में थी, मैंने सोचा आज दोस्त से इस बारे में पूछ लूँगा कि क्या लगाना है पर उस दिन वो आया ही नहीं, उसका फोन भी नहीं लग रहा था।

बीवी बोली- लगता है आज नहीं आएगा !

उसने नाइटी पहन ली और सोने की तैयारी कर ली। मैं यहाँ यह बात बिल्कुल नहीं छुपाऊँगा कि हम दोनों ही सोने से पहले ड्रिंक करते हैं। उस दिन थोड़ी बारिश की वजह से थोड़ी ज्यादा ले ली थी।

तभी बेल बजी, बीवी बोली- ओह नो ! लगता है महाराज अब आये हैं !

और वाकई डॉक्टर दोस्त ही था, आते ही बोला- सॉरी भाभी, आज एक ओपरेशन में उलझ गया तो लेट हो गया।

फिर मेरी बीवी को निहारते हुए बोला- वाह भाभी ! क्या लग रही हो, एकदम क़यामत ढा रही हो !

मेरी बीवी चहकते हुए बोली- जनाब, हम तो ऐसे ही है, तुम बताओ कि पहले चाय पिओगे या सूई घुसाओगे?

उसे भी हमारी ड्रिंक का अंदाज हो चुका था, बोला- नहीं, सर भड़क रहा है, एक लार्ज पेग बना लाओ और फटाफट लेट जाओ।

उसने उसे पेग पिलाया, कुछ देर इधर उधर की बातें हुई, फिर बोला- अब आ जाओ मैडम !

वो उठी- ठीक है, मैं चेंज करके आती हूँ, सूट पहन कर !

उसने कहा- काहे का चेंज? लेट जाओ चुपचाप।

वो भागी पर उसने उसका रास्ता रोक लिया, बोला- तुम्हें क्या परेशानी है?

फिर मेरी तरफ देख कर बोला- यार अरुण समझाओ ना इसे !

मैंने समझाया- यार, लगवा लो ! यह डॉक्टर है, अपना दोस्त है।

वो मान गई।

उसकी नाइटी शोल्डरलेस और फ्रंट-ओपन थी, मैंने उसकी बेल्ट खोल दी और जब वो लेट गई तो उसकी नाइटी पूरी की पूरी ऊपर सरका दी। मेरी बीवी के वक्ष बहुत ज्यादा ही उभरे हुए और भारी हैं इसलिए वो रात को सोते समय ब्रा नहीं पहनती है तो अब उसके बदन पर सिर्फ पैंटी ही रह गई और संयोग यह कि पेंटी भी उस दिन माइक्रो पहन रखी थी जिसमें पीछे तो सिर्फ डोरी ही होती है।

अब दोस्त भी दंग रह गया, बोला- वाह, क्या लग रही हो !

और पास बैठ कर उसके कूल्हे पर हाथ फिराने लगा, बोला- दर्द तो नहीं होता?

वो बोली- बहुत होता है और वो जगह सख्त भी हो रही है !

उसने उस जगह को दबा दबा कर देखा, फिर मुझसे बोला- अरुण, इस जगह दिन में दो बार बर्फ की मालिश किया करो, सब ठीक हो जाएगा।

फिर उसने इंजेक्शन लगा दिया और स्प्रिट का फाहा मलते मलते बोला- और कोई परेशानी हो तो बता दिया करो।

वो हम दोनों के बीच में लगभग नग्नावस्था में आराम से पसरी हुई थी शराब के सरूर में उसकी तो शर्म जाती रही और हम दोनों के ऊपर उत्तेजना हावी होती गई।

मैं बोला- यार, एक परेशानी और है !

मैंने कहा- जानू, तुम्हारी वो चकत्ते वाली जगह दिखा दो इसे !

वो कुछ नहीं बोली, तकिये में मुँह छुपा लिया।

मैंने फिर पूछा, वो चुप रही।

दोस्त बोला- यार, क्या बात है? क्या छुपा रहे हो? याद रखना कि डॉक्टर से कोई बात नहीं छुपाते हैं।

मैं बोला- नहीं, वो असल में वो जगह ऐसी है न ! इसलिए इसे संकोच हो रहा होगा ! पर खैर कोई बात नहीं ! चल इसे सीधा कर !

मैंने उससे कहा।

हमने मिल कर उसे सीधा किया, अब वो चित्त लेट गई, उसकी नाइटी लगभग हट चुकी थी उसने हाथों से अपने वक्ष छुपा रखे थे, उसकी ऐसी नग्न अवस्था, रात का समय और शराब का नशा इस सबने माहौल को बहुत ही उत्तेजक बना दिया था।

मैं अब मूड में आ चुका था, मैंने उसके हाथ उसकी नंगी छातियों से उठा कर ऊपर कर दिए।

मैं कांपती सी आवाज में बोला- यार, तू तो आज इसका पूरा ही चेकअप कर दे !

फिर उसके नग्न उभारों को मसलते हुए कहा- देख, ये ठीक हैं या नहीं ! इसमें बहुत दर्द की शिकायत करती है।

उसने कहा- ठीक है !

और दोनों हाथों से मेरी बीवी के नग्न उभार थाम लिए और सहलाने लगा। फिर मुझ से बोला- थोड़ा शेम्पू और पानी लाना !

मैंने लाकर दिया तो नो दोनों हाथों में शेम्पू लगा कर उसके वक्ष मसलने लगा और बीवी से बोला- कहीं दर्द हो तो बताना !

पर वो तो बस गहरी गहरी साँसें लेती पड़ी रही।

अच्छे से छातियाँ सहलाने के बाद उसने कहा- कोई प्रोब्लम नहीं है !

फ़िर मुस्कुरा कर बोला- बस बड़े ज्यादा हैं !

मुझ से बोला- इन्हें खूब मसला करो तो आराम मिलेगा ! अब और बताओ ?

रात काफी हो चुकी थी बाहर बारिश हो रही थी, हम तीनों ने ही नशा भी कर रखा था, पत्नी पिछले चार दिनों से कूल्हे में सुई लगवा रही थी और अब उसके बाल तोड़ में काफी फायदा हो गया था और उसका संकोच अब चार दिन बीत जाने के बाद जाता रहा था इसीलिए आज थोड़ी सी जबरदस्ती करने पर वो नाइटी पहने होने के बावजूद भी सुई लगवाने के लिए राजी हो ही गई और सबसे बड़ी बात यह कि वास्तव में जांघों के बीच में हो गए चकत्तों से वो काफी तकलीफ में थी और वो गुप्तांगों में है, उसे अस्पताल में जाकर दिखाने से अच्छा था घर में ही इलाज़ हो जाए तो ठीक रहे। और वो अपने दोनों स्तन की जांच करवा चुकी थी इससे उसे सुकून मिला था।

फिर भी दोस्त ने उससे पूछा- भाभी, आप बताओ और कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना इन दोनों में?

और मैं दंग रह गया जब वो पहली बार बोली- कभी-कभी सांस लेने में दिक्कत आती है और कभी-कभी चुचूकों के आस पास बहुत खुजली सी मचती है।

फिर भी दोस्त ने उससे पूछा- भाभी, आप बताओ और कोई प्रोब्लम तो नहीं है ना इन दोनों में?

और मैं दंग रह गया जब वो पहली बार बोली- कभी-कभी सांस लेने में दिक्कत आती है और कभी-कभी चुचूकों के आस पास बहुत खुजली सी मचती है।

वो बोला- ओ के ! अपनी ब्रा दिखाओ और एक टेप ले कर आओ।

मैंने दोनों चीजे लाकर उसे दी, उसकी ब्रा 36 नंबर की थी।

फिर उसने उसे बैठने के लिए कहा, जब वो बैठ गई तो उसने टेप से उसके वक्ष का नाप लिया और बोला- भाभी, एक तो ब्रा थोड़े बड़े नंबर की पहना करो, मेरे ख्याल से बिना ब्रा के सांस लेने में कोई परेशानी नहीं होगी। लाओ ये भी देख लेते हैं।

और फिर मुझ से बोला- अरुण, इसकी पीठ के नीचे तीन तकिये लगा दो।

मैंने सोचा जाने क्या करेगा पर मैंने लगा दिए।

उसने मेरी बीवी को उस पर लिटा दिया और बाप रे ! इस मुद्रा में लेटने से उसके गदराये वक्ष और ज्यादा उभर गए और तन गए, गर्दन नीचे की तरफ हो गई।

अब उसने उसके हाथ भी ऊपर कर दिए मेरी बीवी को शायद होश ना हो लेकिन वो इस समय निहायत ही उत्तेजक स्थिति में आ गई थी और जब उसने उसे जोर जोर से सांस लेने को कहा तो जैसे क़यामत आ गई हो, गहरी गहरी साँसों के साथ फूल कर ऊपर उठते और गिरते उसके वक्ष गज़ब ढा रहे थे।

हम दोनों आँखे फाड़े इस उत्तेजक दृश्य को निहार रहे थे। मेरे दोस्त ने दोनों हाथों से उसके उभार थाम लिए और बोला- कहीं कोई दिक्कत नहीं है, एकदम सामान्य सांस आ रही है।

फिर मैग्नीफ़ाइंग ग्लास निकाल कर उसके दोनों चुचूकों का बारीकी से निरीक्षण करते हुए बोला- यहाँ थोड़ी खुश्की है, रोज क्रीम लगाने से फायदा होगा।

इस हद तक आकर दोस्त का भी हौंसला खूब खुल गया, मेरी बीवी की शर्मो-हया पर भी धीरे धीरे वासना की गर्मी चढ़ने लगी थी और दोनों के बीच में मैं मूकदर्शक सा बन गया था।

पर दोस्तो, मैं सच कह रहा हूँ कि मैं इस माहौल को रोकने के बजाये उसे और बढ़ावा दे रहा था। अब आप लोग इसे मेरी मानसिक विकृति ही समझें या कुछ और !

क्योंकि मैंने उसी समय दोस्त को बोरोप्लस लाकर दे दी और उसने दोनों चुचूकों पर क्रीम लगा कर मसलना शुरू कर दिया।

अब मेरी बीवी की छातियाँ और ज्यादा उठ-गिर रही थी और साँसों के साथ उसकी आहें भी शामिल हो गई थी।

यह रोमांचक नज़ारा तब रुका जब मेरे दोस्त ने कहा- चलो भाभी, अब बताओ कि आप के चकत्ते कहाँ हो रहे हैं?

वो बोली- हाँ, बहुत तकलीफ है, ये बताएँगे, मैं तो ठीक से देख भी नहीं सकती पर इन्हें कल दिखाई थी वो जगह !

और अब मैंने अपने दोस्त का ध्यान बीवी के जांघों के बीच किया और उसके दोनों पैरों को आहिस्ता-आहिस्ता चौड़ा करना शुरू किया। उसे पैर चौड़े करने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी इस लिए मैंने एक पैर दोस्त को संभला दिया और दूसरा मैंने थाम लिया और हम दोनों ने मिल कर उसके पैर काफी चौड़े कर दिए, उसकी योनि के दोनों तरफ छिलने से घाव बन गए थे।

वह बोला- हाँ, ये तो काफी गहरे रेषेज़ हो गए है और ये काफी अन्दर तक होंगे।

फिर पहली बार मुझसे पूछते हुए बोला- इफ यू डोंट माइंड अगर पैंटी हटा दो तो ज्यादा अच्छे से जांच हो पाएगी।

माहौल गर्म हो चुका था, हम तीनों ही उत्तेजित अवस्था में थे, ऐसा लग रहा था जैसे बचपन में डॉक्टर डॉक्टर का खेल खेलते समय किसी भी बहाने से लड़कियों के कपड़े उतार दिया करते थे और यहाँ भी मात्र अंतिम वस्त्र बचा था वो भी बस एक महीन सी चड्डी जो ज्यादा कुछ छुपा नहीं रही थी, बस व्यवधान कर रही थी।

मैं बोला- जानू, थोड़ा सा को-ओपरेट करो !

वो बेचारी कुछ नहीं बोली, हमने इसे ही स्वीकृति मान लिया और यहाँ मैं स्वीकार करूँगा कि हम दोनों पर वासना इतनी हावी हो गई थी कि हमने बहुत ही गंदे तरीके से उसकी चड्डी उतारी। मैंने उसके दोनों पैर हवा में उठाते हुए उसके पूरे कूल्हे ऊपर उठा दिए और दोस्त ने उसकी चड्डी सरकाते हुए मेरी बीवी को मेरे ही सामने मेरी स्वीकृति से पूर्णतया नग्न अवस्था में ला दिया और अब मेरी पत्नी का सांचे में ढला बदन एकदम वस्त्रहीन हो कर पलंग पर पसरा हुआ था और उसकी साँसें अब रुक रुक कर चल रही थी, ऐसा प्रतीत हो रहा था कि नंगी होकर उसे राहत मिली हो।

कुछ देर उसके नंगे जिस्म को निहारने के बाद वो बोला- भाभी तो कमाल की सेक्सी है यार !

फिर उसके नंगे बदन को सहलाते उसके हाथ उसकी योनि पर छाये हुए झांटों के गुच्छे तक पहुँच गए, फिर झांटों को लम्बाई में खींचता हुआ हम दोनों को डांटने लगा- यह क्या जंगल उगा रखा है? इन में पसीना आकर और इन बालों की रगड़ जांघों पर लगने से ही रेषेज़ हुए हैं, इन्हें गर्मियों के दिनों में, माहवारी के दिनों में सफाचट रखा करो ! समझे?

इस दौरान हाथ से रेषेज़ वाली जगह को सहलाता भी रहा, इससे मेरी पत्नी को आराम मिल रहा था।

उसने फिर मुझसे डेटोल का पानी मंगाया और उसकी दोनों टाँगे पूरी चौड़ी करने को कहा। फिर चूत की खूब अच्छे से सफाई की, एंटीसेप्टिक क्रीम लगाई, फिर अचानक मुझसे बोला- अरुण देख, इधर आ, तुझे एक काम की चीज दिखाऊँ !

अब हम दोनों उसकी चूत के ठीक सामने आ गए, वो पैर चौड़े किये हुए निहायत ही अश्लील मुद्रा में पड़ी हुई थी।

अब दोस्त ने दोनों हाथ उसकी जांघों पर रखे फिर सरकाते हुए बीच में ले आया और अब दोनों अंगूठों से उसकी चूत एकदम खोल कर रख दी, बोला- देख, तुझे चूत के कुछ सेंसेटिव पॉइंट बताता हूँ !

यह कहते हुए उसने दोनों अंगूठों से ऊपर नीचे करते हुए सहलाना शुरू कर दिया। मुझे यह सब पता था पर अनजान बनते हुए मैं इसका मजा लेता रहा।

पर जब उसने योनि के दाने को रगड़ा तो मेरी बीवी उत्तेजना के मारे उछलने लगी, पैर पटकने लगी और ऐसा ही हाल दोस्त का हो गया।

उसने हाथों की हरकत जारी रखी पर इसमें कोई शक नहीं कि उसने मेरी बीवी की हालत खराब कर दी। वो अपनी सुधबुध, अपना-पराया सब भूल कर लगभग चिल्लाने ही लगी- चोदो मुझे, चाटो मेरी पुपु को !

उसकी यह हालत मुझसे देखी नहीं गई, मैं उसके सिरहाने गया उसका ऊपर का जिस्म अपनी गोद में रख लिया। वो पागल हुए जा रही थी, मेरे दोनों हाथ अपने वक्ष पर दबा लिए और भींचने का इशारा किया।

मैंने कस कर उसके उभार थाम लिए और रौंदने लगा। और फिर अचानक अपने पैर भरपूर फैला कर अपनी पूरी चूत चौड़ी कर के दोस्त के मुँह में दे दी।

और दोस्त ने जैसे ही चूत के पानी का स्वाद चखा, फिर वो रुका ही नहीं, जैसे ही उसने जीभ से चूत चाटी, वो लगभग उछल पड़ी। मैंने बड़ी मुश्किल से उसे थामे रखा और वक्ष को सहलाते हुए चेहरे और होठों को चूमते हुए उसे शांत करता रहा और दोस्त को भी थोड़ा तसल्ली से चाटने को कहा क्योंकि उसने दोनों हाथों से चूत के दोनों होंठों को पकड़ कर चूत को दो फाड़ किया हुआ था और पूरा मुँह, जीभ सब घुसाई हुई थी।

और यह सिलसिला तब थमा जब दोस्त का फव्वारा छूट गया और वो भी मेरी नग्न बीवी के जिस्म पर पसर गया।

उस दिन की घटना के बाद मेरी बीवी और दोस्त दोनों ही बहुत झेंप और शर्मिन्दा हो रहे थे, मैंने दोनों को काफी समझाया कि कुछ गलत नहीं हुआ क्योंकि इस सब में मेरी भी सहमति शामिल थी और फिर भगवान् ने तो सिर्फ नर और मादा ही बनाए है अन्य प्राणियों में फ्री सेक्स होता ही है, इंसान ने शादी का पवित्र बंधन बनाया है जो उचित भी है, जिसका सम्मान भी करना चाहिए, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि किसी दूसरे ने आपके नग्न शरीर को छू लिया तो कोई पाप हो गया। और यही काम छुप कर या किसी को धोखा देकर किया जाए तो गलत होता है।

मैंने और भी बहुत सी बातें कर के दोनों को इतना आश्वस्त कर दिया कि दोनों की छेड़छाड़, हंसी-मजाक और धोल-धप्पे फिर से शुरू हो गए और यह अगले ही दिन जाहिर हो गया जब वो एक और इंजेक्शन लगाने आया, वो भी रात को लेकिन मेरी पत्नी तब तक साड़ी में ही थी।

थोड़ी देर बैठने और पानी वगैरा पीने के बाद उसने कहा- लाओ पैर दिखाओ, क्या हाल है?

मेरी पत्नी ने पैर दिखाते हुए कहा- हाँ, अब पूरी तरह से बाल तोड़ ठीक हो गया है, प्लीज अब सुई मत लगाओ।

वो बोला- नहीं मैडम कोर्स पूरा ही लगवाओ, और अब आखिरी ही तो बचा है।

वो ना-नुकर करने लगी पर वो उसे प्यार से पुचकारने लगा- प्यारी बेबी, अब लेट भी जाओ, देखो, बिल्कुल भी दर्द नहीं करता हूँ, अभी फ्री कर दूंगा।

आखिर वो तैयार हो गई लेकिन बोली- मैंने साड़ी पहन रखी है, बदल कर आती हूँ !

यह बोलती हुई वो चली गई और जल्दी ही गाउन लपेट कर आ भी गई और मेरे पास आ कर बोली- आप साथ ही रहना !

मैंने उसके गालों को चूमते हुए कहा- डोंट वरी डार्लिंग ! मैं पास ही रहूँगा।

वो मेरी गोद में सर रख कर औंधी लेट गई। इस बार दोस्त ने बिना हिचक के उसका गाउन कमर तक ऊँचा उठा दिया और बिना समय गंवाए उसकी पेंटी भी सरका कर कूल्हे अनावृत कर दिए और सहलाते हुए दबा दबा कर चेक किए और बोला- दर्द में बर्फ की मालिश से आराम आया होगा।

वो बोली- हाँ पहले से तो आराम है लेकिन जनाब मेरे जांघों के चकत्तों में बिल्कुल भी फायदा नहीं है !

वो इंजेक्शन लगाते हुए बोला- उसको भी देखते हैं मैडम, उसे भी ठीक कर देंगे। तुम्हारा इलाज करने तो मजा आ रहा है।

और उसे बातों में लगाते हुए सुई लगाई थी कि मेरी पत्नी की सिसकारी निकल गई, उसने मुझे जोर से भींच लिया।

वो बोला- लो हो गया !

फिर खुद ही स्प्रिट का फाहा मसलने लगा। यह दृश्य भी बहुत मनोहारी लग रहा था क्योंकि फाहा मसलने से उसके नग्न कूल्हे बहुत ही उत्तेजक तरीके से हिल रहे थे। थोड़ी देर स्प्रिट मसलने के बाद दूसरे कूल्हे पर एक जोरदार चपत लगाते हुए बोला- लो मैडम, अब सीधी हो जाओ।

चपत पड़ते ही वो जोर से चिहुंक उठी और आउच करके चिल्लाई, पर मैं समझ गया था कि उसे मजा आया होगा क्योंकि जैसा मैंने पहले भी बताया है कि उसे नंगे बदन होकर बंधना और पिटाई खाना अच्छा लगता है !

और हुआ भी वो ही !

वो उसी तरह लेटी रही, मेरे दोस्त ने दो चार चपत और लगाई पर वो बेशरम की तरह कूल्हे पर चांटे खाए जा रही थी। माहौल फिर वासनामय हो गया था, दोस्त भी भरपूर उत्तेजित हो गया था, इसका पता उसकी अगली हरकत से जाहिर हो गया जब उसने मेरी बीवी के नंगे हो चुके चूतड़ों के बीच में से हाथ पूरा अन्दर डाल कर उसकी चूत में गुदगुदी करना शुरू कर दिया।

अब वो चिल्ला कर सीधी हो गई और दोस्त पर घूंसे बरसाने लगी और उससे गुत्थम गुत्था हो गई बिना यह देखे कि वो अर्धनग्न अवस्था में है। दोस्त भी उसके साथ कुश्ती सी लड़ता रहा और अंततः उसे चित्त लिटा ही दिया।

“इन्हें साफ़ करने के लिए कहा था ना? फिर यह क्या है?” और यह कहते हुए उसने मेरी बीवी की झांटो को अपनी मुट्ठी में भींच लिया, फिर मुझसे भी बोला- यार, साफ़ सफाई का ध्यान रखा करो ! और अगर चूत पर बाल अच्छे भी लगते हैं तो कम से कम गर्मियों में तो साफ़ कर ही दिया करो !

मैंने उसे समझाया- तुम्हारी भाभी को हेयर-रिमूविंग क्रीम से एलर्जी है और इस नाजुक जगह की शेविंग करने में मुझे डर लगता है, बस कभी-कभी कैंची से हल्के कर देता हूँ।

वो बोला- नहीं, उमस वाली तेज गर्मी में पूरे साफ़ करना ही सही रहता है। और इसमें दिक्कत क्या है? मैं अपनी बीवी की शेव करता ही हूँ !

मैंने उसकी बात काटी- यार, तुम तो सर्जन हो, बड़े-बड़े ऑपरेशन करते हो, तुम्हें क्या दिक्कत आएगी, लेकिन चलो मैं कोशिश करूँगा।

इतने में मेरी बीवी चिल्लाई- नहीं, ये अनाड़ी हैं, कहीं मेरी पुपु पर कट लगा दिया तो?

वो अपनी चूत को पुपु ही बोलती है, उसे चूत शब्द गंदा लगता है।

मैंने कहा- देख, यह भी तो को-ओपरेट नहीं करती !

अब वो मेरी पत्नी की तरफ मुखातिब होकर बोला- भाभी, डरो मत, ध्यान से करेंगे। मैं तो अकसर करता रहता हूँ।

इस पूरी वार्तालाप के दौरान वो उसकी झांटों में उंगलियाँ फिराता रहा इसी बीच उसने पैरों में अटकी पड़ी पैंटी निकाल दी थी और मुझे इशारा किया कि मैं एक पैर चौड़ा कर दूँ क्योंकि दूसरा पैर उसने चौड़ा कर दिया था।

मैंने उसके कहे अनुसार किया, मेरी बीवी ने भी बिना किसी संकोच के दोनों पैर चौड़े हो जाने दिए लेकिन अब वो निहायत ही सेक्सी, उत्तेजक, अश्लील, भद्दी और वासनामयी मुद्रा में चूत खोल कर पड़ी हुई थी।

मेरा दोस्त अब भी उसकी चूत सहला रहा था, मैंने भी अपना काबू खो दिया और उसकी अनावृत चूत पर अपना एक हाथ रख दिया और उंगलियों से उसकी चूत को दो फांक करते हुए दोस्त को कहा- देख यार ! कहाँ तक बाल हैं, मुझे तो डर लगता है, एक बार तू ही साफ़ करके बता दे, फिर तो मैं भी कोशिश कर लूँगा।

इतना कह कर मैंने उसे बहुत ही सनसनीखेज पेशकश कर डाली।

और मेरे दोस्त को तो जैसे इसी बात का इन्तजार था कि कब मैं उसे अपनी पत्नी के झांटें साफ़ करने को कहूँ, उसकी आँखों में चमक साफ़ देखी जा सकती थी, वो बोला- यार, अब भाभी जी के लिए इतना तो करना ही पड़ेगा, क्यों भाभी तैयार हो ना?

वो बेचारी कुछ नहीं बोल सकी पर उसके भी समूचे शरीर में सिरहन सी दौड़ गई, साँसें ऊपर-नीचे होने लगी।

वो बोली कुछ नहीं !

मैं प्यार से उसके पास गया और दुलारते हुए बोला- यह तो अच्छी बात है, तुम्हारा बचपन का दोस्त घर में मेरी मौजूदगी में बाल साफ कर देगा और डॉक्टर है तो यक़ीनन बहुत सफाई से करेगा।

और फिर मेरी बीबी ने जो बेबाक जवाब दिया उससे हम दोनों ना सिर्फ दंग रह गए बल्कि माहौल भी हल्का और खुशनुमा हो गया, वो बोली- ठीक है ! पर ध्यान रखना कि अगर एक भी कट लग गया ना मेरी पुपु पर तो तुम दोनों के जो ये औजार खड़े हैं ना, तनतना रहे हैं, जड़ से काट दूँगी ! समझे?

हम दोनों ही ठहका मार कर हंस पड़े, दोस्त बोला- मैडम, फिकर नोट ! पर तुम भी वादा करो कि शेविंग के दौरान सहयोग करोगी?

अब वो बोली- हाँ, मेरे जैसी सहयोग करने वाली दूसरी नहीं मिलेगी, जिसे तुम दोनों बात बात पर नंगा कर के पटक देते हो, और मैं देख रही हूँ कि कब से दोनों के दोनों मेरी पुपु में उंगलियाँ फिरा रहे हो, गुच्छे खींच रहे हो और मेरी हालत खराब कर डाली ! अभी मैं तुम्हारे लण्ड को पकड़ भर लूँ ना तो पिचकारी निकल जायेगी जैसे उस दिन बिना कुछ किये इन डॉक्टर बाबू की छूट गई थी।

यह कहते हुए उसने उसकी चूत पर रखे हमारे हाथों पर जोरदार तमाचा मारा और बोली- अब हाथ हटाओ और फ़टाफ़ट शेव करो।

दोस्त ने मुझे शेविंग का सामान लाने को कहा और साथ ही यह भी कहा- ब्लेड नया लाना !

और मेरी पत्नी से कहा- चाहो तो गाउन हटा दो, वरना गीला हो जाएगा।

“मुझे पता है !” यह कहते हुए वो उठी और गाउन उतार फेंका।

मैं शेविंग का सामान ले आया था, अब वो सिर्फ ब्रा में थी उसमें से भी उसका एक वक्ष बाहर लटका पड़ा था।

मेरा डॉक्टर दोस्त मेरी सेक्सी बीबी के साथ इतना खुल गया था कि उसने उस स्तन को पकड़ कर ब्रा में वापिस ठूंसने की कोशिश की पर वो अन्दर जा ही नहीं रहा था और मेरी बीबी हँसे जा रही थी- वाह बेटा, निकाल निकाल कर तो पटक देते हो और वापिस घुसाने में जान निकल रही है?

दोस्त को भी जोश आ गया- आज तो इसे घुसा कर ही मानूँगा।

और उसने एक हाथ से ब्रा खींची और दूसरे हाथ से चूची को लगभग नोचते हुए बड़ी बेदर्दी से भींच कर अन्दर डालने की कोशिश की तो मेरी बीवी की चीख निकल गई। पर मैं आपको पहले बता चुका हूँ कि उसको पीड़ा और चपत खाना पसंद है इसलिए वो इसका मज़ा ले रही थी।

फिर अचानक हुआ यह कि चूची तो अन्दर नहीं घुसी पर हुक टूटने से ब्रा उछल कर हाथ में आ गई और पीछे छोड़ गई दो उन्नत और नग्न उभारों को झूलते हुए !

मेरी बीवी ने अपना माथा पीट लिया और चिल्लाई- हो गया सत्यानाश नई ब्रा का !

दोस्त भी झेंप गया, बोला- भाभी नई ला दूँगा ! और इस बार बड़े नम्बर क़ी !

वो बोली- बदमाश कहीं के ! तुम्हारा मकसद पूरा हो गया मुझे पूरा नंगा करने का? अब मेहरबानी करके आगे का काम शुरू करो।

रात बहुत हो चुकी थी। शेविंग का सामान मैंने दोस्त को संभलवा दिया।

वो मेरी बीबी से बोला- आर यू रेडी?

उसने अपनी आदत के मुताबिक़ ही उसे जवाब भी पकड़ा दिया- पूरी नंगी तो बैठी हूँ ! और क्या तैयारी करनी है? लो संभालो इसे !

और ऐसा कहते हुए अपने कूल्हे ऐसे उठा कर ऊंचे किये कि उसकी चूत डॉक्टर के लगभग मुँह पर ही आ गई।

रात बहुत हो चुकी थी। शेविंग का सामान मैंने दोस्त को संभलवा दिया।

वो मेरी बीबी से बोला- आर यू रेडी?

उसने अपनी आदत के मुताबिक़ ही उसे जवाब भी पकड़ा दिया- पूरी नंगी तो बैठी हूँ ! और क्या तैयारी करनी है? लो संभालो इसे !

और ऐसा कहते हुए अपने कूल्हे ऐसे उठा कर ऊंचे किये कि उसकी चूत डॉक्टर के लगभग मुँह पर ही आ गई।

वो हड़बड़ा गया, बोला- यार यह औरत है या हंगामा?

वो चिल्लाई- जल्दी बोलो कैसे लेटूँ फिर?

उसने उसके कूल्हे पलंग के किनारे पर रख दिए और लेटा दिया फिर पैर चौड़े करके उसके बीच में अपनी कुर्सी लगा ली और उसे उसकी चूत के नजदीक कर लिया और उसकी दोनों जंघाओं को अपनी कमर के इर्दगिर्द कर लिया, इसी बीच मैंने उसके सर के नीचे दो तकिये लगा कर उसका सर थोड़ा ऊँचा कर दिया।

अब उसने ब्रश से उसकी चूत को पानी एकदम तर कर दिया, फिर खूब सारी शेविंग क्रीम लगा कर झाग बनाने शुरू किये, पर उसके बाल इतने घने और लम्बे थे कि झाग झांटों की जड़ तक पहुँच ही नहीं पा रहे थे।

वो बोला- जड़ में साबुन नहीं पहुँच रहा, तो शेव अच्छी नहीं हो पाएगी।

फिर मैंने सुझाव दिया- ऐसा करो कि हाथ और उँगलियों से अन्दर तक झाग मसल दो !

वो बोला- हाँ यह ठीक रहेगा !

और वो बोली- हाँ ! और इस बहाने मेरी पुपु भी मसल लोगे? साले बदमाश कहीं के !

वो बोला- और क्या औरत की झांटें साफ़ करना काम नहीं मज़ा है !

इतना कह कर वो झांटों में झाग भरने लगा और कुछ ही देर में झांटों की वजह से काली उसकी चूत सफ़ेद फोम से पूरी तरह भर कर झागों के पहाड़ में बदल गई।

फिर वो हाथ धोकर आया और उसका एक पैर पूरा ऊपर कर दिया। उसने बताया कि सामान्यतया औरत दोनों पैर एक साथ ज्यादा चौड़े नहीं कर सकती इसलिए पहले इधर के साफ़ कर देते हैं और वाकई उसने बहुत ही आराम से और सफाई से एक हिस्सा बिल्कुल सफाचट कर डाला।

फिर इस पैर को नीचे कर के दूसरे को ऊँचा कर लगभग पूरी चूत शेव कर डाली। बस चूत के निचले हिस्से में कुछ बाल रह गए थे उन्हें साफ़ करने के लिए उसने मेरी बीवी को उल्टा होने को कहा।

जब वो पलट गई तो कूल्हे के नीचे हाथ डाल कर उन्हें ऊपर उठा दिया फिर उसको कहा- अपने कूल्हे चौड़े करो !

उसने आज्ञा कारी बनते हुए अपने कूल्हे इतने चौड़े कर लिए कि उसकी गाण्ड का छेद भी दिखने लगा।

फिर उसने मुझे यहाँ थोड़े और झाग लगाने को कहा।

मैंने इत्मीनान से झाग मसले और उसने रेज़र चला कर काम पूरा कर दिया।

तब उसने मेरी बीवी को सीधा हो जाने दिया और चूत का पूरा हिस्सा साफ़ तौलिए से पौंछ दिया।

अब हमारे सामने थी एकदम सफाचट चिकनी और उजली चूत !

मैंने उस पर हाथ फिराते हुए कहा- वाह ! इतनी चिकनी !

फिर उसने मेरी बीवी का हाथ भी उसकी चूत पर रख दिया। दोस्त की ये हरकतें बता रही थी कि शेव करते करते वो पूर्ण उत्तेजित हो गया था क्योंकि वो कांपती सी आवाज में बोला- लो मैडम ! चेक कर लो !

मेरी पत्नी भी खुद की चूत सहला कर बोली- नाईस ! बढ़िया काम किया है।

दोस्त बोला- तो लाओ मेरा मेहनताना !

और दोस्तो, यहाँ मेरी बेबाक और अब तक अपनी पूरी शर्म त्याग चुकी और नग्नावस्था में पड़ी हुई पत्नी ने मादक अंगड़ाई लेते हुए अपने वक्षों को उभारा और अपने पैर फैला कर बोली- मुझ नंगी से क्या लोगे? मेरे पास तो कुछ भी नहीं है ! लो देख लो !

पर उसका अंदाज ऐसा था कि जैसे वो आमंत्रण दे रही हो।

साथियो, इसके आगे का घटनाक्रम पढ़ कर हो सकता है कि आप सब लोग मुझे पागल और सरफिरा कहें पर मैंने अपनी खूबसूरत और इस समय निर्वस्त्र पड़ी पत्नी और दोस्त से कहा- फिलहाल इसके पास तुम्हे देने के लिए कुछ नहीं है ! वैसे तुमने इसका इतना चिकना काम किया है और इसकी चूत भी गीली हो कर टपकने लगी है, इस समय इसे भरपूर चुदाई की जरूरत है, नहीं तो यह हिंसक हो जाएगी। मैं तो इसके साथ सेक्स करता ही रहता हूँ, आज चाहता हूँ कि इसे कुछ अलग अनुभव मिले। तुम्हारा लण्ड बेकाबू होकर बाहर तक दिख रहा है। मेरे ख्याल से अब तुम दोनों को सेक्स कर लेना चाहिए तभी तुम दोनों शांत हो पाओगे। तुम दोनों मजे करो, मैं कंडोम ला कर देता हूँ।

और हाँ ! मैं पास वाले कमरे में रहूँगा।

यह कह कर मैं जाने लगा तो मेरी बीबी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- क्या कर रहे हो तुम? क्या तुम यह सही कर रहे हो?

मैंने कहा- हाँ यह मेरी कल्पना की चाहत है कि तुम्हे किसी और से भी सेक्स करवाऊँ ! और यह तो अपना दोस्त ही है ! तुम इतनी भावुक मत बनो ! इसे भी आजमाओ और देखो इसमें कितना दम है?

मेरे समझाने से वो मान गई और फिर माहौल को उसी ने हल्का-फुल्का बना दिया, हँसते हुए बोली- हाँ, एक ही से करते-करते मैं बोर भी हो गई हूँ पर मेरी एक शर्त है कि तुम कहीं नहीं जाओगे, जैसे तुम्हारी इच्छा है, ऐसे ही मेरी भी है कि मैं तुम्हारी मौजदगी में ही सब कुछ करूँ !

इधर बीबी को राजी किया तो दोस्त बोला- तुझे बुरा तो नहीं लगेगा?

मैंने कहा- नहीं ! इसका बैंड बजा डाल ! फिर मुझे मजा आयेगा ! और सुन, बिना संकोच के जो जी आये, करना पर इसे खुश कर देना ! और देख अपने कपड़े सेक्स करते समय ही हटाना, इसे नंगे बदन पर कपड़ों की रगड़ रोमांचित करती है। चलो शुरू हो जाओ !

यह कह कर मैं कुर्सी पर दूर अलग बैठ गया।

मेरा डॉक्टर दोस्त कुछ देर असमंजस में पड़ा रहा पर जैसा मुझे अंदेशा था, पहल मेरी बीवी ने ही की, वो बाहें फैला कर बोली- जानू आओ ना अब !

अब उसने फुर्ती दिखाई और झपट कर उसके नंगे जिस्म को अपनी आगोश में लेकर पलंग पर उसके ऊपर ही पसर गया और उसके चेहरे और होठों पर चुम्बनों की बौछार कर दी, फिर उसके बाल खोल कर बिखेर दिए, फिर दो के साथ एक तकिया और रख कर उसकी कमर उन पर टिका दी और चेहरे को नीचे लुढ़क जाने दिया साथ ही दोनों हाथ भी ऊपर कर दिए।

ऐसा करते ही उसके दोनों वक्ष और उभर गए, उसने दोनों हाथों से उन्हें मजबूती से भींच लिया और बारी बारी से चूसने लग गया, थूक लगा लगा कर उन्हें गीला कर दिया और चूसे ही चला जा रहा था। फिर दांतों से आहिस्ता-आहिस्ता चुचूकों को काटने और कुतरने लगा और बोला- साली, तू क्या कह रही थी? कुचर मचती है इसमें? ला आज इन चूचियों की सारी खुजली मिटा दूँगा।

वो चिल्लाने लगी पर वो उसके उभारों को नोचता, दबोचता, मसलता, मरोड़ता, चूसता जा रहा था। उसने हाथ पैर फैंकने शुरू कर दिए, उसे घूंसे मारने लगी और उसकी गालियाँ भी शुरू हो गई- साले कुत्ते कमीने ! अब क्या खा ही जाएगा इन्हें?

वो और बिफर गया, उसने उसके पेट पर सवार होकर दनादन चांटे मार मार कर दोनों चूचों को सुजा दिया, फिर उसको पलट दिया और इस बार उसके कूल्हे तकिये पर रख दिए और कूल्हों पर शुरू हो गया और फिर अंत में उसे चित्त लेटा कर चिकनी चूत का पहला स्वाद भी उसी ने लिया।

चूत के दोनों होंठों को पकड़ कर आपस में कभी रगड़ता, कभी चाटता-चूसता और वो आनंद मिश्रित पीड़ा से सराबोर हो रही थी।

तभी उसने मुझसे कंडोम मांगा और तब तक खुद के कपड़े उतार डाले, उसकी छातियों पर जा बैठा और लण्ड उसे पकड़ा दिया।

वो उसके कड़क लण्ड को पकड़ कर मसलने लगी, अपने चेहरे और होंठों पर सहलाने लगी।

इससे दोस्त की हिम्मत जवाब देने लगी तो उसने तुरंत कंडोम चढ़ाया और टांगें फैला कर गीली चूत में समा दिया।

और फिर मेरी आँखों के सामने शुरू हुआ लण्ड और चूत का संघर्ष, दो नंगे जिस्मों का मिलन।

दोस्त के ऊपर नीचे होकर चुदाई करते हुए कूल्हे और नीचे अपनी चूत उछालती, पैर पटकती और चूत में पूरा लण्ड निगल कर चुदती हुई मेरी बीवी !

मैथुन का यह दौर दोनों की आनंदमयी चीखों के साथ शांत हुआ, साथ ही ख़त्म हुआ मेरा यह अनोखा अनुभव !

No comments:

Post a Comment

ज्योतिषी बन कर भाभी को बच्चा दिया

  मेरे पास जॉब नहीं थी, मैं फर्जी ज्योतिषी बनकर हाथ देख कर कमाई करने लगा. एक भाभी मेरे पास बच्चे की चाह में आई. वह माल भाबी थी. भाभी की रंड...